अयोध्या के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद:साथी को बचाने में जोखिम में डाली जान, आज शाम तक पहुंचेगा पार्थिव शरीर

अयोध्या के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद:साथी को बचाने में जोखिम में डाली जान, आज शाम तक पहुंचेगा पार्थिव शरीर

भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सिक्किम में तैनात लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए हैं। वे थाना कैंट के मझवां गद्दोपुर के रहने वाले हैं। इनका पार्थिव शरीर आज शाम तक अयोध्या पहुंचेगा। 24 मई को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ जमथरा घाट पर किया जाएगा। शशांक की ड्यूटी उत्तरी सिक्किम के एक ऊंचाई वाले क्षेत्र में थी। यहां एक ऑपरेशनल गश्त के दौरान उनका एक साथी नदी में गिर गया। वह पानी के तेज बहाव में बहने लगा। उसे बचाने के लिए शशांक भी नदी में कूद गए। उन्होंने अपने साथी जवान को सुरक्षित बचा लिया। मगर खुद शहीद हो गए। अपनें मां-बाप के इकलौते पुत्र थे अयोध्या निवासी 22 साल के शशांक तिवारी अपने मां-बाप के इकलौते पुत्र थे। बताया जाता है कि शशांक तिवारी की शिक्षा शहर केजिंगल बेल स्कूल से हुई थी। कैंट थानाध्यक्ष ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर आज शाम तक अयोध्या आएगा। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सिक्किम में तैनात लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए हैं। वे थाना कैंट के मझवां गद्दोपुर के रहने वाले हैं। इनका पार्थिव शरीर आज शाम तक अयोध्या पहुंचेगा। 24 मई को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ जमथरा घाट पर किया जाएगा। शशांक की ड्यूटी उत्तरी सिक्किम के एक ऊंचाई वाले क्षेत्र में थी। यहां एक ऑपरेशनल गश्त के दौरान उनका एक साथी नदी में गिर गया। वह पानी के तेज बहाव में बहने लगा। उसे बचाने के लिए शशांक भी नदी में कूद गए। उन्होंने अपने साथी जवान को सुरक्षित बचा लिया। मगर खुद शहीद हो गए। अपनें मां-बाप के इकलौते पुत्र थे अयोध्या निवासी 22 साल के शशांक तिवारी अपने मां-बाप के इकलौते पुत्र थे। बताया जाता है कि शशांक तिवारी की शिक्षा शहर केजिंगल बेल स्कूल से हुई थी। कैंट थानाध्यक्ष ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर आज शाम तक अयोध्या आएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर