रेवाड़ी में कैप्टन ने बगैर दहेज के शादी की:शगुन के तौर पर एक रुपए लिया; दुल्हन जूलॉजी विषय में एमएससी पास, चर्चा का विषय बनी शादी

रेवाड़ी में कैप्टन ने बगैर दहेज के शादी की:शगुन के तौर पर एक रुपए लिया; दुल्हन जूलॉजी विषय में एमएससी पास, चर्चा का विषय बनी शादी

अक्सर ऊंचे पद पर नौकरी करने वाले लोगों की शादियां दान-दहेज के चलते चर्चा में रहती हैं। लेकिन हरियाणा में रेवाड़ी जिले के खालेटा गांव निवासी सेना में कैप्टन ललित यादव की शादी बगैर दान-दहेज के होने पर चर्चा बटोर रही हैं। ललित के पिता महेंद्र सिंह भी सेना में कप्तान के पद से रिटायर्ड हैं। महेंद्र सिंह के मुताबिक, वह वर्तमान में सेक्टर-3 में रहते हैं। कैप्टन ललित यादव का विवाह रेवाड़ी शहर के ही मोहल्ला आदर्श नगर निवासी पंकज यादव की पुत्री अनीषा राव के साथ हुआ है। दोनों ने रिश्ता तय होते ही ठान ली थी अनीषा राव जूलॉजी विषय में एमएससी है। इसके अतिरिक्त B.Ed M.Ed भी उन्होंने किया हुआ है। सीटेट, एचटेट, नेट, गेट जैसी तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं भी उन्होंने उत्तीर्ण की हुई है। कैप्टन ललित यादव व अनीषा राव दोनों ने ही रिश्ता तय होने के समय यह तय कर लिया था कि उनका विवाह बिना किसी दहेज के होगा। दूल्हा बोला-दहेज एक कुरीति है कैप्टन ललित यादव कुमाऊं रेजीमेंट में वर्तमान में बरेली पोस्टेड है। कैप्टन ललित यादव का कहना है कि दहेज एक कुरीति है जिसे हर शिक्षित वर्ग के युवा को मिलकर समाप्त करना होगा। कैप्टन ललित यादव के पिता सेवानिवृत्त कैप्टन महेंद्र सिंह यादव व माता सरिता यादव का कहना है कि उनके लिए बेटी ही दहेज है। अनीषा का घर में आगमन खुशहाली लेकर आया है। कैप्टन ललित यादव की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं। ललित 2019 में पासिंग आउट के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने थे। वर्तमान में उनका प्रमोशन हो चुका है और कैप्टन के पद पर तैनात है। चार पीढ़ियां दे चुकी सेना में सेवाएं
ललित के परिवार की चार पीढ़ियां सेना में सेवाएं दे चुकी हैं। उनके परदादा भी सेना में ही थे। दादा उमराव सिंह सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए है और उनकी अभी 99 साल उम्र हैं। उमराव सिंह ऐसे सैनिक है, जिन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर से लेकर 1971 तक पांच लड़ाईयों में हिस्सा लिया। इसके अलावा ललित के बड़े ताऊ चंदन सिंह कैप्टन के पद से रिटायर्ड हुए। दूसरे ताऊ विरेंद्र सिंह इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं। जबकि पिता महेंद्र सिंह सेना में ही कप्तान के पद से रिटायर्ड है। अक्सर ऊंचे पद पर नौकरी करने वाले लोगों की शादियां दान-दहेज के चलते चर्चा में रहती हैं। लेकिन हरियाणा में रेवाड़ी जिले के खालेटा गांव निवासी सेना में कैप्टन ललित यादव की शादी बगैर दान-दहेज के होने पर चर्चा बटोर रही हैं। ललित के पिता महेंद्र सिंह भी सेना में कप्तान के पद से रिटायर्ड हैं। महेंद्र सिंह के मुताबिक, वह वर्तमान में सेक्टर-3 में रहते हैं। कैप्टन ललित यादव का विवाह रेवाड़ी शहर के ही मोहल्ला आदर्श नगर निवासी पंकज यादव की पुत्री अनीषा राव के साथ हुआ है। दोनों ने रिश्ता तय होते ही ठान ली थी अनीषा राव जूलॉजी विषय में एमएससी है। इसके अतिरिक्त B.Ed M.Ed भी उन्होंने किया हुआ है। सीटेट, एचटेट, नेट, गेट जैसी तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं भी उन्होंने उत्तीर्ण की हुई है। कैप्टन ललित यादव व अनीषा राव दोनों ने ही रिश्ता तय होने के समय यह तय कर लिया था कि उनका विवाह बिना किसी दहेज के होगा। दूल्हा बोला-दहेज एक कुरीति है कैप्टन ललित यादव कुमाऊं रेजीमेंट में वर्तमान में बरेली पोस्टेड है। कैप्टन ललित यादव का कहना है कि दहेज एक कुरीति है जिसे हर शिक्षित वर्ग के युवा को मिलकर समाप्त करना होगा। कैप्टन ललित यादव के पिता सेवानिवृत्त कैप्टन महेंद्र सिंह यादव व माता सरिता यादव का कहना है कि उनके लिए बेटी ही दहेज है। अनीषा का घर में आगमन खुशहाली लेकर आया है। कैप्टन ललित यादव की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं। ललित 2019 में पासिंग आउट के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने थे। वर्तमान में उनका प्रमोशन हो चुका है और कैप्टन के पद पर तैनात है। चार पीढ़ियां दे चुकी सेना में सेवाएं
ललित के परिवार की चार पीढ़ियां सेना में सेवाएं दे चुकी हैं। उनके परदादा भी सेना में ही थे। दादा उमराव सिंह सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए है और उनकी अभी 99 साल उम्र हैं। उमराव सिंह ऐसे सैनिक है, जिन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर से लेकर 1971 तक पांच लड़ाईयों में हिस्सा लिया। इसके अलावा ललित के बड़े ताऊ चंदन सिंह कैप्टन के पद से रिटायर्ड हुए। दूसरे ताऊ विरेंद्र सिंह इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं। जबकि पिता महेंद्र सिंह सेना में ही कप्तान के पद से रिटायर्ड है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर