चरखी दादरी के जनता कॉलेज में सोमवार को जिला स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें सांसद धर्मबीर सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। सांसद ने कहा कि युवा महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य प्रदेश की लोक संस्कृति की विरासत को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से युवाओं में आपसी तालमेल को बढावा मिलता है। हमारा देश युवाओं का देश है और युवाओं को मजबूत बनाकर ही देश को हर प्रकार से मजबूत बनाया जा सकता है। मजबूत इंफ्रास्ट्रचर से होगा शहर का विकास- सांसद सांसद ने कहा कि दादरी नया जिला है और जिले के मजबूत इंफ्रास्ट्रचर के लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं। क्योंकि मजबूत इंफ्रास्ट्रचर और सड़क तंत्र से ही किसी शहर का विकास संभव है। केन्द्र सरकार की ओर से आने वाली कई विकास परियोजनाओं को उन्होंने मंजूरी दिलवाई है। झज्जर-बिलावल फोरलेन पर जल्द शुरू होगा काम- सांसद उन्होंने कहा कि झझर से दादरी नया बाइपास होते हुए बिलावल तक बनने वाले फोरलेन को मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इस पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। सांसद ने कहा कि बिलावल से झज्जर फोरलेन बनने के बाद दादरी से झज्जर का सफर चंद मिनट में तय किया जा सकेगा। चरखी दादरी के जनता कॉलेज में सोमवार को जिला स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें सांसद धर्मबीर सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। सांसद ने कहा कि युवा महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य प्रदेश की लोक संस्कृति की विरासत को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से युवाओं में आपसी तालमेल को बढावा मिलता है। हमारा देश युवाओं का देश है और युवाओं को मजबूत बनाकर ही देश को हर प्रकार से मजबूत बनाया जा सकता है। मजबूत इंफ्रास्ट्रचर से होगा शहर का विकास- सांसद सांसद ने कहा कि दादरी नया जिला है और जिले के मजबूत इंफ्रास्ट्रचर के लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं। क्योंकि मजबूत इंफ्रास्ट्रचर और सड़क तंत्र से ही किसी शहर का विकास संभव है। केन्द्र सरकार की ओर से आने वाली कई विकास परियोजनाओं को उन्होंने मंजूरी दिलवाई है। झज्जर-बिलावल फोरलेन पर जल्द शुरू होगा काम- सांसद उन्होंने कहा कि झझर से दादरी नया बाइपास होते हुए बिलावल तक बनने वाले फोरलेन को मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इस पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। सांसद ने कहा कि बिलावल से झज्जर फोरलेन बनने के बाद दादरी से झज्जर का सफर चंद मिनट में तय किया जा सकेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे
हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे हरियाणा में डेरामुखी की मौत पर विवाद अब भी बरकरार है। सिरसा के कालांवाली के गांव जगमालवाली में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का 1 अगस्त शुक्रवार को निधन हो गया था। इसके बाद से गद्दी को लेकर दो पक्ष आमने सामने हैं। इसमें एक पक्ष महात्मा बिरेंद्र सिंह और उनसे जुड़े लोगों का है जो लगातार वसीयत के आधार पर गद्दी पर दावा ठोक रहे हैं तो वही दूसरे पक्ष में वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और उनसे जुड़े लोग हैं जो डेरा प्रमुख की वसीयत और मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। अब डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें डेरा प्रमुख की मौत को संदिग्ध बताया है। अमर सिंह ने वीडियो में कहा है कि” डेरा प्रमुख वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। मगर जानबूझकर गद्दी हथियाने के चक्कर में मौत को छिपाया गया और 1 अगस्त को मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना बनाई गई। अमर सिंह ने आरोप लगाया कि बिरेंद्र सिंह और उसके साथियों ने मिलकर यह किया। 21 जुलाई को मौत के बाद भी डेरे और साध संगत को गुमराह किया गया कि महाराज जी की हालत स्थिर बनी हुई है”। हाईकोर्ट जाएगा दूसरा पक्ष
इस मामले में दूसरा पक्ष में शामिल भतीजे अमर सिंह और उनसे जुड़े लोग हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कागजात जुटाए जा रहे हैं। अमर सिंह ने दावा किया है कि उनके पास सारे सबूत हैं जिनके आधार पर सिद्ध होता है कि महाराज जी की मौत 11 दिन पहले 21 जुलाई को हो गई थी, मगर महाराज जी को लेकर जाने वाले 15 से 20 लोगों ने अपने आप बंदरबाट कर सारा खेल रचा। अमर सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दे दी है। नए कानून के हिसाब से पुलिस 15 दिन जांच करेगी इसके बाद केस दर्ज करेगी। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। गद्दी को लेकर 2 पक्षों में चली थी गोलियां
हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का शुक्रवार दोपहर समाधि दी गई। डेरा प्रमुख का पार्थिव शरीर मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में दफनाया गया। डेरा प्रमुख का निधन एक दिन पहले (1 अगस्त) हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गोलियां भी चली थीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। शुक्रवार को सूफी गायक महात्मा बिरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का अगला प्रमुख घोषित किया। हालांकि, दूसरा पक्ष बिरेंद्र सिंह को मुखी मानने को तैयार नहीं है। बता दें कि डेरे से करीब 5 लाख संगत देशभर से जुड़ी है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में डेरा के ज्यादा अनुयायी हैं। महात्मा बिरेंद्र सिंह के समर्थक शमशेर लहरी बोले- वसीयत असली
वहीं शुक्रवार को ही डेरे के सेवक शमशेर लहरी ने वीडियो जारी कर कहा था कि काफी लंबे समय से डेरा जगमालवाली से जुड़ा हुआ हूं। हमारे पूजनीय बाबा जी शरीर रूप से हमें छोड़कर चले गए। जैसे ही कल महाराज जी ने चोला छोड़ा, अस्पताल से छूट्टी मिली तो महात्मा बिरेंद्र सिंह जी और साथी उनके शरीर को लेकर डेरा जगमालवाली पहुंचे। वहां कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें वहां से निकाला। महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले अपनी वसीयत महात्मा बिरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव और उन्हें संगत की सेवा करने का हुकुम दिया। इसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई है, जो संगत में पहुंच गई। कुछ सिक्योरिटी कारणों के कारण पुलिस प्रशासन ने महात्मा बिरेंद्र सिंह को अपनी देखरेख में रखा हुआ है। सारी संगत जो महाराज जी के हुकुम को मानते हैं, उनके मैसेज आ रहे हैं, जो महात्मा बिरेंद्र सिंह के दर्शन करने के अभिलाषी हैं। जल्द ही महात्मा बिरेंद्र सिंह संगत में आएंगे। हमें जो महाराज जी ने हुकुम दिया है, उसकी पालना करनी है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।
पानीपत में दुकानदार ने किया सुसाइड:मोबाइल शॉप पर पर्स-मोबाइल रख हुआ था लापता; रेलवे ट्रैक पर सिर रख धड़ से किया अलग
पानीपत में दुकानदार ने किया सुसाइड:मोबाइल शॉप पर पर्स-मोबाइल रख हुआ था लापता; रेलवे ट्रैक पर सिर रख धड़ से किया अलग हरियाणा के पानीपत शहर में एक दुकानदार ने संदिग्ध परिस्थितियों में सुसाइड कर लिया। दुकानदार दिनभर से गायब था। जिसे परिजन तलाश रहे थे। शाम को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उसकी फोटो देखकर परिजनों को उसकी ट्रेन से कटकर मौत होने का पता लगा। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। उधर, मामले की सूचना मिलने पर जीआरपी भी मौके पर पहुंची। मौके से शव के दोनों टुकड़े उठा कर सिविल अस्पताल भिजवाए गए। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया। गुरुवार को शव का पोस्टमॉर्टम होगा। आखिरी दो डिब्बों के नीचे दी जान मिली जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान कर्मबीर (35) के रूप में हुई है। मृतक शहर की परशुराम कॉलोनी का रहने वाला है। वह बीते कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। बुधवार की करीब सुबह 10 बजे वह घर से दुकान के लिए निकला था। दुकान पर 11 बजे वह अपना पर्स और मोबाइल फोन रखकर संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसे परिजन लगातार तलाश कर रहे थे। लेकिन वह नहीं मिला था। शाम बाद वॉट्सएप पर उसके शव की फोटो देखकर परिजनों को उसकी मौत का पता लगा। वहीं, घटना स्थल रेलवे ट्रैक के पास मौजूद लोगों ने बताया कि युवक काफी देर से रेलवे ट्रैक के आस-पास घूमता रहा। वह बहुत परेशान लग रहा था। इसी दौरान एक मालगाड़ी आई। गाड़ी पूरी निकलने ही वाली थी और उसके सिर्फ दो डिब्बे उसके पास से गुजरने बाकी थे। इसी बीच उसने रेलवे ट्रैक पर सिर पर रख दिया। जिससे उसका सिर, धड़ से अलग हो गया और उसकी मौत हो गई।
नूंह में 2 बंदियों की संदिग्ध हालात में मौत:जेल प्रशासन बोला- दोनों ने आत्महत्या की; परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप
नूंह में 2 बंदियों की संदिग्ध हालात में मौत:जेल प्रशासन बोला- दोनों ने आत्महत्या की; परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप हरियाणा के नूंह की जेल में बंद 2 कैदियों ने संदिग्ध हालात में मंगलवार को आत्महत्या कर ली। वहीं मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी नूंह में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। दोनों की मौत को लेकर परिजनों में रोष है। जानकारी के अनुसार कैदी वकील (23) पुत्र राजपाल गांव रणसीका 30 जून से नूंह की जेल में बंद था। वकील पर नाबाबिग से रेप केस में पॉक्सो एक्ट की धाराओं में पिनगवां थाने में मामला दर्ज किया गया था। जबकि दूसरे कैदी का नाम नारायण (22) पुत्र सुमोता गांव खलीलपुर तिजारा बताया जा रहा है। उसके परिजन अभी नहीं पहुंचे हैं। जेल प्रशासन ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए नूंह सीएचसी में रखवा दिया है। नूंह जेल में कैदियों द्वारा आत्महत्या करने का यह पहला मामला आया है। हालांकि इससे पहले जेल प्रशासन पर कैदियों के साथ मारपीट करने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं फिलहाल मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही होगा। परिजनों ने इस मामले को लेकर थाने पंचायत की। आरोप लगाया कि उनकी जेल में हत्या की गई है। फोटो: जिला कारागार नूंह। फोटो: