पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की लोकसभा सदस्यता को लेकर केंद्र सरकार ने एक समिति गठित कर दी है। यह जानकारी खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सत्र में भाग लेने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केंद्र ने दी। लोकसभा स्पीकर ने इस समिति का गठन किया है, जो इस बात पर विचार करेगी कि उनकी अनुपस्थिति को स्वीकृत किया जाए या नहीं। पिछली सुनवाई पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या सांसदों की छुट्टी स्वीकृत करने के लिए कोई समिति गठित की गई है या नहीं। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन को निर्देश दिया था कि वे 25 फरवरी तक इस संबंध में कोर्ट को सूचित करें। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील की तबीयत खराब होने के कारण अब इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी। क्या है सांसद अमृतपाल सिंह की याचिका सांसद अमृतपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने बताया कि उन्हें वर्ष 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत में रखा गया है। उनके वकील का कहना है कि अमृतपाल ने संसद से अवकाश के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अब तक उनके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठकों में भाग लेने की अनुमति दी जाए, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों को आगे बढ़ा सकें। संसद से पत्र प्राप्त न होने का आरोप अमृतपाल सिंह की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि जेल प्रशासन उनके पत्रों को समय पर उपलब्ध नहीं कराता, जिससे उनके संसदीय कार्यों में बाधा आ रही है। उन्होंने अदालत को बताया कि लोकसभा सचिवालय से आने वाले पत्रों को रोका या सेंसर नहीं किया जा सकता, लेकिन उनके मामले में ऐसा किया जा रहा है। कोर्ट की टिप्पणी और केंद्र सरकार का रुख पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण पहले ही समाप्त हो चुका है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि जब अगली बार सांसद अमृतपाल सिंह को संसद की कार्यवाही में भाग लेने के लिए समन मिलेगा, तब वे इस मुद्दे को फिर से कोर्ट में उठा सकते हैं। इस दौरान, केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने कोर्ट को बताया कि कोई भी सांसद संसद से अवकाश के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिरासत में होने को संसद से अवकाश का आधार माना जा सकता है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार लोकसभा की समिति के पास होता है। अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी, जहां यह तय होगा कि सांसद अमृतपाल सिंह को संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की लोकसभा सदस्यता को लेकर केंद्र सरकार ने एक समिति गठित कर दी है। यह जानकारी खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सत्र में भाग लेने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केंद्र ने दी। लोकसभा स्पीकर ने इस समिति का गठन किया है, जो इस बात पर विचार करेगी कि उनकी अनुपस्थिति को स्वीकृत किया जाए या नहीं। पिछली सुनवाई पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या सांसदों की छुट्टी स्वीकृत करने के लिए कोई समिति गठित की गई है या नहीं। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन को निर्देश दिया था कि वे 25 फरवरी तक इस संबंध में कोर्ट को सूचित करें। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील की तबीयत खराब होने के कारण अब इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी। क्या है सांसद अमृतपाल सिंह की याचिका सांसद अमृतपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने बताया कि उन्हें वर्ष 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत में रखा गया है। उनके वकील का कहना है कि अमृतपाल ने संसद से अवकाश के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अब तक उनके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठकों में भाग लेने की अनुमति दी जाए, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों को आगे बढ़ा सकें। संसद से पत्र प्राप्त न होने का आरोप अमृतपाल सिंह की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि जेल प्रशासन उनके पत्रों को समय पर उपलब्ध नहीं कराता, जिससे उनके संसदीय कार्यों में बाधा आ रही है। उन्होंने अदालत को बताया कि लोकसभा सचिवालय से आने वाले पत्रों को रोका या सेंसर नहीं किया जा सकता, लेकिन उनके मामले में ऐसा किया जा रहा है। कोर्ट की टिप्पणी और केंद्र सरकार का रुख पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण पहले ही समाप्त हो चुका है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि जब अगली बार सांसद अमृतपाल सिंह को संसद की कार्यवाही में भाग लेने के लिए समन मिलेगा, तब वे इस मुद्दे को फिर से कोर्ट में उठा सकते हैं। इस दौरान, केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने कोर्ट को बताया कि कोई भी सांसद संसद से अवकाश के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिरासत में होने को संसद से अवकाश का आधार माना जा सकता है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार लोकसभा की समिति के पास होता है। अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी, जहां यह तय होगा कि सांसद अमृतपाल सिंह को संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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