गिद्दड़बाहा में उप-चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल प्रतिस्पर्धा में नहीं है। इसके बावजूद अकाली दल के गिद्दड़बाहा के बाजारों में लगे पोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं। इनमें पार्टी अपना कोई प्रचार तो नहीं कर रही, लेकिन पूर्व अकाली व AAP प्रत्याशी डिंपी ढिल्लों पर निशाना साधा गया है। इन पोस्टरों पर अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल की डिंपी ढिल्लों के साथ तस्वीर भी लगी हुई है। गिद्दड़बाहा में पोस्टर अभियान के माध्यम से अकाली दल ने यह संकेत दिया है कि डिंपी ढिल्लों के प्रति नाराजगी और असंतोष है। पोस्टरों पर लिखा है- जो नहीं हो सका भाई जैसे परिवार का, वे क्या मूल्य डालेगा गिद्दड़बाहा के सत्कार का। हालांकि, इन पोस्टरों पर जारी करने वाले का कोई नाम नहीं लिखा है, लेकिन पोस्टर पर शिरोमणि अकाली दल व पार्टी सिंबल लगाया गया है। पोस्टरों का मकसद यह दिखाना है कि डिंपी ढिल्लों, जो पहले अकाली दल में थे, अब पार्टी के साथ नहीं हैं और AAP के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। पोस्टरों में ढिल्लों की अकाली दल के साथ पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल कर यह जताने की कोशिश की गई है कि उन्होंने पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया है, जो उनके प्रति अकाली दल के समर्थकों में असंतोष की भावना को बढ़ावा दे सकता है। पोस्टर में सुखबीर व डिंपी एक साथ
इन पोस्टरों में सुखबीर बादल के साथ डिंपी ढिल्लों की तस्वीर का उपयोग किया गया है, जो यह दिखाने का प्रयास कर रही है कि एक समय में ढिल्लों अकाली दल के करीबी और समर्थक थे। इसके जरिए अकाली दल यह संदेश देना चाहता है कि उन्होंने पार्टी को छोड़कर AAP का रास्ता अपनाया, जिसे पार्टी ‘विश्वासघात’ के रूप में देख रही है। इस तरह के पोस्टर गिद्दड़बाहा में चर्चा का विषय बन गए हैं और मतदाताओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चर्चा का विषय बने पोस्टर
बाजारों में लगे इन पोस्टरों के कारण स्थानीय लोगों में काफी हलचल मची हुई है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि अकाली दल का चुनाव में प्रत्यक्ष भागीदारी न होने के बावजूद, पार्टी ने इन पोस्टरों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। मतदाताओं के बीच इस तरह के पोस्टर की प्रतिक्रिया अलग-अलग है; कुछ लोग इसे डिंपी ढिल्लों की छवि को प्रभावित करने की कोशिश मानते हैं, जबकि कुछ इसे अकाली दल की ‘प्रचार रणनीति’ मान रहे हैं। परिवारवाद का आरोप लगा छोड़ी थी पार्टी
तकरीबन तीन महीने पहले डिंपी ढिल्लों ने अकाली दल को अलविदा कहा था। तब उन्होंने सुखबीर बादल पर परिवारवाद का आरोप लगाया था। डिंपी ने कहा था कि चुनावों से पहले मनप्रीत बादल गिद्दड़बाहा में एक्टिव हो गए। जिस पर सुखबीर बादल ने उन्हें दोबारा पार्टी जॉइन करवाने और गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ाने की बात कही थी। वे दोनों भाइयों के बीच रोड़ा बन रहे थे, जिसके चलते पार्टी छोड़ने का फैसला किया। कुछ दिनों बाद ही डिंपी ने आम आदमी पार्टी को जॉइन कर लिया था। गिद्दड़बाहा में उप-चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल प्रतिस्पर्धा में नहीं है। इसके बावजूद अकाली दल के गिद्दड़बाहा के बाजारों में लगे पोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं। इनमें पार्टी अपना कोई प्रचार तो नहीं कर रही, लेकिन पूर्व अकाली व AAP प्रत्याशी डिंपी ढिल्लों पर निशाना साधा गया है। इन पोस्टरों पर अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल की डिंपी ढिल्लों के साथ तस्वीर भी लगी हुई है। गिद्दड़बाहा में पोस्टर अभियान के माध्यम से अकाली दल ने यह संकेत दिया है कि डिंपी ढिल्लों के प्रति नाराजगी और असंतोष है। पोस्टरों पर लिखा है- जो नहीं हो सका भाई जैसे परिवार का, वे क्या मूल्य डालेगा गिद्दड़बाहा के सत्कार का। हालांकि, इन पोस्टरों पर जारी करने वाले का कोई नाम नहीं लिखा है, लेकिन पोस्टर पर शिरोमणि अकाली दल व पार्टी सिंबल लगाया गया है। पोस्टरों का मकसद यह दिखाना है कि डिंपी ढिल्लों, जो पहले अकाली दल में थे, अब पार्टी के साथ नहीं हैं और AAP के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। पोस्टरों में ढिल्लों की अकाली दल के साथ पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल कर यह जताने की कोशिश की गई है कि उन्होंने पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया है, जो उनके प्रति अकाली दल के समर्थकों में असंतोष की भावना को बढ़ावा दे सकता है। पोस्टर में सुखबीर व डिंपी एक साथ
इन पोस्टरों में सुखबीर बादल के साथ डिंपी ढिल्लों की तस्वीर का उपयोग किया गया है, जो यह दिखाने का प्रयास कर रही है कि एक समय में ढिल्लों अकाली दल के करीबी और समर्थक थे। इसके जरिए अकाली दल यह संदेश देना चाहता है कि उन्होंने पार्टी को छोड़कर AAP का रास्ता अपनाया, जिसे पार्टी ‘विश्वासघात’ के रूप में देख रही है। इस तरह के पोस्टर गिद्दड़बाहा में चर्चा का विषय बन गए हैं और मतदाताओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चर्चा का विषय बने पोस्टर
बाजारों में लगे इन पोस्टरों के कारण स्थानीय लोगों में काफी हलचल मची हुई है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि अकाली दल का चुनाव में प्रत्यक्ष भागीदारी न होने के बावजूद, पार्टी ने इन पोस्टरों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। मतदाताओं के बीच इस तरह के पोस्टर की प्रतिक्रिया अलग-अलग है; कुछ लोग इसे डिंपी ढिल्लों की छवि को प्रभावित करने की कोशिश मानते हैं, जबकि कुछ इसे अकाली दल की ‘प्रचार रणनीति’ मान रहे हैं। परिवारवाद का आरोप लगा छोड़ी थी पार्टी
तकरीबन तीन महीने पहले डिंपी ढिल्लों ने अकाली दल को अलविदा कहा था। तब उन्होंने सुखबीर बादल पर परिवारवाद का आरोप लगाया था। डिंपी ने कहा था कि चुनावों से पहले मनप्रीत बादल गिद्दड़बाहा में एक्टिव हो गए। जिस पर सुखबीर बादल ने उन्हें दोबारा पार्टी जॉइन करवाने और गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ाने की बात कही थी। वे दोनों भाइयों के बीच रोड़ा बन रहे थे, जिसके चलते पार्टी छोड़ने का फैसला किया। कुछ दिनों बाद ही डिंपी ने आम आदमी पार्टी को जॉइन कर लिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर