पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल के लंगर हॉल में कढ़ाई में गिरे सेवादार की 8 दिन के इलाज के बाद मौत हो गई। 1-2 अगस्त की रात को सेवादार सेवा करते समय उबलते आलू की कढ़ाई में गिर गया था। जिसके बाद उसे अमृतसर के वल्ला स्थित श्री गुरु रामदास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 8 दिन चले इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक सेवादार की पहचान गुरदासपुर के धालीवाल के रहने वाले बलबीर सिंह के तौर पर हुई है। वह पिछले दस सालों से स्वर्ण मंदिर में सेवा के लिए आ रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1-2 अगस्त की रात करीब साढ़े 12 बजे आलू उबालने की सेवा चल रही थी। स्वर्ण मंदिर की बड़ी कढ़ाई में आलू उबाले जा रहे थे। इस दौरान बलबीर सिंह भी आलू उबाल रहा था। इसी दौरान वे अचानक कढ़ाई में गिर गया। पैर तिलकने से हुआ हादसा सेवा कर रहे सेवादारों ने बताया कि आलू उबालते समय कढ़ाई पर झाग आ जाती है, जिसे साफ किया जाता है। बलबीर सिंह भी इसी झाग को साफ कर रहे थे। इसी दौरान उनका पैर तिलका और वे सीधा कढ़ाई में जा गिरे। आधे से अधिक झुलस चुका था शरीर तुरंत उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अंतर्गत चलने वाले श्री गुरु रामदास जी अस्पताल वल्ला में दाखिल करवाया गया थे। इलाज का पूरा खर्च भी SGPC की तरफ से उठाया गया। डॉक्टर्स के अनुसार उनका 70% शरीर झुलस चुका था। जिसके बाद उनकी हालत काफी अधिक खराब थी। पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल के लंगर हॉल में कढ़ाई में गिरे सेवादार की 8 दिन के इलाज के बाद मौत हो गई। 1-2 अगस्त की रात को सेवादार सेवा करते समय उबलते आलू की कढ़ाई में गिर गया था। जिसके बाद उसे अमृतसर के वल्ला स्थित श्री गुरु रामदास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 8 दिन चले इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक सेवादार की पहचान गुरदासपुर के धालीवाल के रहने वाले बलबीर सिंह के तौर पर हुई है। वह पिछले दस सालों से स्वर्ण मंदिर में सेवा के लिए आ रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1-2 अगस्त की रात करीब साढ़े 12 बजे आलू उबालने की सेवा चल रही थी। स्वर्ण मंदिर की बड़ी कढ़ाई में आलू उबाले जा रहे थे। इस दौरान बलबीर सिंह भी आलू उबाल रहा था। इसी दौरान वे अचानक कढ़ाई में गिर गया। पैर तिलकने से हुआ हादसा सेवा कर रहे सेवादारों ने बताया कि आलू उबालते समय कढ़ाई पर झाग आ जाती है, जिसे साफ किया जाता है। बलबीर सिंह भी इसी झाग को साफ कर रहे थे। इसी दौरान उनका पैर तिलका और वे सीधा कढ़ाई में जा गिरे। आधे से अधिक झुलस चुका था शरीर तुरंत उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अंतर्गत चलने वाले श्री गुरु रामदास जी अस्पताल वल्ला में दाखिल करवाया गया थे। इलाज का पूरा खर्च भी SGPC की तरफ से उठाया गया। डॉक्टर्स के अनुसार उनका 70% शरीर झुलस चुका था। जिसके बाद उनकी हालत काफी अधिक खराब थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में ट्रिपल मर्डर के हत्यारे को 70 साल कैद:पत्नी,भाभी और भतीजे की कुल्हाड़ी से की थी हत्या,वाइफ पर करता था शक
पंजाब में ट्रिपल मर्डर के हत्यारे को 70 साल कैद:पत्नी,भाभी और भतीजे की कुल्हाड़ी से की थी हत्या,वाइफ पर करता था शक पंजाब के मोरिंडा में एक ट्रिपल मर्डर के हत्यारोपी आलम को अदालत ने 70 साल की कैद सुनाई है। हत्यारोपी ने अपनी पत्नी, भाभी पत्नी के भतीजे को कुल्हाड़ी से काट दिया था। वार्ड नंबर 1, शुगर मिल रोड, मोरिंडा के निवासी आलम (28) को अपनी पत्नी, भाभी और पत्नी के भतीजे की हत्या करने और एक अन्य भतीजे को घायल करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आ 3 जून 2020 रात को किया था ट्रिपल मडर्र आरोपी को कुल 70 साल जेल में काटने होंगे। 3 जून, 2020 की रात को, आलम ने अपनी पत्नी काजल, भाभी जसप्रीत कौर और उसके बेटे साहिल की सोते समय कुल्हाड़ी से हत्या कर दी और अपनी भाभी के दूसरे बेटे बॉबी की भी हत्या करने का प्रयास किया, जो मोरिंडा में अपनी पत्नी के पैतृक घर में रह रहे थे।
वकील रमेश कुमारी की दलील से सहमत होते हुए, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रूपनगर ने आलम को दोषी ठहराया और आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या और धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया। अदालत ने मामले में आईपीसी की धारा 57 लागू की, जिसमें 20 साल की आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इस धारा के आधार पर, आलम 60 साल तक जेल में रहेगा, यानी आईपीसी की धारा 302 (तीन अपराधों के लिए) के तहत 20-20 साल, और धारा 307 के तहत अपराध के लिए 10 साल और जेल में रहेगा। कुल्हाड़ी से किया था हमला मोरिंडा के SHO सुनील कुमार ने मीडिया को बताया कि आरोपी नकोदर का रहने वाला है। जांच में पता चला कि उसे अपनी पत्नी पर कोविड काल में अवैध संबंधों का शक था। मामले में शिकायतकर्ता सास खुद को एक कमरे में बंद करके भाग गई। जब उसने अपनी पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमला किया तो उसका नौ महीने का बेटा उसके पास सो रहा था। उसने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। वह अपनी भाभी, उसके बेटे को मारने और एक अन्य बच्चे को घायल करने के लिए आगे बढ़ा। घटना के बाद उसने जहरीला पदार्थ खा लिया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
पंजाब के औसत तापमान में 1.7 डिग्री गिरावट:आज भी 11 जिलों में बारिश के आसार; 30 जुलाई से येलो अलर्ट जारी
पंजाब के औसत तापमान में 1.7 डिग्री गिरावट:आज भी 11 जिलों में बारिश के आसार; 30 जुलाई से येलो अलर्ट जारी पंजाब के कुछ इलाकों में कल हुई हल्की बारिश के बाद राज्य के तापमान में 1.7 डिग्री की गिरावट आई है। आज मौसम विभाग ने किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया, लेकिन 11 जिलों में बारिश की संभावना है। वहीं, मंगलवार से हिमाचल से सटे इलाकों में बारिश की संभावना के साथ येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के 11 जिलों तरनतारन, फिरोजपुर, कपूरथला, मोगा, जालंधर, लुधियाना, नवांशहर, रूपनगर, एसएएस नगर, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में बारिश की 50% संभावना है, जबकि अन्य जिलों में बारिश की संभावना बेहद कम है। तापमान 40 डिग्री के करीब दर्ज हालांकि पंजाब में तापमान में 1.7 डिग्री की गिरावट आई है, लेकिन औसत तापमान अभी भी सामान्य से 1.6 डिग्री अधिक है। पंजाब के बठिंडा में तापमान 39.2 डिग्री दर्ज किया गया। फतेहगढ़ साहिब में अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री दर्ज किया गया।
अमृतपाल से जेल में मिले वकील राजदेव सिंह:कहा- जून में आ सकते हैं बाहर; सरकारों को मानना होगा लोगों का फतवा
अमृतपाल से जेल में मिले वकील राजदेव सिंह:कहा- जून में आ सकते हैं बाहर; सरकारों को मानना होगा लोगों का फतवा लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब से जीत हासिल करने वाले अमृतपाल सिंह जून महीने में जेल से बाहर आ सकते हैं। ये दावा उनके वकील और पूर्व सांसद राजदेव सिंह खालसा ने किया है। एक इंटरव्यू में राजदेव खालसा का कहना है कि वे बीते बुधवार अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल में मिल कर लौटे हैं। एडवोकेट राजदेव सिंह ने बताया कि जेल में अमृतपाल सिंह ने खूडर साहिब की संगत का धन्यवाद किया है, जिन्होंने उसे चुनाव जिता कर फतवा दिया है। उन्होंने अमृतपाल सिंह के ऊपर लगे NSA हटाने और जेल से आने के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों ने जो भी बड़े स्तर पर अमृतपाल सिंह के लिए फतवा दिया है, वे कानूनी प्रक्रिया से भी ऊपर है। सुप्रीम कोर्ट मानती है जनता का फैसला एडवोकेट राजदेव सिंह के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कई केसों में कहा है कि जनता ही हकूमत करने वाली होती है। लोक राज का ये बुनिआदी असूल है कि जो जनता का फतवा होता है, वो सभी को मंजूर करना पड़ता है। इसलिए जनता ने जब अमृतपाल सिंह को इतना बड़ा फतवा दे दिया है तो उनके ख्याल से कानूनी प्रक्रिया की इसमें कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को लोगों का ये बड़ा फतवा मानना ही पड़ेगा और उन्हें जेल से रिहा करना ही पड़ेगा।