पंजाब में जगराओं की महिला विधायक सरबजीत कौर मानूके ने मंगलवार देर शाम को नगर कौसिल के कार्यसाधक अधिकारी सुखदेव रंधावा के साथ प्रेसवार्ता कर दावा किया है कि शहर में विकास कार्य बंद होने के कारण हालत बद से बदतर हो गए हैं। उन्होंने शहर के बदतर हालातों के लिए नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राणा को जिम्मेदार ठहराया है, कहा कि शहर में डाले गए करोडों रुपए के 73 विकास कार्यों को लेकर खुद प्रधान जतिंदरपाल राणा व 49 कामों के लिए प्रधान के साथी रमेश सहोता हाईकोर्ट में गए हैं। जिसके बाद से ही शहर के विकास कार्यों में रोक लगी है। विधायक ने कहा कि यदि प्रधान राणा और उनके साथी पार्षद हाईकार्ट से अपनी रिट वापस लेते हैं, तो सुबह ही शहर में बडे स्तर पर विकास कार्य शुरु होंगे पैसे मांगने पर जनता उनसे करे शिकायत – विधायक विधायक सरबजीत कौर ने शहरवासियों से अपील की कि अगर कोई कौंसिल में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उनके नाम पर पैसे मांगता है तो लोग सीधा उनसे संपर्क कर सकते है। उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि नगर कौंसिल प्रधान के आदेशों पर ही दीपावली से पहले शहर में कौंसिल अधिकारी ने कर्मचारियों संग रिश्वतखोरी की, जिसके बाद उनका नाम लगा दिया गया। विधायक का दावा है कि वह पंजाब सरकार में शहर के विकास के लिए करोडों रुपए के प्रोजैक्ट लेकर आई हैं, जिनमें 22 करोड़ की लागत वाले अखाडा नहर पर लगने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और 13 करोड रुपए से पाइप डालकर पानी की सप्लाई सहित अन्य प्रोजैक्ट शामिल हैं। पंरतु किसी भी प्रोजैक्ट को शुरू ही होने नही दिया जाता। उन्होंने कहा कि वह स्पेशल पॉवर लेकर शहर के विकास कार्यों को शुरू कराएंगी, जिसके लिए उनकी चीफ सेक्रेटरी और नगर निकाय मंत्री से बात हो चकी है। विधायक के आरोपों का नगर कौंसिल प्रधान ने दिया जवाब विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राणा ने कहा कि कि स्पेशल पॉवर लाने से शहर का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह सारा खेल पैसे के लिए खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक की मेहरबानी से ए क्लास कैटेगरी कौंसिल में जेई की दोनों पोस्ट,सेनेटरी इंस्पेक्टर की दोनों पोस्ट, एएमई की पोस्ट और एमई की पोस्ट खाली पड़ी हैं, जिस पर जानबूझ कर विधायक किसी भी अधिकारी की तैनाती नहीं होनें देती। प्रधान का दावा है कि कौसिल में केवल कार्यसाधक अधिकारी की आते हैं और वो भी अकेले नक्शे पास करने के लिए। राणा ने कहा कि जब विधायक की और से कोठी पर कब्जा किए जाने की चर्चा सामने आई तो उस कोठी के इर्द गिर्द रातों रात दो सड़कें बनाने के लिए क्या उनकी इज्जाजत ली गई थी। प्रधान नें कहा कि वो कौंसिल में झूठ और हेराफेरी नहीं होनें देंगे। यदि कोई उनके ऊपर बेईमानी साबित कर दे तो वो खुद इस्तीफा दे देंगे। पंजाब में जगराओं की महिला विधायक सरबजीत कौर मानूके ने मंगलवार देर शाम को नगर कौसिल के कार्यसाधक अधिकारी सुखदेव रंधावा के साथ प्रेसवार्ता कर दावा किया है कि शहर में विकास कार्य बंद होने के कारण हालत बद से बदतर हो गए हैं। उन्होंने शहर के बदतर हालातों के लिए नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राणा को जिम्मेदार ठहराया है, कहा कि शहर में डाले गए करोडों रुपए के 73 विकास कार्यों को लेकर खुद प्रधान जतिंदरपाल राणा व 49 कामों के लिए प्रधान के साथी रमेश सहोता हाईकोर्ट में गए हैं। जिसके बाद से ही शहर के विकास कार्यों में रोक लगी है। विधायक ने कहा कि यदि प्रधान राणा और उनके साथी पार्षद हाईकार्ट से अपनी रिट वापस लेते हैं, तो सुबह ही शहर में बडे स्तर पर विकास कार्य शुरु होंगे पैसे मांगने पर जनता उनसे करे शिकायत – विधायक विधायक सरबजीत कौर ने शहरवासियों से अपील की कि अगर कोई कौंसिल में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उनके नाम पर पैसे मांगता है तो लोग सीधा उनसे संपर्क कर सकते है। उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि नगर कौंसिल प्रधान के आदेशों पर ही दीपावली से पहले शहर में कौंसिल अधिकारी ने कर्मचारियों संग रिश्वतखोरी की, जिसके बाद उनका नाम लगा दिया गया। विधायक का दावा है कि वह पंजाब सरकार में शहर के विकास के लिए करोडों रुपए के प्रोजैक्ट लेकर आई हैं, जिनमें 22 करोड़ की लागत वाले अखाडा नहर पर लगने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और 13 करोड रुपए से पाइप डालकर पानी की सप्लाई सहित अन्य प्रोजैक्ट शामिल हैं। पंरतु किसी भी प्रोजैक्ट को शुरू ही होने नही दिया जाता। उन्होंने कहा कि वह स्पेशल पॉवर लेकर शहर के विकास कार्यों को शुरू कराएंगी, जिसके लिए उनकी चीफ सेक्रेटरी और नगर निकाय मंत्री से बात हो चकी है। विधायक के आरोपों का नगर कौंसिल प्रधान ने दिया जवाब विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राणा ने कहा कि कि स्पेशल पॉवर लाने से शहर का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह सारा खेल पैसे के लिए खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक की मेहरबानी से ए क्लास कैटेगरी कौंसिल में जेई की दोनों पोस्ट,सेनेटरी इंस्पेक्टर की दोनों पोस्ट, एएमई की पोस्ट और एमई की पोस्ट खाली पड़ी हैं, जिस पर जानबूझ कर विधायक किसी भी अधिकारी की तैनाती नहीं होनें देती। प्रधान का दावा है कि कौसिल में केवल कार्यसाधक अधिकारी की आते हैं और वो भी अकेले नक्शे पास करने के लिए। राणा ने कहा कि जब विधायक की और से कोठी पर कब्जा किए जाने की चर्चा सामने आई तो उस कोठी के इर्द गिर्द रातों रात दो सड़कें बनाने के लिए क्या उनकी इज्जाजत ली गई थी। प्रधान नें कहा कि वो कौंसिल में झूठ और हेराफेरी नहीं होनें देंगे। यदि कोई उनके ऊपर बेईमानी साबित कर दे तो वो खुद इस्तीफा दे देंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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