चंडीगढ़ के सेक्टर 19 स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर से चोरों ने 3/4 किलो चांदी चुरा ली, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। यह घटना 8 नवंबर की रात को हुई, जब चोरों ने मंदिर की सुरक्षा को धता बताते हुए वहां से चांदी का कीमती सामान चुराया। हनुमान मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक पूजनीय है। रोजाना यहां सैकड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ आते हैं। चोरी की इस घटना ने भक्तों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्तिक एन्क्लेव, नयागांव, मोहाली के निवासी हेमंत शास्त्री ने इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन सेक्टर 19 में दर्ज कराई। पुलिस ने एफआईआर नंबर 86 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चोरों की पहचान करने के लिए मंदिर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है। पुलिस उम्मीद कर रही है कि जल्द ही चोरों को पकड़ा जाएगा और इस मामले का खुलासा किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन और भक्तों में चोरी की इस घटना के बाद भय का माहौल है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर 19 स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर से चोरों ने 3/4 किलो चांदी चुरा ली, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। यह घटना 8 नवंबर की रात को हुई, जब चोरों ने मंदिर की सुरक्षा को धता बताते हुए वहां से चांदी का कीमती सामान चुराया। हनुमान मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक पूजनीय है। रोजाना यहां सैकड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ आते हैं। चोरी की इस घटना ने भक्तों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्तिक एन्क्लेव, नयागांव, मोहाली के निवासी हेमंत शास्त्री ने इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन सेक्टर 19 में दर्ज कराई। पुलिस ने एफआईआर नंबर 86 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चोरों की पहचान करने के लिए मंदिर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है। पुलिस उम्मीद कर रही है कि जल्द ही चोरों को पकड़ा जाएगा और इस मामले का खुलासा किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन और भक्तों में चोरी की इस घटना के बाद भय का माहौल है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में राजा वडिंग कांग्रेस और खुद का कद:सुखबीर बादल ने गंवा दिया पूरा पंजाब, मीत हेयर ने रखी सीएम मान की लाज
लुधियाना में राजा वडिंग कांग्रेस और खुद का कद:सुखबीर बादल ने गंवा दिया पूरा पंजाब, मीत हेयर ने रखी सीएम मान की लाज लोकसभा चुनाव में शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल जहां अपना बठिंडा किला बचाने में कामयाब रहे, वहीं उन्होंने पूरा पंजाब ही गंवा दिया। पंजाब के मुख्य सभी दलों आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल के लिए इस बार एक-एक सीट जीतनी उनकी मूंछ का सवाल बनी पड़ी थी। अकाली दल के लिए बठिंडा सीट, आम आदमी पार्टी के लिए सीएम के गृह जिला की संगरूर सीट, भाजपा के लिए कैप्टन की पटियाला सीट और कांग्रेस के लिए लुधियाना व जालंधर सीट जीतना बेहद जरूरी था। 4 जून को आए चुनाव नतीजों के बाद पटियाला सीट छोडकर बाकी सभी दल अपनी साख बचाने में तो कामयाब रहे, लेकिन पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंदर सिंह की पत्नी महारानी परनीत कौर ने पटियाला हारकर सियासी करियर ही दांव पर लगा लिया। पूर्व सीएम चन्नी के लिए जीतना था बेहद अहम जालंधर से पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के लिए चुनाव जीतना बेहद अहम था, क्योंकि चन्नी पिछले विधानसभा चुनाव में पंजाब की दो सीटों से खडे हुए थे और दोनों हार गए थे जिसके बाद उन्हीं पर उनकी पार्टी के कुछ विरोधियों ने सवाल उठाए थे। पार्टी ने उन पर दोबारा भरोसा कर जालंधर से लोकसभा टिकट दी थी और आखिरकार चन्नी चुनाव जीत गए। अगर अबकी बार चन्नी लोकसभा चुनाव हार जाते तो उनका सियासी करियर खतरे में पड़ सकता था और वह लगातार विरोधियों के निशाने पर होने थे। जिस कारण चन्नी यह सीट जीतने में कामयाब रहे। सुखबीर किला बचाने में रहे कामयाब अकाली दल के लिए बठिंडा सीट जीतना बेहद जरूरी हो गया था। अकाली दल बठिंडा सीट हार जाता तो अकाली दल का पूरा राजनीतिक करियर ही दांव पर लग सकता था, लेकिन सुखबीर सिंह बादल अपना बठिंडा किला बचाने में कामयाब रहे, लेकिन पुरा पंजाब उन्होंने हाथ से गंवा लिया। अहब हरसिमरत कौर बादल सांसद बन गई हैं, लेकिन अगर हार जाती तो पहली बार होता कि बादल परिवार में से उनका कोई भी सदस्य ना तो लोकसभा में होता और ना ही विधानसभा में। इसलिए अकाली दल द्वारा बठिंडा सीट जीतना सुखबीर की मूंछ का सवाल बनी हुई थी। कैप्टन परिवार अब ना लोकसभा में दिखेगा ना विधानसभा में चुनाव नतीजों में भाजपा के लिए पटियाला सीट जीतना जरूरी हो गया था। पटियाला से भाजपा ने बडे़ चेहरे पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंदर सिंह की पत्नी महारानी परनीत कौर को चुनाव मैदान में उतारा था जोकि पहले भी सांसद रही है। भले ही लोकसभा चुनाव में कैप्टन अमरेंदर बीमार होने के कारण चुनाव से दूरी बनाए रखी और एक बार भी वह पत्नी के हक में कैंपेन करने नहीं पहुंचे, लेकिन फिर भी वह अपने हल्के पर पुरा फोकस रख रहे थे। बावजूद महारानी चुनाव हार गई। पटियाला से महारानी परनीत कौर पहले भी तीन बाद और कैप्टन अमरेंदर एक बार सांसद रह चुके हैं। कैप्टन की यह जद्दी सीट है, जिसे जीत पाना कैप्टन परिवार के लिए बेहद जरूरी था, लेकिन पटियाला सीट हारने के बाद अब पहली बार होगा की कैप्टन परिवार का एक भी सदस्य ना तो लोकसभा में होगा ना ही विधानसभा में। कैप्टन परिवार का सियासी करियर दांव पे लग गया है। AAP ने मीत ने रखी पार्टी और सीएम की लाज संगरूर पर गुरमीत सिंह मीत हेयर ने चुनाव में बेहतरीन परदर्शन कर अपनी आम आदमी पार्टी के साथ-साथ सीएम की भी लाज रख ली, क्योंकि संगरूर सीट सीएम मान के गृह जिला की मानी जाती है। अगर आप संगरूर सीट पर हार जाती तो सीएम मान विरोधियों के निशाने पर आ जाते। विरोधी लगातार उन पर यही वार करते कि सीएम अपना गृह जिला भी नहीं बचा सके। हालांकि आप का पंजाब में 13-0 का मिशन तो फेल हो गया और पार्टी केवल तीन सीटों पर ही सिमट कर रह गई। लेकिन संगरूर सीट जीतकर मीत हेयर ने सबका मान बढ़ा दिया। लुधियाना में राजा वडिंग ने बढ़ाया कांग्रेस का मान कांग्रेस ने चुनाव नतीजों में बेतहरीन प्रदर्शन कर जहां सात सीटों पर अपना परचम लहराया, वहीं पार्टी अध्यक्ष राजा वडिंग ने लुधियाना सीट जीतका अपना व पार्टी का कद बढाया है। क्योंकि लुधियाना सीट जीतना पार्टी के लिए टेढी खीर साबित हो रहा था। लुधियाना सीट से पिछले तीन बार से कांग्रेस का परचम लहरा रहा है। रवनीत बिट्टू के भाजपा में चले जाने के लिए बाद पार्टी ने खुद राज्य अध्यक्ष राजा वडिंग को लुधियाना के चुनावी मैदान में उतारा था, ताकि जहां पार्टी की साख बच सके तो वहीं बिट्टू का घमंड भी तोड़ जा सके। आखिरकार राजा वडिंग ने जीत हासिल की। बता दें कि लुधियाना कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है और साल 2009 से लगातार कांग्रेस लुधियाना से जीत हासिल कर रही है।
पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले
पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर सकती है, जिसमें राज्य ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का विशेषकर अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एक मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र का जवाब था, यह बताना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार अपने बजट से रेड जोन पंचायतों के लिए शून्य पराली जलाने की दिशा में 1,00,000 रुपए और येलो जोन पंचायतों को 50,000 रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपए और धान की सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन कदमों से राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्र के पास स्पष्ट जवाब देने के लिए एक सप्ताह पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। लेकिन, केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है। पंजाब ने पुराने प्रोपोजल को फिर पेश किया केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार, कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है। सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80% सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं पर 65% सब्सिडी प्रदान की गई है। शिक्षा और संचार गतिविधियों के लिए राज्य और कृषि विज्ञान केंद्रों को भी फंड प्रदान किया गया है। पंजाब सरकार को दिए गए खर्च का ब्योरा दिया केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। राज्य में 1.46 लाख से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और 25,500 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है। पंजाब-दिल्ली सरकारों को सांझा खर्च करने थे 800 करोड़ 19 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने प्रस्तावित किया था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पंजाब ने इस राशि में से 400-400 करोड़ रुपए पंजाब और दिल्ली सरकार से साझा करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र से 1,200 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।
गुरदासपुर में दिखाई दिए तीन संदिग्ध:शरीर पर केवल अंडरवियर, कंधे पर बैग- नहीं पहने चप्पल-जूते, पुलिस कर रही जांच
गुरदासपुर में दिखाई दिए तीन संदिग्ध:शरीर पर केवल अंडरवियर, कंधे पर बैग- नहीं पहने चप्पल-जूते, पुलिस कर रही जांच गुरदासपुर के कस्बा दीनानगर के तारागढ़ रोड पर स्थित शंकर कालोनी में शुक्रवार की रात तीन अज्ञात संदिग्ध लोगों की मूवमेंट सामने आई है। गली में लगे सीसीटीवी कैमरों में उनकी मूवमेंट की फुटेज रिकार्ड हुई है। खास बात ये है कि तीनों ने कोई पेंट या निक्कर नहीं पहनी थी और अंडरवियर में नजर आए। उनके पैरों में कोई चप्पल भी नहीं थी। जानकारी के अनुसार, शंकर कालोनी में दिखाई दिए तीनों संदिग्धों ने अपने मुंह कपड़े से ढके थे। अपनी पीठ और कंधों पर बैग लटकाए हुए थे। तीनों रात करीब डेढ बजे गली में एक तरफ जाते हुए दिखाई दे रहे हैं और 20 मिनट बाद वापस लौटते दिखे हैं। इनका कद छह फीट के आसपास दिखाई दे रहा है और बड़े इत्मीनान से गली में घूमते दिख रहे हैं। हालांकि रात के समय कालोनी में किसी प्रकार की चोरी की वारदात को करने की कोई कोशिश नहीं की गई है। जिस कारण इन संदिग्धों की मूवमेंट को लेकर कई प्रकार के सवाल पैदा हो रहे हैं। शंकर कालोनी में रहने वाले राहुल ठाकुर ने बताया कि सुबह उसे अपने घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक करने का फोन पर नोटिफिकेशन आया। जिसके बाद जब रात की रिकार्डिग को चेक किया तो उसमें तीन संदिग्धों की मूवमेंट नोटिस की गई। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले विशाल के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग चेक करने पर उसमें भी इनकी मूवमेंट दिखाई दी। उन्होंने बताया कि उनके घर के आगे से निकलने के 20 मिंट बाद तीनों संदिग्ध वापस लौटते दिखाई दे रहे हैं। डीएसपी सुखविंदर पाल सिंह ने बताया कि आरंभिक रूप में सीसीटीवी फुटेज देखने पर तीनों संदिग्ध चोर प्रतीत हो रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस मामले की सभी एंगल से पूरी तहकीकात करवाएगी।