कानपुर में सीसामऊ में चुनावी रैली के अखिलेश यादव पहुंच गए हैं। GIC ग्राउंड में हो रही इस रैली में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं हुई। कुर्सियां खाली हैं। इस पर मंच से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा- पुलिस और पीएसी लोगों को सभा में आने से रोक रही है। साइकिल मार्केट और यतीमखाना चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को आने से रोका जा रहा है। उन्होंने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा- पुलिस या तो बैरिकेडिंग हटा दें, वरना सपा कार्यकर्ता खुद हटा देंगे। अखिलेश के समर्थक जनसभा में वेलकम बॉस के पोस्टर लेकर पहुंचे हैं। सीसामऊ से सपा प्रमुख नसीम सोलंकी सपा प्रत्याशी हैं। नसीम के पति इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त कर दी गई। अखिलेश के पहुंचने से पहले आज समर्थकों ने नारा लगाया- जेल के ताले टूटेंगे, इरफान सोलंकी छूटेंगे। अखिलेश की रैली में पल-पल के अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए… कानपुर में सीसामऊ में चुनावी रैली के अखिलेश यादव पहुंच गए हैं। GIC ग्राउंड में हो रही इस रैली में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं हुई। कुर्सियां खाली हैं। इस पर मंच से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा- पुलिस और पीएसी लोगों को सभा में आने से रोक रही है। साइकिल मार्केट और यतीमखाना चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को आने से रोका जा रहा है। उन्होंने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा- पुलिस या तो बैरिकेडिंग हटा दें, वरना सपा कार्यकर्ता खुद हटा देंगे। अखिलेश के समर्थक जनसभा में वेलकम बॉस के पोस्टर लेकर पहुंचे हैं। सीसामऊ से सपा प्रमुख नसीम सोलंकी सपा प्रत्याशी हैं। नसीम के पति इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त कर दी गई। अखिलेश के पहुंचने से पहले आज समर्थकों ने नारा लगाया- जेल के ताले टूटेंगे, इरफान सोलंकी छूटेंगे। अखिलेश की रैली में पल-पल के अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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सीएम योगी बोले- सपा और कांग्रेस में तलाक:मुजफ्फरनगर में कहा- दोनों में खटपट; अब सपाचट करना है; जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई
सीएम योगी बोले- सपा और कांग्रेस में तलाक:मुजफ्फरनगर में कहा- दोनों में खटपट; अब सपाचट करना है; जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई सीएम योगी ने मुजफ्फरनगर में कहा- सपा और कांग्रेस में तलाक हो गया है। अब इनमें खटपट शुरू हो गई है। अब सपा को सपाचट करना है। लोकसभा चुनाव वक्त इन्होंने कहा था खटाखट-खटाखट…किसी को इसका लाभ मिला क्या? एक बार मैं मुजफ्फरनगर आया था, तब एक नौजवान भीड़ से कह रहा था कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा, समझो बैठा है कोई गुंडा….आज मैं कह सकता हूं, जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई। योगी मीरापुर के मोरना में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- आप ने कन्नौज और अयोध्या में देखा होगा, ये इनका नया ब्रांड है। ये बेटी-बहन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले लोग हैं। योगी के साथ रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने मंच साझा किया। उन्होंने कहा- योगी राज में कोई पक्षपात नहीं है। अगर कोई अपराध करेगा तो उसे नियम के अनुसार दंड मिलेगा। ये नियम संसद में बनते हैं, जो लोग कहते हैं कि कानून खतरे में है, वो लोग कानून की धज्जियां उड़ाने में सबसे आगे रहते हैं। सीएम की बड़ी बातें पढ़िए… 1- इनका प्रत्याशी दंगों का सरगना
ये वही सपा पार्टी है, जिनका प्रत्याशी मुजफ्फरनगर दंगे का सरगना है। इनके पास हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था। तब के सपा मुखिया और आज के सपा मुखिया ने उन दंगाइयों को अपने आवास में सम्मानित किया। पश्चिमी यूपी को सपा कहां ले गई थी, बेटी और बहन सुरक्षित नहीं थी, किसान परेशान था, नौजवान पलायन कर रहा था। व्यापारी यूपी छोड़ने को मजबूर था। सपा समाज को बांटकर सत्ता चला रही थी। साढ़े सात साल से NDA सरकार सत्ता में है। कोई बेटी-बहन के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। आरोपियों को पता है कि उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी। 2- आपके त्योहार से सपा को पीड़ा
आपका त्योहार आता है, तो पीड़ा सपा को होती है कि कैसे सुख-शांति से त्योहार मना लेंगे। निर्वाचन आयोग ने 13 तारीख चुनाव की तिथि घोषित की थी। सभी ने इसे आगे बढ़ाने की अपील की थी। क्योंकि हमारे पश्चिमी यूपी के सभी जिले के लोग गंगा स्नान करने जाते हैं। वहां रुकते हैं, उनकी आस्था का सम्मान हो। निर्वाचन आयोग ने इस आस्था का सम्मान किया, लेकिन सपा ने विरोध किया। 3- सोशल मीडिया हैंडल पर घटिया बातें
आप सपा के सोशल मीडिया हैंडल को देखिए, कितनी घटिया बातें करते हैं। ये इनकी सोच को दिखाता है। डबल इंजन की सरकार किसी को खिलवाड़ नहीं करने देखी, सुरक्षा में किसी को सेंध नहीं लगाने देगी, इसकी मैं गारंटी देता हूं। 4- हमें गुंडे और दंगाई नहीं चाहिए
हमें गुंडे और दंगाई नहीं चाहिए, विकास के बैरियर को हटाने वाले लोग चाहिए। बेटी-बहन का सम्मान करने वाले लोग चाहिए। भाजपा और रालोद आपको यह गांरटी देने आई है कि यह काम केवल हम करेंगे। क्योंकि हमारे आदर्श चौधरी चरण सिंह जी हैं, हमारे आदर्श धर्म सिंह कोतवाल जैसे महान क्रांतिकारी हैं। 22 साल में जितना गन्ना मूल्य भुगतान हुआ, उससे ज्यादा हमने 7.5 साल में किसानों के खातों में भेजा है। 5- जल्द आएगा पुलिस भर्ती का रिजल्ट
60 हजार पुलिस भर्ती का परिणाम आने वाला है, यहां का युवा खेलता है, जो पहले मेडल लाते थे, अब इन जिलों के युवा बड़ी संख्या में भर्ती होते हैं। खिलाड़ियों के लिए नई पॉलिसी बनाई गई है। जो हमारे लिए देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें हम मेडल भी देते हैं और रुपए भी। 6- खिलाड़ियों के लिए नई नीति बनी
पुलिस भर्ती और खिलाड़ियों के लिए नई नीति बनाई है। खिलाड़ियों के लिए भी नई नीति तैयार की जा रही है, ताकि वे खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें और प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। हमारे आदर्श चौधरी चरण सिंह और धर्म सिंह कोतवाल हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में हम किसी मजहब नहीं, बल्कि देश की सेवा में जुटे हैं। मीरापुर का समीकरण समझिए… मीरापुर में मुस्लिम, जाट और दलित वोटर जीत-हार तय करते रहे हैं। इस बार आरएलडी ने जहां हिंदू उम्मीदवार मैदान में उतारा है। वहीं प्रमुख विपक्षी दलों के उम्मीदवार मुस्लिम बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। आरएलडी से मिथिलेश पाल प्रत्याशी हैं, तो सपा से सुम्बुल राणा प्रत्याशी हैं। बसपा ने शाह नजर को प्रत्याशी बनाया है। मीरापुर में कुल वोटरों की संख्या 3 लाख 25 हजार है। इनमें से 1 लाख 30 हज़ार के करीब मुस्लिम वोटर हैं। दलित वोटर करीब 50 हजार हैं। जाट मतदाताओं की संख्या करीब 35 हजार है। पाल वोटर 20 हजार हैं। सैनी 20 हजार हैं। गुर्जर लगभग 18 हजार हैं। दूसरी बिरादरियों के वोटरों की संख्या लगभग 50 हजार मानी जाती है। यहां कभी दलित-मुस्लिम तो कभी जाट-मुस्लिम का समीकरण जिताऊ साबित होता है। रालोद-सपा का रण
माना जा रहा है कि मीरापुर में लड़ाई दो महिलाओं के बीच है। बीजेपी की सहयोगी आरएलडी ने पूर्व विधायक मिथिलेश पाल को मैदान में उतारा है। वहीं सपा ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू और बसपा के वरिष्ठ नेता मुनकाद अली की बेटी सुम्बुल राणा पर भरोसा जताया है। 2022 के चुनाव में जाट-मुस्लिम समीकरण ने आरएलडी को जिताया था। लेकिन इस बार परिस्थितियां कुछ अलग हैं। मीरापुर सीट वर्चस्व साबित करने की सीट हो गई है। अगर आरएलडी जीती तो इलाके में वो अपना प्रभाव साबित कर लेगी। लेकिन अगर सपा जीत गई तो आरएलडी की पिछली जीत के बाद बढ़े प्रभाव पर पानी फिर सकता है। अगर कोई तीसरा जीता तो ये साफ हो जाएगा कि मीरापुर हर चुनाव में नए समीकरण से ही अपना विधायक चुनकर सदन भेजता है।
कंटेनर ने 7 गाड़ियों को रौंदा, 3 बच्चों की मौत:अमेठी में रेल क्रॉसिंग पर खड़ी थी गाड़ियां, पीछे से टक्कर मारी; 50 मीटर तक घसीटा
कंटेनर ने 7 गाड़ियों को रौंदा, 3 बच्चों की मौत:अमेठी में रेल क्रॉसिंग पर खड़ी थी गाड़ियां, पीछे से टक्कर मारी; 50 मीटर तक घसीटा अमेठी में बेकाबू कंटेनर ने रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी 7 गाड़ियों को रौंद दिया। कंटेनर की टक्कर इतनी भीषण थी कि कई गाड़ियां 50 मीटर तक घसीट ले गया। हादसे में एक कार में बैठे 3 बच्चों की मौत हो गई। इनकी उम्र 11 से 14 साल के बीच है। आपस में भाई-बहन हैं। 5 लोग घायल हैं। हादसा शुक्रवार तड़के 3 बजे लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर कमरौली इलाके में हुआ। भेल (BHEL) के सामने रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के चलते 15-20 गाड़ियां खड़ी थीं। लखनऊ की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार कंटेनर ने वहां खड़ी गाड़ियों को रौंद दिया। 7 गाड़ियां हादसे में बुरी तरह डैमेज हो गई। अचानक हुए हादसे से वहां भगदड़ मच गई। लोग कुछ समझ पाते तब तक कंटेनर चालक मौके से भाग गया। पहले हादसे की 4 तस्वीरें कार के अंदर फंस गए कई लोग
टक्कर से कई लोग कार में फंस गए। पुलिस और स्थानीय लोगों ने उनको बाहर निकाला। 6 घायलों को नजदीकी जगदीशपुर सीएचसी में भर्ती कराया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि काफी देर से रेल क्रॉसिंग बंद थी, इस वजह से लोग गाड़ियों के बाहर निकलकर खड़े हो गए थे। वरना, हादसे में मौत या घायलों का आंकड़ा बढ़ सकता था। हादसे में एक हुंडई कार, डीसीएम, पिकअप, थार समेत 7 गाड़ियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने क्रेन मंगाकर गाड़ियों को हटवाया। कार में 4 बच्चे थे, 3 की मौत
कॉसिंग पर खड़ी हुंडई कार में 4 बच्चे सवार थे। अदनान (11) पुत्र जुल्फिकार, फातिमा (13) पुत्री शकील, आफरीन (14) पुत्री मंजूर और फारिस (8) पुत्र बबलू। टैंकर की टक्कर इतनी भीषण थी कि अदनान, फातिमा और आफरीन की मौत हो गई। जबकि फारिस की हालत गंभीर है। उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया है। सभी आपस में चचेरे भाई-बहन थे। हुंडई कार का ड्राइवर गर्मी के कारण गाड़ी से बाहर खड़ा था। वह सुरक्षित है। देवा शरीफ का दर्शन करके लौट रहे थे
पुलिस ने बताया कि हुंडई कार सवार सभी सुल्तानपुर के रहने वाले थे। बाराबंकी में देवा शरीफ से लौट रहे थे। हादसे में आरिफ, अख्तर खान, ताजिया खान, लारेफ खान, साजिद खान को भी हल्की फुल्की चोटें आई हैं। यह सभी अलग-अलग गाड़ियों में सवार थे। क्रॉसिंग की वजह से होते हैं हादसे
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस क्रॉसिंग पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। पास में ही मालगाड़ियां लोड होती है। इसके बाद यहां से निकलती है। इस वजह से यहां पर घंटों क्रॉसिंग बंद रहती है। लंबा जाम लग जाता है। इससे हम लोगों का काफी परेशानी होती है। हम लोग ओवर ब्रिज बनाने की मांग भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। कमरौली एसओ अभिनेष कुमार ने कहा कि कंटेनर चालक मौके से फरार हो गया है। कंटेनर को कब्जे में लेकर चालक की तलाश की जा रही है। सीएम योगी ने भी हादसे का संज्ञान लिया है। अमेठी प्रशासन को घायलों के उचित इलाज के आदेश दिए हैं। इस खबर को भी पढ़ें… यूपी से जा रही बस जम्मू के अखनूर में गुरुवार दोपहर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई। सभी मृतक हाथरस और अलीगढ़ के बताए जा रहे हैं। 69 लोग घायल हैं। उन्हें अखनूर के अस्पताल ले जाया गया। गंभीर घायलों को जम्मू मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। पढ़ें पूरी खबर…
Sharda Sinha Death: राजनीति में आना चाहती थीं शारदा सिन्हा? abp न्यूज़ से कहा था- ‘चिराग पासवान हों या तेजस्वी…’
Sharda Sinha Death: राजनीति में आना चाहती थीं शारदा सिन्हा? abp न्यूज़ से कहा था- ‘चिराग पासवान हों या तेजस्वी…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Sharda Sinha News:</strong> बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार (05 नवंबर) की शाम दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. उनके जाने से देशभर में शोक है. वे जब से बीमार हुईं तब से उनकी तबीयत को लेकर राजनीतिक चेहरों ने हालचाल जानने की कोशिश की. चिराग पासवान, गिरिराज सिंह से लेकर खुद पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> तक ने उनका कुशलक्षेम पूछा. माना जाता है कि वे कलाकार होने के चलते राजनीतिक लोगों के करीब थीं लेकिन क्या शारदा सिन्हा कभी पॉलिटिक्स में आना चाहती थीं? एबीपी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शारदा सिन्हा ने कहा था, “राजनीति एक जमाने में अच्छी चीज थी लेकिन अब मैली हो गई है. विधान परिषद या राज्यसभा में नॉमिनेट किया जाता है. दूसरे राज्यों में कलाकारों को नॉमिनेट किया गया है. लता जी और रेखा जी भी नॉमिनेट होकर गईं. बिहार सरकार की तरफ से कोई कोशिश नहीं की गई कि कलाकारों की आवाज पहुंचा सकें.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उनसे जब सवाल किया गया कि चुनाव लड़ने की चाहत थी? इसके जवाब में उन्होंने कहा था नहीं. उन्होंने कहा था कि कलाकार होने के नाते उसी में रहने की कोशिश रही है. इन दिनों जिस तरह से चुनाव होने लगे हैं, तरीका बदल गया है. जबरदस्ती का चुनाव हो गया है. बता दें कि शारदा सिन्हा चुनाव आयोग की ब्रांड एंबेसडर रही थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पलटीमार नहीं… स्थिर सरकार चाहती थीं शारदा सिन्हा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शारदा सिन्हा ने बिना किसी का नाम नहीं लिए कहा था कि स्थिर सरकार रहती है तो अच्छा होता है. इससे बिहार का भला होगा. शारदा सिन्हा ने एबीपी न्यूज़ के इंटरव्यू में सवाल भी उठाया था कि जब बिहार में सबकुछ है तो सत्ता की इतनी पूजा क्यों?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चिराग और तेजस्वी में शारदा सिन्हा को दिखता था भविष्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शारदा सिन्हा भले राजनीति से दूर रही हों लेकिन वे चिराग पासवान और तेजस्वी यादव में भविष्य देखती थीं. उन्होंने कहा था, “अगर बेहतर काम करें तो चिराग पासवान हों या तेजस्वी यादव बिहार को बखूबी संभाल सकते हैं. बड़े से सही अनुभव और अपनी दूरदर्शिता रखें तो बिल्कुल कर सकते हैं. युवाओं में ताकत होती है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/sharda-sinha-death-folk-singer-sharda-sinha-passed-away-at-aiims-delhi-2817392″>छठ गीतों से हुईं मशहूर, महापर्व के पहले दिन दुनिया छोड़ गईं शारदा सिन्हा</a><br /></strong></p>