अयोध्या में फिर धूम है, क्योंकि प्रभु श्रीराम के तिलकोत्सव की तैयारी हो रही है। 300 से ज्यादा जनकपुरवासी तिलक लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं। शुभ तिलकोत्सव रामसेवकपुरम में चढ़ेगा। सीता जी की सखियां, जिन्हें ‘तिलकहरू’ कहा जाता है, अयोध्या में प्रभु राम के तिलक के लिए विशेष नेग लेकर पहुंचेंगी। परिसर में मंच तैयार किया जा रहा है। इस पर राम के स्वरूप में सज्जित 18 साल के युवक को सिंहासन पर विराजित किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद विवाह की तैयारी पहली बार
22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद यह पहला मौका है, जब प्रभु राम के विवाह के उत्सव शुरू होने जा रहे हैं। पहले भी आयोजन हुए हैं, मगर तक राम मंदिर बनकर नहीं तैयार हुआ था। राम के विग्रह को ही पूजा जाता था। इस बार प्रभु राम के प्रतिमा के सामने जनकपुरी के लोग तिलक के लिए लाए गिफ्त समर्पित करेंगे। अयोध्या के रामसेवकपुरम में मंच को सजाने का काम आखिरी पड़ाव पर है। इसकी व्यवस्था देख रहे विहिप के राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा- तिलकहरुओं में कुछ का 16 नवंबर से ही आगमन शुरू हो गया है। उनके सम्मान और ठहराने के लिए कारसेवकपुरम, अभयदाता हनुमान आश्रम, विवेक सृष्टि, माता सरस्वती देवी मंदिर, तीर्थ क्षेत्र भवन में व्यवस्था की गईं है। श्री रामजी का तिलक सीताजी के छोटे भाई की भूमिका में आए जानकी मंदिर जनकपुर के छोटे महंत रामरोशन दास चढ़ाएंगे। तिलक चढ़ाने के लिए 100 वाहनों से करीब 300 तिलकहरु 501 प्रकार का नेग लेकर पहुंच रहे हैं। वेदज्ञ आचार्यों के मंत्रोच्चार के बीच तिलक चढ़ाया जाएगा। साथ ही अयोध्या की महिलाओं की टोली तिलक पर अवध क्षेत्र में गाए जाने वाले परंपरागत लोकगीतों का मंगलगान करेंगी। इस पल के साक्षी बनने के लिए नेपाल के जनकपुर मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह अपने मंत्रियों के साथ मौजूद रहेंगे। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में जनकपुर के मेयर मनोज कुमार शाह नेपाल के अन्य तीन मेयर के साथ मौजूद रहेंगे। 5 तरह के बर्तन के साथ आएंगे तिलकहरू
जनकपुर के तिलकहरू अपने साथ कांसे के थाल, दो कटोरी, गिलास, चम्मच आदि 5 परम्परागत बर्तन लाएंगे। इसके अलावा पीली धोती, गमछा, करधनी (डाड़ा), हल्दी गांठ, चंदन गांठ (मुट्ठा), धान, पीले चावल, दूर्वा (दूब घास), पान, इलायची, सुपारी (पुंगी फल), यज्ञोपवीत (जनेऊ), चांदी के सिक्के भेंट स्वरूप लाएंगे। विहिप के राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा- तिलकहरुओं के स्वागत भोजन में आलू टिक्की, पापड़ी चाट, छोला, चावल, पूड़ी, मिक्स सब्जी, रायता, पापड़, हलवा का इंतजाम किया गया है। रामलला के दर्शन भी करेंगे तिलकहरू
जनकपुर से आने वाले तिलकहरू श्रीरामलला के दरबार में भी हाजिरी लगाएंगे। रामलला के लिए नेग यानी उपहार लेकर आ रहे तिलकहरू सबसे पहले नेग को रामलला के चरणों में समर्पित करेंगे। रामसेवकपुरम से गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते जनकपुरवासी रामलला के दरबार पहुंचेंगे और दर्शन-पूजन करेंगे। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर में जनकपुर से आए मेहमानों का अभिनंदन भी किया जाएगा। रामसेवकपुरम में तिलकोत्सव में रामनगरी के प्रमुख संत-धर्माचार्यों को भी आमंत्रित किया गया है। अयोध्या में तिलकोत्सव में भाग लेने वाले सभी लोगों को अंगवस्त्र, फूल माला से स्वागत किया जाना है। रास्ते में बड़ी संख्या में लोग पुष्प, अक्षत से तिलकहरूओं का स्वागत कर रहे हैं। —- अयोध्या में मनाया गया तुलसी विवाहोत्सव, भगवान की बैंड-बाजे के साथ निकली बारात, वैदिक रीति से भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का का हुआ विवाह अयोध्या में देव उठनी एकादशी के पर्व पर मंगलवार देर शाम भगवान शालिग्राम व देवी तुलसी का विवाहोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। रामकोट स्थित लवकुश मंदिर एवं रामलला देवस्थानम से भगवान की बारात बैंड-बाजा व रोड लाइट के साथ देर शाम निकाली गई। पढ़िए पूरी खबर… अयोध्या में फिर धूम है, क्योंकि प्रभु श्रीराम के तिलकोत्सव की तैयारी हो रही है। 300 से ज्यादा जनकपुरवासी तिलक लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं। शुभ तिलकोत्सव रामसेवकपुरम में चढ़ेगा। सीता जी की सखियां, जिन्हें ‘तिलकहरू’ कहा जाता है, अयोध्या में प्रभु राम के तिलक के लिए विशेष नेग लेकर पहुंचेंगी। परिसर में मंच तैयार किया जा रहा है। इस पर राम के स्वरूप में सज्जित 18 साल के युवक को सिंहासन पर विराजित किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद विवाह की तैयारी पहली बार
22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद यह पहला मौका है, जब प्रभु राम के विवाह के उत्सव शुरू होने जा रहे हैं। पहले भी आयोजन हुए हैं, मगर तक राम मंदिर बनकर नहीं तैयार हुआ था। राम के विग्रह को ही पूजा जाता था। इस बार प्रभु राम के प्रतिमा के सामने जनकपुरी के लोग तिलक के लिए लाए गिफ्त समर्पित करेंगे। अयोध्या के रामसेवकपुरम में मंच को सजाने का काम आखिरी पड़ाव पर है। इसकी व्यवस्था देख रहे विहिप के राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा- तिलकहरुओं में कुछ का 16 नवंबर से ही आगमन शुरू हो गया है। उनके सम्मान और ठहराने के लिए कारसेवकपुरम, अभयदाता हनुमान आश्रम, विवेक सृष्टि, माता सरस्वती देवी मंदिर, तीर्थ क्षेत्र भवन में व्यवस्था की गईं है। श्री रामजी का तिलक सीताजी के छोटे भाई की भूमिका में आए जानकी मंदिर जनकपुर के छोटे महंत रामरोशन दास चढ़ाएंगे। तिलक चढ़ाने के लिए 100 वाहनों से करीब 300 तिलकहरु 501 प्रकार का नेग लेकर पहुंच रहे हैं। वेदज्ञ आचार्यों के मंत्रोच्चार के बीच तिलक चढ़ाया जाएगा। साथ ही अयोध्या की महिलाओं की टोली तिलक पर अवध क्षेत्र में गाए जाने वाले परंपरागत लोकगीतों का मंगलगान करेंगी। इस पल के साक्षी बनने के लिए नेपाल के जनकपुर मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह अपने मंत्रियों के साथ मौजूद रहेंगे। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में जनकपुर के मेयर मनोज कुमार शाह नेपाल के अन्य तीन मेयर के साथ मौजूद रहेंगे। 5 तरह के बर्तन के साथ आएंगे तिलकहरू
जनकपुर के तिलकहरू अपने साथ कांसे के थाल, दो कटोरी, गिलास, चम्मच आदि 5 परम्परागत बर्तन लाएंगे। इसके अलावा पीली धोती, गमछा, करधनी (डाड़ा), हल्दी गांठ, चंदन गांठ (मुट्ठा), धान, पीले चावल, दूर्वा (दूब घास), पान, इलायची, सुपारी (पुंगी फल), यज्ञोपवीत (जनेऊ), चांदी के सिक्के भेंट स्वरूप लाएंगे। विहिप के राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा- तिलकहरुओं के स्वागत भोजन में आलू टिक्की, पापड़ी चाट, छोला, चावल, पूड़ी, मिक्स सब्जी, रायता, पापड़, हलवा का इंतजाम किया गया है। रामलला के दर्शन भी करेंगे तिलकहरू
जनकपुर से आने वाले तिलकहरू श्रीरामलला के दरबार में भी हाजिरी लगाएंगे। रामलला के लिए नेग यानी उपहार लेकर आ रहे तिलकहरू सबसे पहले नेग को रामलला के चरणों में समर्पित करेंगे। रामसेवकपुरम से गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते जनकपुरवासी रामलला के दरबार पहुंचेंगे और दर्शन-पूजन करेंगे। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर में जनकपुर से आए मेहमानों का अभिनंदन भी किया जाएगा। रामसेवकपुरम में तिलकोत्सव में रामनगरी के प्रमुख संत-धर्माचार्यों को भी आमंत्रित किया गया है। अयोध्या में तिलकोत्सव में भाग लेने वाले सभी लोगों को अंगवस्त्र, फूल माला से स्वागत किया जाना है। रास्ते में बड़ी संख्या में लोग पुष्प, अक्षत से तिलकहरूओं का स्वागत कर रहे हैं। —- अयोध्या में मनाया गया तुलसी विवाहोत्सव, भगवान की बैंड-बाजे के साथ निकली बारात, वैदिक रीति से भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का का हुआ विवाह अयोध्या में देव उठनी एकादशी के पर्व पर मंगलवार देर शाम भगवान शालिग्राम व देवी तुलसी का विवाहोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। रामकोट स्थित लवकुश मंदिर एवं रामलला देवस्थानम से भगवान की बारात बैंड-बाजा व रोड लाइट के साथ देर शाम निकाली गई। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर