गुरदासपुर के बटाला के गांव खोखर फौजिया में शमशान घाट पर किए जा रहे अवैध कब्जे करने के विरोध में ग्रामीणों ने अमृतसर-पठानकोट नेशनल हाइवे जाम लगा दिया। लोगों ने हाइवे जाम करने के बाद पंजाब सरकार और बटाला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम के चलते हाइवे से निकलने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हाइवे जाम कर धरना दिए जाने की सूचना पाकर बटाला पुलिस अधिकारी भी आ पहुंचे। जिन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया, मगर वह अपनी मांग पर अड़े रहे। गांव के लोगों ने बताया कि गांव में ये शमशान घाट देश की आजादी से पहले के बने हुए है। जहां उनके बुजुर्गों के अंतिम संस्कार हुए हैं। गांव के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। नेशनल हाइवे के साथ लगते होने के चलते इस जगह की कीमत लाखों रुपए हो गई है। शमशान घाट के पास बाबा शिव सिंह का डेरा होने के चलते बाबा ने अपने साथियों व गांव के सरपंच की मिलीभगत से इस पर कब्जा किया जा रहा है। पुलिस के समझाने पर भी नहीं माने ग्रामीण शमशान घाट का सामान भी जहां से उखाड़ दिया गया है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायतें भी दी जा चुकी है, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस कारण शमशान घाट को बचाने के लिए अब उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक कब्जा नहीं हटाया जाता और कब्जा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, तब तक जाम नहीं हटाया जाएगा। मौके पर पहुंचे एसएचओ सुखजिंदर सिंह ने कहा कि गांव के लोगों की समस्या को सुना गया है। और आश्वासन दिया कानून के अनुसार बनती कार्रवाई की जाएगी। गांव के लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही इसे मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। गुरदासपुर के बटाला के गांव खोखर फौजिया में शमशान घाट पर किए जा रहे अवैध कब्जे करने के विरोध में ग्रामीणों ने अमृतसर-पठानकोट नेशनल हाइवे जाम लगा दिया। लोगों ने हाइवे जाम करने के बाद पंजाब सरकार और बटाला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम के चलते हाइवे से निकलने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हाइवे जाम कर धरना दिए जाने की सूचना पाकर बटाला पुलिस अधिकारी भी आ पहुंचे। जिन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया, मगर वह अपनी मांग पर अड़े रहे। गांव के लोगों ने बताया कि गांव में ये शमशान घाट देश की आजादी से पहले के बने हुए है। जहां उनके बुजुर्गों के अंतिम संस्कार हुए हैं। गांव के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। नेशनल हाइवे के साथ लगते होने के चलते इस जगह की कीमत लाखों रुपए हो गई है। शमशान घाट के पास बाबा शिव सिंह का डेरा होने के चलते बाबा ने अपने साथियों व गांव के सरपंच की मिलीभगत से इस पर कब्जा किया जा रहा है। पुलिस के समझाने पर भी नहीं माने ग्रामीण शमशान घाट का सामान भी जहां से उखाड़ दिया गया है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायतें भी दी जा चुकी है, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस कारण शमशान घाट को बचाने के लिए अब उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक कब्जा नहीं हटाया जाता और कब्जा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, तब तक जाम नहीं हटाया जाएगा। मौके पर पहुंचे एसएचओ सुखजिंदर सिंह ने कहा कि गांव के लोगों की समस्या को सुना गया है। और आश्वासन दिया कानून के अनुसार बनती कार्रवाई की जाएगी। गांव के लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही इसे मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पटियाला में निजी कंपनी का सुपरवाइजर सस्पेंड:मीटर रीडर से लेता था रिश्वत, एक बिलिंग ग्रुप से तय थे 2 हजार
पटियाला में निजी कंपनी का सुपरवाइजर सस्पेंड:मीटर रीडर से लेता था रिश्वत, एक बिलिंग ग्रुप से तय थे 2 हजार पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्राइवेट मीटर रीडिंग कंपनी के सुपरवाइजर को करप्शन के मामले में बर्खास्त कर दिया है। सुपरवाइजर बालकृष्ण पर आरोप था कि वह मीटर रीडर से रिश्वत लेता था। जिसकी विभाग के पास शिकायत पहुंचने के बाद जानकारी दी गई। चीफ इंजीनियर इंद्रपाल सिंह ने बताया कि इंजीनियर गगनदीप सिंगला बठिंडा ने इस पूरे मामले की जांच की है जिसके बाद सुपरवाइजर को आरोपी पाए जाने के बाद उसे बर्खास्त किया है। बिलिंग ग्रुप के लिए 2000 रिश्वत लेता था आरोपी चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि जांच के दौरान जोगिंदर सिंह नामक मीटर रीडर ने बताया कि उनके द्वारा सिस्टम में डाटा शुरू किया जाना होता है। यह डाटा सुपरवाइजर बालकृष्ण द्वारा मुहैया करवाया जाता था। सुपरवाइजर इस डाटा डालने के लिए रिश्वत मांगता था। आरोपी एक बिलिंग ग्रुप के लिए 1500 रुपए से लेकर ₹2000 तक की रिश्वत मांगी जाती थी। दबाव बनाकर यह पैसे लिए जाते थे। बालकृष्ण ने सुपरवाइजर पद का फायदा उठाते हुए मीटर रीडर रजनीश कुमार, दीपू राम मनप्रीत सिंह, गुरशरण लखबीर सिंह और सतनाम सिंह से भी पैसों की मांग की थी। जिसकी एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की गई थी। इसके बाद ही जार शुरू करते हुए आरोपी को बर्खास्त कर दिया गया।
लुधियाना में SHO जगजीत सिंह पर FIR दर्ज:होटल मालिक से मांगे 2.70 हजार;ASI चरणजीत का विजिलें में खुलासा,इंस्पेक्टर के कहने पर मांगी रिश्वत
लुधियाना में SHO जगजीत सिंह पर FIR दर्ज:होटल मालिक से मांगे 2.70 हजार;ASI चरणजीत का विजिलें में खुलासा,इंस्पेक्टर के कहने पर मांगी रिश्वत पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्योरों ने शनिवार रात भ्रष्टाचार के आरोप में डिवीजन नंबर 5 पुलिस स्टेशन में तैनात ASI चरणजीत सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने के एक महीने बाद विजिलेंस ब्यूरो ने इंस्पेक्टर जगजीत सिंह नागपाल पर भी मामला दर्ज किया। 8 जुलाई को होटल मालिक से मांगी 2 लाख 70 हजार रिश्वत यह कार्रवाई ASI चरणजीत सिंह के बयान के बाद की गई है, जिन्हें 8 जुलाई को एक होटल मालिक से 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में सतर्कता ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। एएसआई ने कहा कि उसने इंस्पेक्टर के कहने पर रिश्वत की मांग की थी। SHO नागपाल है फरार इंस्पेक्टर जगजीत सिंह नागपाल फरार हैं.जब विजिलेंस ब्यूरो ने एएसआई को गिरफ्तार किया, तब वह डिवीजन नंबर 5 पुलिस स्टेशन में SHO के रूप में तैनात थे। बाद में उनका तबादला पुलिस लाइन कर दिया गया। जैसे ही इंस्पेक्टर को पता चला कि उसे निगरानी ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है, वह विभाग को सूचित किए बिना भाग गया। SSP रविंदरपाल सिंह ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने पाया कि आरोपी इंस्पैक्टर विभाग को सूचित किए बिना ड्यूटी से अनुपस्थित था। सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान विजिलेंस ब्योरो को यह भी पता चला कि इंस्पेक्टर किराये के आलीशान मकान में रह रहा था, जिसका मासिक किराया लाखों रुपये है। विजिलेंस ब्योरो ने भी घर को लेकर जांच शुरू की। ये पढ़े पूरा मामला जवाहर नगर कैंप में होटल ताज के मालिक कमलजीत आहूजा की शिकायत के बाद सतर्कता ब्यूरो (वीबी) ने 2 जुलाई को 2,70,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में एएसआई चरणजीत सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि एएसआई ने उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ उक्त पुलिस स्टेशन में पहले से दर्ज एक मामले में आईपीसी की धारा 307, 379-बी जोड़ने के लिए उससे धमकी देकर अवैध रिश्वत ली थी और अधिक रिश्वत की मांग कर रहे थे। जांच के दौरान विजिलेंस ब्योरो ने पाया कि यह साबित हो गया है कि एएसआई चरणजीत सिंह ने इस थाने के SHO के नाम पर 2,70,000 रुपये की रिश्वत ली थी और शिकायतकर्ता को अनुमति देने के लिए प्रति माह 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। एएसआई ने 8 जुलाई को विजिलेंस ब्यूरो के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पूछताछ के दौरान एएसआई ने खुलासा किया कि उसने इंस्पेक्टर के कहने पर रिश्वत ली थी।
लुधियाना में करंट लगे मरीज को नहीं मिला स्ट्रैचर:सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में E-रिक्शा लेकर अंदर घुसे, युवक ने तोड़ा दम
लुधियाना में करंट लगे मरीज को नहीं मिला स्ट्रैचर:सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में E-रिक्शा लेकर अंदर घुसे, युवक ने तोड़ा दम पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मंगलवार रात करीब सवा दस बजे एक राहगीर ई-रिक्शा चालक करंट लगने से घायल को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर आया। मरीज की पत्नी भी उसके साथ थी। उसे इमरजेंसी में भर्ती करने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला। मरीज के परिजनों और ई-रिक्शा चालक कंवलजीत सिंह ने जब काफी शोर मचाया तो अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बताया कि अगर स्ट्रेचर लेना है तो शवगृह जाना पड़ेगा। किसी तरह लोगों की मदद से मरीज अजय मेहता को ई-रिक्शा से नीचे उतारा गया और हाथ-पैर पकड़कर इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। मरीज अजय मेहता की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया। स्ट्रेचर न मिलने पर इमरजेंसी में ई-रिक्शा घुसाया कंवलजीत के अनुसार परिजनों ने मरीज को इमरजेंसी से बाहर ले जाने के लिए दोबारा स्ट्रेचर की मांग की। जब किसी ने स्ट्रेचर नहीं दिया तो मरीज की जान बचाने के लिए वह ई-रिक्शा चलाकर अस्पताल की इमरजेंसी में ले गया ताकि मरीज को जल्दी से लादकर निजी अस्पताल ले जाया जा सके। लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से उसकी कहासुनी हो गई। इसके बाद वह मरीज अजय मेहता को सीएमसी अस्पताल ले गया लेकिन उसकी मौत हो गई। राजमिस्त्री का काम करता था मृतक जानकारी देते हुए मृतक अजय की पत्नी अजयमती ने बताया कि उसका पति राजमिस्त्री का काम करता है। वह कुछ दिन पहले ही बिहार से लुधियाना आया है। उसकी 1 बेटी और दो बेटे हैं। वह अपने परिवार के साथ बैंक कॉलोनी में रहती है। मंगलवार रात को जब उसका पति कमरे में प्रवेश कर रहा था तो मीटर बॉक्स के पास बिजली की तार से उसका हाथ छू गया। जिससे वह झुलस गया। लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अजय के शव को अब पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखा जाएगा।