पंजाब के जिला संगरूर के गांव बखोरा कलां में तैनात प्रिंसिपल धर्मवीर ने अपने साथी अध्यापकों से तंग आकर जहरीली चीज पीकर आत्महत्या कर ली। आरोप है कि उसे लंबे समय से परेशान किया जा रहा था। वहीं, पुलिस ने इस मामले में डीटीएफ के जिला प्रधान समेत पांच अध्यापकों पर केस दर्ज किया है। आरोपी शिक्षकों में हरभगवान सिंह, मेघराज सिंह, सतवंत सिंह, विनोद कुमार व डीटीएफ के प्रधान बलबीर सिंह शामिल हैं। सभी के खिलाफ थाना मूनक में आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज हुआ है। पत्नी को छोड़ने के बाद जहरीली चीज पी पुलिस को दी शिकायत में पत्नी ने बताया कि उनकी शादी 20 साल पहले हुई थी। वह खुद भी एक निजी स्कूल में शिक्षक है। बुधवार सुबह उसे पति स्कूल छोड़कर जब खुद स्कूल नहीं पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्होंने कोई जहरीली चीज पी ली। गंभीर हालत उन्हें टोहाना अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह उसके बाद वहां पहुंची। मार्च से कर रहे थे परेशान इस दौरान अस्पताल में पति ने उसे बताया कि मार्च 2024 से उसे स्कूल में तैनात अध्यापक हर भगवान सिंह, मेघराज सिंह, सतवंत सिंह, विनोद कुमार व डीटीएफ के प्रधान बलबीर सिंह परेशान कर रहे है। विभिन्न संगठनों को बुलाकर उसकी बेइज्जती की गई। इलाज के दौरान पति की इलाज के दौरान मौत हो गई। पंजाब के जिला संगरूर के गांव बखोरा कलां में तैनात प्रिंसिपल धर्मवीर ने अपने साथी अध्यापकों से तंग आकर जहरीली चीज पीकर आत्महत्या कर ली। आरोप है कि उसे लंबे समय से परेशान किया जा रहा था। वहीं, पुलिस ने इस मामले में डीटीएफ के जिला प्रधान समेत पांच अध्यापकों पर केस दर्ज किया है। आरोपी शिक्षकों में हरभगवान सिंह, मेघराज सिंह, सतवंत सिंह, विनोद कुमार व डीटीएफ के प्रधान बलबीर सिंह शामिल हैं। सभी के खिलाफ थाना मूनक में आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज हुआ है। पत्नी को छोड़ने के बाद जहरीली चीज पी पुलिस को दी शिकायत में पत्नी ने बताया कि उनकी शादी 20 साल पहले हुई थी। वह खुद भी एक निजी स्कूल में शिक्षक है। बुधवार सुबह उसे पति स्कूल छोड़कर जब खुद स्कूल नहीं पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्होंने कोई जहरीली चीज पी ली। गंभीर हालत उन्हें टोहाना अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह उसके बाद वहां पहुंची। मार्च से कर रहे थे परेशान इस दौरान अस्पताल में पति ने उसे बताया कि मार्च 2024 से उसे स्कूल में तैनात अध्यापक हर भगवान सिंह, मेघराज सिंह, सतवंत सिंह, विनोद कुमार व डीटीएफ के प्रधान बलबीर सिंह परेशान कर रहे है। विभिन्न संगठनों को बुलाकर उसकी बेइज्जती की गई। इलाज के दौरान पति की इलाज के दौरान मौत हो गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में उपचुनाव के मतदान की तारीख बदलने की मांग:कांग्रेस नेता बाजवा ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, प्रकाश पर्व का दिया तर्क पंजाब में 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान तय है। लेकिन अब इस तारीख को बदलने की मांग उठी है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। उनकी तरफ से पत्र में दलील दी गई है कि 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। प्रकाश पर्व 3 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत 13 नवंबर को अखंड पाठ साहिब से होती है। उसी दिन मतदान होना है। ऐसे में इस विषय पर आयोग को विचार करना चाहिए। मतदान पर पड़ सकता है असर बाजवा ने पत्र में कहा है प्रकाश पर्व में सिख समुदाय के साथ-साथ हिंदुओं और अन्य धार्मिक समूह का भी आध्यात्मिक जुड़ाव है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में संभावना है कि मतदान पर असर पड़ सकता है। इस समय में अधिकतर गुरुद्वारों और अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे, जिससे चुनाव के दिन लोकतांत्रिक अभ्यास में पूरी तरह से शामिल होने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी। उन्होंने तर्क दिया है हरियाणा चुनाव के समय भी तारीख में बदलाव किया था। क्योंकि उस समय बिश्नोई समाज का कोई त्योहार आ गया था। 4 सीटों का धार्मिक महत्व बाजवा ने पत्र में लिखा है कि जिन चार सीटों उप चुनाव हैं। उनमें डेरा बाबा नानक अत्यधिक धार्मिक महत्व का शहर है। बाजवा ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब के लोगों को बिना किसी संघर्ष या समझौते के अपने धार्मिक उत्सव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोनों में पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। विपक्ष के नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव आयोग इस अनुरोध पर अनुकूलता से विचार करेगा, जिससे लाखों लोगों की गहरी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक भावना को कायम रखा जा सकेगा।
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क्रिकेट छोड़ने वाले थे अर्शदीप सिंह:माता-पिता कनाडा भेज रहे थे, एक साल में खुद को बदला; IPL-2025 में पंजाब ने 18 करोड़ में खरीदा पंजाब के मोहाली के रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज अर्शदीप सिंह को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मेगा ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ रुपए में खरीदा है। अर्शदीप सिंह 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के साथ हुआ फाइनल मैच भी खेले थे। तब उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया है। ऐसा करके वह दुनिया के 5 गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए। उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने की तैयारी कर ली थी। माता-पिता ने तो उन्हें कनाडा भेजकर वहीं सेटल करने का फैसला कर दिया था। परिवार ने कनाडा भेजने की कर ली थी तैयारी अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उसे कनाडा उसके भाई के पास भेजने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में उसके कोच से बात की। कोच ने जब अर्शदीप से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि वह खेलना चाहता है। कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उसे एक साल का समय दिया। इसके बाद अर्शदीप ने ग्राउंड पर जमकर मेहनत की। फिर उसका चयन पंजाब की आयु वर्ग 19 की टीम में हो गया। इसके बाद उसने अंडर-19 विश्व कप खेला। इसके बाद यह सफर लगातार चलता रहा। पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ तो उस सम पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज है। उनके पिता ने क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को पहचाना। उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वे उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए। जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई। अर्शदीप के पिता बाहर पोस्टेड थे। ऐसे में सुबह छह बजे खरड़ से चंडीगढ़ ग्राउंड पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि यह 15 किलोमीटर का सफर था। ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बिठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं। इसके बाद फिर से एकेडमी भेजती थीं। इसके बाद शाम को घर ले जाती थीं। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 2018 में पंजाब के लिए खेले, 2019 में IPL में डेब्यू अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया। वे टीम के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। मानसिक रूप से बहुत मजबूत, भगवान में रखते हैं आस्था अर्शदीप धार्मिक विचारों वाले हैं। वे ध्यान करते रहते हैं। उन्हें जानने वाले कहते हैं कि तेज गेंदबाज में आक्रामकता होती है। लेकिन वे इसे दिखाते नहीं। वे बहुत शांत रहते हैं। जब भी वे शहर आते हैं, तो सभी गुरुद्वारों में मत्था टेकने जाते हैं। वे मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं। उनके कोच जसवंत राय बताते हैं कि जब पाकिस्तान के खिलाफ मैच में कैच छोड़ने पर उन्हें ट्रोल किया गया, तो उन्होंने अर्शदीप को फोन करके सलाह दी कि आज सोशल मीडिया न देखें। इस पर अर्शदीप का जवाब था कि वे सुबह से ही इसे देख रहे हैं। उन्हें लोग जो कह रहे हैं, वह उन्हें अच्छा लग रहा है। उन्होंने पूछा कि वे उदास क्यों लग रहे हो। इस पर अर्शदीप ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच में उन्हें चौका लगा और अगर वे उसे रोक लेते, तो हम मैच जीत जाते। इसलिए वे उदास हैं। ************************************************* IPL से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- IPL मेगा ऑक्शन में हरियाणा-पंजाब के खिलाड़ियों की नीलामी 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलने लगे थे चहल, पंजाब ने 18 करोड़ में खरीदा