हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) अब हर 4 साल में संगठन में बदलाव करेगी। चुनाव की समीक्षा को लेकर चंडीगढ़ में बुलाई गई समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि आज पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक थी। बैठक में पार्टी के सभी विधानसभा उम्मीदवारों को बुलाया गया था। पार्टी के सभी पदाधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।अभय चौटाला ने बताया कि इस चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही, क्या कारण रहे कि पार्टी की परफॉर्मेंस डाउन रही, इस पर चर्चा की गई। भविष्य में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई। पार्टी के संगठन को नए सिरे से गठन किया जाएगा। नए साथियों को पार्टी में जगह मिलनी चाहिए। मीटिंग में संगठन में 4 साल के बाद बदलाव होना चाहिए इस तरीक़े की बात भी सामने आयी। अभय बोले- बीजेपी को जिताने में हुड्डा की भूमिका अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब चुनाव संपन्न हो गए हैं। जैसे ही किसान फ्री होगा, हम लोगों के बीच में जाएंगे। हरियाणा की बीजेपी सरकार की नाकामियों के बारे में लोगों को बताएंगे। भाजपा को सत्ता में लाने में सबसे बड़ी भूमिका भूपेंद्र सिंह हुड्डा की है। कांग्रेस को रोकने में सबसे बड़ी भूमिका भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने निभाई है। अभय ने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा से कांग्रेस का नाम लेने वाला नहीं रहेगा। जजपा पर साधा निशाना अभय सिंह चौटाला ने पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर भी निशाना साधा। उन्होंने जजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो हमें खत्म करना चाहते थे, वो आज खुद ही खत्म हो गए। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अभय सिंह चौटाला पर जमकर हमले किए थे। कहा था कि, इस चुनाव में INLD की एक भी सीट नहीं आएगी। हुड्डा को नहीं है चंडीगढ़ की जानकारी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पिछले दो दिन से चंडीगढ़ में विधानसभा को लेकर चर्चा हो रही है। हरियाणा की सरकार जमीन लेने की एवज में जमीन दे रही है, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में जानकारी नहीं है, चंडीगढ़ हरियाणा का है। लोंगोवाल रिपोर्ट में लिखा था, कि अगर चंडीगढ़ पंजाब को जाता है तो हिंदी भाषा इलाका हरियाणा को देना होगा। हरियाणा को बचाने के लिए चौधरी देवीलाल ने लड़ाई लड़ी। SYL के अगर लड़ाई लड़ी तो इंडियन नेशनल लोकदल ने लड़ी। चंडीगढ़ हम किसी के पास नहीं जाने देंगे, चंडीगढ़ हरियाणा का है और रहेगा। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) अब हर 4 साल में संगठन में बदलाव करेगी। चुनाव की समीक्षा को लेकर चंडीगढ़ में बुलाई गई समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि आज पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक थी। बैठक में पार्टी के सभी विधानसभा उम्मीदवारों को बुलाया गया था। पार्टी के सभी पदाधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।अभय चौटाला ने बताया कि इस चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही, क्या कारण रहे कि पार्टी की परफॉर्मेंस डाउन रही, इस पर चर्चा की गई। भविष्य में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई। पार्टी के संगठन को नए सिरे से गठन किया जाएगा। नए साथियों को पार्टी में जगह मिलनी चाहिए। मीटिंग में संगठन में 4 साल के बाद बदलाव होना चाहिए इस तरीक़े की बात भी सामने आयी। अभय बोले- बीजेपी को जिताने में हुड्डा की भूमिका अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब चुनाव संपन्न हो गए हैं। जैसे ही किसान फ्री होगा, हम लोगों के बीच में जाएंगे। हरियाणा की बीजेपी सरकार की नाकामियों के बारे में लोगों को बताएंगे। भाजपा को सत्ता में लाने में सबसे बड़ी भूमिका भूपेंद्र सिंह हुड्डा की है। कांग्रेस को रोकने में सबसे बड़ी भूमिका भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने निभाई है। अभय ने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा से कांग्रेस का नाम लेने वाला नहीं रहेगा। जजपा पर साधा निशाना अभय सिंह चौटाला ने पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर भी निशाना साधा। उन्होंने जजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो हमें खत्म करना चाहते थे, वो आज खुद ही खत्म हो गए। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अभय सिंह चौटाला पर जमकर हमले किए थे। कहा था कि, इस चुनाव में INLD की एक भी सीट नहीं आएगी। हुड्डा को नहीं है चंडीगढ़ की जानकारी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पिछले दो दिन से चंडीगढ़ में विधानसभा को लेकर चर्चा हो रही है। हरियाणा की सरकार जमीन लेने की एवज में जमीन दे रही है, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में जानकारी नहीं है, चंडीगढ़ हरियाणा का है। लोंगोवाल रिपोर्ट में लिखा था, कि अगर चंडीगढ़ पंजाब को जाता है तो हिंदी भाषा इलाका हरियाणा को देना होगा। हरियाणा को बचाने के लिए चौधरी देवीलाल ने लड़ाई लड़ी। SYL के अगर लड़ाई लड़ी तो इंडियन नेशनल लोकदल ने लड़ी। चंडीगढ़ हम किसी के पास नहीं जाने देंगे, चंडीगढ़ हरियाणा का है और रहेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जींद में 10 की छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत:स्कूल मे बिगड़ी थी तबीयत; घर पर मिली बेसुध, गले पर रस्सी के निशान
जींद में 10 की छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत:स्कूल मे बिगड़ी थी तबीयत; घर पर मिली बेसुध, गले पर रस्सी के निशान हरियाणा के जींद शहर की चाबरी कालोनी में रहने पाली दसवीं कक्षा की एक छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। छात्रा के गले पर रस्सी जैसे कुछ निशान भी मिले हैं। लेकिन अभी तक किसी तरह का आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगा है। सिटी थाना पुलिस द्वारा मेडिकल बोर्ड द्वारा लड़की के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। आगे की कार्रवाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर होगी। चाबरी कालोनी निवासी एक महिला ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय बेटी डिफेंस कालोनी के राजकीय स्कूल में पढ़ती है। गुरुवार दोपहर को उसके बेटे के पास स्कूल से फोन आया कि बेटी को बुखार है। इसलिए उसका बेटा उसे घर पर ले आया। इसके बाद वह कमरे में बैड पर आकर ले गई। उन्होंने शाम को बेटी को संभाला तो वह बेसुध हालत में मिली। परिजन उसे नागरिक अस्पताल में लेकर आए तो यहां डॉक्टरों ने बताया कि वह मर चुकी है। महिला ने बताया कि इस दौरान उन्होंने देखा कि सोनिया के गले में रस्सी के निशान थे। उनको आशंका है कि सोनिया का गला घोटा गया है। हालांकि परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया। सिविल लाइन थाना प्रभारी समरजीत सिंह ने बताया कि छात्रा के शव का बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है।
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हरियाणा BJP में चुनावी कुर्बानी की तैयारी:खट्टर भाटिया की जगह लोकसभा लड़े, अब उनके लिए MLA की टिकट कटेगी; मनोहर इशारा कर चुके हरियाणा में BJP ने पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के लिए सांसद संजय भाटिया की सियासी कुर्बानी ली थी। इसके बाद न उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया और न ही विधानसभा चुनाव में शामिल किया। हालांकि अब उनके लिए एक विधायक के सियासी कुर्बानी ली जा सकती है। करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया को पानीपत शहरी सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके लिए यहां के मौजूदा विधायक प्रमोद विज की टिकट काटी जा सकती है। भाटिया हरियाणा में भाजपा के बड़े पंजाबी चेहरे हैं। जिससे उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। पार्टी ने पानीपत शहरी सीट के पैनल के 3 दावेदारों प्रमोद विज और पूर्व मेयर अवनीत कौर के साथ संजय भाटिया को शामिल किया है। चूंकि संजय भाटिया अब केंद्रीय मंत्री बन चुके मनोहर लाल के करीबी हैं। ऐसे में उनकी टिकट की दावेदारी दूसरे नेताओं से मजबूत मानी जा रही है। संजय भाटिया पानीपत के ही रहने वाले हैं। संजय भाटिया को पानीपत से चुनाव लड़ाने के 4 संकेत 1. मनोहर लाल ने विज से पूछा था- आप भी बलिदान देंगे
लोकसभा चुनावों में पानीपत में बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल के लिए एक जनसभा का आयोजन किया गया था। इसमें उन्होंने बहुत ही चुनिंदा शब्दों में आने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में एक टिप्पणी की थी। अपने संबोधन में मनोहर लाल ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी बलिदानियों की पार्टी है। मैंने भी इस पार्टी के लिए बलिदान दिया (सीएम पद को छोड़ा)। ऐसे ही संजय भाटिया ने मेरे लिए बलिदान दिया (एमपी पद के लिए खुद की दावेदारी नहीं की)। इतना कहने के बाद उन्होंने मंच पर मौजूद विधायक प्रमोद विज की ओर इशारा करते हुए पूछा था कि, क्यों प्रमोद जी पार्टी के लिए बलिदान तो आप भी दे ही देंगे। इसके बाद वहां बैठे लोग हंसने लगे। तभी से चर्चाएं जोरों पर थी कि हरियाणा में पानीपत शहरी सीट से प्रमोद विज की जगह पर संजय भाटिया को मौका दिया जा सकता है। 2. न प्रदेश अध्यक्ष बनाया और न राज्यसभा भेजा
हरियाणा में नायब सैनी के सीएम बनने जाने के बाद नया प्रदेशाध्यक्ष चुने जाने के लिए पार्टी में आपसी विचार-विमर्श शुरू हुआ। इस दौरान संजय भाटिया का नाम उठाया गया। लेकिन बाद में मोहन लाल बड़ौली को अध्यक्ष बना दिया गया। वहीं, राज्यसभा सांसद के लिए भी संजय भाटिया के नाम ने खूब चर्चाएं पकड़ी। लेकिन, पार्टी ने ये चर्चाएं भी ठंडी कर कांग्रेस से बीजेपी में आई किरण चौधरी के नाम को आगे बढ़ा दिया। 3. तीन संभावित नामों में दूसरे नंबर पर संजय भाटिया
पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार करीब 20 दिन पहले हाईकमान ने पानीपत शहरी सीट पर तीन सबसे मजबूत नाम मांगे थे। इन नामों में पहले नंबर पर मौजूदा विधायक प्रमोद विज, दूसरे पर संजय भाटिया है। दरअसल, संजय भाटिया केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के करीबी और विश्वसनीय है। 4. भाजपा में पंजाबी चेहरे का संकट
प्रदेश में भाजपा के पास पंजाबी चेहरे के तौर पर 2 बड़े नाम हैं। इनमें एक मनोहर लाल खट्टर और दूसरे अनिल विज हैं। खट्टर अब केंद्र में जा चुके हैं। वहीं अनिल विज सीएम बदलने के बारे में न बताने से नाराज होकर घर बैठ चुके हैं। प्रदेश में 25 से 26 विधानसभा ऐसी हैं, जहां पंजाबी बिरादरी की पकड़ है। ऐसे में संजय भाटिया के जरिए खट्टर-विज की वजह से पैदा हुए खालीपन को भरा जा सकता है। कांग्रेस में भी सीट के 9 दावेदार
पानीपत शहरी सीट पर कांग्रेस की तरफ से भी 9 दावेदार हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम रोहिता रेवड़ी का है। रोहिता ने 2014 में यहां से चुनाव जीता। हालांकि 2019 में उनकी टिकट काटकर प्रमोद विज को दे दी गई। विज जीत गए लेकिन रोहिता ने पार्टी से किनारा कर लिया। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले रोहिता कांग्रेस में शामिल हो गई थी। अब रोहिता रेवड़ी भी कांग्रेस पार्टी की टिकट से पानीपत शहरी विधानसभा के लिए दावेदारी कर रही है। रोहिता रेवड़ी के साथ-साथ 9 अन्य भी टिकट की दावेदारी दिखा रहे हैं।
हरियाणा में मासिक बैठकों के लिए ग्रीवेंस कमेटियां बनीं:मुख्यमंत्री गुरुग्राम में समस्याएं सुनेंगे, अनिल विज को कैथल-सिरसा; खट्टर के गढ़ में गंगवा को जिम्मेदारी
हरियाणा में मासिक बैठकों के लिए ग्रीवेंस कमेटियां बनीं:मुख्यमंत्री गुरुग्राम में समस्याएं सुनेंगे, अनिल विज को कैथल-सिरसा; खट्टर के गढ़ में गंगवा को जिम्मेदारी हरियाणा के सभी 22 जिलों में मासिक बैठकों के लिए सरकार ने ग्रीवेंस कमेटियां बना दी हैं। सोमवार (4 नवंबर) को कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की तरफ से इसे लेकर आदेश जारी किए गए। मुख्यमंत्री नायब सैनी गुरुग्राम में शिकायतें सुनेंगे। इसके अलावा, परिवहन मंत्री अनिल विज को सिरसा और कैथल की जिम्मेदारी दी गई है। कृष्ण लाल पंवार हिसार और रोहतक में समस्याएं सुनेंगे। राव नरबीर नूंह और फरीदाबाद, महीपाल ढांडा भिवानी और जींद, विपुल गोयल रेवाड़ी और पंचकूला, अरविंद शर्मा महेंद्रगढ़, श्याम सिंह राणा चरखी दादरी और झज्जर, रणबीर गंगवा करनाल और अंबाला, श्रुति चौधरी फतेहाबाद, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव पलवल, राजेश नागर कुरूक्षेत्र और गौरव गौतम सोनीपत में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सरकार की तरफ से जारी आदेश… CM बनते ही नायब सैनी के 3 बड़े फैसले अस्पतालों में फ्री डायलिसिस सुविधा 18 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री का चार्ज संभालते ही नायब सैनी ने ऐलान किया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की फ्री डायलिसिस होगी। भविष्य में यह फ्री सुविधा मेडिकल कॉलेजों में भी उपलब्ध कराई जाएगी। SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू 18 अक्टूबर को पहली कैबिनेट मीटिंग में SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू किया गया। अभी SC के लिए 15 प्रतिशत और ST के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। इस 22.5% के आरक्षण में ही राज्य एससी व एसटी के उन कमजोर वर्गों का कोटा तय कर सकेंगे, जिनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। सभी निकायों में समाधान शिविर लगवाए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेश पर 22 अक्टूबर से सभी नगर निकायों में समाधान शिविर लगाए गए। ये शिविर एक महीने तक रोजाना लगेंगे। यहां अधिकारी फैमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी, सीवरेज समस्याएं, पानी और लाइट की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक अधिकारी दफ्तरों में आने वाले लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करते हैं।