हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के हेड-ऑफिस के बाहर बीती शाम को अमेरिकी मूल की तिब्बती विदेशी महिला ने निर्वासित तिब्बती सांसद की गाड़ी रोककर हमला किया। हमले के पहले इंटेलिजेंस इनपुट के बाद पुलिस पहले से मौके पर मौजूद थी। इससे विदेशी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसद पर हमला नाकाम हो गया। पुलिस ने हमला करने वाली महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। निर्वासित तिब्बती सांसदों पर यह हमला तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की हत्या के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां के एक दिन बाद हुआ। हमलावर विदेशी महिला को हिरासत में लेकर जांच जारी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार हमला करने वाली महिला तिब्बती मूल की अमेरिका नागरिक है। महिला के पासपोर्ट और वीजा की जांच की जा रही है। पुलिस पता लगा रही है कि महिला कब और किस इरादे से मैक्लोडगंज पहुंची। कांगड़ा की SP शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि महिला के हमले की मंशा का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस पहले से अलर्ट थी। इसलिए हमले को नाकाम किया गया। हमला करने वाली महिला अमेरिकी नागरिक है। उससे पूछताछ जारी है। मैक्लोडगंज में चल रहा निर्वासित तिब्बती सांसदों का अधिवेशन बता दें कि मैक्लोडगंज में इन दिनों 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का 8वां आम अधिवेशन चल रहा है। इसमें निर्वासित तिब्बतियों के चार्टर में चीन-तिब्बत संघर्ष के समाधान पर गहनता से विचार विमर्श चल रहा है। इस अधिवेशन के दौरान इस तरह की घटनाओं ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं। तिब्बत निर्वासित सांसद घटना के पीछे चीन की साजिश होने की भी शंका व्यक्त कर चुके हैं। इन घटनाओं के पीछे चीनी साजिश को पुख्ता करने वाले कई तथ्य सुरक्षा एजेंसियों को मिले हैं। दोरजे बोले- दलाई लामा के बारे में दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण तिब्बती सांसद मिंग्युर दोरजी ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दलाई लामा के बारे में की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब भी वह ऐसी चीजों को देखते हैं, तो उन्हें बहुत परेशानी और दुख होता है। हमें ऐसी टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने दलाई लामा और निर्वासित सांसद पर हुए हमले पर चीनी साजिश की आशंका जताई है। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के हेड-ऑफिस के बाहर बीती शाम को अमेरिकी मूल की तिब्बती विदेशी महिला ने निर्वासित तिब्बती सांसद की गाड़ी रोककर हमला किया। हमले के पहले इंटेलिजेंस इनपुट के बाद पुलिस पहले से मौके पर मौजूद थी। इससे विदेशी महिला का निर्वासित तिब्बती सांसद पर हमला नाकाम हो गया। पुलिस ने हमला करने वाली महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। निर्वासित तिब्बती सांसदों पर यह हमला तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की हत्या के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां के एक दिन बाद हुआ। हमलावर विदेशी महिला को हिरासत में लेकर जांच जारी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार हमला करने वाली महिला तिब्बती मूल की अमेरिका नागरिक है। महिला के पासपोर्ट और वीजा की जांच की जा रही है। पुलिस पता लगा रही है कि महिला कब और किस इरादे से मैक्लोडगंज पहुंची। कांगड़ा की SP शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि महिला के हमले की मंशा का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस पहले से अलर्ट थी। इसलिए हमले को नाकाम किया गया। हमला करने वाली महिला अमेरिकी नागरिक है। उससे पूछताछ जारी है। मैक्लोडगंज में चल रहा निर्वासित तिब्बती सांसदों का अधिवेशन बता दें कि मैक्लोडगंज में इन दिनों 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का 8वां आम अधिवेशन चल रहा है। इसमें निर्वासित तिब्बतियों के चार्टर में चीन-तिब्बत संघर्ष के समाधान पर गहनता से विचार विमर्श चल रहा है। इस अधिवेशन के दौरान इस तरह की घटनाओं ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं। तिब्बत निर्वासित सांसद घटना के पीछे चीन की साजिश होने की भी शंका व्यक्त कर चुके हैं। इन घटनाओं के पीछे चीनी साजिश को पुख्ता करने वाले कई तथ्य सुरक्षा एजेंसियों को मिले हैं। दोरजे बोले- दलाई लामा के बारे में दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण तिब्बती सांसद मिंग्युर दोरजी ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दलाई लामा के बारे में की जा रही दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब भी वह ऐसी चीजों को देखते हैं, तो उन्हें बहुत परेशानी और दुख होता है। हमें ऐसी टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने दलाई लामा और निर्वासित सांसद पर हुए हमले पर चीनी साजिश की आशंका जताई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला IGMC में छात्रावास की कमी:गर्ल्स हॉस्टल का रास्ता बना नशेड़ियों का अड्डा, छात्रों ने समाधान के लिए HC को लिखा पत्र
शिमला IGMC में छात्रावास की कमी:गर्ल्स हॉस्टल का रास्ता बना नशेड़ियों का अड्डा, छात्रों ने समाधान के लिए HC को लिखा पत्र शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में MBBS की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है। जिसमें छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की है। छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल में होने वाली असुविधा, छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम कमियों का जिक्र किया है। प्रशासन और मुख्यमंत्री को भी करा चुके अवगत
IGMC के छात्र संघ अध्यक्ष अंकित ठाकुर ने बताया कि छात्र अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक सबसे मिल चुके हैं। लेकिन उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हुई है। जिसके कारण उन्हें मजबूरी में अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग करनी पड़ रही है। IGMC केंद्रीय छात्र संघ (SCA) ने HC के मुख्य न्यायधीश को पत्र में लिखा कि हम आपका ध्यान IGMC शिमला में MBBS छात्रों के समक्ष आ रही समस्याओं से अवगत करवाना चाहते हैं, जो हमारे शैक्षणिक वातावरण व सुरक्षा व छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रभावित कर रहे हैं। छात्रों ने HC को लिखे पत्र में बताई यह समस्याएं
MBBS छात्रों ने पत्र में लिखा कि IGMC में व्याख्यान कक्ष (लेक्चर रूम) की व्यवस्था छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए उपयुक्त नहीं है। छात्रों ने कहा कि ये रूम LT 3 और LT 4 के रूप में 60 बच्चों की क्षमता के अनुसार बनाए गए थे। लेकिन आज एक बैच में छात्रों की संख्या दोगुनी है 120 छात्रों का बैच है जिसके कारण कक्षाओं को में भीड़ हो रही है जिससे छात्रों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में भारी भरकम समस्याएं आ रही है। इसके अलावा 24 -24 घण्टे ड्यूटी देने वाले छात्रों को पार्किंग की समस्या से झूझना पड़ रहा है। छात्रों ने लिखा है कि हॉस्टल में पहले जो पार्किंग की सुविधा उपलब्ध थी लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गयी है। परिसर व उसके आसपास पार्किंग सुविधाओं के कमी के कारण छात्रों व कर्मचारियों को रोजाना असुविधा हो रही है। प्रथम वर्ष के छात्र बाहर रहने को मजबूर
छात्रों ने हाईकोर्ट को लिखे पत्र में बताया है कि छात्रावास की सुविधा शुरू में 50 छात्रों के लिए डिजाइन की गई थी, लेकिन अब बैच का आकार 120 तक बढ़ गया है। जिसके कारण कई छात्रों, विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्र को छात्रावास नहीं मिलते और उन्हें मजबूरी में रहने के लिए बाहर महंगे आवासों की व्यवस्था पड़ती है। जिससे उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है। छात्रों ने मांग की IGMC के आस पास होस्टल की सुविधा मुहैया करवाया जाए। वहीं छात्रों ने पत्र में कहा है कि मेडिकल कॉलेज के आस पास उपयुक्त जगह की अनुपलब्धता के कारण छात्रों के लिए उचित आउट डोर खेल सुविधाओं का अभाव है, ऐसे में कम से कम हॉस्टल में एक जिम की सुविधा होनी चाहिए। गर्ल्स होस्टल में उचित सुरक्षा उपाय नहीं
छात्रों ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में गर्ल्स हॉस्टल व उनके जाने वाले रास्तों में महिला छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। छात्रों ने कोर्ट को बताया कि गर्ल्स हॉस्टल में उचित सुरक्षा उपायों का अभाव है, जिसमें पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड भी नहीं है। इसके कारण अक्सर चिंताजनक घटाएं होती हैं। छात्रों ने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल को जाने वाले रास्ते नशेड़ियों के अड्डे बने हुए हैं, इन रास्तों में अक्सर बदमाश बैठे होते हैं। लेकिन वहां कोई गश्त नहीं होती है। ऐसे में वहां पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए ताकि सभी छात्राएं सुरक्षित महसूस कर सके। छात्रों ने उच्च न्यायालय को लिखे पत्र में गुहार लगाई है कि न्यायालय इसमें हस्तक्षेप करे। ताकि IGMC के छात्रों के लिए सुरक्षित व अनुकूल वातावरण सुनिश्चित हो सके।
हिमाचल CM के बयान से भाजपा में खलबली:बोले-इनके 9 विधायकों की जा सकती है सदस्यता; विधानसभा में मार्शल से दुर्व्यवहार, कागजात फाड़ने का मामला
हिमाचल CM के बयान से भाजपा में खलबली:बोले-इनके 9 विधायकों की जा सकती है सदस्यता; विधानसभा में मार्शल से दुर्व्यवहार, कागजात फाड़ने का मामला हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के एक बयान ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायकों की सदस्यता जा सकती है। इनकी सीटों पर उपचुनाव हो सकता है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 50 के करीब पहुंच सकती है। प्रदेश में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा में CM के इस बयान ने खलबली मचा दी है। दरअसल, बीते 28 फरवरी को BJP के 9 विधायकों ने विधानसभा सदन के बीचो-बीच बैठने वाले विधानसभा रिपोर्टर से कागज छीन कर सदन में फाड़े और स्पीकर चेयर की और फेंके। स्पीकर ने जब मार्शल के माध्यम से इन्हें सदन से बाहर करने के आदेश दिए, तो मार्शल के साथ भी विधायकों की बहसबाजी की और बीजेपी विधायक सदन से बाहर नहीं गए। यह आरोप कांग्रेस ने बीजेपी विधायकों पर लगाया है। इस सारे प्रकरण के वीडियो भी मौजूद होने का विधानसभा सचिवालय प्रशासन दावा कर रहा है। इन्हीं के आधार पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बीजेपी के इन विधायकों को बजट सत्र की कार्यवाही के लिए निष्कासित किया था। कांग्रेस विधायक सोलंकी ने की शिकायत इस बीच कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने बीजेपी के इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर के पास एक याचिका दायर की और सदन की मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने भी 9 विधायकों को संविधान के अनुच्छेद-194 के तहत नोटिस जारी किए। अब इस मामले में स्पीकर का फैसला आना बाकी है। सीएम बोले- अपने विधायकों की चिंता करें जयराम इस पर सीएम सुक्खू ने कहा, जयराम ठाकुर सरकार बनाने के सपने लेना छोड़ दें। कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं। हाईकोर्ट में चल रहे CPS केस को लेकर जयराम ठाकुर लोगों को बहका रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम को CPS की नहीं, बल्कि अपने 9 विधायकों की चिंता करनी चाहिए, जिन्होंने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कागजात फाड़कर आसन का अपमान किया और गुंडागर्दी का नंगा नाच सदन के भीतर खेला। इनके खिलाफ स्पीकर के पास याचिका लंबित है। इसलिए जयराम को उनकी चिंता करनी चाहिए। CM के बयान से गरमाई हिमाचल की सियासत मुख्यमंत्री के इस बयान ने प्रदेश की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में बीजेपी के नौ विधायकों पर विधानसभा स्पीकर कार्रवाई कर सकते हैं। अभी विधानसभा में दलीय स्थिति वर्तमान में बीजेपी के पास 27 विधायक और कांग्रेस के पास 38 एमएलए है, जबकि तीन पर उप चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में यदि बीजेपी के 9 विधायकों की सदस्यता जाती है तो नौ सीटों पर उप चुनाव तय है। CPS को लेकर नेता प्रतिपक्ष बार बार बोल रहे हमला वहीं जयराम ठाकुर भी बार बार छह CPS की सदस्यता जाने की बात कह रहे है। बीजेपी के 11 विधायकों ने सुक्खू सरकार द्वारा लगाए गए छह CPS को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है। ऐसे में यदि हाईकोर्ट इनकी सदस्यता को रद्द करता है तो इनकी सीटों पर भी उप चुनाव हो सकता है।
हिमाचल विधानसभा में पहली बार पति-पत्नी साथ में:CM के बाद पत्नी भी MLA बनीं; कांग्रेस ने 40 सीटें पूरी कीं, BJP को गुटबाजी ले डूबी
हिमाचल विधानसभा में पहली बार पति-पत्नी साथ में:CM के बाद पत्नी भी MLA बनीं; कांग्रेस ने 40 सीटें पूरी कीं, BJP को गुटबाजी ले डूबी हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार CM और उनकी पत्नी सदन में बैठेंगी। यह स्थिति उपचुनाव के बाद आई है। जिसमें देहरा सीट से CM सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर उपचुनाव जीती हैं। इससे पहले कभी पति-पत्नी एक साथ चुनाव नहीं जीते। यहां तक कि मुख्यमंत्री की पत्नी के भी उनके कार्यकाल में चुनाव जीतने का यह पहला मामला है। हिमाचल में सुखविंदर सुक्खू से पहले डॉ. यशवंत सिंह परमार, रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मगर इनमे से किसी की भी पत्नी विधायक नहीं चुनी गई। हालांकि वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह तीन बार सांसद चुनी जा चुकी है, लेकिन वे विधायक कभी नहीं रही। हालांकि पिता-पुत्र के तौर वीरभद्र सिंह और विक्रमादित्य साल 2017 में जरूर विधानसभा में पहुंचे थे। प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर भी पांच बार सांसद जरूर चुने जा चुके है, लेकिन वह भी विधायक नहीं बने। 3 उपचुनाव में कांग्रेस-भाजपा की हार-जीत क्यों? देहरा: CM की पत्नी का असर रहा, BJP को गुटबाजी ले डूबी
यहां पर कांग्रेस ने सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को मैदान में उतारा, जबकि बीजेपी ने निर्दलीय विधायक पद से इस्तीफा देने वाले होशियार सिंह को प्रत्याशी बनाया। सीएम की पत्नी के चुनाव लड़ने और बीजेपी में गुटबाजी की वजह से इस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई। BJP यहां पर पूर्व मंत्री रमेश धवाला को नहीं मना पाई। वह यहां से टिकट के दावेदार थे। धवाला ने वोटिंग वाले दिन भी भेड़ की खाल में भेड़िए को सबक सिखाएंगे बयान देकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे। वहीं कांग्रेस ने बागी रुख दिखाने वाले डॉ. राजेश शर्मा को पार्टी ने मना लिया। नालागढ़: बागी को मना लेते तो BJP जीत जाती
इस सीट पर कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के करीबी बावा हरदीप ने 8990 से चुनाव जीता। उन्हें कुल 34,608 वोट मिले। उनसे हारे भाजपा के केएल ठाकुर को 25,618 वोट मिले। केएल ठाकुर पहले निर्दलीय विधायक थे लेकिन भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल कर टिकट दी। वहीं BJP से बागी होकर लड़े सह मीडिया प्रभारी हरप्रीत सिंह को 13,025 वोट मिले। अगर BJP हरप्रीत सैनी को मना लेती तो 38,643 वोट मिल जाते। ऐसे में BJP यह सीट जीत सकती थी। हमीरपुर: आशीष की व्यक्तिगत छवि के आगे CM का दबदबा फेल
हमीरपुर CM सुक्खू के गृह जिले की सीट है। यहां से कांग्रेस को चौंकाते हुए भाजपा उम्मीदवार आशीष शर्मा चुनाव जीत गए। कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा उनसे चुनाव हार गए। माना जाता है कि आशीष शर्मा की यहां व्यक्तिगत छवि काफी असरदार है। लोगों से हर सुख-दुख के कार्यक्रम में उनका शामिल होना ही CM के दबदबे को फेल कर गया। आशीष भी पहले निर्दलीय चुनाव जीते थे लेकिन बाद में भाजपा ने उन्हें टिकट दे दी। हिमाचल में 3 उपचुनाव के बड़े मायने… 1. CM सुक्खू की कुर्सी बची, गृह जिले में हार से कमजोर हुए
कांग्रेस की उप चुनाव में जीत से सुखविंदर सुक्खू की कुर्सी भी बच गई है। हालांकि गृह जिला हमीरपुर की सीट हारने से वह कमजोर हुए हैं। खास तौर पर इसलिए भी कि पहले कांग्रेस ने हमीरपुर सीट से लोकसभा चुनाव हारा। इसके बाद उपचुनाव में बड़सर सीट भी गंवा दी। हालांकि देहरा से पत्नी कमलेश ठाकुर की जीत और 9 उपचुनाव में 6 सीटें जीतने के बाद सुक्खू का नेतृत्व मजबूत हुआ है। सरकार के तौर पर उनके ऊपर आया खतरा टल गया है। 2. जयराम ठाकुर के लिए झटका
उपचुनाव के नतीजे BJP से ज्यादा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए झटका हैं। उन्हें उम्मीद थी कि पहले 6 और अब 3 उपचुनाव में भाजपा जीत हासिल करेगी। ऐसा हो जाता तो 2022 में विधानसभा चुनाव में जीती 25 सीटें और 9 नई सीटों से उनके विधायक 34 हो जाएंगे। कांग्रेस में भी 6 विधायकों के बागी होकर इस्तीफे के बाद 34 ही विधायक बचे थे। हालांकि पहले 6 उपचुनाव में भाजपा सिर्फ 2 सीटें जीत पाई। अब इन 3 उपचुनाव में सिर्फ 1 ही सीट जीत पाई। अब 68 विधानसभा सीटों और 35 के बहुमत वाली हिमाचल विधानसभा में भाजपा के 28 ही विधायक रह गए और कांग्रेस ने विधानसभा में 40 विधायकों वाली स्थिति दोबारा पा ली। 3. नालागढ़ सीट से होलीलॉज मजबूत
कांग्रेस ने नालागढ़ सीट पर भी शानदार जीत दर्ज की है। यहां पर कांग्रेस के बावा हरदीप सिंह ने बीजेपी के केएल ठाकुर को हराया है। हरदीप सिंह वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी थे। उनकी जीत से होलीलॉज खेमा मजबूत हुआ है। नालागढ़ सीट पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रचार में जान फूंकी थी। होली लॉज की मजबूती सीएम सुक्खू और उनके ग्रुप के लिए चुनौती बनती रहेगी। लोगों ने इस्तीफा देने वाले 6 विधायक घर बिठाए
हिमाचल में लोगों ने जीत के 15 महीने बाद ही इस्तीफा देने वाले 6 विधायक घर बैठाए। शनिवार को आए उपचुनाव परिणाम में 2 पूर्व निर्दलीय विधायकों केएल ठाकुर और होशियार सिंह चुनाव हार गए। दोनों ने BJP के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इससे पहले 1 जून को 6 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जनता ने बगावत करने वाले कांग्रेस के 4 पूर्व विधायक सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो को भी चुनाव हरा दिया।