विधान परिषद में शुक्रवार को सभापति मानवेंद्र सिंह माध्यमिक शिक्षा निदेशक और रायबरेली के DIOS पर गुस्सा हो गए। कहा- अधिकारी इतने ढीठ हो गए हैं कि सदन को उत्तर नहीं देना चाहते। सभापति ने नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार के निलंबन में स्पष्टीकरण भी मांगा है। रायबरेली के वसी नकवी नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को निलंबन के बाद 21 महीने का वेतन नहीं दिया गया। शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने एक साल पहले इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया था। उस समय सभापति ने इस मामले में विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सत्र के अंतिम दिन तक देने का आदेश दिया था। लेकिन उसके बाद से तीन सत्र बीत गए, जिले से जवाब नहीं आया। आज ध्रुव त्रिपाठी ने फिर यही मुद्दा उठाया तो सभापति नाराज हो गए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव और जिला विद्यालय निरीक्षक रायबरेली को सभापति ने 25 फरवरी को अपने कार्यालय में तलब किया है। इससे पहले भी उठ चुका है मामला
6 फरवरी 2024 को ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदीप कुमार के निलंबन का मुद्दा उठाया था। जिसपर सरकार की ओर से कहा गया था कि इन्होंने फर्जी शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इन्हें वेतन देने को कौन कहे? जो इन्होंने वेतन के रूप में प्राप्त किया है उसके संबंध में हम रिकवरी करने के लिए निर्देश जारी करने वाले हैं। ध्रुव कुमार त्रिपाठी का कहना था कि इस संबंध में न तो संबंधित बोर्ड, न ही विश्वविद्यालय ने शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की कोई जांच की है। प्रदीप कुमार को अपने शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की सत्यता के लिए विभागीय एवं उत्तरदायी अधिकारियों से नोटिस भी नहीं दिया गया। बिना किसी आधार के सदन में असत्य एवं त्रुटिपूर्ण सूचना दिया जाना नियम 135 (7) का उल्लंघन है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण
वहीं, भाजपा के डॉ. सुधीर गुप्ता ने शाहजहांपुर के जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी का मामला उठाया। उन पर दुर्व्यवहार का आरोप है। जिस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। ‘शिक्षकों के सेवा सुरक्षा के लिए दो महीने में नियम बनाए सरकार’ ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 के लागू होने के बाद से शिक्षकों का प्रमोशन न होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अधिनियम बनाया है उसमें शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए कोई नियम नहीं है। जिसकी वजह से न सिर्फ शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिल रही है। बल्कि बड़ी संख्या में शिक्षकों को बर्खास्त किया जा रहा है। इस पर सभापति ने सरकार को निर्देश दिए कि सत्र समाप्त होने के दो महीने के अंदर इससे संबंधित नियम बनाए जाएं। जवाब नहीं आया तो अवमानना की कार्रवाई होगी
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन संचालन नियमावली के नियम 301 के तहत विभागों से मांगे गए जवाब समय से न मिलने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सदन में कहा कि विधानसभा की ओर से मांगी गई सूचना और सवालों के जवाब अगर निर्धारित समय में नहीं आए तो इसे सदन की अवमानना माना जाएगा। संबंधित अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कुछ विभाग ने एक महीने की अवधि में जवाब नहीं दिया है। 12 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ निर्माण
निर्दल समूह के एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने उन्नाव जिला मुख्यालय पर निर्माणाधीन राजकीय बालिका महाविद्यालय का कार्य 12 साल बाद भी पूरा न होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कार्य 11 जून 2013 को शुरू किया गया। जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। इस पर सभापति मानवेंद्र सिंह ने सरकार को निर्देश दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए। ————————————– ये भी पढ़ें: योगी ने भाजपा विधायकों को फटकारा:बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग करने वाले थे, CM के सामने बोल नहीं पाए विधानसभा की लॉबी में बुंदेलखंड को राज्य बनाने की मांग करने पर सीएम योगी ने भाजपा विधायकों को तलब कर लिया। मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहने की बजाए उचित मंच पर रखने की नसीहत दी। गुरुवार को विधानसभा की सत्ता पक्ष लॉबी में बुंदेलखंड के भाजपा विधायकों की बैठक हुई। विधायकों ने निर्णय लिया कि बजट सत्र में विधानसभा में बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई जाए। (पढ़ें पूरी खबर) विधान परिषद में शुक्रवार को सभापति मानवेंद्र सिंह माध्यमिक शिक्षा निदेशक और रायबरेली के DIOS पर गुस्सा हो गए। कहा- अधिकारी इतने ढीठ हो गए हैं कि सदन को उत्तर नहीं देना चाहते। सभापति ने नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार के निलंबन में स्पष्टीकरण भी मांगा है। रायबरेली के वसी नकवी नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को निलंबन के बाद 21 महीने का वेतन नहीं दिया गया। शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने एक साल पहले इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया था। उस समय सभापति ने इस मामले में विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सत्र के अंतिम दिन तक देने का आदेश दिया था। लेकिन उसके बाद से तीन सत्र बीत गए, जिले से जवाब नहीं आया। आज ध्रुव त्रिपाठी ने फिर यही मुद्दा उठाया तो सभापति नाराज हो गए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव और जिला विद्यालय निरीक्षक रायबरेली को सभापति ने 25 फरवरी को अपने कार्यालय में तलब किया है। इससे पहले भी उठ चुका है मामला
6 फरवरी 2024 को ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदीप कुमार के निलंबन का मुद्दा उठाया था। जिसपर सरकार की ओर से कहा गया था कि इन्होंने फर्जी शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इन्हें वेतन देने को कौन कहे? जो इन्होंने वेतन के रूप में प्राप्त किया है उसके संबंध में हम रिकवरी करने के लिए निर्देश जारी करने वाले हैं। ध्रुव कुमार त्रिपाठी का कहना था कि इस संबंध में न तो संबंधित बोर्ड, न ही विश्वविद्यालय ने शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की कोई जांच की है। प्रदीप कुमार को अपने शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की सत्यता के लिए विभागीय एवं उत्तरदायी अधिकारियों से नोटिस भी नहीं दिया गया। बिना किसी आधार के सदन में असत्य एवं त्रुटिपूर्ण सूचना दिया जाना नियम 135 (7) का उल्लंघन है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण
वहीं, भाजपा के डॉ. सुधीर गुप्ता ने शाहजहांपुर के जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी का मामला उठाया। उन पर दुर्व्यवहार का आरोप है। जिस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। ‘शिक्षकों के सेवा सुरक्षा के लिए दो महीने में नियम बनाए सरकार’ ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 के लागू होने के बाद से शिक्षकों का प्रमोशन न होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अधिनियम बनाया है उसमें शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए कोई नियम नहीं है। जिसकी वजह से न सिर्फ शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिल रही है। बल्कि बड़ी संख्या में शिक्षकों को बर्खास्त किया जा रहा है। इस पर सभापति ने सरकार को निर्देश दिए कि सत्र समाप्त होने के दो महीने के अंदर इससे संबंधित नियम बनाए जाएं। जवाब नहीं आया तो अवमानना की कार्रवाई होगी
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन संचालन नियमावली के नियम 301 के तहत विभागों से मांगे गए जवाब समय से न मिलने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सदन में कहा कि विधानसभा की ओर से मांगी गई सूचना और सवालों के जवाब अगर निर्धारित समय में नहीं आए तो इसे सदन की अवमानना माना जाएगा। संबंधित अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कुछ विभाग ने एक महीने की अवधि में जवाब नहीं दिया है। 12 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ निर्माण
निर्दल समूह के एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने उन्नाव जिला मुख्यालय पर निर्माणाधीन राजकीय बालिका महाविद्यालय का कार्य 12 साल बाद भी पूरा न होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कार्य 11 जून 2013 को शुरू किया गया। जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। इस पर सभापति मानवेंद्र सिंह ने सरकार को निर्देश दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए। ————————————– ये भी पढ़ें: योगी ने भाजपा विधायकों को फटकारा:बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग करने वाले थे, CM के सामने बोल नहीं पाए विधानसभा की लॉबी में बुंदेलखंड को राज्य बनाने की मांग करने पर सीएम योगी ने भाजपा विधायकों को तलब कर लिया। मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहने की बजाए उचित मंच पर रखने की नसीहत दी। गुरुवार को विधानसभा की सत्ता पक्ष लॉबी में बुंदेलखंड के भाजपा विधायकों की बैठक हुई। विधायकों ने निर्णय लिया कि बजट सत्र में विधानसभा में बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई जाए। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अधिकारी इतने ढीठ कि जवाब ही नहीं देते:विधान परिषद के सभापति बोले, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और DIOS रायबरेली तलब
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