हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में बीती रात हंगामा हो गया। यहां रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के अनुयायियों के बीच टकराव हो गया। बता दें कि यहां एक मंदिर और जमीन को लेकर राम कृष्ण मिशन आश्रम और ब्रह्म समाज के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। उधर, पुलिस ने पथराव में घायल हुए क्यूआरटी जवानों के बयान पर इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस आश्रम परिसर में पथराव करने वाले लोगों की पहचान कर रही है। देखिए विवाद से जुड़ी तस्वीरें… पुलिस के जवान लोगों को समझाते रहे
मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा एसडीएम शिमला और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं, ताकि दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद न पैदा हो। एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात की गई है। हंगामे पर रामकृष्ण मिशन पक्ष ने क्या कहा? रामकृष्ण मिशन पक्ष ने कहा- सम्मेलन कर रहे थे
रामकृष्ण मिशन आश्रम शिमला के सचिव स्वामी तनमहिमानंद ने कहा कि ब्रह्मो समाज ने वर्ष 2014 से मंदिर को धार्मिक कार्यों के लिए रामकृष्ण मिशन को दे रखा है और तब से यह प्रक्रिया चल रही है। मंदिर के माली विशाल शर्मा और कुछ यूनियन नेता कालीबाड़ी में सम्मेलन कर रहे थे। ब्रह्मो के नारे लगाने शुरू किए
आज जो हुआ वह यह है कि वह भक्त के रूप में आए और आरती में भाग लिया, जिसके बाद उन्होंने कहा कि स्वामी जी हम भक्त हैं, हमें प्रवचन दीजिए, जिस पर उनके सहयोगी ने प्रवचन दिया। जिसके बाद वह उसे कहने लगे कि 8:30 बज गए हैं, मंदिर बंद करने का समय हो गया है। इस पर उन्होंने जय ब्रह्मो के नारे लगाने शुरू कर दिए और कहा कि यह 138 साल से हमारा मंदिर है और आपने इस पर कब्जा कर रखा है। कोर्ट को ही फैसला करना चाहिए
इस तरह से उन्होंने मंदिर में हंगामा करना शुरू कर दिया। स्वामी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए कोर्ट को ही फैसला करना चाहिए। कोर्ट जो भी फैसला लेगा वह सभी को मंजूर होगा। ब्रह्म समाज पक्ष ने विवाद पर क्या कहा.. ब्रह्म समाज पक्ष ने कहा- छोटा सा विवाद
ब्रह्म समाज के ट्रस्टी एमआर सागरोली ने कहा कि यह छोटा सा विवाद है, यह कोई बड़ा विवाद नहीं है। अभी कालीबाड़ी हॉल में 2 दिन से ब्रह्म सम्मेलन चल रहा है और जो लोग पहले यहां आते थे, वे सभी यहां आए हैं, उनकी इस मंदिर में आस्था है और वे सुबह-शाम यहां पूजा-अर्चना के लिए आते रहते हैं। लेकिन यह पहली बार है कि मंदिर को कुछ अन्य लोगों ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया है। किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोक सकते
उन्होंने कहा कि इस पर कोर्ट में केस चल रहा है, उसमें स्टे मिल चुका है, वह अलग बात है। लेकिन किसी ने किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोका है। ऐसे में अगर अखिल भारतीय स्तर से यहां आए ब्रह्म समाज के लोग मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी इजाजत दी जानी चाहिए। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में बीती रात हंगामा हो गया। यहां रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के अनुयायियों के बीच टकराव हो गया। बता दें कि यहां एक मंदिर और जमीन को लेकर राम कृष्ण मिशन आश्रम और ब्रह्म समाज के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। उधर, पुलिस ने पथराव में घायल हुए क्यूआरटी जवानों के बयान पर इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस आश्रम परिसर में पथराव करने वाले लोगों की पहचान कर रही है। देखिए विवाद से जुड़ी तस्वीरें… पुलिस के जवान लोगों को समझाते रहे
मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा एसडीएम शिमला और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं, ताकि दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद न पैदा हो। एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात की गई है। हंगामे पर रामकृष्ण मिशन पक्ष ने क्या कहा? रामकृष्ण मिशन पक्ष ने कहा- सम्मेलन कर रहे थे
रामकृष्ण मिशन आश्रम शिमला के सचिव स्वामी तनमहिमानंद ने कहा कि ब्रह्मो समाज ने वर्ष 2014 से मंदिर को धार्मिक कार्यों के लिए रामकृष्ण मिशन को दे रखा है और तब से यह प्रक्रिया चल रही है। मंदिर के माली विशाल शर्मा और कुछ यूनियन नेता कालीबाड़ी में सम्मेलन कर रहे थे। ब्रह्मो के नारे लगाने शुरू किए
आज जो हुआ वह यह है कि वह भक्त के रूप में आए और आरती में भाग लिया, जिसके बाद उन्होंने कहा कि स्वामी जी हम भक्त हैं, हमें प्रवचन दीजिए, जिस पर उनके सहयोगी ने प्रवचन दिया। जिसके बाद वह उसे कहने लगे कि 8:30 बज गए हैं, मंदिर बंद करने का समय हो गया है। इस पर उन्होंने जय ब्रह्मो के नारे लगाने शुरू कर दिए और कहा कि यह 138 साल से हमारा मंदिर है और आपने इस पर कब्जा कर रखा है। कोर्ट को ही फैसला करना चाहिए
इस तरह से उन्होंने मंदिर में हंगामा करना शुरू कर दिया। स्वामी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए कोर्ट को ही फैसला करना चाहिए। कोर्ट जो भी फैसला लेगा वह सभी को मंजूर होगा। ब्रह्म समाज पक्ष ने विवाद पर क्या कहा.. ब्रह्म समाज पक्ष ने कहा- छोटा सा विवाद
ब्रह्म समाज के ट्रस्टी एमआर सागरोली ने कहा कि यह छोटा सा विवाद है, यह कोई बड़ा विवाद नहीं है। अभी कालीबाड़ी हॉल में 2 दिन से ब्रह्म सम्मेलन चल रहा है और जो लोग पहले यहां आते थे, वे सभी यहां आए हैं, उनकी इस मंदिर में आस्था है और वे सुबह-शाम यहां पूजा-अर्चना के लिए आते रहते हैं। लेकिन यह पहली बार है कि मंदिर को कुछ अन्य लोगों ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया है। किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोक सकते
उन्होंने कहा कि इस पर कोर्ट में केस चल रहा है, उसमें स्टे मिल चुका है, वह अलग बात है। लेकिन किसी ने किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोका है। ऐसे में अगर अखिल भारतीय स्तर से यहां आए ब्रह्म समाज के लोग मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी इजाजत दी जानी चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर