अमृतसर के एमपी गुरजीत औजल संसद में बोले:बासमती पर अधिक कैप का फायदा ले गया पाकिस्तान, पंजाब से नहीं हो रही खरीद

अमृतसर के एमपी गुरजीत औजल संसद में बोले:बासमती पर अधिक कैप का फायदा ले गया पाकिस्तान, पंजाब से नहीं हो रही खरीद

भारत सरकार की तरफ से बासमती एक्सपोर्ट पर 950 डॉलर प्रति क्विंटल कैप लगाने का विरोध आज संसद में हुआ। दरअसल, भारत सरकार ने गैरकानूनी रूप से नॉन-बासमती चावल के निर्यात को रोकने के लिए 950 डॉलर प्रति टन से नीचे के बासमती चावल के एक्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया हुआ है। इसे ही कैप कहा जाता है। इसका फायदा पाकिस्तान ने उठा लिया। शुक्रवार को संसद में बोलते हुए अमृतसर से सांसद गुरजीत औजल ने कहा कि इस बार सारे मिडल ईस्ट के ऑर्डर पाकिस्तान ने ले लिए हैं और भारत के एक्सपोर्टर खाली हाथ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि बीते साल भारत सरकार ने एक्सपोर्ट पर प्रति टन 1200 डॉलर कैप लगा दिया था। जिसका विरोध हुआ और कैप को 950 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। बता दें कि, पंजाब में बासमती की 1509, 1121, 1718 प्रजाति उगाई जाती है। विश्व में दो देशों भारत और पाकिस्तान में ही बासमती उगाते हैं। पाकिस्तान ने कम कैप का उठाया फायदा बड़ी मात्रा में 1509 बासमती मिडल ईस्ट में जाती है। लेकिन इस साल सारा ऑर्डर पाकिस्तान ने ले लिया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में बासमती पर 700 डॉलर कैप है। जिसके चलते सारे ऑर्डर पाकिस्तान को मिले और भारत के व्यापारियों से 1509 कोई उठा नहीं रहा। कैप कम करने की मांग औजला ने मांग उठाई है कि भारत को बासमति पर कैप पाकिस्तान से कम करनी चाहिए, ताकि यहां के व्यापारी और किसान दोनों फायदा उठा सकें। अगर ऐसा ना हुआ तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। भारत सरकार की तरफ से बासमती एक्सपोर्ट पर 950 डॉलर प्रति क्विंटल कैप लगाने का विरोध आज संसद में हुआ। दरअसल, भारत सरकार ने गैरकानूनी रूप से नॉन-बासमती चावल के निर्यात को रोकने के लिए 950 डॉलर प्रति टन से नीचे के बासमती चावल के एक्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया हुआ है। इसे ही कैप कहा जाता है। इसका फायदा पाकिस्तान ने उठा लिया। शुक्रवार को संसद में बोलते हुए अमृतसर से सांसद गुरजीत औजल ने कहा कि इस बार सारे मिडल ईस्ट के ऑर्डर पाकिस्तान ने ले लिए हैं और भारत के एक्सपोर्टर खाली हाथ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि बीते साल भारत सरकार ने एक्सपोर्ट पर प्रति टन 1200 डॉलर कैप लगा दिया था। जिसका विरोध हुआ और कैप को 950 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। बता दें कि, पंजाब में बासमती की 1509, 1121, 1718 प्रजाति उगाई जाती है। विश्व में दो देशों भारत और पाकिस्तान में ही बासमती उगाते हैं। पाकिस्तान ने कम कैप का उठाया फायदा बड़ी मात्रा में 1509 बासमती मिडल ईस्ट में जाती है। लेकिन इस साल सारा ऑर्डर पाकिस्तान ने ले लिया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में बासमती पर 700 डॉलर कैप है। जिसके चलते सारे ऑर्डर पाकिस्तान को मिले और भारत के व्यापारियों से 1509 कोई उठा नहीं रहा। कैप कम करने की मांग औजला ने मांग उठाई है कि भारत को बासमति पर कैप पाकिस्तान से कम करनी चाहिए, ताकि यहां के व्यापारी और किसान दोनों फायदा उठा सकें। अगर ऐसा ना हुआ तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।   पंजाब | दैनिक भास्कर