ऊना जिले के उपमंडल अंब में करंट लगने से 29 वर्षीय युवक की मौत हो गई। जबकि उसका भाई घायल हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेज दिया। घटना कटौहड़ खुर्द गांव की है। मृतक की पहचान परमजीत सिंह उर्फ मोनू के नाम से हुई है। जानकारी अनुसार परमजीत सिंह अपने भाई रणजीत सिंह के साथ घर से करीब 100 मीटर दूर फसल की रखवाली करने के लिए एक टीनपोश शेड बना रहा था। 11 केवी तार से टकराया हाथ इसी दौरान टीन को ठीक करते वक्त इसके हाथ में पकड़ा हुआ एंगल ऊपर से गुजर रही बिजली की 11 केवी तार के साथ टकरा गया ,जिसके चलते इसको बिजली का झटका लग गया। झटके के साथ ही परमजीत शैड से नीचे गिर गया। इसके बाद उसे उपचार के लिए इस सिविल हॉस्पिटल अंब लाया गया। यहां डॉक्टर ने इसको ब्रॉड डेड घोषित कर दिया। वहीं इसके साथ काम कर रहा इसका भाई रणजीत सिंह उर्फ सोनू 31भी घायल हो गया ऊना जिले के उपमंडल अंब में करंट लगने से 29 वर्षीय युवक की मौत हो गई। जबकि उसका भाई घायल हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेज दिया। घटना कटौहड़ खुर्द गांव की है। मृतक की पहचान परमजीत सिंह उर्फ मोनू के नाम से हुई है। जानकारी अनुसार परमजीत सिंह अपने भाई रणजीत सिंह के साथ घर से करीब 100 मीटर दूर फसल की रखवाली करने के लिए एक टीनपोश शेड बना रहा था। 11 केवी तार से टकराया हाथ इसी दौरान टीन को ठीक करते वक्त इसके हाथ में पकड़ा हुआ एंगल ऊपर से गुजर रही बिजली की 11 केवी तार के साथ टकरा गया ,जिसके चलते इसको बिजली का झटका लग गया। झटके के साथ ही परमजीत शैड से नीचे गिर गया। इसके बाद उसे उपचार के लिए इस सिविल हॉस्पिटल अंब लाया गया। यहां डॉक्टर ने इसको ब्रॉड डेड घोषित कर दिया। वहीं इसके साथ काम कर रहा इसका भाई रणजीत सिंह उर्फ सोनू 31भी घायल हो गया हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में पूर्व विधायकों की पेंशन होगी बंद:विधानसभा में आज पेश होगा संशोधन विधेयक; देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य को झटका
हिमाचल में पूर्व विधायकों की पेंशन होगी बंद:विधानसभा में आज पेश होगा संशोधन विधेयक; देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य को झटका हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन यानी आज विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 लाया जा रहा है। इसमें 2 पूर्व विधायक गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद करने की तैयारी है। राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। चैतन्य-भुट्टो पहली बार चुने गए थे कांग्रेस के 6 बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। पूर्व में सभी 6 विधायकों की पेंशन बंद करने की योजना थी। मगर कानूनी राय के बाद 2 की पेंशन बंद करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि 4 अन्य विधायक पहले भी विधानसभा में सदस्य रह चुके हैं और पेंशन के पात्र है। इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बैठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं। इस वजह से निर्दलीय विधायकों की पेंशन पर संकट नहीं चर्चा थी कि 3 निर्दलीय पूर्व विधायकों की भी इस टर्म की पेंशन बंद करनी थी। इनमें से नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा शामिल हैं। केएल ठाकुर और होशियार सिंह भी पहले भी विधायक रह चुके हैं। इस वजह से इनकी पेंशन बंद करना संभव नहीं है। वहीं आशीष शर्मा दिसंबर 2022 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह दोबारा चुनाव जीते हैं। एक बार जीते MLA को 93 हजार पेंशन प्रदेश में जो नेता एक बार विधायक बन जाता है, उसे 93,240 रुपए पेंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पेंशन में पांच-पांच हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। यानी जो नेता 6 बार विधायक बन चुका है। उसकी पेंशन में 30 हजार अतिरिक्त यानी 1,23,240 रुपए हो जाती है। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।
मंडी में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड:दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लगी; 5 घण्टे बाद वनवे के लिए खोला
मंडी में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड:दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लगी; 5 घण्टे बाद वनवे के लिए खोला मंडी जिले में देर रात से हो रही बारिश के कारण चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे एक बार फिर मंडी-पंडोह के बीच 4 मिल व 7 मील के समीप लैंडस्लाइड होने से बंद हो गया है। जिस कारण हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। जिसे 5 घण्टे बाद वनवे के लिए खोल दिया है। हालांकि यहां खतरा लगातार बना हुआ है, जिसको लेकर पुलिस की मौजूदगी में यहां ट्रैफिक को निकाला जा रहा है। भारी बारिश के चलते जिला के 59 सड़क मार्ग यातायात के लिए बाधित है। कई स्थानों पर बिजली गुल है। उपायुक्त अपुर्व देवगन ने बताया कि सभी संपर्क मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चला है।उन्होंने लोगों से बारिश को लेकर जारी अलर्ट पर नदी नालों से दूरी बनाने की अपील की है। एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि 4 मिल के समय पहाड़ी से लैंडस्लाइड होने के कारण हाइवे बंद हो गया है जिसे खोलने का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंडी से पंडोह के बीच पहाड़ियों से लगातार मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है इसके चलते वाहन चालक व स्थानीय लोग सावधानी से सफर करें। पहाड़ी से लगातार मलबा गिराने का खतरा बता दें कि दे की निर्माणाधीन फोरलेन हाईवे पर मंडी-पंडोह के बीच 4 मिल, 7 मिल और 9 मिल के समीप पहाड़ी से लगातार मलबा गिराने का खतरा बना हुआ है और कई बार हाईवे बंद भी हो चुका है। हाईवे बंद होने से वाहन चालकों को लगातार परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। मण्डी पुलिस ने एनएच के दोनों तरफ अस्थायी चौकियां स्थापित की, जो भूस्खलन होने के चलते हाईवे पर तुरन्त ट्रेफिक को रोक देती है।
मुख्यमंत्री-केंद्रीय मंत्री के बीच चंडीगढ़ में मीटिंग:खट्टर बोले-शिमला में नए शहर के प्रस्ताव पर चल रहा काम, अम्रुत योजना के मापदंड में मांगी छूट
मुख्यमंत्री-केंद्रीय मंत्री के बीच चंडीगढ़ में मीटिंग:खट्टर बोले-शिमला में नए शहर के प्रस्ताव पर चल रहा काम, अम्रुत योजना के मापदंड में मांगी छूट केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शिमला के समीप जाठिया देवी में नया शहर बनाने का प्रस्ताव केंद्र को मिला है। इस पर काम चल रहा है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य के साथ आयोजित मीटिंग के दौरान कही। इस दौरान CM सुक्खू ने हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए पहाड़ी राज्यों को अटल नवीकरण एवं शहरी परिवहन मिशन (अम्रुत) योजना के अंतर्गत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए अलग मापदंड अपनाने का आग्रह किया है। CM ने कहा कि अम्रुत के तहत परियोजनाएं जनसंख्या के आधार पर स्वीकृत की जाती हैं, लेकिन जनसंख्या आधारित मापदंड हिमाचल के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसलिए इस योजना के अंतर्गत अधिकतम लाभ उठाने के लिए मापदंडों में ढील देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, वित्त आयोग की सिफारिशों की भी समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए, क्योंकि परियोजनाओं की लागत समय के साथ बढ़ती रहती है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हिमाचल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में एक है। हिमाचल में प्लास्टिक पर लगाया प्रतिबंध: CM सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इस पहल के ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। पंचायतों और गैर-सरकारी संगठनों ने प्लास्टिक के उपयोग से मानव जीवन पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टेंडर अवधि 60 से घटाकर 10 दिन करने का आग्रह विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से टेंडर नीति प्रणाली में संशोधन कर टेंडर अवधि को 60 दिन से घटाकर 10 दिन करने का आग्रह किया। बैटरी बैकअप के साथ एक मेगावाट सौर प्रणाली की अनुमति देने की अपील सुखविंद्र सुक्खू ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से स्पीति जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम के कारण होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए बैटरी बैकअप के साथ एक मेगावाट सौर प्रणाली की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, इन क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 362 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। खट्टर ने दिया सहयोग का आश्वासन केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश के प्रदर्शन की प्रशंसा की और केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। ऊर्जा मंत्रालय के कार्यों की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने राज्य को बिजली उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया क्योंकि राज्य में जल स्रोत प्रचूर मात्रा में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को जल विद्युत ऊर्जा का दोहन करने के लिए बहते पानी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।