नारनौल के नजदीक गांव पटीकरा के पास वीरवार रात संतुलन बिगड़ने से युवक ट्रैक्टरसे गिर गया। जिससे वह ट्रैक्टर के नीचे दब गया। इस हादसे में उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसे अपने साथ अपने पैतृक गांव ले गए। पटीकरा रोड पर स्थित झुग्गी में रहने वाले मोहनलाल ने बताया कि मृतक राजस्थान का रहने वाला था। वैसे तो यहां पर रहने वाले सभी लोग राजस्थान के बीकानेर जिले के अलग-अलग गांव के निवासी हैं। सभी के पास ट्रैक्टर ट्रॉली व जेसीबी है। यहां मेहनत मजदूरी कर अपना गुजारा चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहरोड के पास उनका काम चल रहा है। रोजाना की तरह गुरुवार सुबह 27 वर्षीय किशन को साथ लेकर काम पर गया था। शाम को काम करके वापस लौटते समय वह ट्रैक्टर चला रहा था और किशन उसके बगल में बैठा था। रात करीब 8 बजे पटीकरा के पास एक गड्ढे में जाने से किशन का संतुलन बिगड़ गया। वह ट्रैक्टर से नीचे गिर गया और उसके नीचे आ गया। उस दौरान किशन की सांस चल रही थी तो वह अपने साथियों के साथ किशन को लेकर एक निजी अस्पताल में गए। जहां कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। नारनौल के नजदीक गांव पटीकरा के पास वीरवार रात संतुलन बिगड़ने से युवक ट्रैक्टरसे गिर गया। जिससे वह ट्रैक्टर के नीचे दब गया। इस हादसे में उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसे अपने साथ अपने पैतृक गांव ले गए। पटीकरा रोड पर स्थित झुग्गी में रहने वाले मोहनलाल ने बताया कि मृतक राजस्थान का रहने वाला था। वैसे तो यहां पर रहने वाले सभी लोग राजस्थान के बीकानेर जिले के अलग-अलग गांव के निवासी हैं। सभी के पास ट्रैक्टर ट्रॉली व जेसीबी है। यहां मेहनत मजदूरी कर अपना गुजारा चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहरोड के पास उनका काम चल रहा है। रोजाना की तरह गुरुवार सुबह 27 वर्षीय किशन को साथ लेकर काम पर गया था। शाम को काम करके वापस लौटते समय वह ट्रैक्टर चला रहा था और किशन उसके बगल में बैठा था। रात करीब 8 बजे पटीकरा के पास एक गड्ढे में जाने से किशन का संतुलन बिगड़ गया। वह ट्रैक्टर से नीचे गिर गया और उसके नीचे आ गया। उस दौरान किशन की सांस चल रही थी तो वह अपने साथियों के साथ किशन को लेकर एक निजी अस्पताल में गए। जहां कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रणजीत चौटाला के बयान पर भड़के सुभाष बराला:MP बोले- कभी कभार उन पर कांग्रेस का असर; भाजपा अनुशासित वर्करों की पार्टी हरियाणा भाजपा के लोकसभा चुनाव कमेटी के अध्यक्ष एपं राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने हिसार से चुनाव हारे मंत्री रणजीत चौटाला के जयचंद वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बराला ने कहा कि भाजपा अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी है और भाजपा में अनुशासन ही सर्वोपरि है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि रणजीत चौटाला को इस बात का ध्यान रखना होगा। वे अपने उपर कांग्रेस का असर न दिखने दें। टोहाना में अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुभाष बराला ने कहा कि भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े रणजीत सिंह वरिष्ठ नेता हैं। उनके ऊपर कभी कभी कांग्रेस का असर आ जाता होगा, क्योंकि सारी उम्र वे कांग्रेस में ही रहे हैं। बता दें कि मीडिया में रणजीत चौटाला ने अपनी हार पर कहा था कि वे कुछ जयचंदों के कारण चुनाव हारे हैं। साथ ही एक ऑडियो भी वायरल हुई थी, जिसे रणजीत चौटाला की बताया गया था। ऑडियो में रणजीत चौटाला की हार का ठिकरा कुलदीप बिश्नोई, सुभाष बराला, कै.अभिमन्यु पर फोड़ा गया था। सुभाष बराला ने कहा कि जवाहर लाल नेहरु के बाद आज पहला ऐसा मौका आया है जब देश की जनता ने किसी पार्टी अथवा व्यक्ति पर इतना विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाया। कांग्रेस पर बरसते हुए सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस ने गुमराह कर छलावा कर और झूठ बोल कर लोगों को गुमराह किया। सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस ने लोगों को संविधान खत्म हो जाएगा का झूठ बोला, महिलाओं को उनके खाते में 8500-8500 रुपए प्रति माह देने का झूठ बोला, मगर देश की जनता ने फिर भी अकेली भाजपा को इतना जनादेश दिया, जितना कि पूरी इंडी एलांयस को नहीं मिला। कांग्रेस की गुटबाजी के सवाल पर बोलते हुए सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी है, कहीं हुड्डा अपने बेटे को सीएम बनाना चाहते हैं तो सुरजेवाला, तो कही कुमारी शैलजा सीएम बनना चाहती है। उन्होंने कहा कि पता नहीं कांग्रेस में कौन कौन सीएम बनना चाहता है। इनकी गुटबाजी इस कदर है कि लोगों ने सरेआम इनमें जुतम पेजार होती देखी है। उन्होंने कहा कि जनता इन्हें गंभीरता से नहीं लेने वाली।
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हरियाणा में क्यों एक्टिव हुआ हुड्डा खेमा:5 में से 4 विनिंग कैंडिडेट होने समेत 3 बड़ी वजहें; विधानसभा चुनाव टारगेट, SRK से सैलजा सक्रिय हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत मिलने के बाद कांग्रेस का पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमा एक्टिव हो गया है। पूर्व CM हुड्डा ने 3 दिन तक रोहतक में रिव्यू मीटिंग के बाद गुट के सभी नेताओं को लेकर दिल्ली में डेरा डाल दिया है। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी हैं। वह दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मिलकर हरियाणा का फीडबैक दे रहे हैं। साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव की प्लानिंग भी कर रहे हैं। वहीं पार्टी के दूसरे खेमे रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुमारी सैलजा (SRK) गुट में सन्नाटा पसरा हुआ है। सिरसा से कुमारी सैलजा बड़े मार्जिन से जीत कर सांसद बनी हैं, इसलिए अभी सिर्फ वह ही एक्टिव हैं। जीतने के बाद वह भी दिल्ली पहुंच गई हैं। अब पढ़िए हुड्डा कैंप के एक्टिव होने की 3 वजहें 5 में से 4 सीटों के विनिंग कैंडिडेट हुड्डा गुट के
इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में पूरी तरह से हुड्डा गुट का दबदबा रहा। जीते 5 कैंडिडेट में से 4 हुड्डा गुट के हैं। अब हुड्डा गुट पार्टी हाईकमान को ये दर्शाने में लगा हुआ है कि टिकट का बंटवारा सही हुआ है। इसी वजह से 0 से पांच पर पहुंचे। अब ये संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव में भी टिकट बंटवारे में हुड्डा गुट का पूरा दबदबा रहेगा। पार्टी के 18% बढ़े वोट शेयर को भुना रहे
हुड्डा कैंप के एक्टिव होने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि इस चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में 18% की बढ़ोतरी हुई है। पार्टी को सूबे की 9 लोकसभा सीटों में 47.07 प्रतिशत वोट पड़े हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले सिर्फ 28% वोट ही मिले थे। अब हुड्डा गुट के नेता हरियाणा में बढ़े वोट शेयर को भुनाने में लगे हैं। 5 लोकसभा की 45 विधानसभा सीटों पर नजर
तीसरी बड़ी वजह यह है कि हुड्डा गुट की हरियाणा की 5 लोकसभा की 45 विधानसभा सीटों पर नजर है। हिसार, सिरसा, रोहतक, सोनीपत और अंबाला में ज्यादातर सीटों पर वोटों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां कांग्रेस को भाजपा से भी अच्छा वोट पड़े हैं। SRK गुट में क्यों पसरा है सन्नाटा
हुड्डा के विपरीत चलने वाला SRK गुट सन्नाटे में है। इसकी वजह यह है कि इस गुट के नेताओं को इस लोकसभा चुनाव में कुछ खास नहीं मिल पाया। किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रही थी, लेकिन हाईकमान ने टिकट काटकर कांग्रेस विधायक राव दान सिंह को दे दी। इसके बाद उन पर चुनाव में दान सिंह के खिलाफ प्रचार करने के भी आरोप लगे हैं। दिल्ली में हुड्डा गुट इसको खूब भुना रहा है। हालांकि अभी इस मामले में हाईकमान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं रणदीप सुरजेवाला भी अभी शांत हैं। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के कैंडिडेट डॉ सुशील गुप्ता को भी वह अपने गृह क्षेत्र कैथल से जीत नहीं दिला पाए। SRK गुट की सिर्फ सैलजा क्यों एक्टिव
लोकसभा चुनाव में सिरसा से बड़े मार्जिन से जीतने वाली कुमारी सैलजा ही अपने गुट में एक्टिव हैं। वह लगातार यह मैसेज दे रही हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की ये जीत विधानसभा तक जारी रहेगी। इसको लेकर उनके समर्थक लगातार पोस्टर भी जारी कर रहे हैं। वह भी लगातार इस संबंध में बयान दे रही हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि सैलजा की जीत से यह बात तो तय है कि आने वाले विधानसभा में हुड्डा गुट के लिए सैलजा राह को मुश्किल जरूर करेंगी।