हरियाणा के अंबाला में नगर निगम कमिश्नर द्वारा शहर विधायक का स्वागत न किए जाने का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शहर विधायक लोगों की समस्याएं लेकर नगर निगम कमिश्नर के पास पहुंचे थे, तो कमिश्नर ने अभिवादन नहीं किया और जब विधायक जब उनके केबिन में पहुंचे तो कमिश्नर खड़े भी नहीं हुए। अब इस मामले में खुद MLA निर्मल सिंह ने हरियाणा विधान सभा के स्पीकर और मुख्य सचिव को पत्र भेज कार्रवाई की मांग की है। वहीं, नगर निगम के कमिश्नर सचिन गुप्ता ने कहा कि जैसा प्रदर्शित किया जा रहा है, वैसा कुछ भी नहीं है। मैं विधायक जी का पूरा सम्मान करता हूं। दरअसल, बुधवार को कांग्रेस से शहर विधायक निर्मल सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर नगर निगम के कमिश्नर के पास पहुंचे थे। पूर्व में दी गई सूचना के बाद भी कमिश्नर उनको रिसीव करने नहीं पहुंचे। इसके बाद वह कमिश्नर के केबिन तक पहुंचे जहां पर विधायक खड़े नजर आए और कमिश्नर बैठे रहे। राजनीतिक दबाव का है आरोप शहर विधायक निर्मल सिंह के समर्थक विनोद धीमान ने बताया कि जैसा कमिश्नर ने किया, वह राजनीतिक दबाव में किया है। भाजपा सत्ता में है, जिस वजह से वह कांग्रेस के विधायक को कुछ नहीं समझते हैं। जबकि विधायक का दर्जा एक मुख्य सचिव के बराबर का होता है। जनता द्वारा चुने हुए लोगों की भी यह अधिकारी नहीं सुनते हैं और ना ही उनका सम्मान देते हैं, तो आम जनता को कैसे ही सम्मान देते होंगे। यह लिखी शिकायत अंबाला शहर से MLA निर्मल सिंह ने मुख्य सचिव और विधानसभा के स्पीकर को दी शिकायत में लिखा है कि वह अंबाला शहर के निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में, मुझे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने के लिए नगर निगम अंबाला के आयुक्त सचिन गुप्ता आईएएस से मिलने के लिए दो बार नगर निगम कार्यालय जाना पड़ा। मेरी दोनों यात्राओं के दौरान, मैंने पाया कि उनका व्यवहार उनके कार्यालय के प्रति चौंकाने वाला अपमानजनक और अनुचित था, 02.04.2025 को उन्होंने पूरी बैठक के दौरान सामान्य शिष्टाचार के बिना जवाब दिया, जिसमें मेरे साथ वर्तमान एमसी भी शामिल थे।
हमारे द्वारा उठाए गए विभिन्न लंबित विकास मुद्दों के प्रति कोई कर्तव्य या उत्तरदायित्व नहीं दिखाया। पहले भी ऐसा कर चुके MLA निर्मल सिंह ने दिए गए अपने पत्र में आरोप लगाया है कि ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं किया है। प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देना तो दूर की बात है, वह आने वाले लोगों के कार्यालय या उनके सामने रखे गए मामलों के प्रति चौंकाने वाले अभिमानी और उदासीन थे। मुझे पता चला है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने जनप्रतिनिधियों के प्रति इस तरह का अभद्र व्यवहार किया है। किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ कार्यकारिणी के किसी सदस्य द्वारा किया गया यह व्यवहार असंवैधानिक और अस्वीकार्य है। आम लोगों के साथ कैसा करते होंगे बरताव MLA निर्मल सिंह ने आगे लिखा है कि एक सरकारी कर्मचारी के रूप में, यदि वह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहा है, तो कोई भी कल्पना कर सकता है कि उन सैकड़ों आम लोगों को कितनी परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ता होगा, जिन्हें अपने कामों के लिए हर दिन उनके कार्यालय में आना पड़ता है। हरियाणा के अंबाला में नगर निगम कमिश्नर द्वारा शहर विधायक का स्वागत न किए जाने का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शहर विधायक लोगों की समस्याएं लेकर नगर निगम कमिश्नर के पास पहुंचे थे, तो कमिश्नर ने अभिवादन नहीं किया और जब विधायक जब उनके केबिन में पहुंचे तो कमिश्नर खड़े भी नहीं हुए। अब इस मामले में खुद MLA निर्मल सिंह ने हरियाणा विधान सभा के स्पीकर और मुख्य सचिव को पत्र भेज कार्रवाई की मांग की है। वहीं, नगर निगम के कमिश्नर सचिन गुप्ता ने कहा कि जैसा प्रदर्शित किया जा रहा है, वैसा कुछ भी नहीं है। मैं विधायक जी का पूरा सम्मान करता हूं। दरअसल, बुधवार को कांग्रेस से शहर विधायक निर्मल सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर नगर निगम के कमिश्नर के पास पहुंचे थे। पूर्व में दी गई सूचना के बाद भी कमिश्नर उनको रिसीव करने नहीं पहुंचे। इसके बाद वह कमिश्नर के केबिन तक पहुंचे जहां पर विधायक खड़े नजर आए और कमिश्नर बैठे रहे। राजनीतिक दबाव का है आरोप शहर विधायक निर्मल सिंह के समर्थक विनोद धीमान ने बताया कि जैसा कमिश्नर ने किया, वह राजनीतिक दबाव में किया है। भाजपा सत्ता में है, जिस वजह से वह कांग्रेस के विधायक को कुछ नहीं समझते हैं। जबकि विधायक का दर्जा एक मुख्य सचिव के बराबर का होता है। जनता द्वारा चुने हुए लोगों की भी यह अधिकारी नहीं सुनते हैं और ना ही उनका सम्मान देते हैं, तो आम जनता को कैसे ही सम्मान देते होंगे। यह लिखी शिकायत अंबाला शहर से MLA निर्मल सिंह ने मुख्य सचिव और विधानसभा के स्पीकर को दी शिकायत में लिखा है कि वह अंबाला शहर के निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में, मुझे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने के लिए नगर निगम अंबाला के आयुक्त सचिन गुप्ता आईएएस से मिलने के लिए दो बार नगर निगम कार्यालय जाना पड़ा। मेरी दोनों यात्राओं के दौरान, मैंने पाया कि उनका व्यवहार उनके कार्यालय के प्रति चौंकाने वाला अपमानजनक और अनुचित था, 02.04.2025 को उन्होंने पूरी बैठक के दौरान सामान्य शिष्टाचार के बिना जवाब दिया, जिसमें मेरे साथ वर्तमान एमसी भी शामिल थे।
हमारे द्वारा उठाए गए विभिन्न लंबित विकास मुद्दों के प्रति कोई कर्तव्य या उत्तरदायित्व नहीं दिखाया। पहले भी ऐसा कर चुके MLA निर्मल सिंह ने दिए गए अपने पत्र में आरोप लगाया है कि ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं किया है। प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देना तो दूर की बात है, वह आने वाले लोगों के कार्यालय या उनके सामने रखे गए मामलों के प्रति चौंकाने वाले अभिमानी और उदासीन थे। मुझे पता चला है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने जनप्रतिनिधियों के प्रति इस तरह का अभद्र व्यवहार किया है। किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ कार्यकारिणी के किसी सदस्य द्वारा किया गया यह व्यवहार असंवैधानिक और अस्वीकार्य है। आम लोगों के साथ कैसा करते होंगे बरताव MLA निर्मल सिंह ने आगे लिखा है कि एक सरकारी कर्मचारी के रूप में, यदि वह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहा है, तो कोई भी कल्पना कर सकता है कि उन सैकड़ों आम लोगों को कितनी परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ता होगा, जिन्हें अपने कामों के लिए हर दिन उनके कार्यालय में आना पड़ता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
