अंबाला शहर विधायक निर्मल सिंह ने मेयर से अंबाला की झीलों और पार्कों में हो रहे पुनर्निर्माण कार्य को रुकवाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर शिकायत के बाद इनमें काम करवाया जाए तो अनियमितताओं पर पर्दा डाला जा सकता है। दरअसल अंबाला शहर विधायक निर्मल सिंह ने शहर के भगवान नौरंग राय पवित्र सरोवर और श्री महावीर पार्क में अब तक हुए निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और निर्माण मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने अब इस मामले में हरियाणा एसआईबी को पत्र लिखकर इसकी जांच करने को कहा है। अब उन्होंने इन दोनों जगहों पर हो रहे काम को रुकवाने के लिए मेयर को पत्र लिखा है। बजट रोकने की मांग शहर विधायक निर्मल सिंह ने मेयर शैलजा सचदेवा को पत्र लिखकर मांग की है कि जब तक हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भगवान नौरंग राय पवित्र सरोवर और श्री महावीर पार्क की जांच पूरी नहीं कर लेता, तब तक इसके निर्माण के लिए दोबारा पास की गई 4.50 करोड़ रुपए की राशि रोकी जाए, ताकि जांच प्रभावित न हो। यह है पूरा मामला निर्मल सिंह ने दोनों जगहों पर पहले हुए कार्यों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एसआईबी को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले 10 सालों से भगवान नौरंग राय पवित्र प्राचीन सरोवर और श्री महावीर पार्क के नाम पर सरकारी खजाने से लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन इन कार्यों की गुणवत्ता और क्रियान्वयन शर्मनाक है। घटिया सामग्री का इस्तेमाल, निर्माण में मापदंडों की अनदेखी और सरकारी धन का खुला दुरुपयोग इस बात का सबूत है कि इन परियोजनाओं को कुछ अधिकारियों, नेताओं और ठेकेदारों ने लूट का अड्डा बना दिया है। उन्होंने इस घोटाले को जनता और उनकी धार्मिक आस्था के साथ विश्वासघात करार दिया और कहा कि यह आम नागरिकों के अधिकारों और उनकी पवित्र भावनाओं को लूटने की एक सुनियोजित साजिश है। लूट का अड्डा बन गए हैं पवित्र सरोवर और पार्क निर्मल सिंह ने कहा कि अंबाला की जनता को पवित्र सरोवर की निर्मलता और सुंदर पार्क का सपना दिखाकर कुछ भ्रष्ट लोग सरकारी खजाने को दोनों हाथों से लूट रहे हैं। भगवान नौरंग राय पवित्र प्राचीन सरोवर, जो हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है, और लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। उसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। श्री महावीर पार्क की हालत भी कुछ अलग नहीं है। ये परियोजनाएं जनता और उनकी धार्मिक भावनाओं के लिए नहीं, बल्कि ठेकेदारों और अधिकारियों की जेब भरने का जरिया बन गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों इन कार्यों में पारदर्शिता नहीं बरती गई और क्यों बार-बार एक ही ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया। जनता का पैसा, जनता का हक निर्मल सिंह ने हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह शर्मनाक है, कि जिस सरकार को जनता और उनकी धार्मिक आस्था के हितों की रक्षा करनी चाहिए। वह इस भ्रष्टाचार को मूकदर्शक बनकर देख रही है। जनता का पैसा जनता का हक है, और हम इसे लुटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि मैंने एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक से मांग की है कि इस घोटाले की परत-दर-परत जांच हो, चाहे उसमें कोई भी बड़ा नाम क्यों न उजागर हो। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, चाहे वह अधिकारी हों, राजनेता हों या ठेकेदार, कोई भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। जनता का पैसा और पवित्र सरोवर की गरिमा लूटने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इस पवित्र सरोवर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है, और इसके सौंदर्यीकरण के नाम पर हुए कार्यों की खराब स्थिति ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। सरोवर के आसपास बने ढांचे कुछ ही महीनों में जर्जर हो गए, और पार्क में लगाए गए पौधे और बेंच भी खराब हालत में हैं। उन्होंने कहा की “हमारे टैक्स का पैसा और हमारी आस्था के केंद्र पर इस तरह की लूट अस्वीकार्य है। अंबाला शहर विधायक निर्मल सिंह ने मेयर से अंबाला की झीलों और पार्कों में हो रहे पुनर्निर्माण कार्य को रुकवाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर शिकायत के बाद इनमें काम करवाया जाए तो अनियमितताओं पर पर्दा डाला जा सकता है। दरअसल अंबाला शहर विधायक निर्मल सिंह ने शहर के भगवान नौरंग राय पवित्र सरोवर और श्री महावीर पार्क में अब तक हुए निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और निर्माण मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने अब इस मामले में हरियाणा एसआईबी को पत्र लिखकर इसकी जांच करने को कहा है। अब उन्होंने इन दोनों जगहों पर हो रहे काम को रुकवाने के लिए मेयर को पत्र लिखा है। बजट रोकने की मांग शहर विधायक निर्मल सिंह ने मेयर शैलजा सचदेवा को पत्र लिखकर मांग की है कि जब तक हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भगवान नौरंग राय पवित्र सरोवर और श्री महावीर पार्क की जांच पूरी नहीं कर लेता, तब तक इसके निर्माण के लिए दोबारा पास की गई 4.50 करोड़ रुपए की राशि रोकी जाए, ताकि जांच प्रभावित न हो। यह है पूरा मामला निर्मल सिंह ने दोनों जगहों पर पहले हुए कार्यों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एसआईबी को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले 10 सालों से भगवान नौरंग राय पवित्र प्राचीन सरोवर और श्री महावीर पार्क के नाम पर सरकारी खजाने से लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन इन कार्यों की गुणवत्ता और क्रियान्वयन शर्मनाक है। घटिया सामग्री का इस्तेमाल, निर्माण में मापदंडों की अनदेखी और सरकारी धन का खुला दुरुपयोग इस बात का सबूत है कि इन परियोजनाओं को कुछ अधिकारियों, नेताओं और ठेकेदारों ने लूट का अड्डा बना दिया है। उन्होंने इस घोटाले को जनता और उनकी धार्मिक आस्था के साथ विश्वासघात करार दिया और कहा कि यह आम नागरिकों के अधिकारों और उनकी पवित्र भावनाओं को लूटने की एक सुनियोजित साजिश है। लूट का अड्डा बन गए हैं पवित्र सरोवर और पार्क निर्मल सिंह ने कहा कि अंबाला की जनता को पवित्र सरोवर की निर्मलता और सुंदर पार्क का सपना दिखाकर कुछ भ्रष्ट लोग सरकारी खजाने को दोनों हाथों से लूट रहे हैं। भगवान नौरंग राय पवित्र प्राचीन सरोवर, जो हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है, और लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। उसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। श्री महावीर पार्क की हालत भी कुछ अलग नहीं है। ये परियोजनाएं जनता और उनकी धार्मिक भावनाओं के लिए नहीं, बल्कि ठेकेदारों और अधिकारियों की जेब भरने का जरिया बन गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों इन कार्यों में पारदर्शिता नहीं बरती गई और क्यों बार-बार एक ही ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया। जनता का पैसा, जनता का हक निर्मल सिंह ने हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह शर्मनाक है, कि जिस सरकार को जनता और उनकी धार्मिक आस्था के हितों की रक्षा करनी चाहिए। वह इस भ्रष्टाचार को मूकदर्शक बनकर देख रही है। जनता का पैसा जनता का हक है, और हम इसे लुटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि मैंने एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक से मांग की है कि इस घोटाले की परत-दर-परत जांच हो, चाहे उसमें कोई भी बड़ा नाम क्यों न उजागर हो। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, चाहे वह अधिकारी हों, राजनेता हों या ठेकेदार, कोई भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। जनता का पैसा और पवित्र सरोवर की गरिमा लूटने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इस पवित्र सरोवर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है, और इसके सौंदर्यीकरण के नाम पर हुए कार्यों की खराब स्थिति ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। सरोवर के आसपास बने ढांचे कुछ ही महीनों में जर्जर हो गए, और पार्क में लगाए गए पौधे और बेंच भी खराब हालत में हैं। उन्होंने कहा की “हमारे टैक्स का पैसा और हमारी आस्था के केंद्र पर इस तरह की लूट अस्वीकार्य है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
