अकाली दल ने की दरबारा सिंह गुरु नियुक्ति रद्द:वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह का बनाया था सलाहकार, नकोदर गोलीकांड पर उठे सवाल

अकाली दल ने की दरबारा सिंह गुरु नियुक्ति रद्द:वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह का बनाया था सलाहकार, नकोदर गोलीकांड पर उठे सवाल

शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने पूर्व आईएएस अधिकारी दरबारा सिंह गुरु की नियुक्ति रद्द कर दी है। उन्हें पार्टी के वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह भूंदड़ का सलाहाकर नियुक्त किया गया थ। उन पर नकोदर पुलिस फायरिंग केस पर सवाल उठे थे। हालांकि इस पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया था कि सालों पुरानी घटना से उनका कोई संबंध नहीं है। पार्टी के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तरफ से सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर उनकी नियुक्ति कैंसिल करने की जानकारी दी है। इस वजह से नियुक्ति वापस ली दरबारा सिंह गुरु को पहले अकाली दल ने वर्किंग प्रधान भूंदड़ का सलाहकार लगाया गया था। लेकिन इस पर विरोधी दल व आलोचकों ने सवाल उठाया। उनका कहना था कि अकाली दल अपने तौर तरीकों में सुधार के लिए तैयार नहीं है। साथ ही उन्होंने पार्टी को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसलिए अकाली दल ने उनकी नियुक्ति वापस ली है। मेरे खिलाफ रची गई साजिश, करेंगे पर्दाफाश दरबारा सिंह गुरु ने 1986 के नकोदर पुलिस मामले के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें अकाली दल को बदनाम करने पर तुली हुई हैं। 1986 में पुलिस फायरिंग मामले के दौरान वह जालंधर में ADC थे और मामले में फायरिंग का आदेश देने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। घटना के बाद मृतक का पोस्टमार्टम किया गया था। अकाली नेता ने कहा कि यह मुद्दा अब 38 साल के बाद उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर वह कोई भी चुनाव लड़ते हैं या किसी प्रमुख पद पर नियुक्त होते हैं तो उन्हें बदनाम करने के मकसद से यह मामला सामने लाया जाता है। इस मामले में गहरी साजिश रची गई है, जिसका खुलासा समय आने पर हो जाएगा। प्रदेश के प्रिंसिपल सचिव रहे हैं दरबारा सिंह गुरू दरबारा सिंह गुरू पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वह 2007 से 2011 तक प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली अकाली भाजपा गठजोड़ सरकार के दौरान प्रिंसिपल सचिव रहे हैं। आईएएस पद से रिटायर्ड होने के बाद वह सक्रिय राजनीति में आए थे और फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह भदौड़ और बस्सी पठाना से भी विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने पूर्व आईएएस अधिकारी दरबारा सिंह गुरु की नियुक्ति रद्द कर दी है। उन्हें पार्टी के वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह भूंदड़ का सलाहाकर नियुक्त किया गया थ। उन पर नकोदर पुलिस फायरिंग केस पर सवाल उठे थे। हालांकि इस पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया था कि सालों पुरानी घटना से उनका कोई संबंध नहीं है। पार्टी के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तरफ से सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर उनकी नियुक्ति कैंसिल करने की जानकारी दी है। इस वजह से नियुक्ति वापस ली दरबारा सिंह गुरु को पहले अकाली दल ने वर्किंग प्रधान भूंदड़ का सलाहकार लगाया गया था। लेकिन इस पर विरोधी दल व आलोचकों ने सवाल उठाया। उनका कहना था कि अकाली दल अपने तौर तरीकों में सुधार के लिए तैयार नहीं है। साथ ही उन्होंने पार्टी को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसलिए अकाली दल ने उनकी नियुक्ति वापस ली है। मेरे खिलाफ रची गई साजिश, करेंगे पर्दाफाश दरबारा सिंह गुरु ने 1986 के नकोदर पुलिस मामले के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें अकाली दल को बदनाम करने पर तुली हुई हैं। 1986 में पुलिस फायरिंग मामले के दौरान वह जालंधर में ADC थे और मामले में फायरिंग का आदेश देने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। घटना के बाद मृतक का पोस्टमार्टम किया गया था। अकाली नेता ने कहा कि यह मुद्दा अब 38 साल के बाद उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर वह कोई भी चुनाव लड़ते हैं या किसी प्रमुख पद पर नियुक्त होते हैं तो उन्हें बदनाम करने के मकसद से यह मामला सामने लाया जाता है। इस मामले में गहरी साजिश रची गई है, जिसका खुलासा समय आने पर हो जाएगा। प्रदेश के प्रिंसिपल सचिव रहे हैं दरबारा सिंह गुरू दरबारा सिंह गुरू पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वह 2007 से 2011 तक प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली अकाली भाजपा गठजोड़ सरकार के दौरान प्रिंसिपल सचिव रहे हैं। आईएएस पद से रिटायर्ड होने के बाद वह सक्रिय राजनीति में आए थे और फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह भदौड़ और बस्सी पठाना से भी विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए।   पंजाब | दैनिक भास्कर