अनुप्रिया की पार्टी पंचायत चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी में:प्रयागराज में कहा- अपना दल गठबंधन नहीं करेगा, हमारे कार्यकर्ता तैयार

अनुप्रिया की पार्टी पंचायत चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी में:प्रयागराज में कहा- अपना दल गठबंधन नहीं करेगा, हमारे कार्यकर्ता तैयार

‘पंचायत चुनाव पर हमारी गठबंधन से कोई बातचीत नहीं हुई है। लेकिन हमारी पार्टी अपने स्तर से इस चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है। हमारे कार्यकर्ता भी पंचायत चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। इस बार पंचायत चुनाव में हमारी पार्टी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगी।’ यह बात प्रयागराज में अनुप्रिया पटेल ने कहीं। वह करछना रेलवे स्टेशन के उद्घाटन मौके पर यहां आई थीं। अमृत भारत योजना के तहत यूपी के 19 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया गया। इनमें करछना भी शामिल है, जिसमें अनुप्रिया पटेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं थीं। अनुप्रिया ने कहा कि अपना दल ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। सभी कार्यकर्ता वार्ड और जिला पंचायत सदस्य के पद पर मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटे हैं। इसके लिए पार्टी बूथ स्तर पर कमेटी को मजबूत करने में जुटी है। अनुप्रिया ने पीएम मोदी की तारीफ की बोलीं- उनके नेतृत्व में आगे बढ़ रहा देश
अनुप्रिया पटेल ने कहा- पिछले 11 साल में भारतीय रेलवे ने अभूतपूर्व गौरवगाथा लिखी है। आज पूरा देश रेलवे की सुविधाओं पर गर्व करता है। पिछले 11 साल में मुख्य रूप से 4 स्तंभों पर काम हुआ। इसमें रेलवे के ढांचे का आधुनिकीकरण, विस्तार, कनेक्टिविटी और रोजगार को बढ़ावा देना शामिल है। देश में रेलवे लाइन का 100% इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है। इससे ईंधन की बचत और पर्यावरण का संरक्षण हो रहा है। 103 अमृत भारत रेलवे स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जा चुके हैं। उसमें से 19 स्टेशन यूपी के हैं। यूपी के कुल 157 स्टेशनों का विकास अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तहत किया जा रहा है। इनमें विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराईं जा रही हैं। 6 मई को ही इस्तीफा दे चुके हैं अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष
6 मई, 2025 को अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भेजे गए त्याग-पत्र में आरोप लगाया था कि कि पार्टी डॉ. अंबेडकर और डॉ. सोनेलाल पटेल के विचारों से भटक चुकी है। इसके बारे में कई बार अवगत कराया, लेकिन मेरी बातों को अनसुना कर दिया गया। उनके साथ प्रदेश सचिव कमलेश विश्वकर्मा, अल्पसंख्यक मंच के प्रदेश सचिव मो. फहीम और जिला महासचिव एवं जिला पंचायत सदस्य बीएल सरोज ने भी इस्तीफा दे दिया था। यूपी में पंचायत चुनाव जनवरी में हो सकते हैं यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में जनवरी-फरवरी के महीने में हो सकते हैं। विधानसभा 2027 के पहले पंचायत चुनाव सेमीफाइनल की तरह होगा। यूपी में कुल 57 हजार 691 ग्राम पंचायत, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायत हैं। पिछली बार भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीय जिला पंचायत जीते थे
उत्तर प्रदेश में पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई, 2021 हुए थे। ये चुनाव ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (बीडीसी), और जिला पंचायत (जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष) स्तर पर होते हैं। ये चुनाव पार्टी-चिह्न के बिना होते हैं। लेकिन, बड़े दल अपने समर्थित प्रत्याशियों की पहचान और आकलन करते हैं। पिछली बार यूपी के 75 जिलों में कुल 3,050 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी। जिला पंचायत सदस्यों की 3,047 सीटों में सपा 759, भाजपा 768, बसपा 319, कांग्रेस 125, रालोद 69, आप 64 और निर्दलीयों को 944 सीटें मिली थीं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने मारी थी बाजी
खास बात यह थी कि निर्दलीय जीते प्रत्याशी सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर चुनाव लड़े थे। ऐसे ही समाजवादी पार्टी के भी कई सदस्यों को पार्टी का समर्थन नहीं मिला था। वो भी नाराज होकर मैदान में उतरे और चुनाव जीतकर पहुंचे थे। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष का जब चुनाव हुआ, तो भाजपा ने बाजी मार ली। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जुलाई 2021 में हुआ था। ये चुनाव पार्टी चिह्न पर हुआ था। भाजपा ने 75 में से 67 सीटों पर जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने में सफल रही थी। सपा को सिर्फ 5 सीटें ही मिली थीं। अन्य के खाते में 3 सीटें आई थीं। AAP भी जिला पंचायत चुनाव में अकेले उतरेगी यूपी में 2026 में होने वाले जिला पंचायत चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। AAP यूपी जिला पंचायत चुनाव किसी दल के साथ गठजोड़ करके नहीं, बल्कि अकेले लड़ेगी। 21 मई को आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह मेरठ में थे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ संकल्प शिविर में भाग लिया। संजय सिंह ने इस दौरान ऐलान किया कि AAP आगामी जिला पंचायत और पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी गांव-गांव जाकर जनसंपर्क करेगी, संगठन का विस्तार किया जाएगा। रैलियों और सभाओं के माध्यम से जनता से सीधा संवाद किया जाएगा। संजय सिंह ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य जिला पंचायत के चुनाव हैं। हम पूरी ताकत के साथ यूपी के हर गांव में जाकर चुनाव लड़ेंगे। पंचायत स्तर पर संगठन तैयार किया जा रहा है। इन चुनावों के बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अगली रणनीति तय की जाएगी। अब बात अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल की अब जानिए अपना दल एस का उदय कैसे हुआ
अपना दल का गठन 4 नवंबर,1995 को डॉ. सोनेलाल पटेल ने इंजीनियर बलिहारी पटेल के साथ मिलकर किया था। डॉ. सोनेलाल पटेल पूर्व में बहुजन समाज पार्टी में थे। कांशी राम से मतभेद के बाद उन्होंने अपना दल की नींव रखी। अपना दल के गठन के पूर्व उन्होंने लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में एक कुर्मी-क्षत्रिय महारैली का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। इस रैली को बीबीसी न्यूज ने सबसे बड़ी जातीय रैली कहा था। यही रैली अपना दल के गठन का आधार बनी। प्रदेश में कुर्मी-पटेल की आबादी लगभग 6-8% के बीच है। पूर्वांचल के फतेहपुर, कौशांबी, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, फैजाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बुंदेलखंड में कुर्मी-पटेल की बड़ी आबादी रहती है। यही कारण है कि यहां अपना दल का प्रभाव तेजी से बढ़ा। हालांकि, डॉ. सोनेलाल पटेल अपना दल से कोई चुनाव नहीं जीत पाए। पहली बार पार्टी का खाता गठन के 7 साल बाद 2002 में खुला। तब पार्टी के तीन विधायक विधानसभा में पहुंचे। 2007 में अपना दल का भाजपा से गठबंधन हुआ, मगर कोई सफलता नहीं मिली। 2009 में एक सड़क दुर्घटना में सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल ने पार्टी को आगे बढ़ाया। 2012 में अपना दल ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, तो रोहनिया से सिर्फ अनुप्रिया ही जीत पाईं। यह पहली बार था, जब पटेल परिवार से कोई चुनाव जीता हो। —————————- यह खबर भी पढ़िए मगरमच्छों को लाशें खिलाने वाला ‘डॉक्टर-डेथ’ कैसे बना साइको-किलर, अलीगढ़ में नाना बोले- 11 लाख के नुकसान ने बनाया कातिल यूपी के ‘डॉक्टर डेथ’ को दौसा (राजस्थान) से गिरफ्तार किया गया। 26 साल के क्रिमिनल रिकॉर्ड वाला डॉ. देवेंद्र शर्मा 5 साल से ‘लापता’ था। अलीगढ़ के इस डॉक्टर ने आयुर्वेद में डॉक्टरी की डिग्री ली। 