इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की मेगा ऑक्शन से पहले फ्रैंचाइजी (केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड) में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कंपनी की को-ओनर व अभिनेत्री प्रीति जिंटा अदालत पहुंच गई। उन्होंने कंपनी के सह मालिक मोहित बर्मन के खिलाफ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने मोहित बर्मन के साढ़े 11 फीसदी शेयर किसी और को बेचने पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में अदालत ने बर्मन को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को संपन्न होगी। चार हिस्सेदारों के पास है शेयर याचिका के मुताबिक कंपनी के चार बड़े हिस्सेदार है। बर्मन के पास केवीएच की सबसे बड़ी 48 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि प्रीति जिंटा व नेस वाडिया के पास 23-23 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि शेष शेयर चौथे हिस्सेदार करण पाॅल के पास हैं। याचिका के मुताबिक प्रीति जिंटा का कहना है कि मोहित बर्मन अपने हिस्से के 11.5 फीसदी शेयर किसी अन्य पार्टी को बेचने की बात कर रहे हैं। याचिका मे यह दी है दलील प्रीति ने बर्मन को यह शेयर बेचने से रोकने की मांग आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट 1996 के तहत याचिका दायर कर की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी हिस्सेदार अपना शेयर समूह के बाहर उस स्थिति में बेच सकता है, जब बाकी हिस्सेदार उन शेयरों को खरीदने से इनकार कर रहे हो। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। बाकी हिस्सेदारों ने इन शेयरों को खरीदने से इनकार नहीं किया है। बर्मन ने भी अपने शेयर बेचने से इनकार किया है। पंजाब किंग्स ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अनुच्छेद 19 का किया प्रयोग जिंटा ने एसोसिएशन के उप नियमों ने अनुच्छेद 19 को उजागर किया है। जो मौजूदा निवेशकों के पहले इनकार के अधिकार आरओएफआर से संबंधित है। अदालत ने कहा कि शुरुआत में हिस्सेदारी बेचने की पेशकश करने के बाद बर्मन पीछे हट गए। लेकिन अमेरिकी कंपनी के साथ सौदे की चर्चा जारी है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की मेगा ऑक्शन से पहले फ्रैंचाइजी (केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड) में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कंपनी की को-ओनर व अभिनेत्री प्रीति जिंटा अदालत पहुंच गई। उन्होंने कंपनी के सह मालिक मोहित बर्मन के खिलाफ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने मोहित बर्मन के साढ़े 11 फीसदी शेयर किसी और को बेचने पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में अदालत ने बर्मन को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को संपन्न होगी। चार हिस्सेदारों के पास है शेयर याचिका के मुताबिक कंपनी के चार बड़े हिस्सेदार है। बर्मन के पास केवीएच की सबसे बड़ी 48 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि प्रीति जिंटा व नेस वाडिया के पास 23-23 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि शेष शेयर चौथे हिस्सेदार करण पाॅल के पास हैं। याचिका के मुताबिक प्रीति जिंटा का कहना है कि मोहित बर्मन अपने हिस्से के 11.5 फीसदी शेयर किसी अन्य पार्टी को बेचने की बात कर रहे हैं। याचिका मे यह दी है दलील प्रीति ने बर्मन को यह शेयर बेचने से रोकने की मांग आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट 1996 के तहत याचिका दायर कर की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी हिस्सेदार अपना शेयर समूह के बाहर उस स्थिति में बेच सकता है, जब बाकी हिस्सेदार उन शेयरों को खरीदने से इनकार कर रहे हो। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। बाकी हिस्सेदारों ने इन शेयरों को खरीदने से इनकार नहीं किया है। बर्मन ने भी अपने शेयर बेचने से इनकार किया है। पंजाब किंग्स ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अनुच्छेद 19 का किया प्रयोग जिंटा ने एसोसिएशन के उप नियमों ने अनुच्छेद 19 को उजागर किया है। जो मौजूदा निवेशकों के पहले इनकार के अधिकार आरओएफआर से संबंधित है। अदालत ने कहा कि शुरुआत में हिस्सेदारी बेचने की पेशकश करने के बाद बर्मन पीछे हट गए। लेकिन अमेरिकी कंपनी के साथ सौदे की चर्चा जारी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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