अधूरा इलाज कर मरीज को भगाने की होगी जांच:लोहिया संस्थान की लापरवाही पर एक्शन,डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश

अधूरा इलाज कर मरीज को भगाने की होगी जांच:लोहिया संस्थान की लापरवाही पर एक्शन,डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश

गोमती नगर के डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में अधूरा इलाज कर मरीज को भगाने के प्रकरण की जांच होगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसके आदेश दिए हैं। साथ ही संस्थान के जिम्मेदारों से कमियां दूर करने के लिए कहा है। उधर, संस्थान प्रशासन ने जांच के नाम पर लीपापोती शुरू कर दी है। दरअसल, पूरा मामला सीतापुर के एक मरीज से जुड़ा हैं।यहां मरीज को इलाज के बीच ही डिस्चार्ज कर दिया गया था। इस प्रकरण को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लिया हैं। उन्होंने घटना पर दुख जताया। कह कि इस तरह की घटना से विभाग की छवि धूमिल हो रही है। यह गंभीर प्रकरण है। संस्थान प्रशासन को निर्देश दिया कि इसकी एक सप्ताह में जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। कार्रवाई की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर पेश करें। 7 दिन के भीतर जांच पूरी कर भेजे रिपोर्ट डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरतें। प्रत्येक मरीज को इलाज उपलब्ध कराएं। अधिकारी इमरजेंसी व वार्ड का नियमित राउंड लें। कमियों को दूर करें। मरीज के हित में सभी जरूरी कदम उठाएं। गोमती नगर के डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में अधूरा इलाज कर मरीज को भगाने के प्रकरण की जांच होगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसके आदेश दिए हैं। साथ ही संस्थान के जिम्मेदारों से कमियां दूर करने के लिए कहा है। उधर, संस्थान प्रशासन ने जांच के नाम पर लीपापोती शुरू कर दी है। दरअसल, पूरा मामला सीतापुर के एक मरीज से जुड़ा हैं।यहां मरीज को इलाज के बीच ही डिस्चार्ज कर दिया गया था। इस प्रकरण को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लिया हैं। उन्होंने घटना पर दुख जताया। कह कि इस तरह की घटना से विभाग की छवि धूमिल हो रही है। यह गंभीर प्रकरण है। संस्थान प्रशासन को निर्देश दिया कि इसकी एक सप्ताह में जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। कार्रवाई की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर पेश करें। 7 दिन के भीतर जांच पूरी कर भेजे रिपोर्ट डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरतें। प्रत्येक मरीज को इलाज उपलब्ध कराएं। अधिकारी इमरजेंसी व वार्ड का नियमित राउंड लें। कमियों को दूर करें। मरीज के हित में सभी जरूरी कदम उठाएं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर