अंबाला में पंजाब से गोवंशों को वध के लिए लेकर जा रहे 2 तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों तस्करों ने कैंटर में 10 गायों को ठूस-ठूस के भरा हुआ था। हरियाणा और पंजाब के गो रक्षा दल के सदस्यों द्वारा कैंटर पकड़े जाने के बाद पुलिस ने भी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सभी गोवंशों को मुक्त कराया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। गौ रक्षा दल को मिली थी सूचना अंबाला कैंट के रणजीत नगर निवासी जतिंद्र गोस्वामी ने बताया कि वह गौ रक्षा दल हरियाणा का महासचिव है। सोमवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि एक कैंटर (KA40B4638) जिसमें गोवंशों को पंजाब से भरकर गोकाशी के लिए लेकर जा रहे हैं। सूचना के आधार पर वह सद्दोपुर बॉर्डर पर पहुंचा। यहां उसे उसका दोस्त मनोज शर्मा मिला। उन्होंने डायल-112 पर कॉल करके इसके बारे में पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पकड़ा कैंटर शिकायतकर्ता के मुताबिक, कुछ समय बाद एक कैंटर आता हुआ दिखाई दिया। सूचना के आधार पर उन्होंने कैंटर को रोकने के लिए इशारा किया। लेकिन तस्कर भागने की कोशिश करने लगे। उन्होंने कैंटर का पीछा किया और कड़ी मशक्कत के बाद कैंटर को पकड़ा। जांच करने पर देखा तो कैंटर एक तिरपाल से पुरी तरह से बंद था। तिरपाल को खोलकर देखा तो कैंटर में 10 गाय को ठूस-ठूस कर मुंह बांधकर भरा हुआ था। गोकशी के लिए लेकर जा रहे थे गोवंश तस्कर गाय को गोकशी के लिए उत्तर प्रदेश की तरफ लेकर जा रहे थे। पूछताछ में कैंटर चालक ने अपनी पहचान बेंगलुरु निवासी सादीक पाशा और दूसरे ने अपनी पहचान गांव शिडलगहा जिला सिवलापुर निवासी मजनत अजार्य के रूप में बताई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों आरोपियों को काबू किया और गोवंश को मुक्त कराया। बलदेव नगर थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 10(2) हरियाणा गो संरक्षण अधिनियम और 11 पशु क्रुरता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। अंबाला में पंजाब से गोवंशों को वध के लिए लेकर जा रहे 2 तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों तस्करों ने कैंटर में 10 गायों को ठूस-ठूस के भरा हुआ था। हरियाणा और पंजाब के गो रक्षा दल के सदस्यों द्वारा कैंटर पकड़े जाने के बाद पुलिस ने भी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सभी गोवंशों को मुक्त कराया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। गौ रक्षा दल को मिली थी सूचना अंबाला कैंट के रणजीत नगर निवासी जतिंद्र गोस्वामी ने बताया कि वह गौ रक्षा दल हरियाणा का महासचिव है। सोमवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि एक कैंटर (KA40B4638) जिसमें गोवंशों को पंजाब से भरकर गोकाशी के लिए लेकर जा रहे हैं। सूचना के आधार पर वह सद्दोपुर बॉर्डर पर पहुंचा। यहां उसे उसका दोस्त मनोज शर्मा मिला। उन्होंने डायल-112 पर कॉल करके इसके बारे में पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पकड़ा कैंटर शिकायतकर्ता के मुताबिक, कुछ समय बाद एक कैंटर आता हुआ दिखाई दिया। सूचना के आधार पर उन्होंने कैंटर को रोकने के लिए इशारा किया। लेकिन तस्कर भागने की कोशिश करने लगे। उन्होंने कैंटर का पीछा किया और कड़ी मशक्कत के बाद कैंटर को पकड़ा। जांच करने पर देखा तो कैंटर एक तिरपाल से पुरी तरह से बंद था। तिरपाल को खोलकर देखा तो कैंटर में 10 गाय को ठूस-ठूस कर मुंह बांधकर भरा हुआ था। गोकशी के लिए लेकर जा रहे थे गोवंश तस्कर गाय को गोकशी के लिए उत्तर प्रदेश की तरफ लेकर जा रहे थे। पूछताछ में कैंटर चालक ने अपनी पहचान बेंगलुरु निवासी सादीक पाशा और दूसरे ने अपनी पहचान गांव शिडलगहा जिला सिवलापुर निवासी मजनत अजार्य के रूप में बताई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों आरोपियों को काबू किया और गोवंश को मुक्त कराया। बलदेव नगर थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 10(2) हरियाणा गो संरक्षण अधिनियम और 11 पशु क्रुरता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जींद में चाचा ने भतीजी से किया रेप:गर्भवती हुई तो सामने आया मामला; पेट में दर्द हुआ तो डॉक्टर को दिखाने गई मां जींद जिले में सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। रिश्ते में चाचा लगने वाले एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग भतीजी के साथ रेप किया। नाबालिग गर्भवती हुई तो मामले का खुलासा हुआ। महिला थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रेप, यौन शोषण, पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में एक महिला ने बताया कि उसकी 12 वर्षीय बेटी सातवीं कक्षा में पढ़ती है। बेटी के पेट में दर्द हुआ तो पता चला बेटी के पेट में दर्द हुआ तो चिकित्सक के पास लेकर गए। यहां पता चला कि वो गर्भवती है। बेटी से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि चार-पांच माह पहले उसका चाचा मंगल उसे धमकी देकर घर में ले गया और उसके साथ जबरदस्ती रेप किया। घटना के बारे में बताने पर दी धमकी घटना के बारे में किसी को बताने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद धमकी देकर आरोपी ने उसके साथ कई बार रेप किया। महिला थाना पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर आरोपी मंगल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में आचार संहिता लागू:भर्तियों का क्या होगा, क्या मंत्री सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए
हरियाणा में आचार संहिता लागू:भर्तियों का क्या होगा, क्या मंत्री सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। मुख्य सचिव ने इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी गई है। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है। हरियाणा में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस चुनाव में 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। 2019 में 21 सितंबर को आचार संहिता लागू हुई थी। पिछली बार 2019 में 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। इस हिसाब से 2019 में उम्मीदवारों को प्रचार के लिए एक महीना मिला था, लेकिन इस बार अगस्त में आचार संहिता लगी है और अक्टूबर में वोटिंग होने के कारण डेढ़ महीने का समय मिल रहा है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- हरियाणा में सरकारी भर्तियां क्या होती रहेंगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?। सबसे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जानिए… आचार संहिता से जुड़े 11 सवाल और उनके जवाब… सवाल 1 : आज से राज्य में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?
जवाब : स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है। सवाल 2: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी?
जवाब : चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान 16 अगस्त को किया गया। इसी दिन से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है। सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाब : आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है… सवाल 4: हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और अन्य स्कीम और कामों का क्या होगा, जिसकी घोषणा सरकार कर चुकी है?
जवाब : हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने 50 हजार भर्तियों का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है। इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं। अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है। सवाल 5: आचार संहिता लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और कास्ट सर्टिफिकेट बनाना संभव है या नहीं?
जवाब : हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। पहले चल रहे विकास कार्यों को भी बंद नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाए जाते रहेंगे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं लगती है। सवाल 6: आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क बनाने या ठीक करवाने की इजाजत होती है या नहीं?
जवाब : चुनाव आयोग के मुताबिक विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आचार संहिता लागू होने के बाद कोई आर्थिक सहायता या उससे संबंधित कोई वादा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता की वजह से बाधित नहीं होगा। सवाल 7: आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होती है?
जवाब : आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी हो गया हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं। सवाल 9: क्या आचार संहिता लागू होने पर कोई मंत्री सरकारी खर्चे पर इलेक्शन रैली कर सकते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च पर मंत्री इलेक्शन रैली नहीं कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री सरकारी वाहनों का इस्तेमाल भी सिर्फ अपने निवास से ऑफिस तक जाने के लिए कर सकते हैं। चुनावी रैलियों और यात्राओं के लिए इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता। सवाल 10: क्या आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार कर सकते हैं?
जवाब : नहीं, आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सवाल 11 : क्या शराब के ठेकों, तेंदू की पत्तियों के टेंडर की नीलामी की जा सकती है?
जवाब : नहीं, इस तरह के किसी टेंडर की नीलामी नहीं की जा सकती है। सरकार जरूरी होने पर आचार संहिता से पहले ही कोई तत्कालीन व्यवस्था कर सकती है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पंचायत, नगर क्षेत्र समिति राजस्व संग्रहण का काम जारी रख सकती है।