हिमाचल प्रदेश में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द होते ही कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। CPS पद से हटाए गए 6 विधायक मंत्री पद को लॉबिंग में जुट गए हैं। पदों से हटने के बाद गुरुवार को संजय अवस्थी और एमएल ब्राक्टा दोनों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से शिमला में मुलाकात की। मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा सियासी हलचल कांगड़ा जिला में है, क्योंकि कांगड़ा के 2 CPS बाहर हुए हैं। सुक्खू सरकार में अभी सबसे बड़े कांगड़ा जिला से दो ही मंत्री है। पूर्व की जयराम, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सरकार में कांगड़ा जिला से तीन-तीन मंत्री बनते रहे है। इसलिए कांगड़ा में तीसरे मंत्री पद को लेकर ज्यादा चर्चाएं है। पदों से हटाए गए CPS में अर्की से विधायक संजय अवस्थी और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर का नाम मंत्री की रेस में आगे माना जा रहा है। संजय अवस्थी की दावेदारी से आड़े आएंगे क्षेत्रीय समीकरण संजय अवस्थी इस सरकार में CM सुक्खू के सबसे करीबी माने जाते हैं। मगर उनकी ताजपोशी में क्षेत्रीय समीकरण आड़े आ सकते हैं। सोलन जिला में कुल 5 विधानसभा सीटें है। इस जिले से पहले ही धनीराम शांडिल मंत्री है। इसी तरह अर्की विधानसभा हलका शिमला संसदीय क्षेत्र में आता है। इस संसदीय क्षेत्र से सुक्खू सरकार में 6 मंत्री है, जबकि सीएम को मिलाकर कुल 11 मंत्री है। बीते दिनों बगावत और हिमाचल सरकार पर संकट की भी यही सबसे बड़ी वजह रही, क्योंकि हिमाचल सरकार पर सियासी संकट से पहले तक कांगड़ा जिला से केवल एक ही मंत्री बनाया गया था और तब सुधीर शर्मा ने खुलकर बगावत की। इसके बाद सरकार पर सियासी संकट आया था। क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ने के डर से दोबारा विरोध की चिंगारी न सुलगे, इस वजह से संजय अवस्थी की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है। सुंदर ठाकुर की दावेदार मजबूत वहीं पूर्व CPS एवं कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर मंडी संसदीय हलके से आते हैं। कुल्लू जिला से सुक्खू सरकार में एक भी मंत्री नहीं है। इसी तरह मंडी संसदीय क्षेत्र से जगत सिंह नेगी इकलौते मंत्री है। मगर वह ट्राइबल कोटे से मंत्री बने हैं। इस वजह से सुंदर सिंह ठाकुर की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। यह अब सुक्खू पर निर्भर करेगा कि वह मंडी संसदीय हलके या फिर कांगड़ा को मंत्री पद देते हैं। ज्वालामुखी से संजय रत्न भी दावेदार प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला की बात करें तो ज्वालामुखी से विधायक संजय रत्न को कैबिनेट मंत्री का अच्छा दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि कांगड़ा जिला दो मंत्री चंद्र कुमार और यादवेंद्र गोमा पहले ही मंत्री बनाए जा चुके है। भवानी सिंह पठानिया और केवल सिंह पठनिया को सीएम सुक्खू ने कैबिनेट रैंक दे रखा है। इसलिए संजय रत्न पर सहमति बन सकती है। संजय रत्न पर सहमति नहीं बनती है तो पूर्व सीपीएस आशीष बुटेल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बगावत से बचने के लिए CM को देना होगा राजनीतिक सूझबूझ का परिचय राजनीति के जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री सुक्खू को सोच समझकर क्षेत्रीय संतुलन बिठाना होगा, क्योंकि उन पर पहले भी मित्र मंडली को खुश करने के आरोप लगते रहे है। विपक्ष को बार बार मित्रों की सरकार बोलता रहा है। हिमाचल सरकार पर संकट के दौरान इस तरह की आवाजें कांग्रेस संगठन के भीतर से भी गूंजी थी। इसलिए सीएम सुक्खू को राजनीतिक दृष्टि से सूझबूझ वाला निर्णय लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो बगावत की चिंगारी फिर से भड़क सकती है। कमलेश ठाकुर और अनुराधा भी चर्चा में सियासी गलियारों में महिला मंत्री को लेकर भी चर्चाएं है। इस सरकार में सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर और लाहौल स्पीति से अनुराधा राणा विधायक विधायक है। मगर दोनों पहली बार चुनाव जीती हैं। महिला को विधायक बनाए जाने की चर्चाएं जरूर है, लेकिन इनका अनुभव आड़े आ सकता है। यदि कमलेश ठाकुर मंत्री बनती है तो कांगड़ा जिला को तो मंत्री पद मिल जाएगा, लेकिन सीएम सुक्खू पर इससे सवाल खड़े हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द होते ही कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। CPS पद से हटाए गए 6 विधायक मंत्री पद को लॉबिंग में जुट गए हैं। पदों से हटने के बाद गुरुवार को संजय अवस्थी और एमएल ब्राक्टा दोनों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से शिमला में मुलाकात की। मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा सियासी हलचल कांगड़ा जिला में है, क्योंकि कांगड़ा के 2 CPS बाहर हुए हैं। सुक्खू सरकार में अभी सबसे बड़े कांगड़ा जिला से दो ही मंत्री है। पूर्व की जयराम, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सरकार में कांगड़ा जिला से तीन-तीन मंत्री बनते रहे है। इसलिए कांगड़ा में तीसरे मंत्री पद को लेकर ज्यादा चर्चाएं है। पदों से हटाए गए CPS में अर्की से विधायक संजय अवस्थी और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर का नाम मंत्री की रेस में आगे माना जा रहा है। संजय अवस्थी की दावेदारी से आड़े आएंगे क्षेत्रीय समीकरण संजय अवस्थी इस सरकार में CM सुक्खू के सबसे करीबी माने जाते हैं। मगर उनकी ताजपोशी में क्षेत्रीय समीकरण आड़े आ सकते हैं। सोलन जिला में कुल 5 विधानसभा सीटें है। इस जिले से पहले ही धनीराम शांडिल मंत्री है। इसी तरह अर्की विधानसभा हलका शिमला संसदीय क्षेत्र में आता है। इस संसदीय क्षेत्र से सुक्खू सरकार में 6 मंत्री है, जबकि सीएम को मिलाकर कुल 11 मंत्री है। बीते दिनों बगावत और हिमाचल सरकार पर संकट की भी यही सबसे बड़ी वजह रही, क्योंकि हिमाचल सरकार पर सियासी संकट से पहले तक कांगड़ा जिला से केवल एक ही मंत्री बनाया गया था और तब सुधीर शर्मा ने खुलकर बगावत की। इसके बाद सरकार पर सियासी संकट आया था। क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ने के डर से दोबारा विरोध की चिंगारी न सुलगे, इस वजह से संजय अवस्थी की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है। सुंदर ठाकुर की दावेदार मजबूत वहीं पूर्व CPS एवं कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर मंडी संसदीय हलके से आते हैं। कुल्लू जिला से सुक्खू सरकार में एक भी मंत्री नहीं है। इसी तरह मंडी संसदीय क्षेत्र से जगत सिंह नेगी इकलौते मंत्री है। मगर वह ट्राइबल कोटे से मंत्री बने हैं। इस वजह से सुंदर सिंह ठाकुर की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। यह अब सुक्खू पर निर्भर करेगा कि वह मंडी संसदीय हलके या फिर कांगड़ा को मंत्री पद देते हैं। ज्वालामुखी से संजय रत्न भी दावेदार प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला की बात करें तो ज्वालामुखी से विधायक संजय रत्न को कैबिनेट मंत्री का अच्छा दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि कांगड़ा जिला दो मंत्री चंद्र कुमार और यादवेंद्र गोमा पहले ही मंत्री बनाए जा चुके है। भवानी सिंह पठानिया और केवल सिंह पठनिया को सीएम सुक्खू ने कैबिनेट रैंक दे रखा है। इसलिए संजय रत्न पर सहमति बन सकती है। संजय रत्न पर सहमति नहीं बनती है तो पूर्व सीपीएस आशीष बुटेल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बगावत से बचने के लिए CM को देना होगा राजनीतिक सूझबूझ का परिचय राजनीति के जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री सुक्खू को सोच समझकर क्षेत्रीय संतुलन बिठाना होगा, क्योंकि उन पर पहले भी मित्र मंडली को खुश करने के आरोप लगते रहे है। विपक्ष को बार बार मित्रों की सरकार बोलता रहा है। हिमाचल सरकार पर संकट के दौरान इस तरह की आवाजें कांग्रेस संगठन के भीतर से भी गूंजी थी। इसलिए सीएम सुक्खू को राजनीतिक दृष्टि से सूझबूझ वाला निर्णय लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो बगावत की चिंगारी फिर से भड़क सकती है। कमलेश ठाकुर और अनुराधा भी चर्चा में सियासी गलियारों में महिला मंत्री को लेकर भी चर्चाएं है। इस सरकार में सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर और लाहौल स्पीति से अनुराधा राणा विधायक विधायक है। मगर दोनों पहली बार चुनाव जीती हैं। महिला को विधायक बनाए जाने की चर्चाएं जरूर है, लेकिन इनका अनुभव आड़े आ सकता है। यदि कमलेश ठाकुर मंत्री बनती है तो कांगड़ा जिला को तो मंत्री पद मिल जाएगा, लेकिन सीएम सुक्खू पर इससे सवाल खड़े हो सकते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 3 महीने बाद कैबिनेट मीटिंग:JOA-IT के रिजल्ट निकालने को मिल सकती है मंजूरी; नौकिरयों का खुल सकता है पिटारा हिमाचल प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के कारण आज तीन महीने के अंतराल के बाद मंत्रिमंडल मीटिंग होने जा रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में सचिवालय में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में विभिन्न विभागों से जुड़े अहम फैसले होंगे। खासकर रोजगार से जुड़े मसलों पर कई निर्णय लिए जा सकते हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सभी विभागीय सचिवों को अपने-अपने विभागों से जुड़े जरूरी मसले कैबिनेट के लिए भेजने के निर्देश दे रखे है। आज की कैबिनेट में युवाओं के लिए नौकरियों का पिटारा खुल सकता है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर JOA-IT पोस्ट कोड 903 और पोस्ट कोड-939 के रिजल्ट घोषित करने मंजूरी दी जा सकती है। इन दोनों पोस्ट कोड में सैकड़ों अभ्यर्थी तीन साल से भी अधिक समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले इन्होंने रिजल्ट घोषित करने की मांग को लेकर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन भी किया। इसके बाद डिप्टी सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई। बीते सप्ताह ही मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी की मीटिंग हुई है। इसमें रिजल्ट घोषित करने की सिफारिश का निर्णय लिया गया। 6000 प्री नर्सरी टीचर भर्ती को मिल सकती है मंजूरी सूत्रों की माने तो आज की कैबिनेट में शिक्षा विभाग से 6000 प्री-नर्सरी टीचर्स की भर्ती का मामला भी लग सकता है। प्रदेश में लंबे समय से प्री नर्सरी टीचर की भर्ती आरएंडपी नियमों के कारण लटकी हुई है। शिक्षा विभाग ने इनकी भर्ती को लेकर सरकार को एक प्रस्ताव भेज रखा है। संभव है कि आज कैबिनेट में इसे मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। पुलिस भर्ती नियमों पर भी हो सकती है चर्चा वहीं पुलिस कांस्टेबल भर्ती के नियमों में बदलाव को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। प्रदेश में महिला व पुरुष दोनों वर्ग में कांस्टेबल के 1226 पद भरे जाने हैं। मगर इससे पहले नियमों में कुछ बदलाव संभव है। 3 उपचुनाव को लेकर कैबिनेट में चर्चा संभव प्रदेश में आगामी 10 जुलाई को तीन विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है। इसे लेकर भी आज की मीटिंग में चर्चा संभव है। मुख्यमंत्री सुक्खू उप चुनाव को लेकर मंत्रियों को दिशा निर्देश दे सकते हैं।
हिमाचल में अगले 3 दिन भारी बारिश की चेतावनी:72 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट; 5 जुलाई तक मौसम खराब रहने की संभावना
हिमाचल में अगले 3 दिन भारी बारिश की चेतावनी:72 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट; 5 जुलाई तक मौसम खराब रहने की संभावना हिमाचल प्रदेश में आज से लगातार तीन दिन तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने रविवार को चार जिलों, सोमवार को आठ जिलों और मंगलवार को तीन जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज के लिए कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया, जबकि सोमवार के लिए ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर तथा मंगलवार के लिए शिमला, मंडी व सिरमौर जिले को ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में अगले तीन दिन एक-दो स्पेल भारी बारिश का सकता है। पांच जुलाई तक बारिश से राहत नहीं मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश में पांच जुलाई तक बारिश से राहत के आसार नहीं है। दो जून तक ऑरेंज अलर्ट और तीन से पांच जून तक येलो अलर्ट दिया गया है। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने की सावधानी बरतने की अपील मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को ऊंचाई वाले, भूस्खलन वाले इलाकों और नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ की सक्रिय हो रहा है। इससे अगले तीन दिन भारी बारिश के आसार है। जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। मानसून की तीन जिलों में धमाकेदार एंट्री प्रदेश के ऊना, शिमला और सोलन जिला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। शिमला और सोलन में शुक्रवार रात और ऊना जिला में शुक्रवार सुबह के वक्त भारी बारिश हुई है। शिमला में तो इससे 9 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। शिमला के चलौठी में एक मकान भी लैंडस्लाइड के कारण असुरक्षित हो गया है। इसके बाद इसे खाली करवा दिया गया है।