देहाती पुलिस अमृतसर ने नशा तस्करी के मामले में एक फौजी को गिरफ्तार किया है। वह तस्करी के साथ-साथ सेना की जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को भेजता था। एसएसपी देहाती चरणजीत सिंह ने बताया कि पहले मामले में थाना घरिंडा पुलिस को 4 फरवरी को गुप्त सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह निवासी चंबा, राजबीर सिंह निवासी पट्टी (दोनों फौजी), मनदीप सिंह निवासी मकबरे वाली गली और माधव शर्मा निवासी राजस्थान पाकिस्तान से हेरोइन, असलाह मंगवाकर आगे सप्लाई करते हैं और पैसा हवाला के जरिए पाकिस्तान को भेजते हैं। अमृतपाल सिंह और राजबीर सिंह भारतीय सेना में नौकरी करते हैं और यह सेना के गुप्त दस्तावेज और अन्य जानकारियों भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भेजते हैं। देहाती पुलिस अमृतसर ने नशा तस्करी के मामले में एक फौजी को गिरफ्तार किया है। वह तस्करी के साथ-साथ सेना की जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को भेजता था। एसएसपी देहाती चरणजीत सिंह ने बताया कि पहले मामले में थाना घरिंडा पुलिस को 4 फरवरी को गुप्त सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह निवासी चंबा, राजबीर सिंह निवासी पट्टी (दोनों फौजी), मनदीप सिंह निवासी मकबरे वाली गली और माधव शर्मा निवासी राजस्थान पाकिस्तान से हेरोइन, असलाह मंगवाकर आगे सप्लाई करते हैं और पैसा हवाला के जरिए पाकिस्तान को भेजते हैं। अमृतपाल सिंह और राजबीर सिंह भारतीय सेना में नौकरी करते हैं और यह सेना के गुप्त दस्तावेज और अन्य जानकारियों भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भेजते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मजीठिया ड्रग तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:जमानत रद्द करने की सरकार की याचिका खारिज, सार्वजनिक बयान देने से बचना होगा
मजीठिया ड्रग तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:जमानत रद्द करने की सरकार की याचिका खारिज, सार्वजनिक बयान देने से बचना होगा शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने मजीठिया की जमानत रद्द करने की पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने बिक्रम सिंह मजीठिया और पंजाब पुलिस को मामले के बारे में कोई भी सार्वजनिक बयान देने से बचने का निर्देश दिया है।जब भी एसआईटी उन्हें जांच के लिए बुलाएगी, उन्हें पेश होना पड़ेगा। इससे पहले वह लगातार एसआईटी के बुलाने पर पटियाल में जाकर अपने बयान दर्ज करवाते रहे हैं। जांच के हर चरण को पहले जान लेता है सरकारी वकील ने कहा हम आरोपी के खिलाफ जांच कर रहे हैं। हम अदालत से सर्च वारंट के लिए जाते हैं। इसके बाद आरोपी सोशल मीडिया पर आता है और कहता है कि तलाशी अभियान चलाया जाना है। वह जांच के हर चरण को होने से पहले ही जान लेता है। इस पर अदालत ने सरकारी वकील से पूछा कि इससे तलाशी पर क्या प्रभाव पड़ा है? इस पर वकील ने कहा कि जहां भी हमें तलाशी लेने की जरूरत थी, वहां अब चार दीवारें हैं। वह अपने मामलों को व्यवस्थित कर रहा है। आश्चर्य का तत्व चला जाता है। कोर्ट ने पूछा कि क्या हम यह कह सकते हैं कि वह जाकर बयान नहीं दे सकता? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि ऐसा कई जमानत आदेशों में कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि 2022 तक जमानत मंजूर कर ली गई है। इतने समय बाद जमानत आदेश को क्यों रद्द किया जाएगा? तीन मई को मोहाली अदालत में सुनवाई एसआईटी द्वारा अदालत से मांगे गए एक सर्च वारंट के खिलाफ मजीठिया ने मोहाली अदालत में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि उन्हें बताया जाए कि जांच एजेंसी ने उनकी कौन-सी जगह की सर्च करनी है। इस मामले की अगली सुनवाई तीन मई को तय की गई है

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अमृतसर में एएसआई समेत 3 कर्मी बर्खाश्त:कांस्टेबल गिरफ्तार, रिश्वत मांगने पर दर्ज हुई थी एफआईआर, एडीसीपी सिटी करेंगे जांच अमृतसर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अमृतसर पुलिस ने सी-डिवीजन थाना में तैनात कांस्टेबल वरिंदर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले, दो भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पंजाब के निर्देश पर पंजाब को ड्रग्स और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। FIR भी दर्ज की गई
अमृतसर के सी-डिवीजन थाना में तैनात कॉन्स्टेबल वरिंदर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में FIR 24 फरवरी 2025 को दर्ज की गई थी। यह मामला धारा 7, 7-A भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 61(2) BNS के तहत दर्ज किया गया है। आरोपी कॉन्स्टेबल वरिंदर सिंह, जो गांव ध्यानपुर, थाना खलचियां, जिला अमृतसर का निवासी है और वर्तमान में पुलिस क्वार्टर हॉल गेट अमृतसर में रह रहा था, को गिरफ्तार कर लिया गया है। भ्रष्टाचार में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई एएसआई गुरजीत सिंह और सीनियर कांस्टेबल सुखजीत सिंह को भ्रष्टाचार के आरोपों में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ FIR थाना विजिलेंस ब्यूरो, अमृतसर, थाना मोहनकपुरा, अमृतसर, और थाना विजिलेंस ब्यूरो, जालंधर में मामले दर्ज किए गए हैं। ऑडियो क्लिप के आधार पर कार्रवाई सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें कॉन्स्टेबल वरिंदर सिंह बंटी नामक व्यक्ति से पैसे मांग रहा है और दीपू के माध्यम से अजय कुमार उर्फ बिल्ली (NDPS एक्ट में वांछित आरोपी) को बचाने का आश्वासन दे रहा है। कांस्टेबल वरिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे अनुच्छेद 311 (2) (B) के तहत पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के इस मामले में अन्य संलिप्तता की जांच की जा रही है। मामले की जांच एडीसीपी सिटी-1 को सौंपी गई है, जो डीसीपी इन्वेस्टिगेशन, अमृतसर की देखरेख में होगी।

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पाक नागरिक ने गलती से पार किया इंटरनेशनल बॉर्डर:बीएसएफ ने जांच के बाद उठाया मानवीय कदम; पाक रेंजर्स को सौंपा घुसपैठिया भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अमृतसर में बीते दिन गलती से सीमा पार कर आए एक पाक नागरिक को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवानों ने वापस सौंप दिया। बीएसएफ के इस कदम की पाक रेंजर्स ने सरहाना की। ये कदम मानवीय आधार पर और पाकिस्तान की आधिकारिक मांग के बाद उठाया गया। बीएसएफ ने इस प्रक्रिया को पूरी सतर्कता के साथ पूरा किया। बीएसएफ की तरफ से सांझा की गई जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक बीते दिन गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर को पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हो गया था। सतर्क बीएसएफ के जवानों ने तुरंत कार्रवाई की और उसे अरेस्ट कर लिया। इसके बाद प्रोटोकॉल के अनुसार जांच शुरू की गई। बीएसएफ ने शुरुआती जांच में पाया कि व्यक्ति गलती से और बिना किसी मंशा के सरहद पार कर गया है। जिसके बाद पाक रेंजर्स से संपर्क साधा गया और व्यक्ति की आइडेंटिफिकेशन नियमों अनुसार की गई। जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने उसे वापस सौंपने का निर्णय लिया। सौंपने से पहले औपचारिकताओं को पूरा किया गया संबंधित व्यक्ति को सौंपने से पहले सभी आवश्यक औपचारिकताओं और जांच को पूरा किया गया। साथ ही, बीएसएफ ने पाकिस्तान को यह चिंता भी व्यक्त की कि इस प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों पर नियंत्रण रखना उनकी जिम्मेदारी है। बीएसएफ ने अपने बयान में कहा कि वह सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही मानवीय मामलों में संवेदनशीलता दिखाना भी उसकी जिम्मेदारी है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि बीएसएफ कठोर सीमा सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी बनाए रखती है। 2024 में कई बार पाकिस्तानी नागरिकों को मानवीय आधार पर भारत से वापस उनके देश भेजा गया। प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं: