रोहतक में एक महिला द्वारा जन्म के बाद नवजात लड़के को थैले में बंद करके कूड़े के ढेर में फेंकने का मामला सामने आया है। जब सफाई कंपनी के सुपरवाइजर ने उसे देखा तो इसका पता लगा और मामले की सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की और शिकायत के आधार पर अज्ञात महिला के खिलाफ पहचान छिपाने के लिए नवजात शिशु को फेंकने का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। रोहतक के गांव सांघी निवासी देवेंद्र ने शिवाजी कॉलोनी थाना में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह सफाई वाली कंपनी में सुपरवाइजर पद पर कार्यरत है। वह SWTP प्लांट पर ड्यूटी करता है। 14 नवंबर को वह ड्रेन नंबर 8 के नजदीक कूड़े के ढेर के पास से गुजर रहा था। इसी दौरान उनकी नजर एक थैले पर पड़ी। जब थैले को खोलकर देखा तो उसमें एक नवजात शिशु मृत अवस्था में मिला। किसी अज्ञात महिला ने अपनी पैदाइश छिपाने के लिए लड़के के जन्म होते ही कूड़े के ढेर में फेंक दिया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने किया केस दर्ज मामले की सूचना डायल 112 को दी गई। ड्रेन नंबर 8 के पास कूड़े के ढेर में नवजात शिशु का शव पड़ा होने की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को मौके पर एक नवजात का शव पड़ा हुआ मिला। नवजात एक लड़का था। इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात महिला के खिलाफ जन्म के बाद पहचान छिपाने के लिए नवजात बच्चे को फेंकने का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं महिला की तलाश की जा रही है। रोहतक में एक महिला द्वारा जन्म के बाद नवजात लड़के को थैले में बंद करके कूड़े के ढेर में फेंकने का मामला सामने आया है। जब सफाई कंपनी के सुपरवाइजर ने उसे देखा तो इसका पता लगा और मामले की सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की और शिकायत के आधार पर अज्ञात महिला के खिलाफ पहचान छिपाने के लिए नवजात शिशु को फेंकने का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। रोहतक के गांव सांघी निवासी देवेंद्र ने शिवाजी कॉलोनी थाना में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह सफाई वाली कंपनी में सुपरवाइजर पद पर कार्यरत है। वह SWTP प्लांट पर ड्यूटी करता है। 14 नवंबर को वह ड्रेन नंबर 8 के नजदीक कूड़े के ढेर के पास से गुजर रहा था। इसी दौरान उनकी नजर एक थैले पर पड़ी। जब थैले को खोलकर देखा तो उसमें एक नवजात शिशु मृत अवस्था में मिला। किसी अज्ञात महिला ने अपनी पैदाइश छिपाने के लिए लड़के के जन्म होते ही कूड़े के ढेर में फेंक दिया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने किया केस दर्ज मामले की सूचना डायल 112 को दी गई। ड्रेन नंबर 8 के पास कूड़े के ढेर में नवजात शिशु का शव पड़ा होने की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को मौके पर एक नवजात का शव पड़ा हुआ मिला। नवजात एक लड़का था। इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात महिला के खिलाफ जन्म के बाद पहचान छिपाने के लिए नवजात बच्चे को फेंकने का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं महिला की तलाश की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के शहीद मेजर की मां बोली-बहू ने तेवर बदले:कहा- सारा फंड लेकर मायके गई; घर ताला लगाया, सरकार उसे नौकरी न दे
हरियाणा के शहीद मेजर की मां बोली-बहू ने तेवर बदले:कहा- सारा फंड लेकर मायके गई; घर ताला लगाया, सरकार उसे नौकरी न दे हरियाणा के पानीपत के शहीद मेजर आशीष धौंचक की शहादत को 1 साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उनके मां-बाप अब इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए हैं। सरकार की ओर से तमाम घोषणाएं की गई। शहादत फंड भी मिला, इसके बाद भी मां-बाप का बुढ़ापा अंधकार में है। क्योंकि इकलौते बेटे की शहादत के बाद मां-बाप की आस उनकी बहू और पोती है, जोकि अब उनसे दूर चली गई। परिवार का आरोप है कि बहू सरकार से मिलने वाली राशि, घर-मकान समेत अन्य लाभ अपने नाम करवा कर मायके चली गई। कई माह बीत जाने के बाद वह वापस नहीं लौटी। यहां तक कि उसने और उसके परिवार वालों ने बातचीत तक करनी बंद कर दी। जिसके बाद मां-बाप ने हरियाणा पंचायत मंत्री एवं पानीपत ग्रामीण विधानसभा से विधायक महीपाल ढांडा के जरिए सीएम नायब सिंह सैनी से गुहार लगाई है। जिसमें उन्होंने सरकारी नौकरी उनकी बहू को न दिए जाने समेत अन्य मांग रखी है। सीएम ने उचित फैसला लिए जाने का आश्वासन दिया है। आखिरी चेक पर साइन करवा कर चली गई बहू
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में शहीद की मां कमला ने बताया कि 13 सितंबर 2023 को उनका इकलौता बेटा मेजर आशीष धौंचक (36) जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया था। बेटे की शहादत के बाद से बहू ज्योति ने अपने तेवर बदल लिए थे। जब तक सरकार की ओर से निर्धारित पूरी राशि नहीं मिली वह बहुत प्यार से बात करती थी। आखिर चेक आने पर उसने घर से जाने का प्लान बना लिया था। शहादत के कुछ समय बाद ही उसने जींद स्थित अपने मायका में 7 दिन जाने की बात कही थी। इसके बाद वह अपनी ढाई साल की बेटी वामिनी को लेकर घर से चली गई और वापस नहीं लौटी। 30 तोला सोना भी ले गई ज्योति
ज्योति से जब भी बात करते हैं, वह कभी भी वापस न आने की बात कहती है। उसके मां-बाप से बात की तो उन्होंने भी बात करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं पंचायती, सामाजिक तौर पर भी उन्होंने किसी भी तरह की बात करने से मना कर दिया। मां ने कहा कि ज्योति जाते समय घर से 30 तोला सोना भी ले गई है। इसके अलावा फरीदपुर टीडीआई में नवनिर्मित मकान, जोकि आधा आशीष के नाम था वह भी अपने नाम करवा गई। जाते हुए उसने घर के ऊपर वाले हिस्से में ताला लगा दिया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करती हैं कि उनकी बहू ज्योति को सरकारी नौकरी देने का जो प्रस्ताव मंजूर हुआ था, वह नामंजूर किया जाए। क्योंकि ज्योति उनके साथ नहीं रहती है। वह इस नौकरी को अपनी बेटी को दिलवाना चाहती है। क्योंकि बेटी ही उनकी सेवा कर रही है। ये बात पॉलिसी में भी लिखा है कि जिसे नौकरी दी जाएगी, अगर वह मां-बाप की केयर नहीं करेगा/करेगी, तो उसकी नौकरी को मां-बाप के कहने पर नामंजूर किया जाएगा। इसके अलावा मां ने यह भी कहा कि भारतीय सेना की ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। वह अपने कैंटीन कार्ड बनवाने के लिए भी जद्दोजहद कर रही हैं। सेना से कई बार संपर्क किया। सेना की ओर से उन्हें मेडिकल सुविधा भी नहीं दी गई। पंचायत मंत्री ने CM के सामने उठाया मामला
इस मामले को पंचायत मंत्री महीपाल ढांडा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कि हमारे बिंझौल गांव का रहने वाला शहीद मेजर धौंचक का परिवार भटक गया है। उसकी पत्नी ज्योति ने तेहरवीं रस्म भी नहीं होने दी थी और वह चली गई। वह अपना तमाम हिस्सा ले गई। घर पर भी आकर वह ताला लगा गई। उसकी नौकरी का हरियाणा सरकार ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, लेकिन अब जब वह यहां है नहीं तो उसकी जगह पर आशीष की बहन को नौकरी दी जाए। शहीद के नाम पर एक पार्क, स्टैच्यू और सरकारी भवन का नाम दिया जाने की भी घोषणा की थी। हमारी मांग है कि पानीपत के बस स्टैंड का नामकरण शहीद मेजर आशीष धौंचक के नाम पर हो। जिस परिवार का बेटा शहीद हुआ था, उसके मां-बाप दर-दर भटकने को मजबूर हैं, उनके साथ न्याय किया जाए। 3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर हैं। लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की थी। 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक की। इसके बाद वह एमटेक कर रहे थे। इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। इसके बाद वह बठिंडा, बारामूला और मेरठ में तैनात रहे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली। जिसके बाद वह परिवार को साथ नहीं ले गए। उन्होंने पानीपत के सेक्टर 7 में मकान लिया और उन्हें यहां छोड़ दिया। सरकार ने ये किया था ऐलान
पूर्व सीएम मनोहर लाल ने शहीद मेजर आशीष धौंचक के नाम पर टीडीआई में पार्क और पैतृक गांव बिंझौल में स्वागत द्वार बनाने की बात कही थी। साथ ही शहीद परिवार को सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए नकद और पत्नी ज्योति को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दिए जाने का ऐलान किया था। ये खबर भी पढ़ें… शहीद मेजर आशीष का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार:मेजर भाई ने मुखाग्नि दी; अंतिम यात्रा में हाथ जोड़े रहीं मां, बहन करती रही सैल्यूट कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धौंचक (36) का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिंझौल में हुआ। उन्हें चचेरे भाई मेजर विकास ने मुखाग्नि दी। इससे पहले सिख रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया। शहीद मेजर की अंतिम यात्रा पानीपत TDI सिटी से 14 किमी दूर उनके गांव बिंझौल पहुंची। यात्रा के साथ एक किलोमीटर लंबे काफिले में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए। सड़क के दोनों तरफ खड़े लोगों ने आशीष की पार्थिव देह पर फूल बरसाकर उन्हें विदा किया। (पूरी खबर पढ़ें)
सैलजा बोलीं- PM अमृत योजना में भ्रष्टाचार हुआ:पैसों की बंदरबांट, पाइपलाइन के बावजूद सिरसा में हो रहा जलभराव; CM से मांगा श्वेतपत्र
सैलजा बोलीं- PM अमृत योजना में भ्रष्टाचार हुआ:पैसों की बंदरबांट, पाइपलाइन के बावजूद सिरसा में हो रहा जलभराव; CM से मांगा श्वेतपत्र अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से श्वेत पत्र मांगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमृत योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि देश के शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के साथ-साथ पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शुरू की गई अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। यह योजना जहां भी शुरू की गई, वहां बुरी तरह विफल रही है। सरकार को इस योजना पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि इस पर कितना पैसा खर्च हुआ और क्या काम हुआ? 2015 में शुरू हुई थी योजना कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 25 जून 2015 को देश में इस अमृत योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे में सुधार करना है। इस योजना के तहत पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसका उद्देश्य सभी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस योजना से विशेष रूप से गरीब और वंचितों को लाभ मिलता है। जिसका उद्देश्य शहरी नवीनीकरण परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है, जो शहरी परिवर्तन के लिए पर्याप्त मजबूत सीवरेज नेटवर्क और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर सके। करोड़ों रुपए की योजना PPP पर निर्भर हरियाणा में यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (PPP) पर आधारित है। इस योजना का उद्देश्य हर घर में सुनिश्चित जल आपूर्ति के साथ नल और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना, हरियाली और अच्छी तरह से बनाए गए खुले स्थानों (जैसे पार्क) को विकसित करके शहरों के सुविधा मूल्य को बढ़ाना, सार्वजनिक परिवहन को अपनाकर या गैर-मोटर चालित परिवहन (जैसे पैदल चलना और साइकिल चलाना) के लिए सुविधाएं बनाकर प्रदूषण को कम करना है। लोग शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कुमारी सैलजा ने कहा कि केवल कागजी खानापूर्ति के लिए काम के नाम पर कुछ औपचारिकताएं की गईं और इस योजना के तहत मिले पैसे की बंदरबांट कर ली गई। हालात ये हैं कि जिन शहरों और कस्बों में इस योजना के तहत काम शुरू हुआ, वहां बुनियादी ढांचे में सुधार की बजाय हालात और खराब होते गए। सरकार सबकुछ देखकर भी अनदेखा करती रही। लोग शिकायत करते-करते थक गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सिरसा शहर का उदाहरण दिया कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस योजना के तहत सिरसा शहर में बरसाती पानी की निकासी के लिए 40 करोड़ रुपए की पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन शहर को आज भी जलभराव से राहत नहीं मिली है, हालात पहले से भी बदतर हो गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस योजना को लेकर श्वेत पत्र जारी किया जाए और बताया जाए कि इस योजना के तहत कहां-कहां काम हुआ, कितना पैसा खर्च हुआ और कितना बजट जारी हुआ। बुनियादी ढांचे में क्या बदलाव आए हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जो भी योजनाएं लागू की गईं, वे या तो पूरी नहीं हुईं या फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं।
हरियाणा में HCS मीनाक्षी दहिया रिश्वत केस में बड़ा खुलासा:चौकीदार को स्कूटी से रिश्वत लेने भेजा; जमानत खारिज, 29 मई से अंडर ग्राउंड
हरियाणा में HCS मीनाक्षी दहिया रिश्वत केस में बड़ा खुलासा:चौकीदार को स्कूटी से रिश्वत लेने भेजा; जमानत खारिज, 29 मई से अंडर ग्राउंड हरियाणा के मत्स्य विभाग में ज्वाइंटर सेक्रेटरी के पद पर तैनात HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ा खुलासा किया है। एसीबी ने कहा है कि दहिया ने अपनी स्कूटी से चौकीदार को जिला मत्स्य अधिकारी से 1 लाख रुपए रिश्वत लेने के लिए भेजा था। 29 मई से अंडर ग्राउंड चल रहीं मीनाक्षी दहिया हालांकि अभी तक एसीबी की पकड़ से दूर हैं। उनका फोन स्विच ऑफ और उनकी लोकेशन के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सबसे अहम बात यह है कि पंचकूला की आदलत ने एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है नियुक्ति HSVP में, काम कर रहा दहिया के साथ एसीबी ने अभी तक की जांच में कोर्ट में दावा किया है कि स्कूटी अधिकारी के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। मत्स्य विभाग के चपरासी सतिंदर सिंह को लेकर भी एसीबी ने बड़ा खुलासा किया है। कहा है कि गिरफ्तार चपरासी ने खुलासा किया है कि वह शहरी स्थानीय निकाय विभाग का कर्मचारी है, लेकिन वह दहिया के घर पर काम करता था। उसकी नियुक्ति 2020 में एचएसवीपी में हुई थी। उसने यह भी दावा किया है कि उसने उसे जिला मत्स्य अधिकारी राजन खोरा से किसी आधिकारिक काम के लिए पैसे लेने के लिए भेजा था। उसके साथ जुड़े स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह को भी बिचौलिए के तौर पर काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। खोरा के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग भी ACB के पास मीनाक्षी दहिया के साथ खोरा की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी एसीबी के पास मौजूद है। दरअसल, काम हो जाने के बाद दहिया ने खोरा को व्हाट्सएप कॉल किया था, जिसने उसे आश्वासन दिया कि उसी दिन आदेश जारी किए जाएंगे। चार्जशीट वापस लेने के बाद, जब वह 19 अप्रैल को आभार व्यक्त करने के लिए दहिया के कार्यालय गया और उनकी बातचीत रिकॉर्ड की। अदालत को सौंपी गई प्रतिलिपि में, उसने जोगिंदर के साथ खोरा द्वारा तय की गई 1 लाख रुपये की राशि पर चर्चा की, और कहा कि वह अपनी सुविधानुसार इसका प्रबंध कर सकता है क्योंकि उसे कोई जल्दी नहीं है। ACB दहिया को जारी कर चुकी नोटिस सबूतों के आधार पर एसीबी ने इस मामले में दहिया को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि वह इस भ्रष्टाचार के केस में उससे पूछताछ करना चाह रही है। नोटिस दहिया के घर भी एसीबी के द्वारा लेकर भेजा गया है, लेकिन घर से वह फरार बताई जा रही हैं। साथ ही अभी तक भी एसीबी के किसी भी नोटिस का दहिया के द्वारा जवाब नहीं दिया गया है। ये खबरें भी पढ़ें…।
हरियाणा में ACB की FIR में खुलासा:HCS अफसर मीनाक्षी दहिया ने 1 महीना रिश्वत का इंतजार किया, पर्ची पर सेवादार का नाम लिखा हरियाणा के मत्स्य विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी मीनाक्षी दहिया के खिलाफ दर्ज एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की FIR में बड़े खुलासे सामने आए हैं। रिश्वत केस में फरार चल रही मीनाक्षी दहिया ने एक पर्ची में अपने सेवादार सत्येंद्र का नाम लिखकर दिया था। उन्होंने शिकायतकर्ता को यह भी कहा था कि मुझे फोन करने के बाद पर्ची पर लिखे नाम वाले व्यक्ति को रिश्वत के एक लाख रुपए दे देना। इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी ACB को दी और तय समय के तहत रिश्वत की राशि सेवादार सत्येंद्र व स्टेनोग्राफर जोगेंद्र को देते हुए ACB ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया (पूरी खबर पढ़ें ) हरियाणा में रिश्वत केस में फंसी HCS अफसर:CMO के साथ 2 बड़े IAS अधिकारी बचाने में जुटे, हुड्डा सरकार में भर्ती हुई थीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में भर्ती हुई HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया को बचाने की प्लानिंग शुरू हो गई है। मीनाक्षी दहिया मत्स्य विभाग की जॉइंट सेक्रेटरी हैं। रिश्वत लेने से जुड़े केस में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पंचकूला में FIR दर्ज की है। इस केस में सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं। FIR में मीनाक्षी दहिया का भी नाम है। चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) के साथ 2 बड़े IAS अफसर मीनाक्षी को बचाने में जुट गए हैं। ACB की टीम मीनाक्षी दहिया की तलाश कर रही है (पूरी खबर पढ़ें)