11 साल तक मेडिकल प्रैक्टिस की। फिर गैस एजेंसी के चक्कर में 11 लाख रुपए गंवा दिए। यहीं से डॉक्टर के सीरियल किलर बनने की कहानी शुरू हुई। वह अलीगढ़ के डॉ. अमित के साथ मिलकर बिहार, पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को लाकर किडनी ट्रांसप्लांट कराने लगा। पूरी खबर पढ़िए ‘पंचायत चुनाव पर हमारी गठबंधन से कोई बातचीत नहीं हुई है। लेकिन हमारी पार्टी अपने स्तर से इस चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है। हमारे कार्यकर्ता भी पंचायत चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। इस बार पंचायत चुनाव में हमारी पार्टी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगी।’ यह बात प्रयागराज में अनुप्रिया पटेल ने कहीं। वह करछना रेलवे स्टेशन के उद्घाटन मौके पर यहां आई थीं। अमृत भारत योजना के तहत यूपी के 19 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया गया। इनमें करछना भी शामिल है, जिसमें अनुप्रिया पटेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं थीं। अनुप्रिया ने कहा कि अपना दल ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। सभी कार्यकर्ता वार्ड और जिला पंचायत सदस्य के पद पर मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटे हैं। इसके लिए पार्टी बूथ स्तर पर कमेटी को मजबूत करने में जुटी है। अनुप्रिया ने पीएम मोदी की तारीफ की बोलीं- उनके नेतृत्व में आगे बढ़ रहा देश
अनुप्रिया पटेल ने कहा- पिछले 11 साल में भारतीय रेलवे ने अभूतपूर्व गौरवगाथा लिखी है। आज पूरा देश रेलवे की सुविधाओं पर गर्व करता है। पिछले 11 साल में मुख्य रूप से 4 स्तंभों पर काम हुआ। इसमें रेलवे के ढांचे का आधुनिकीकरण, विस्तार, कनेक्टिविटी और रोजगार को बढ़ावा देना शामिल है। देश में रेलवे लाइन का 100% इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है। इससे ईंधन की बचत और पर्यावरण का संरक्षण हो रहा है। 103 अमृत भारत रेलवे स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जा चुके हैं। उसमें से 19 स्टेशन यूपी के हैं। यूपी के कुल 157 स्टेशनों का विकास अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तहत किया जा रहा है। इनमें विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराईं जा रही हैं। 6 मई को ही इस्तीफा दे चुके हैं अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष
6 मई, 2025 को अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भेजे गए त्याग-पत्र में आरोप लगाया था कि कि पार्टी डॉ. अंबेडकर और डॉ. सोनेलाल पटेल के विचारों से भटक चुकी है। इसके बारे में कई बार अवगत कराया, लेकिन मेरी बातों को अनसुना कर दिया गया। उनके साथ प्रदेश सचिव कमलेश विश्वकर्मा, अल्पसंख्यक मंच के प्रदेश सचिव मो. फहीम और जिला महासचिव एवं जिला पंचायत सदस्य बीएल सरोज ने भी इस्तीफा दे दिया था। यूपी में पंचायत चुनाव जनवरी में हो सकते हैं यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में जनवरी-फरवरी के महीने में हो सकते हैं। विधानसभा 2027 के पहले पंचायत चुनाव सेमीफाइनल की तरह होगा। यूपी में कुल 57 हजार 691 ग्राम पंचायत, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायत हैं। पिछली बार भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीय जिला पंचायत जीते थे
उत्तर प्रदेश में पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई, 2021 हुए थे। ये चुनाव ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (बीडीसी), और जिला पंचायत (जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष) स्तर पर होते हैं। ये चुनाव पार्टी-चिह्न के बिना होते हैं। लेकिन, बड़े दल अपने समर्थित प्रत्याशियों की पहचान और आकलन करते हैं। पिछली बार यूपी के 75 जिलों में कुल 3,050 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा-सपा से ज्यादा निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी। जिला पंचायत सदस्यों की 3,047 सीटों में सपा 759, भाजपा 768, बसपा 319, कांग्रेस 125, रालोद 69, आप 64 और निर्दलीयों को 944 सीटें मिली थीं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने मारी थी बाजी
खास बात यह थी कि निर्दलीय जीते प्रत्याशी सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर चुनाव लड़े थे। ऐसे ही समाजवादी पार्टी के भी कई सदस्यों को पार्टी का समर्थन नहीं मिला था। वो भी नाराज होकर मैदान में उतरे और चुनाव जीतकर पहुंचे थे। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष का जब चुनाव हुआ, तो भाजपा ने बाजी मार ली। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जुलाई 2021 में हुआ था। ये चुनाव पार्टी चिह्न पर हुआ था। भाजपा ने 75 में से 67 सीटों पर जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने में सफल रही थी। सपा को सिर्फ 5 सीटें ही मिली थीं। अन्य के खाते में 3 सीटें आई थीं। AAP भी जिला पंचायत चुनाव में अकेले उतरेगी यूपी में 2026 में होने वाले जिला पंचायत चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। AAP यूपी जिला पंचायत चुनाव किसी दल के साथ गठजोड़ करके नहीं, बल्कि अकेले लड़ेगी। 21 मई को आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह मेरठ में थे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ संकल्प शिविर में भाग लिया। संजय सिंह ने इस दौरान ऐलान किया कि AAP आगामी जिला पंचायत और पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी गांव-गांव जाकर जनसंपर्क करेगी, संगठन का विस्तार किया जाएगा। रैलियों और सभाओं के माध्यम से जनता से सीधा संवाद किया जाएगा। संजय सिंह ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य जिला पंचायत के चुनाव हैं। हम पूरी ताकत के साथ यूपी के हर गांव में जाकर चुनाव लड़ेंगे। पंचायत स्तर पर संगठन तैयार किया जा रहा है। इन चुनावों के बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अगली रणनीति तय की जाएगी। अब बात अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल की अब जानिए अपना दल एस का उदय कैसे हुआ
अपना दल का गठन 4 नवंबर,1995 को डॉ. सोनेलाल पटेल ने इंजीनियर बलिहारी पटेल के साथ मिलकर किया था। डॉ. सोनेलाल पटेल पूर्व में बहुजन समाज पार्टी में थे। कांशी राम से मतभेद के बाद उन्होंने अपना दल की नींव रखी। अपना दल के गठन के पूर्व उन्होंने लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में एक कुर्मी-क्षत्रिय महारैली का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटी। इस रैली को बीबीसी न्यूज ने सबसे बड़ी जातीय रैली कहा था। यही रैली अपना दल के गठन का आधार बनी। प्रदेश में कुर्मी-पटेल की आबादी लगभग 6-8% के बीच है। पूर्वांचल के फतेहपुर, कौशांबी, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, फैजाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बुंदेलखंड में कुर्मी-पटेल की बड़ी आबादी रहती है। यही कारण है कि यहां अपना दल का प्रभाव तेजी से बढ़ा। हालांकि, डॉ. सोनेलाल पटेल अपना दल से कोई चुनाव नहीं जीत पाए। पहली बार पार्टी का खाता गठन के 7 साल बाद 2002 में खुला। तब पार्टी के तीन विधायक विधानसभा में पहुंचे। 2007 में अपना दल का भाजपा से गठबंधन हुआ, मगर कोई सफलता नहीं मिली। 2009 में एक सड़क दुर्घटना में सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल ने पार्टी को आगे बढ़ाया। 2012 में अपना दल ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, तो रोहनिया से सिर्फ अनुप्रिया ही जीत पाईं। यह पहली बार था, जब पटेल परिवार से कोई चुनाव जीता हो। —————————- यह खबर भी पढ़िए मगरमच्छों को लाशें खिलाने वाला ‘डॉक्टर-डेथ’ कैसे बना साइको-किलर, अलीगढ़ में नाना बोले- 11 लाख के नुकसान ने बनाया कातिल यूपी के ‘डॉक्टर डेथ’ को दौसा (राजस्थान) से गिरफ्तार किया गया। 26 साल के क्रिमिनल रिकॉर्ड वाला डॉ. देवेंद्र शर्मा 5 साल से ‘लापता’ था। अलीगढ़ के इस डॉक्टर ने आयुर्वेद में डॉक्टरी की डिग्री ली। 11 साल तक मेडिकल प्रैक्टिस की। फिर गैस एजेंसी के चक्कर में 11 लाख रुपए गंवा दिए। यहीं से डॉक्टर के सीरियल किलर बनने की कहानी शुरू हुई। वह अलीगढ़ के डॉ. अमित के साथ मिलकर बिहार, पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को लाकर किडनी ट्रांसप्लांट कराने लगा। पूरी खबर पढ़िए   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर