उत्तर प्रदेश में अगले महीने 10 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होने वाली है। पार्टियां अपने प्रत्याशी घोषित करें, इससे पहले दैनिक भास्कर ने सर्वे में लोगों से उनकी पसंद पूछी। 10 सीटों पर BJP से किसे कितना पसंद किया, इसके नतीजे आज बताए जा रहे हैं। कल सपा और दूसरी पार्टियों के नतीजे जारी किए जाएंगे। स्लाइड में देखिए रिजल्ट… उत्तर प्रदेश में अगले महीने 10 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होने वाली है। पार्टियां अपने प्रत्याशी घोषित करें, इससे पहले दैनिक भास्कर ने सर्वे में लोगों से उनकी पसंद पूछी। 10 सीटों पर BJP से किसे कितना पसंद किया, इसके नतीजे आज बताए जा रहे हैं। कल सपा और दूसरी पार्टियों के नतीजे जारी किए जाएंगे। स्लाइड में देखिए रिजल्ट… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बिहार को बजट में बड़ा तोहफा, एक्सप्रेस-वे बनेगा, नए मेडिकल कॉलेज भी बनेंगे, वित्तीय सहायता पर क्या है एलान? <p style=”text-align: justify;”>केंद्र सरकार की ओर से बजट में बिहार को बड़ी सौगात मिली है. पटना-पूर्णिया के लिए एक्सप्रेस-वे बनेगा. बक्सर-भागलपुर के लिए एक्सप्रेस-वे बनेगा. साथ ही बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और स्टेडियम की स्थापना होगी. बिहार में हाईवे के लिए 26000 करोड़ खर्च किए जाएंगे.</p>
चौटाला-हुड्डा के गढ़ से कोई मंत्रिमंडल में नहीं:13 विधानसभाओं में एक भी सीट नहीं जीती BJP; सिर्फ एक निर्दलीय विधायक का समर्थन
चौटाला-हुड्डा के गढ़ से कोई मंत्रिमंडल में नहीं:13 विधानसभाओं में एक भी सीट नहीं जीती BJP; सिर्फ एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हरियाणा में अधिकतर समय सत्ता में रहे सिरसा और रोहतक जिला इस बार बिना पावर के रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ कहे जाने वाले दोनों क्षेत्रों से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में कोई शामिल नहीं हुआ, क्योंकि यहां से किसी भाजपा विधायक ने जीत दर्ज नहीं की। इसके अलावा, रोहतक के साथ लगते झज्जर जिले में भी भाजपा के किसी विधायक ने जीत दर्ज नहीं की। हालांकि, इसी जिले के अंतर्गत आने वाली बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले राजेश जून ने भाजपा को समर्थन दे रखा है। तीनों जिलों में 13 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की है। अब जानिए भाजपा को दोनों जिलों में क्यों हुआ नुकसान… सिरसा : किसान आंदोलन का असर सिरसा जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर दिखा। यहां सभी सीट कांग्रेस के खाते में आईं। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ जाट सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहतक : रोहतक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का फैक्टर इस बार भी चला। इस चुनाव में सभी 4 सीट कांग्रेस जीतने में कामयाब रही। यहां भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही। इसकी वजह यह रही कि लोगों में यह संदेश गया कि कांग्रेस की सरकार आ रही है और हुड्डा सीएम बन रहे हैं। इसी वजह से इस बार भी भाजपा का खाता नहीं खुल पाया। 2019 में भी सिरसा में BJP साफ, निर्दलीय चौटाला मंत्री बने साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब भी रोहतक और सिरसा जिले में किसी भाजपा विधायक ने जीत दर्ज नहीं की थी। रोहतक जिले की 4 सीटों में 3 कांग्रेस और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की। सिरसा जिले में 2 कांग्रेस, एक इनेलो, एक हलोपा और एक निर्दलीय विधायक ने जीत दर्ज की। तब सिरसा से हलोपा के विधायक बने गोपाल कांडा और रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने भाजपा को समर्थन दिया था। उस दौरान रणजीत चौटाला को जेल और बिजली मंत्री बनाया गया था। 2014 में रोहतक की सीट जीती BJP, ग्रोवर मंत्री बने 2014 विधानसभा चुनाव में रोहतक विधानसभा सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। बाकी तीनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे। तब रोहतक से विधायक बने मनीष ग्रोवर को सहकारिता मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2009 और 2004 में हुए विधानसभा चुनाव में रोहतक सीएम सिटी रहा।
नारनौंद के फौजी की इलाज के दौरान मौत:जम्मू कश्मीर में ड्यूटी पर बिगड़ी थी तबीयत, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
नारनौंद के फौजी की इलाज के दौरान मौत:जम्मू कश्मीर में ड्यूटी पर बिगड़ी थी तबीयत, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नारनौंद उपमंडल के गांव बडाला के आर्मी जवान की जम्मू एंड कश्मीर में ड्यूटी के दौरान तबियत बिगड़ गई। जिसको इलाज के लिए चंडीगढ़ के कमांड अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। बुधवार को उसके पैतृक गांव बडाला में नायक बिजेंद्र सिंह सलामी देकर अमर सैनिक को गार्ड आफ ओनर दिया गया और राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। ड्यूटी पर हुई थी तबियत खराब प्राप्त जानकारी के अनुसार बडाला निवासी सैनिक नायक बिजेंद्र सिंह 152टीए सिख रेजिमेंट में तैनात था। वह करीब 15 साल पहले फौज में भर्ती हुआ था। वह फिलहाल जम्मू एंड कश्मीर में तैनात था। 17 जून को ड्यूटी के दौरान उसकी अचानक तबीयत खराब होने के कारण सेना हॉस्पिटल चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था। जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव में जवान की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया। गांव में किया गया अंतिम संस्कार बुधवार को नायक बिजेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बडाला में लाया गया। आर्मी जवान के शव को गांव में पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। नायक विजेंद्र सिंह की मां केला देवी पत्नी मुस्कान व 10 साल की बेटी रुतकी करो रो कर बुरा हाल हो गया। गांव में मौजूद सेना के गार्ड, ग्रामीण और आसपास के पूर्व सैनिकों द्वारा नायक बिजेंद्र सिंह अमर रहे के नारों से गुंज उठा। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक के द्वारा श्मशान घाट तक ले जाया गया। इस मौके पर इंडियन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा चरण सिंह मलिक, नायब सुबेदार कुलदीप राज, हवलदार रामेहर, सोमबीर, सुखबीर, रामनिवास, संजय सिंह, उमेद सिंह, बिजेंद्र सिंह, अनिल कुमार, नरेंद्र सिंह, समुंदर सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।