अनकंट्रोल यूरिन को रोकने के लिए वॉल्व किया इम्प्लांट:प्रोस्टेट कैंसर के बुजुर्ग मरीज को मिली बड़ी राहत,लोहिया संस्थान में हुई नायाब सर्जरी

अनकंट्रोल यूरिन को रोकने के लिए वॉल्व किया इम्प्लांट:प्रोस्टेट कैंसर के बुजुर्ग मरीज को मिली बड़ी राहत,लोहिया संस्थान में हुई नायाब सर्जरी

डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने आर्टिफिशियल मूत्राशय स्फिंक्टर इम्प्लांट करने में सफलता हासिल की है। यह प्रत्यारोपण प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी के बाद पेशाब पर नियंत्रण न रख पाने के चलते किया गया। प्रत्यारोपण के बाद बलिया निवासी बुजुर्ग को बड़ी राहत मिली है। 2019 से थी परेशानी संस्थान के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.ईश्वर राम धायल ने बताया कि बलिया के रसड़ा निवासी श्याम नारायण (69) की प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि के बाद वर्ष 2019 में सर्जरी हुई थी। इससे उन्हें कैंसर से निजात मिल गई, लेकिन पेशाब पर नियंत्रण नहीं रह गया। इससे उन्हें काफी दिक्कतें होती थीं। बुजुर्ग लोहिया संस्थान पहुंचे। यूरोलॉजी की OPD में उन्हें मूत्राशय स्फिंक्टर (वॉल्व) प्रत्यारोपित करने की सलाह दी गई। सहमति के बाद वॉल्व इम्प्लांट किया गया। अब तक सिर्फ प्राइवेट सेंटर में हुआ इम्प्लांट डॉ.ईश्वर राम धायल के मुताबिक प्रदेश के किसी भी सरकारी संस्थान में कृत्रिम मूत्राशय स्फिंक्टर प्रत्यारोपण का यह पहला मामला है। अभी तक इस तरह का प्रत्यारोपण सिर्फ निजी अस्पतालों में ही हुआ था। ऑपरेशन टीम के सदस्य डॉ. ईश्वर राम धायल, दिल्ली के यूरोलॉजिस्ट डॉ. गौतम बंगा, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ. शिवानी, डॉ. नंदन और डॉ. प्रवीण। एनेस्थीसिया टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दास और डॉ. स्मारिका शामिल रहे। डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने आर्टिफिशियल मूत्राशय स्फिंक्टर इम्प्लांट करने में सफलता हासिल की है। यह प्रत्यारोपण प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी के बाद पेशाब पर नियंत्रण न रख पाने के चलते किया गया। प्रत्यारोपण के बाद बलिया निवासी बुजुर्ग को बड़ी राहत मिली है। 2019 से थी परेशानी संस्थान के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.ईश्वर राम धायल ने बताया कि बलिया के रसड़ा निवासी श्याम नारायण (69) की प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि के बाद वर्ष 2019 में सर्जरी हुई थी। इससे उन्हें कैंसर से निजात मिल गई, लेकिन पेशाब पर नियंत्रण नहीं रह गया। इससे उन्हें काफी दिक्कतें होती थीं। बुजुर्ग लोहिया संस्थान पहुंचे। यूरोलॉजी की OPD में उन्हें मूत्राशय स्फिंक्टर (वॉल्व) प्रत्यारोपित करने की सलाह दी गई। सहमति के बाद वॉल्व इम्प्लांट किया गया। अब तक सिर्फ प्राइवेट सेंटर में हुआ इम्प्लांट डॉ.ईश्वर राम धायल के मुताबिक प्रदेश के किसी भी सरकारी संस्थान में कृत्रिम मूत्राशय स्फिंक्टर प्रत्यारोपण का यह पहला मामला है। अभी तक इस तरह का प्रत्यारोपण सिर्फ निजी अस्पतालों में ही हुआ था। ऑपरेशन टीम के सदस्य डॉ. ईश्वर राम धायल, दिल्ली के यूरोलॉजिस्ट डॉ. गौतम बंगा, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ. शिवानी, डॉ. नंदन और डॉ. प्रवीण। एनेस्थीसिया टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दास और डॉ. स्मारिका शामिल रहे।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर