खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े सांसद अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह पर लगाया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) समाप्त कर दिया गया है। NSA खत्म होने के बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल से अमृतसर लाया गया, जहां से उसे जल्द ही अजनाला कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, कोर्ट के बाहर पहुंची पप्पलप्रीत सिंह की मां ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को नशा रोकने की सजा दी गई। नशा रोकने के लिए ही वह अमृतपाल सिंह के करीब गया था। उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। जब अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया तो उसने भागने में मदद की थी। इतना बड़ा उनका गुनाह भी नहीं था, जितनी बड़ी सजा दी जा रही है। पप्पलप्रीत को पिछले वर्ष पंजाब पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था। जब वह फरार चल रहा था तो अमृतपाल सिंह के साथ देखा गया था। अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले पप्पलप्रीत ने उसे कई स्थानों पर शरण दिलाई थी और उसके साथ कई योजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसके बाद उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई थी। अजनाला थाने पर हमले को लेकर गिरफ्तारी सूत्रों के मुताबिक, एनएसए की अवधि समाप्त होने के बाद अब पप्पलप्रीत को अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जबकि इससे पहले एनएसए समाप्त होने के बाद हिरासत में लिए गए 8 साथियों को कोर्ट न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है। अमृतपाल सिंह को भी जल्द लाया जा सकता है अमृतसर इसके साथ ही पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। 22 अप्रैल को अमृतपाल सिंह पर लगा एनएसए समाप्त हो रहा है। अनुमान है कि उसे भी 22 अप्रैल के बाद अमृतसर लाया जाएगा। जहां उस पर अजनाला थाने पर हुए हमलों के अलावा उन सभी मामलों पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो उसके खिलाफ पंजाब में दर्ज हैं। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह पर तकरीबन 12 मामले पंजाब में दर्ज किए गए हैं। जिसमें गुरप्रीत सिंह हरिनौ की हत्या के आरोप में एक और मामला कुछ माह पहले ही अमृतपाल सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया था। खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े सांसद अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह पर लगाया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) समाप्त कर दिया गया है। NSA खत्म होने के बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल से अमृतसर लाया गया, जहां से उसे जल्द ही अजनाला कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, कोर्ट के बाहर पहुंची पप्पलप्रीत सिंह की मां ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को नशा रोकने की सजा दी गई। नशा रोकने के लिए ही वह अमृतपाल सिंह के करीब गया था। उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। जब अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया तो उसने भागने में मदद की थी। इतना बड़ा उनका गुनाह भी नहीं था, जितनी बड़ी सजा दी जा रही है। पप्पलप्रीत को पिछले वर्ष पंजाब पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था। जब वह फरार चल रहा था तो अमृतपाल सिंह के साथ देखा गया था। अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले पप्पलप्रीत ने उसे कई स्थानों पर शरण दिलाई थी और उसके साथ कई योजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसके बाद उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई थी। अजनाला थाने पर हमले को लेकर गिरफ्तारी सूत्रों के मुताबिक, एनएसए की अवधि समाप्त होने के बाद अब पप्पलप्रीत को अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जबकि इससे पहले एनएसए समाप्त होने के बाद हिरासत में लिए गए 8 साथियों को कोर्ट न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है। अमृतपाल सिंह को भी जल्द लाया जा सकता है अमृतसर इसके साथ ही पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। 22 अप्रैल को अमृतपाल सिंह पर लगा एनएसए समाप्त हो रहा है। अनुमान है कि उसे भी 22 अप्रैल के बाद अमृतसर लाया जाएगा। जहां उस पर अजनाला थाने पर हुए हमलों के अलावा उन सभी मामलों पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो उसके खिलाफ पंजाब में दर्ज हैं। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह पर तकरीबन 12 मामले पंजाब में दर्ज किए गए हैं। जिसमें गुरप्रीत सिंह हरिनौ की हत्या के आरोप में एक और मामला कुछ माह पहले ही अमृतपाल सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
