<p style=”text-align: justify;”><strong>Ramnagar Karnprayag Rail Project: </strong> उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में रामनगर से चौखुटिया होते हुए कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन बनाने की योजना राज्य के परिवहन और पर्यटन को एक नई दिशा देगी. अगर रेल विकास निगम ने इस परियोजना पर गंभीरता से काम किया तो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को एक मजबूत आउट रिंग रेल नेटवर्क मिल सकता है जो गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को एक सर्किट के रूप में जोड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रामनगर से कर्णप्रयाग को जोड़ने वाली यह रेलवे लाइन न केवल स्थानीय परिवहन व्यवस्था को सुगम बनाएगी. बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. रामनगर जो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास स्थित है और पर्यटन की दृष्टि से पहले ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इस रेलवे लाइन के साथ और भी अधिक आकर्षक बन जाएगा. यहां से पहाड़ के लिए रेलवे सेवा का विस्तार होने से पर्यटकों के लिए यात्रा सुगम होगी और राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> संसद में भी इस योजना पर चर्चा </strong><br />यह परियोजना न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी लाभकारी होगी, जिन्हें कुमाऊं से गढ़वाल आने-जाने के लिए एक नया और अधिक सुविधाजनक विकल्प मिलेगा. संसद में भी इस योजना पर चर्चा की जा चुकी है, जिसमें रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लक्ष्य पर जोर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग से कनेक्टिविटी</strong><br />उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन का काम चल रहा है, जो निकट भविष्य में पूरा हो सकता है. अगर रामनगर से चौखुटिया होते हुए कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन का विस्तार होता है, तो यह ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के साथ मिलकर एक सर्किट बना देगी. इस सर्किट से गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यात्रा के लिए एक नया मार्ग बन जाएगा, जिससे यात्रियों को रेलवे का दूसरा विकल्प उपलब्ध होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रीष्मकालीन राजधानी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा</strong><br />यह रेलवे लाइन गैरसैंण जो उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है, को भी रेलवे नेटवर्क से जोड़ देगी. इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में सहूलियत होगी बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. गैरसैंण और कर्णप्रयाग के आसपास कई धार्मिक स्थल हैं, और बेहतर रेल कनेक्टिविटी से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है. सांसद अजय भट्ट ने भी इस परियोजना को संसद में उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह सर्किट राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल</strong><br />कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाली यह रेलवे परियोजना उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.इसके जरिए न केवल पर्यटन में वृद्धि होगी बल्कि व्यापार और वाणिज्य के लिए नए अवसर भी खुलेंगे.बेहतर परिवहन व्यवस्था से स्थानीय उत्पादों का विपणन आसान होगा और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-corrupt-state-tax-officers-sacked-yogi-government-this-instruction-officials-of-panic-ann-2820160″>यूपी में भ्रष्ट अफसरों की होगी छुट्टी? योगी सरकार के इस निर्देश के बाद अधिकारियों में हड़कंप</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ramnagar Karnprayag Rail Project: </strong> उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में रामनगर से चौखुटिया होते हुए कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन बनाने की योजना राज्य के परिवहन और पर्यटन को एक नई दिशा देगी. अगर रेल विकास निगम ने इस परियोजना पर गंभीरता से काम किया तो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को एक मजबूत आउट रिंग रेल नेटवर्क मिल सकता है जो गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को एक सर्किट के रूप में जोड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रामनगर से कर्णप्रयाग को जोड़ने वाली यह रेलवे लाइन न केवल स्थानीय परिवहन व्यवस्था को सुगम बनाएगी. बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. रामनगर जो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास स्थित है और पर्यटन की दृष्टि से पहले ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इस रेलवे लाइन के साथ और भी अधिक आकर्षक बन जाएगा. यहां से पहाड़ के लिए रेलवे सेवा का विस्तार होने से पर्यटकों के लिए यात्रा सुगम होगी और राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> संसद में भी इस योजना पर चर्चा </strong><br />यह परियोजना न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी लाभकारी होगी, जिन्हें कुमाऊं से गढ़वाल आने-जाने के लिए एक नया और अधिक सुविधाजनक विकल्प मिलेगा. संसद में भी इस योजना पर चर्चा की जा चुकी है, जिसमें रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लक्ष्य पर जोर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग से कनेक्टिविटी</strong><br />उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन का काम चल रहा है, जो निकट भविष्य में पूरा हो सकता है. अगर रामनगर से चौखुटिया होते हुए कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन का विस्तार होता है, तो यह ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के साथ मिलकर एक सर्किट बना देगी. इस सर्किट से गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यात्रा के लिए एक नया मार्ग बन जाएगा, जिससे यात्रियों को रेलवे का दूसरा विकल्प उपलब्ध होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रीष्मकालीन राजधानी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा</strong><br />यह रेलवे लाइन गैरसैंण जो उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है, को भी रेलवे नेटवर्क से जोड़ देगी. इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में सहूलियत होगी बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. गैरसैंण और कर्णप्रयाग के आसपास कई धार्मिक स्थल हैं, और बेहतर रेल कनेक्टिविटी से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है. सांसद अजय भट्ट ने भी इस परियोजना को संसद में उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह सर्किट राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल</strong><br />कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने वाली यह रेलवे परियोजना उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.इसके जरिए न केवल पर्यटन में वृद्धि होगी बल्कि व्यापार और वाणिज्य के लिए नए अवसर भी खुलेंगे.बेहतर परिवहन व्यवस्था से स्थानीय उत्पादों का विपणन आसान होगा और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी.</p>
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