‘ अस्पताल में मुझे होश आया तो मेरी 5 माह की बेटी रो रही थी। मैंने उसे गोद में उठाना चाहा तो देखा कि मेरा एक हाथ कटा था। मैं उसे गोद में नहीं ले पाई। न ही उसे दूध पिला सकी। वो रोती है तो मेरा कलेजा फट जाता है, मैं अपना दर्द भूल जाती हूं। मुख्यमंत्री योगी जी से मेरी एक ही गुहार है,मेरा हाथ लगवा दें।’ झांसी के राजगढ़ की रक्षा यह बताते हुए रोने लगी। गुरुवार को रक्षा का दुपट्टा बाइक की चेन में फंस गया था। पहले वो नीचे गिरी, फिर इतना जोर का झटका लगा कि पलक झपकते ही उसका हाथ कोहनी से कटने के बाद बाइक के पहिए में फंस गया। रक्षाअभी निजी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत खतरे से बाहर है। दैनिक भास्कर रक्षा से बात करने अस्पताल पहुंचा। पढ़िए उस खौफनाक पल की कहानी, जो रक्षा ने खुद बताई… सब कुछ सेकेंडों में हुआ
प्रेमनगर के राजगढ़ निवासी रक्षा (22) ने बताया की उसकी शादी 22 फरवरी, 2023 में इंदौर के वासुदेव से हुई। 5 माह की एक बेटी है। भाई दूज पर बेटी को लेकर रक्षा झांसी आई थी। बच्ची की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर के पास ले जा रही थी। भाई बाइक चला रहा था। एक हाथ में बच्ची थी। दुपट्टा एकाएक बाइक में फंस गया। मुझे पता ही नहीं चला, क्या हो गया। बच्ची हाथ से छूट गई। मेरा हाथ कटकर बाइक के पहिए में फंस गया। सब कुछ सेकेंडों में हुआ। हाथ कटा तो मुझे होश था, मैंने अपना हाथ बाइक में फंसा देखा था। इसके बाद मैं बेहोश हो गई। हम बहुत गरीब, अब सरकार से ही उम्मीद
रक्षा ने बताया- हम लोग बहुत गरीब हैं। मम्मी-पापा ने सम्मेलन में मेरी शादी की थी। हमारी छोटी-सी एक बच्ची है। मेरा आदमी (पति) मजदूरी करता है। मैं घर का काम करती हूं। अब बिना हाथ के कैसे काम हो पाएगा। पति ही हैं, वो घर का काम करें या पैसे कमाने जाएं। बिना पैसे के घर कैसे चले? वो बाहर कमाएंगे,तभी तो हम कुछ खा पाएंगे। पैसे होंगे तो बच्ची को पढ़ाएंगे। इतने बड़े आदमी नहीं है कि बिना कुछ किए घर चल पाए। मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस मुझे मेरा हाथ वापस चाहिए। अब तो सरकार से ही उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगीजी मेरा हाथ लगवा दें। पिता बोले- बेटी को नौकरी मिल जाए
रक्षा के पिता जयराम अहिरवार ने बताया कि ‘बिना हाथ के मेरी बेटी बेसहारा हो गई। वो घर का काम नहीं कर पाएगी। अब पति काम करने नहीं जाएगा तो घर कैसे चलेगा। इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं। इधर-उधर से पैसे लेकर बेटी का इलाज करा रहे हैं। अब मुख्यमंत्री योगी जी ही हैं, जो मदद कर दें। मेरी बेटी रक्षा पढ़ी-लिखी है। उसे दिव्यांग कोटे से कोई सर्विस मिल जाए तो उसका जीवन कट जाएगा।’ पुलिस ने कटा हाथ पहुंचाया था अस्पताल
12 नवंबर को रक्षा बेटी को लेकर डॉक्टर के पास जा रही थी। बड़ा भाई शैलेंद्र बाइक चला रहा था, जबकि वह बेटी को लेकर पीछे बैठी थी। राजगढ़ और बिजौली के बीच में हादसा हो गया। चलती बाइक पर उसका दुपट्टा चेन में फंस गया। दुपट्टा हाथ में लिपटा था। झटका लगने पर रक्षा बाइक से नीचे गिर गई और फिर उसका हाथ उखड़कर कोहनी से अलग हो गया। तुरंत उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिसकर्मी पीछे से कटा हुआ हाथ लेकर अस्पताल पहुंच गए। मगर देरी हो होने के चलते हाथ प्लांट नहीं हो पाया। बाइक में महिला का दुपट्टा फंसा, हाथ अलग: कोहनी से कटकर पहिए में फंसा झांसी में बाइक पर बैठी महिला का दुपट्टा चेन में फंस गया। दुपट्टा हाथ में लिपटा था। पहले महिला नीचे गिरी, फिर इतने जोर का झटका लगा कि पलक झपकते ही महिला का बायां हाथ शरीर से अलग हो गया। कोहनी से कट कर हाथ बाइक के पहिए में जाकर फंस गया। महिला दर्द से बेहोश हो गई। खून से लथपथ महिला को घर वाले अस्पताल ले गए। लेकिन, उसका हाथ जोड़ा (प्लांट) नहीं जा सका।पढ़ें पूरी खबर ‘ अस्पताल में मुझे होश आया तो मेरी 5 माह की बेटी रो रही थी। मैंने उसे गोद में उठाना चाहा तो देखा कि मेरा एक हाथ कटा था। मैं उसे गोद में नहीं ले पाई। न ही उसे दूध पिला सकी। वो रोती है तो मेरा कलेजा फट जाता है, मैं अपना दर्द भूल जाती हूं। मुख्यमंत्री योगी जी से मेरी एक ही गुहार है,मेरा हाथ लगवा दें।’ झांसी के राजगढ़ की रक्षा यह बताते हुए रोने लगी। गुरुवार को रक्षा का दुपट्टा बाइक की चेन में फंस गया था। पहले वो नीचे गिरी, फिर इतना जोर का झटका लगा कि पलक झपकते ही उसका हाथ कोहनी से कटने के बाद बाइक के पहिए में फंस गया। रक्षाअभी निजी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत खतरे से बाहर है। दैनिक भास्कर रक्षा से बात करने अस्पताल पहुंचा। पढ़िए उस खौफनाक पल की कहानी, जो रक्षा ने खुद बताई… सब कुछ सेकेंडों में हुआ
प्रेमनगर के राजगढ़ निवासी रक्षा (22) ने बताया की उसकी शादी 22 फरवरी, 2023 में इंदौर के वासुदेव से हुई। 5 माह की एक बेटी है। भाई दूज पर बेटी को लेकर रक्षा झांसी आई थी। बच्ची की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर के पास ले जा रही थी। भाई बाइक चला रहा था। एक हाथ में बच्ची थी। दुपट्टा एकाएक बाइक में फंस गया। मुझे पता ही नहीं चला, क्या हो गया। बच्ची हाथ से छूट गई। मेरा हाथ कटकर बाइक के पहिए में फंस गया। सब कुछ सेकेंडों में हुआ। हाथ कटा तो मुझे होश था, मैंने अपना हाथ बाइक में फंसा देखा था। इसके बाद मैं बेहोश हो गई। हम बहुत गरीब, अब सरकार से ही उम्मीद
रक्षा ने बताया- हम लोग बहुत गरीब हैं। मम्मी-पापा ने सम्मेलन में मेरी शादी की थी। हमारी छोटी-सी एक बच्ची है। मेरा आदमी (पति) मजदूरी करता है। मैं घर का काम करती हूं। अब बिना हाथ के कैसे काम हो पाएगा। पति ही हैं, वो घर का काम करें या पैसे कमाने जाएं। बिना पैसे के घर कैसे चले? वो बाहर कमाएंगे,तभी तो हम कुछ खा पाएंगे। पैसे होंगे तो बच्ची को पढ़ाएंगे। इतने बड़े आदमी नहीं है कि बिना कुछ किए घर चल पाए। मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस मुझे मेरा हाथ वापस चाहिए। अब तो सरकार से ही उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगीजी मेरा हाथ लगवा दें। पिता बोले- बेटी को नौकरी मिल जाए
रक्षा के पिता जयराम अहिरवार ने बताया कि ‘बिना हाथ के मेरी बेटी बेसहारा हो गई। वो घर का काम नहीं कर पाएगी। अब पति काम करने नहीं जाएगा तो घर कैसे चलेगा। इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं। इधर-उधर से पैसे लेकर बेटी का इलाज करा रहे हैं। अब मुख्यमंत्री योगी जी ही हैं, जो मदद कर दें। मेरी बेटी रक्षा पढ़ी-लिखी है। उसे दिव्यांग कोटे से कोई सर्विस मिल जाए तो उसका जीवन कट जाएगा।’ पुलिस ने कटा हाथ पहुंचाया था अस्पताल
12 नवंबर को रक्षा बेटी को लेकर डॉक्टर के पास जा रही थी। बड़ा भाई शैलेंद्र बाइक चला रहा था, जबकि वह बेटी को लेकर पीछे बैठी थी। राजगढ़ और बिजौली के बीच में हादसा हो गया। चलती बाइक पर उसका दुपट्टा चेन में फंस गया। दुपट्टा हाथ में लिपटा था। झटका लगने पर रक्षा बाइक से नीचे गिर गई और फिर उसका हाथ उखड़कर कोहनी से अलग हो गया। तुरंत उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिसकर्मी पीछे से कटा हुआ हाथ लेकर अस्पताल पहुंच गए। मगर देरी हो होने के चलते हाथ प्लांट नहीं हो पाया। बाइक में महिला का दुपट्टा फंसा, हाथ अलग: कोहनी से कटकर पहिए में फंसा झांसी में बाइक पर बैठी महिला का दुपट्टा चेन में फंस गया। दुपट्टा हाथ में लिपटा था। पहले महिला नीचे गिरी, फिर इतने जोर का झटका लगा कि पलक झपकते ही महिला का बायां हाथ शरीर से अलग हो गया। कोहनी से कट कर हाथ बाइक के पहिए में जाकर फंस गया। महिला दर्द से बेहोश हो गई। खून से लथपथ महिला को घर वाले अस्पताल ले गए। लेकिन, उसका हाथ जोड़ा (प्लांट) नहीं जा सका।पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर