सहारनपुर में पंचकूला-देहरादून हाईवे के लाखनौर बाइपास पर ट्रक चालक और क्लीनर की हत्या को लेकर नया पहलू सामने आया है। हत्यारे क्लीनर की हत्या करने आए थे। ड्राइवर को इसलिए मार दिया, जिससे कोई गवाह न रहे। क्लीनर के परिजनों ने गांव के पिता और उसके तीन बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। गांव में ही युवक की मौत को लेकर एक साल से रंजिश चली रही थी। हत्याकांड के बाद से चारों फरार है। आरोपियों की रंजिश हुसनैन से थी, लेकिन उन्होंने हुसनैन के साथ ही शोएब की भी हत्या कर दी। हत्यारे पुलिस को जांच में उलझाना चाहते थे ताकि उन पर किसी को शक न हो। अगर शोएब को जीवित छोड़ते तो वह चश्मदीद गवाह बन जाता। आरोपियों का ये डर भी शोएब की जान का दुश्मन बन गया। दोस्त का परिवार बना हत्यारा
ट्रक चालक शोएब और क्लीनर हुसनैन की हत्या के मामले में चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। हुसनैन के परिजनों ने तहरीर देकर बताया कि गांव के ही इकबाल और उसके बेटे हसीन, अफजाल व शादाब उर्फ सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बताया कि इकबाल का बेटा मारूफ और हुसनैन साथ रहते थे, दोनों दोस्त थे। दोनों खाते-पीते साथ थे। उन्होंने बताया कि एक साल पहले मारूफ और हुसनैन ने शराब पी थी और उसके बाद मारूफ की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। इकबाल पक्ष ने हुसनैन पर हत्या का आरोप लगाया था। जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि हुई थी। जिस कारण पुलिस की जांच में हुसनैन बच गया था। तभी से इकबाल और उसके बेटे हुसनैन से रंजिश रखते थे। बदला लेने की फिरार में रहते थे। आरोप है कि इकबाल पक्ष हुसनैन की हत्या करने की धमकी कई बार दे चुका है। जिस कारण हुसनैन को परिजनों ने काम पर जाने से रोक दिया था। वो एक साल तक अपने घर में ही रहा। घर से बाहर नहीं निकला। दो दिन पहले ही हुसनैन काम लौटा था और एक दिन बार हत्या हो गई। परिवार का दावा है कि उनके बेटे हुसनैन की हत्या इकबाल और उसके बेटे हसीन, अफजाल और शादाब ने ही की है। हालांकि पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने देर रात को आरोपियों के घर पर दबिश दी। लेकिन चारों आरोपी घर से फरार है। जिससे पुलिस का शक ओर गहरा गया है। हालांकि पुलिस को सबसे मजबूत लीड़ यही मिली है। लेकिन पुलिस हत्याकांड को लेकर सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। फिलहाल पुलिस चारों आरोपियों की तलाश कर रही है। पढ़िए…पूरा मामला
ट्रक चालक शोएब न्यू गुरु रुक्खा ट्रांसपोर्ट का ट्रक चलाता था। उसका क्लीनर हुसनैन था। दोनों 9 नवंबर 2024 को पंजाब के रोपड़ से 22 टायरा ट्रक में रोड़ी भरकर रुड़की के सिकंदरपुर के पास स्थित अंबुजा सीमेंट कंपनी में जा रहे थे। पंचकूला-देहरादून हाईवे पर लाखनौर बाईपास पर दोपहर करीब 1:30 बजे कार सवारों ने ओवरटेक कर उनका ट्रक रुकवा लिया। शोएब व हुसनैन पर पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। मौके पर दोनों की मौत हो गई। शोएब का शव ट्रक से करीब दो मीटर दूर और हुसनैन का शव ट्रक में सीट के पास पड़ा मिला। वारदात के बाद हत्यारे फरार हो गए। पीछे से आए एक ट्रक चालक ने 112 नंबर पर काल कर पुलिस को घटना की सूचना दी। ट्रक ड्राइवर और हैल्पर की जेब से मिले कागजात से उनकी पहचान हुई। पुलिस ने दोनों के परिजन और ट्रांसपोर्टर को घटना की जानकारी दी। एसपी देहात सागर जैन का कहना है कि हुसनैन के परिजनों की तहरीर पर चार लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। हुसनैन की एक साल से दुश्मनी गांव में चल रही थी। आरोपियों के घर दबिश भी दी। वो फरार है। गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। जबकि दूसरे एंगलों पर भी जांच की जा रही है। सहारनपुर में पंचकूला-देहरादून हाईवे के लाखनौर बाइपास पर ट्रक चालक और क्लीनर की हत्या को लेकर नया पहलू सामने आया है। हत्यारे क्लीनर की हत्या करने आए थे। ड्राइवर को इसलिए मार दिया, जिससे कोई गवाह न रहे। क्लीनर के परिजनों ने गांव के पिता और उसके तीन बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। गांव में ही युवक की मौत को लेकर एक साल से रंजिश चली रही थी। हत्याकांड के बाद से चारों फरार है। आरोपियों की रंजिश हुसनैन से थी, लेकिन उन्होंने हुसनैन के साथ ही शोएब की भी हत्या कर दी। हत्यारे पुलिस को जांच में उलझाना चाहते थे ताकि उन पर किसी को शक न हो। अगर शोएब को जीवित छोड़ते तो वह चश्मदीद गवाह बन जाता। आरोपियों का ये डर भी शोएब की जान का दुश्मन बन गया। दोस्त का परिवार बना हत्यारा
ट्रक चालक शोएब और क्लीनर हुसनैन की हत्या के मामले में चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। हुसनैन के परिजनों ने तहरीर देकर बताया कि गांव के ही इकबाल और उसके बेटे हसीन, अफजाल व शादाब उर्फ सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बताया कि इकबाल का बेटा मारूफ और हुसनैन साथ रहते थे, दोनों दोस्त थे। दोनों खाते-पीते साथ थे। उन्होंने बताया कि एक साल पहले मारूफ और हुसनैन ने शराब पी थी और उसके बाद मारूफ की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। इकबाल पक्ष ने हुसनैन पर हत्या का आरोप लगाया था। जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि हुई थी। जिस कारण पुलिस की जांच में हुसनैन बच गया था। तभी से इकबाल और उसके बेटे हुसनैन से रंजिश रखते थे। बदला लेने की फिरार में रहते थे। आरोप है कि इकबाल पक्ष हुसनैन की हत्या करने की धमकी कई बार दे चुका है। जिस कारण हुसनैन को परिजनों ने काम पर जाने से रोक दिया था। वो एक साल तक अपने घर में ही रहा। घर से बाहर नहीं निकला। दो दिन पहले ही हुसनैन काम लौटा था और एक दिन बार हत्या हो गई। परिवार का दावा है कि उनके बेटे हुसनैन की हत्या इकबाल और उसके बेटे हसीन, अफजाल और शादाब ने ही की है। हालांकि पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने देर रात को आरोपियों के घर पर दबिश दी। लेकिन चारों आरोपी घर से फरार है। जिससे पुलिस का शक ओर गहरा गया है। हालांकि पुलिस को सबसे मजबूत लीड़ यही मिली है। लेकिन पुलिस हत्याकांड को लेकर सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। फिलहाल पुलिस चारों आरोपियों की तलाश कर रही है। पढ़िए…पूरा मामला
ट्रक चालक शोएब न्यू गुरु रुक्खा ट्रांसपोर्ट का ट्रक चलाता था। उसका क्लीनर हुसनैन था। दोनों 9 नवंबर 2024 को पंजाब के रोपड़ से 22 टायरा ट्रक में रोड़ी भरकर रुड़की के सिकंदरपुर के पास स्थित अंबुजा सीमेंट कंपनी में जा रहे थे। पंचकूला-देहरादून हाईवे पर लाखनौर बाईपास पर दोपहर करीब 1:30 बजे कार सवारों ने ओवरटेक कर उनका ट्रक रुकवा लिया। शोएब व हुसनैन पर पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। मौके पर दोनों की मौत हो गई। शोएब का शव ट्रक से करीब दो मीटर दूर और हुसनैन का शव ट्रक में सीट के पास पड़ा मिला। वारदात के बाद हत्यारे फरार हो गए। पीछे से आए एक ट्रक चालक ने 112 नंबर पर काल कर पुलिस को घटना की सूचना दी। ट्रक ड्राइवर और हैल्पर की जेब से मिले कागजात से उनकी पहचान हुई। पुलिस ने दोनों के परिजन और ट्रांसपोर्टर को घटना की जानकारी दी। एसपी देहात सागर जैन का कहना है कि हुसनैन के परिजनों की तहरीर पर चार लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। हुसनैन की एक साल से दुश्मनी गांव में चल रही थी। आरोपियों के घर दबिश भी दी। वो फरार है। गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। जबकि दूसरे एंगलों पर भी जांच की जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर