अखिलेश की बुराई करने पर गैंगस्टर ने मारा था थप्पड़:पिता बोले-कभी जिगरी दोस्त थे; इसी रंजिश में पहले गोली मारी, फिर लाश पर रखा पैर

अखिलेश की बुराई करने पर गैंगस्टर ने मारा था थप्पड़:पिता बोले-कभी जिगरी दोस्त थे; इसी रंजिश में पहले गोली मारी, फिर लाश पर रखा पैर

कानपुर में गैंगस्टर रवि यादव की हत्या के पीछे कई अहम बातें सामने आई हैं। हत्या के तीन-चार दिन पहले ही गांव में सपा और पीडीए की बैठक चल रही थी। इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव की बुराई करने पर रवि यादव ने मधुराम को थप्पड़ मार दिया था। इसी रंजिश में उसने रवि की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की। दिनदहाड़े उसकी कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद हत्यारोपियों ने लाश सड़क से खींचकर घर ले गए। उसकी गर्दन पर पैर रखा। मामला बढ़ने पर 15 थानों की पुलिस और पीएसी पहुंची। शव को बाहर निकाला। पोस्टमॉर्टम के बाद कड़ी सुरक्षा में सुबह अंतिम संस्कार कराया गया। आखिर गांव की पीडीए बैठक में क्या हुआ? क्यों हत्या हुई ? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम सजेती के दौलतपुर गांव पहुंची। जहां लोगों से बातचीत कर पूरा सच जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए पूरा मामला सजेती थाना क्षेत्र के घनामतिरामपुर दौलतपुर गांव में 19 फरवरी की शाम गैंगस्टर रवि यादव (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक के परिवार के लोगों ने गांव के ही शुभम त्रिपाठी, नमन गुप्ता, मयंक त्रिपाठी और अखिलेश सिंह चंदेल उर्फ सोनू, छोटू गुप्ता के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने शुभम, नमन और मयंक को अरेस्ट करके गुरुवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। हत्याकांड के बाद शव को आरोपियों ने अपने घर में छिपाने का प्रयास किया था। गांव यादव बाहुल्य होने के चलते सैकड़ों लोगों ने घर को घेर लिया। आरोपियों को खींचकर मारने और फूंकने की कोशिश की गई। पुलिस के समय रहते पहुंचने के चलते करीब 5 घंटे बाद आरोपियों के घर से शव को बाहर निकाला जा सका। एक थप्पड़ का बदला गैंगस्टर की हत्या करके लिया
मृतक रवि के पिता देव नारायण यादव ने बताया -मेरे गांव में तीन-चार दिन पहले सपा और पीडीए की बैठक थी। इसमें मेरा बेटा जिसका मर्डर हुआ है रवि यादव भी था। वहां पर हत्यारोपी मधुराम त्रिपाठी और उसके भाई भी मौजूद थे। ये सभी लोग सपा और अखिलेश यादव के बारे में उल्टा-सीधा बोल रहे थे। जिसका रवि ने विरोध किया। और यहां मौजूद (मधुराम) को थप्पड़ मार दिया। इसको लेकर दोनो पक्षों में रंजिश रख ली। इसके बाद इन लोगों ने बेटे के मर्डर की प्लानिंग की। इसमें 6 लोग शामिल थे। मेरा बेटा बाइक से जा रहा था। एक व्यक्ति ने उसे रोक लिया। गुटखा खिलाने की बात कहकर अपने पास बुलाया। हालचाल लेने लगा। बेटे के रुकते ही पीछे से आए दो लोगों ने कनपटी पर गोली मार दी। इसके बाद मेरे बेटे की लाश को घर के भीतर खींचकर ले गए। उसे जिंदा समझकर उसकी गर्दन पर पैर रखकर कुचलकर मार डाला। पिता बोले-दादी वाली झूठी कहानी
मृतक रवि के पिता देव नारायण यादव ने बताया-मधुराम ने अपनी दादी के पैर में गोली मारकर झूठी कहानी रची है। कोई भी व्यक्ति किसी बुजुर्ग महिला को क्यों गोली मारेगा। इन लोगों ने खुद ही रिवॉल्वर से अपनी दादी के पैर में गोली मारकर रिवॉल्वर मेरे बेटे के हाथ में रख दी। वहीं, राघवेंद्र सिंह ने बताया कि रवि खेत से पशुओं के लिए हरा चारा लेने जा रहा था। इसी दौरान साजिश करके उसका मर्डर किया गया है। जब गोली मारी तो वह जिंदा था, इसके बाद घसीटकर अंदर किया और शव को ठिकाने लगाने की प्लानिंग थी। हत्यारोपी और मृतक पहले थे दोस्त, गैंगस्टर बनने के बाद मधुराम अलग हो गया
रवि यादव और मधुराम त्रिपाठी दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी। एक ही गांव और हम उम्र होने की वजह से दोनों की खूब पटती थी। गांव वालों ने बताया-जब मृतक रवि यादव पर लूट और गैंगस्टर के साथ गुंडा एक्ट लगा तो उसके बाद से मधुराम ने साथ छोड़ दिया। दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। दोनों ने अलग-अलग गांव की राजनीति में पड़ गए। पहले प्रधानी और उसके बाद तमाम तरह के विवाद हुए। दोनों अपने-अपने कुनबे की पंचायत में सक्रिय भूमिका अदा करने लगे और देखते ही देखते रंजिश की लकीर बढ़ती चली गई। लॉरेंस विश्नोई से प्रभावित था रवि
रवि यादव गांव में अपनी छवि गैंगस्टर के रूप में बनाना चाहता था। उसने अपने फेसबुक अकाउंट में लारेंस के साथ अपनी फोटो लगा रखी थी। सोशल मीडिया पर रवि ने खुद का नाम यदुवंशी रवि चौधरी लिखा था। वह लॉरेंस विश्नोई की तरह खुद को बनाना चाहता था और उससे खासा प्रभावित था। उसने अपनी जो प्रोफाइल पिक्चर लगाई है। उसमें लॉरेंस की तरह ही दाढ़ी रखी और जिस तरह लारेंस की ब्लैक जैकेट वाली फोटो सोशल मीडिया पर दिखती है। ठीक वैसी अपनी फोटो भी लगाई थी। रवि ने अपनी प्रोफाइल की कवर फोटो में लॉरेंस की फोटो ही लगाई थी और इसे 7 फरवरी को अपडेट किया गया है। वहीं, 1 फरवरी को उसने एक फोटो लगाई थी, जिसमें एक फिल्म अभिनेता की फोटो लगी थी। धमकी भरे अंदाज में कैप्शन लिखा था-‘औकात में रहा करो, वरना दुनिया में नहीं रहोगे।’ कुछ ग्रामीण भी रवि की दबंगई की बातें करते हैं, और कहते हैं कि वह अपना दबदबा बनाना चाहता था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आईब्रो के पास मारी गोली
रवि यादव का पोस्टमॉर्टम पैनल से कराया गया। पैनल में कांशीराम ट्रॉमा सेंटर के डॉ. सतीश कुमार और बिधनू CHC के डॉ. राजेश सिंह थे। पूरी प्रक्रिया की वीडियो फोटोग्राफी भी की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, लेफ्ट आईब्रो के पास कनपटी में सटाकर गोली मारी गई। जिससे ब्लैकनिंग भी मिली है। डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में यलो मेटल इनसाइड द स्कल लिखा है। —————– ये खबर भी पढ़ें :- युवक की हत्या, शव घसीटकर घर में ले गया :कानपुर में खुद को 4 घंटे कैद रखा, गेट पर फोर्स तैनात रही, गिरफ्तार कानपुर में एक युवक ने हमलावर की बंदूक से उसी की गोली मारकर हत्या कर दी। फिर शव घसीटते हुए अपने घर के अंदर ले गया। जब ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंची तो उसने छत से पिस्टल लहराते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस बीच आरोपी मधुराम त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर शेयर किया और पूरा घटनाक्रम बताया। रवि यादव की हत्या की वजह भी बताई। घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी क्राइम और एडीसीपी साउथ मौके पर पहुंचे। मौके पर 12 थानों की फोर्स को बुलाया गया। पढ़ें पूरी खबर कानपुर में गैंगस्टर रवि यादव की हत्या के पीछे कई अहम बातें सामने आई हैं। हत्या के तीन-चार दिन पहले ही गांव में सपा और पीडीए की बैठक चल रही थी। इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव की बुराई करने पर रवि यादव ने मधुराम को थप्पड़ मार दिया था। इसी रंजिश में उसने रवि की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की। दिनदहाड़े उसकी कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद हत्यारोपियों ने लाश सड़क से खींचकर घर ले गए। उसकी गर्दन पर पैर रखा। मामला बढ़ने पर 15 थानों की पुलिस और पीएसी पहुंची। शव को बाहर निकाला। पोस्टमॉर्टम के बाद कड़ी सुरक्षा में सुबह अंतिम संस्कार कराया गया। आखिर गांव की पीडीए बैठक में क्या हुआ? क्यों हत्या हुई ? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम सजेती के दौलतपुर गांव पहुंची। जहां लोगों से बातचीत कर पूरा सच जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए पूरा मामला सजेती थाना क्षेत्र के घनामतिरामपुर दौलतपुर गांव में 19 फरवरी की शाम गैंगस्टर रवि यादव (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक के परिवार के लोगों ने गांव के ही शुभम त्रिपाठी, नमन गुप्ता, मयंक त्रिपाठी और अखिलेश सिंह चंदेल उर्फ सोनू, छोटू गुप्ता के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने शुभम, नमन और मयंक को अरेस्ट करके गुरुवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। हत्याकांड के बाद शव को आरोपियों ने अपने घर में छिपाने का प्रयास किया था। गांव यादव बाहुल्य होने के चलते सैकड़ों लोगों ने घर को घेर लिया। आरोपियों को खींचकर मारने और फूंकने की कोशिश की गई। पुलिस के समय रहते पहुंचने के चलते करीब 5 घंटे बाद आरोपियों के घर से शव को बाहर निकाला जा सका। एक थप्पड़ का बदला गैंगस्टर की हत्या करके लिया
मृतक रवि के पिता देव नारायण यादव ने बताया -मेरे गांव में तीन-चार दिन पहले सपा और पीडीए की बैठक थी। इसमें मेरा बेटा जिसका मर्डर हुआ है रवि यादव भी था। वहां पर हत्यारोपी मधुराम त्रिपाठी और उसके भाई भी मौजूद थे। ये सभी लोग सपा और अखिलेश यादव के बारे में उल्टा-सीधा बोल रहे थे। जिसका रवि ने विरोध किया। और यहां मौजूद (मधुराम) को थप्पड़ मार दिया। इसको लेकर दोनो पक्षों में रंजिश रख ली। इसके बाद इन लोगों ने बेटे के मर्डर की प्लानिंग की। इसमें 6 लोग शामिल थे। मेरा बेटा बाइक से जा रहा था। एक व्यक्ति ने उसे रोक लिया। गुटखा खिलाने की बात कहकर अपने पास बुलाया। हालचाल लेने लगा। बेटे के रुकते ही पीछे से आए दो लोगों ने कनपटी पर गोली मार दी। इसके बाद मेरे बेटे की लाश को घर के भीतर खींचकर ले गए। उसे जिंदा समझकर उसकी गर्दन पर पैर रखकर कुचलकर मार डाला। पिता बोले-दादी वाली झूठी कहानी
मृतक रवि के पिता देव नारायण यादव ने बताया-मधुराम ने अपनी दादी के पैर में गोली मारकर झूठी कहानी रची है। कोई भी व्यक्ति किसी बुजुर्ग महिला को क्यों गोली मारेगा। इन लोगों ने खुद ही रिवॉल्वर से अपनी दादी के पैर में गोली मारकर रिवॉल्वर मेरे बेटे के हाथ में रख दी। वहीं, राघवेंद्र सिंह ने बताया कि रवि खेत से पशुओं के लिए हरा चारा लेने जा रहा था। इसी दौरान साजिश करके उसका मर्डर किया गया है। जब गोली मारी तो वह जिंदा था, इसके बाद घसीटकर अंदर किया और शव को ठिकाने लगाने की प्लानिंग थी। हत्यारोपी और मृतक पहले थे दोस्त, गैंगस्टर बनने के बाद मधुराम अलग हो गया
रवि यादव और मधुराम त्रिपाठी दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी। एक ही गांव और हम उम्र होने की वजह से दोनों की खूब पटती थी। गांव वालों ने बताया-जब मृतक रवि यादव पर लूट और गैंगस्टर के साथ गुंडा एक्ट लगा तो उसके बाद से मधुराम ने साथ छोड़ दिया। दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। दोनों ने अलग-अलग गांव की राजनीति में पड़ गए। पहले प्रधानी और उसके बाद तमाम तरह के विवाद हुए। दोनों अपने-अपने कुनबे की पंचायत में सक्रिय भूमिका अदा करने लगे और देखते ही देखते रंजिश की लकीर बढ़ती चली गई। लॉरेंस विश्नोई से प्रभावित था रवि
रवि यादव गांव में अपनी छवि गैंगस्टर के रूप में बनाना चाहता था। उसने अपने फेसबुक अकाउंट में लारेंस के साथ अपनी फोटो लगा रखी थी। सोशल मीडिया पर रवि ने खुद का नाम यदुवंशी रवि चौधरी लिखा था। वह लॉरेंस विश्नोई की तरह खुद को बनाना चाहता था और उससे खासा प्रभावित था। उसने अपनी जो प्रोफाइल पिक्चर लगाई है। उसमें लॉरेंस की तरह ही दाढ़ी रखी और जिस तरह लारेंस की ब्लैक जैकेट वाली फोटो सोशल मीडिया पर दिखती है। ठीक वैसी अपनी फोटो भी लगाई थी। रवि ने अपनी प्रोफाइल की कवर फोटो में लॉरेंस की फोटो ही लगाई थी और इसे 7 फरवरी को अपडेट किया गया है। वहीं, 1 फरवरी को उसने एक फोटो लगाई थी, जिसमें एक फिल्म अभिनेता की फोटो लगी थी। धमकी भरे अंदाज में कैप्शन लिखा था-‘औकात में रहा करो, वरना दुनिया में नहीं रहोगे।’ कुछ ग्रामीण भी रवि की दबंगई की बातें करते हैं, और कहते हैं कि वह अपना दबदबा बनाना चाहता था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आईब्रो के पास मारी गोली
रवि यादव का पोस्टमॉर्टम पैनल से कराया गया। पैनल में कांशीराम ट्रॉमा सेंटर के डॉ. सतीश कुमार और बिधनू CHC के डॉ. राजेश सिंह थे। पूरी प्रक्रिया की वीडियो फोटोग्राफी भी की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, लेफ्ट आईब्रो के पास कनपटी में सटाकर गोली मारी गई। जिससे ब्लैकनिंग भी मिली है। डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में यलो मेटल इनसाइड द स्कल लिखा है। —————– ये खबर भी पढ़ें :- युवक की हत्या, शव घसीटकर घर में ले गया :कानपुर में खुद को 4 घंटे कैद रखा, गेट पर फोर्स तैनात रही, गिरफ्तार कानपुर में एक युवक ने हमलावर की बंदूक से उसी की गोली मारकर हत्या कर दी। फिर शव घसीटते हुए अपने घर के अंदर ले गया। जब ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंची तो उसने छत से पिस्टल लहराते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस बीच आरोपी मधुराम त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर शेयर किया और पूरा घटनाक्रम बताया। रवि यादव की हत्या की वजह भी बताई। घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी क्राइम और एडीसीपी साउथ मौके पर पहुंचे। मौके पर 12 थानों की फोर्स को बुलाया गया। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर