अयोध्या गैंगरेप मामले में आज यानी मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निरुपमा विक्रम की अदालत में सुनवाई होगी। 12 साल की पीड़ित बच्ची और मां के बयान कोर्ट में दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू पर आरोप तय किए थे। घटना में विवेचक को कोर्ट से 25 दिन की रिमांड मिली है। इससे पहले मोईद खान के नौकर राजू की DNA रिपोर्ट पीड़िता से मैच हुई थी। पुष्टि करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि मोईद खान का DNA मैच नहीं हुआ है। दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोप बनाए
गुरुवार को दोनों आरोपियों मोईद खान और राजू को मंडल कारागार से लेकर कोर्ट में पेश किया गया। राजू खान ने अपना वकालतनामा दाखिल किया। मोईद खान के वकील सईद खान की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोप बनाए गए। कोर्ट ने मामले में पीड़ित बच्ची के साथ कई बार गैंगरेप करने, जान से मार डालने की धमकी देने और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं। कोर्ट में पैरोकार ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी दाखिल की। मोईद खान गैंगरेप में रहा शामिल
अपर महाधिवक्ता विनोद शाही के अनुसार, ‘मोईद खान के नौकर राजू की DNA रिपोर्ट पीड़िता के बच्चे से मैच हो गई है। इससे साबित हो गया कि पीड़िता के साथ रेप हुआ है। यदि गैंगरेप का मामला होता है तो किसी एक के साथ ही DNA मैच होता है। चूंकि राजू की उम्र करीब 20 साल है। इसलिए मेडिकल टर्मिनोलॉजी के अनुसार राजू के रेप से प्रेग्नेंसी के चांस ज्यादा हैं। DNA रिपोर्ट मैच होने से पता चल गया कि बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ है और मोईद खान भी रेप में शामिल है। अब मोईद खान की यह बात पूरी तरह से गलत है कि उसने बच्ची के साथ कुछ नहीं किया। आरोपी नेता के वकील ने कहा था- 71 साल के बुजुर्ग को फंसाया गया
मोईद खान के वकील की तरफ से दलील दी गई कि मोईद अहमद 71 साल का बुजुर्ग है। राजनीतिक कारणों से उन्हें फंसाया गया है। मोईद खान को कोई दस्तावेज भी नहीं दिए जा रहे हैं। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने दलील दी थी कि मामला बहुत ही गंभीर है। पीड़ित नाबालिग है, जिसके साथ मोईद खान और उसके नौकर राजू ने रेप किया। कहा गया कि घटना के बाद बच्ची प्रेग्नेंट भी हो गई। इसके अबॉर्शन के बाद DNA जांच के लिए सैंपल भेजा गया। मोईद खान और राजू पर पुलिस ने गैंगस्टर का भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब जानिए पूरा मामला… बच्ची 2 महीने की गर्भवती हुई
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई थी। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे। इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ, जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई। बच्ची की मां ने मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ एप्लिकेशन दी। आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया। आरोपी मोईद खान भदरसा नगर पंचायत का सपा से नगर अध्यक्ष है। बेकरी में वारदात को दिया अंजाम
12 साल की बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले ही मौत हो गई है। घर का गुजारा मां और बहनों की मजदूरी से चलता है। आरोप है कि बच्ची खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे राजू नाम का एक शख्स मिला। जिसने कहा कि बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है। आरोप है कि मोईद ने उसके साथ रेप किया और राजू ने इसका वीडियो बना लिया। फिर राजू ने भी बच्ची के साथ रेप किया। लंबे समय तक दोनों वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके उसके साथ गंदा काम करते रहे। गर्भवती होने पर घरवालों को पता चला
बच्ची जब गर्भवती हो गई तब मामला खुला। बच्ची की मां ने बताया- जब हम शिकायत लेकर चौकी पर गए तो दरोगा ने हमसे कहा कि राजू का नाम रखिए, लेकिन दूसरा नाम हटा दीजिए। फिर SP के दखल के बाद हमारा मामला लिखा गया। मामले में तब तूल पकड़ने लगा, जब हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए। 30 जुलाई को मोईद खान की गिरफ्तारी की गई। इसके बाद से लगातार उसके ऊपर कार्रवाई होती रही। मामला विधानसभा में गूंजा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सदन में इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी को घेरा। लड़की को इलाज के लिए पहले अयोध्या जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर वहां से लखनऊ के KGMU में लड़की का अबॉर्शन कराया गया। अब मोईद खान का क्राइम प्रोफाइल देखिए… भदरसा दंगे में आया था मोईद का नाम
2012 में भदरसा में हिंदू-मुस्लिम का दंगा हुआ था। पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन मोहम्मद अहमद पर मिट्टी का तेल बांटकर दंगा भड़काने का आरोप था। उसमे मोईद खान भी शामिल था। अवधेश प्रसाद उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। यही कारण रहा है कि इतना बड़ा दंगा होने के बावजूद मोईद खान कुछ दिन में बरी हो गया। खास बात यह कि 2012 में भदरसा में पुलिस चौकी बनाई गई। यह चौकी मोईद खान की प्रॉपर्टी में खोली गई। इससे उसका सामाजिक और राजनीतिक रुतबा बढ़ गया। तब यूपी में सपा की सरकार थी। पुलिस गैंगरेप कांड में मोईद का नाम आने के बाद 28 सितंबर को गैंगस्टर लगाया। उसके खिलाफ अयोध्या के अलग-अलग थानों में कितने मुकदमें दर्ज हैं, इसकी हिस्ट्रीशीट खंगाली जा रही है। 12 साल पहले सपा चेयरमैन के संपर्क में आया, फिर मजबूत होता गया
मोईद खान का पॉलिटिकल हस्तक्षेप कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ। कोई पद तो नहीं था, मगर मोईद खान पार्टी कार्यालय में बैठने लगा। कोर्ट कचहरी से लेकर अलग-अलग थानों में उसको नेताजी कहलाना अच्छा लगता था। उसका पॉलिटिकल कद तब बढ़ा, जब वो मोहम्मद अहमद और उनके बेटे मोहम्मद राशिद के संपर्क में आया। उनके परिवार के लोग लंबे समय से नगर पंचायत में अलग-अलग पदों पर रहे। मोहम्मद अहमद नगर पंचायत चेयरमैन रहे। अभी मो. राशिद नगर पंचायत चेयरमैन है। दोनों सपा के पुराने पदाधिकारी रहे। मोहम्मद अहमद और राशिद के संपर्क में आने के बाद न सिर्फ मोईद खान ने सपा जॉइन की। बल्कि 2012 में मोहम्मद राशिद ने ही उसको नगर अध्यक्ष का पद दिलवाया। यह पहला मौका था, जब मोईद के पॉलिटिकल कद पर कोई आधिकारिक ठप्पा लगा। वो जल्द ही फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के करीबियों में शुमार हो गया। मुस्लिम कम्युनिटी में अपनी पैठ दिखाकर 2014, 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लिए चुनाव की बागडोर मोईद खान संभालता रहा। ऐसे कई मौकों की ढेरों तस्वीरें हैं, जब मोईद खान सांसद अवधेश प्रसाद के साथ दिख रहा है। वह मोईद के कंधे पर हाथ रखे दिख रहे हैं। अब मोईद का रुतबा देखिए… चौकी में चलता था पब्लिक दरबार
मोईद खान 2012 के बाद छोटे-छोटे मामलों का खुद निस्तारण करता था। लोग बताते हैं कि पुलिस चौकी में वह पब्लिक दरबार लगाता था। इसके साथ ही चौकी में आने वाले अन्य मामले भी अपने रसूख से निपटाता था। खुद के मामले में पुलिस से दबाव बनवाता था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन में उसकी पैठ थी। इसी वजह से वह लोगों की जमीन पर भी जबरन कब्जा कर लेता था। रेपकांड के बाद यूपी पुलिस की किरकिरी हुई। जल्दबाजी में भदरसा चौकी को 30 Km दूर शिफ्ट किया गया। हालांकि, बाद में बयान यही आया कि चौकी की शिफ्टिंग पहले से प्रस्तावित थी। अयोध्या गैंगरेप मामले में आज यानी मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निरुपमा विक्रम की अदालत में सुनवाई होगी। 12 साल की पीड़ित बच्ची और मां के बयान कोर्ट में दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू पर आरोप तय किए थे। घटना में विवेचक को कोर्ट से 25 दिन की रिमांड मिली है। इससे पहले मोईद खान के नौकर राजू की DNA रिपोर्ट पीड़िता से मैच हुई थी। पुष्टि करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि मोईद खान का DNA मैच नहीं हुआ है। दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोप बनाए
गुरुवार को दोनों आरोपियों मोईद खान और राजू को मंडल कारागार से लेकर कोर्ट में पेश किया गया। राजू खान ने अपना वकालतनामा दाखिल किया। मोईद खान के वकील सईद खान की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोप बनाए गए। कोर्ट ने मामले में पीड़ित बच्ची के साथ कई बार गैंगरेप करने, जान से मार डालने की धमकी देने और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं। कोर्ट में पैरोकार ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी दाखिल की। मोईद खान गैंगरेप में रहा शामिल
अपर महाधिवक्ता विनोद शाही के अनुसार, ‘मोईद खान के नौकर राजू की DNA रिपोर्ट पीड़िता के बच्चे से मैच हो गई है। इससे साबित हो गया कि पीड़िता के साथ रेप हुआ है। यदि गैंगरेप का मामला होता है तो किसी एक के साथ ही DNA मैच होता है। चूंकि राजू की उम्र करीब 20 साल है। इसलिए मेडिकल टर्मिनोलॉजी के अनुसार राजू के रेप से प्रेग्नेंसी के चांस ज्यादा हैं। DNA रिपोर्ट मैच होने से पता चल गया कि बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ है और मोईद खान भी रेप में शामिल है। अब मोईद खान की यह बात पूरी तरह से गलत है कि उसने बच्ची के साथ कुछ नहीं किया। आरोपी नेता के वकील ने कहा था- 71 साल के बुजुर्ग को फंसाया गया
मोईद खान के वकील की तरफ से दलील दी गई कि मोईद अहमद 71 साल का बुजुर्ग है। राजनीतिक कारणों से उन्हें फंसाया गया है। मोईद खान को कोई दस्तावेज भी नहीं दिए जा रहे हैं। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने दलील दी थी कि मामला बहुत ही गंभीर है। पीड़ित नाबालिग है, जिसके साथ मोईद खान और उसके नौकर राजू ने रेप किया। कहा गया कि घटना के बाद बच्ची प्रेग्नेंट भी हो गई। इसके अबॉर्शन के बाद DNA जांच के लिए सैंपल भेजा गया। मोईद खान और राजू पर पुलिस ने गैंगस्टर का भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब जानिए पूरा मामला… बच्ची 2 महीने की गर्भवती हुई
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई थी। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे। इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ, जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई। बच्ची की मां ने मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ एप्लिकेशन दी। आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया। आरोपी मोईद खान भदरसा नगर पंचायत का सपा से नगर अध्यक्ष है। बेकरी में वारदात को दिया अंजाम
12 साल की बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले ही मौत हो गई है। घर का गुजारा मां और बहनों की मजदूरी से चलता है। आरोप है कि बच्ची खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे राजू नाम का एक शख्स मिला। जिसने कहा कि बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है। आरोप है कि मोईद ने उसके साथ रेप किया और राजू ने इसका वीडियो बना लिया। फिर राजू ने भी बच्ची के साथ रेप किया। लंबे समय तक दोनों वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके उसके साथ गंदा काम करते रहे। गर्भवती होने पर घरवालों को पता चला
बच्ची जब गर्भवती हो गई तब मामला खुला। बच्ची की मां ने बताया- जब हम शिकायत लेकर चौकी पर गए तो दरोगा ने हमसे कहा कि राजू का नाम रखिए, लेकिन दूसरा नाम हटा दीजिए। फिर SP के दखल के बाद हमारा मामला लिखा गया। मामले में तब तूल पकड़ने लगा, जब हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए। 30 जुलाई को मोईद खान की गिरफ्तारी की गई। इसके बाद से लगातार उसके ऊपर कार्रवाई होती रही। मामला विधानसभा में गूंजा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सदन में इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी को घेरा। लड़की को इलाज के लिए पहले अयोध्या जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर वहां से लखनऊ के KGMU में लड़की का अबॉर्शन कराया गया। अब मोईद खान का क्राइम प्रोफाइल देखिए… भदरसा दंगे में आया था मोईद का नाम
2012 में भदरसा में हिंदू-मुस्लिम का दंगा हुआ था। पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन मोहम्मद अहमद पर मिट्टी का तेल बांटकर दंगा भड़काने का आरोप था। उसमे मोईद खान भी शामिल था। अवधेश प्रसाद उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। यही कारण रहा है कि इतना बड़ा दंगा होने के बावजूद मोईद खान कुछ दिन में बरी हो गया। खास बात यह कि 2012 में भदरसा में पुलिस चौकी बनाई गई। यह चौकी मोईद खान की प्रॉपर्टी में खोली गई। इससे उसका सामाजिक और राजनीतिक रुतबा बढ़ गया। तब यूपी में सपा की सरकार थी। पुलिस गैंगरेप कांड में मोईद का नाम आने के बाद 28 सितंबर को गैंगस्टर लगाया। उसके खिलाफ अयोध्या के अलग-अलग थानों में कितने मुकदमें दर्ज हैं, इसकी हिस्ट्रीशीट खंगाली जा रही है। 12 साल पहले सपा चेयरमैन के संपर्क में आया, फिर मजबूत होता गया
मोईद खान का पॉलिटिकल हस्तक्षेप कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ। कोई पद तो नहीं था, मगर मोईद खान पार्टी कार्यालय में बैठने लगा। कोर्ट कचहरी से लेकर अलग-अलग थानों में उसको नेताजी कहलाना अच्छा लगता था। उसका पॉलिटिकल कद तब बढ़ा, जब वो मोहम्मद अहमद और उनके बेटे मोहम्मद राशिद के संपर्क में आया। उनके परिवार के लोग लंबे समय से नगर पंचायत में अलग-अलग पदों पर रहे। मोहम्मद अहमद नगर पंचायत चेयरमैन रहे। अभी मो. राशिद नगर पंचायत चेयरमैन है। दोनों सपा के पुराने पदाधिकारी रहे। मोहम्मद अहमद और राशिद के संपर्क में आने के बाद न सिर्फ मोईद खान ने सपा जॉइन की। बल्कि 2012 में मोहम्मद राशिद ने ही उसको नगर अध्यक्ष का पद दिलवाया। यह पहला मौका था, जब मोईद के पॉलिटिकल कद पर कोई आधिकारिक ठप्पा लगा। वो जल्द ही फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के करीबियों में शुमार हो गया। मुस्लिम कम्युनिटी में अपनी पैठ दिखाकर 2014, 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लिए चुनाव की बागडोर मोईद खान संभालता रहा। ऐसे कई मौकों की ढेरों तस्वीरें हैं, जब मोईद खान सांसद अवधेश प्रसाद के साथ दिख रहा है। वह मोईद के कंधे पर हाथ रखे दिख रहे हैं। अब मोईद का रुतबा देखिए… चौकी में चलता था पब्लिक दरबार
मोईद खान 2012 के बाद छोटे-छोटे मामलों का खुद निस्तारण करता था। लोग बताते हैं कि पुलिस चौकी में वह पब्लिक दरबार लगाता था। इसके साथ ही चौकी में आने वाले अन्य मामले भी अपने रसूख से निपटाता था। खुद के मामले में पुलिस से दबाव बनवाता था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन में उसकी पैठ थी। इसी वजह से वह लोगों की जमीन पर भी जबरन कब्जा कर लेता था। रेपकांड के बाद यूपी पुलिस की किरकिरी हुई। जल्दबाजी में भदरसा चौकी को 30 Km दूर शिफ्ट किया गया। हालांकि, बाद में बयान यही आया कि चौकी की शिफ्टिंग पहले से प्रस्तावित थी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर