अयोध्या में सेना की तैयारी कर रहे 22 साल के दिनेश की हत्या कर दी गई। बॉडी पर 8 बार वॉर किए। हाथ-पैर, गर्दन और धड़ 6 टुकड़ों में मिले। कत्ल की रात दिनेश घर से 15 मीटर दूर खपरैल के नीचे अकेला सो रहा था। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि सवा करोड़ कीमत की जमीन और पुराने मकान के लिए यह हत्या की गई। साजिश राजकुमार वर्मा के पूरे परिवार के 6 सदस्यों को मारने की थी, मगर उनके बेटे दिनेश की हत्या होने के बाद उसकी बहन जाग गई। उसने अपने पिता को जगाया। कहा- घर के बाहर 3 पुरुष और 1 महिला खड़े हैं। जब घर के अंदर चीख-पुकार मची, तब वह लोग कार और 1 बाइक पर बैठकर भाग निकले। पिता राजकुमार ने कहा- आरोप भले ही मेरे सगे भाई पर लगे हैं, मगर वह ऐसा नहीं कर सकता है। यह हो सकता है कि उसने कॉन्ट्रैक्ट किलिंग करवाई हो। पूरे मामले की हकीकत को समझने के लिए दैनिक भास्कर ने अयोध्या से 26 Km दूर परिवार से मुलाकात की। पढ़िए रिपोर्ट… घटनास्थल का माहौल
जहां पर मझले भाई को सोना था, वहां दिनेश सोने चला गया दिनेश की हत्या के बाद बीकापुर से सटे पटेलनगर में पुलिस तैनात की गई है। लोगों ने हमें एक सफेद मकान तक पहुंचाया। यहां बाहर कुछ रिश्तेदार बैठे थे। यहां से करीब 15 मिनट दूर एक खपरैल के नीचे चारपाई और जमीन पर खून पड़ा था। वही पर एक जबड़ा और कुछ दांत भी बिखरे हुए थे। बताया गया कि यही पर दिनेश सोया हुआ था, उसके ऊपर एक के बाद एक 8 वॉर किए गए। यह हत्या करने वाले घर तक गए। मगर रात में 2 बजे दिनेश की छोटी बहन सोनी जाग गई। उसने बाहर हलचल देखकर अपने पिता को जगा दिया। खिड़की से बाहर देखा तो वाकई में कुछ लोग थे। यह लोग आशंकित होकर चीखने चिल्लाने लगे। बाकी परिवार के लोग भी जाग गए। 2 जून की रात इस घर में राजकुमार दरवाजे के पास चारपाई लगाकर सोए थे। मां बाहर बरामदे में थीं। दो बहनें पुराने मकान के अंदर सो रही थीं। बड़ा भाई विनय कमरे में अंदर सो रहा था। मझला भाई विनोद खेत पर चला गया था। रोज विनोद घर से 15 मीटर दूर खपरैल के नीचे सोता था। वहां पर सोमवार की रात को दिनेश सोने चला गया था। हत्यारों ने कत्ल करने की शुरुआत खपरैल से की, मगर फिर परिवार के लोग जागे, तो उन्हें भागना पड़ा। चाचा का घर सटा हुआ, हत्या से पहले पत्नी को मायके भेजा
पुलिस को तफ्तीश में पता चला कि आरोपी चाचा अशोक वर्मा का घर अपने भाई राजकुमार से बिल्कुल सटा हुआ था। इस हत्या से पहले उन्होंने अपनी पत्नी को मायके भेज दिया था। घर के बाहर जो ट्रैक्टर खड़ा रहता था, उसको साढ़ू के घर पर खड़ा कर आए थे। घर के बाहर खड़ी ट्राली को अंदर जाने वाले रास्ते पर लगाकर रोड ब्लॉक कर दी। अब पुलिस उनके मोबाइल की डिटेल खंगाल रही है। हत्या के पीछे का मूल विवाद 1 एकड़ जमीन और पुराना मकान, इनकी वैल्यू सवा करोड़
पिता राजकुमार वर्मा कहते हैं- इस विवाद का बीज हमारे पिता की मौत के बाद पड़ा। जब पुश्तैनी जमीन का बंटवारा हुआ था। मैंने पक्का मकान लिया और मिट्टी का खपड़ैल घर छोटे भाई अशोक वर्मा को देना चाहा। लेकिन अशोक ने पक्का मकान ले लिया और कहा कि पुराने घर भी तुम हमको दे दो। राजकुमार कहते हैं- जब उन्हें और उनके दोनों बेटों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसे मिले, तो उन्होंने नया मकान बनवा लिया। यहीं से विवाद और गहराता गया। हम लोग नए मकान में शिफ्ट हो गए, अब छोटा भाई पुराने घर को भी हथियाने पर अड़ गया। इसके बाद हमने कोर्ट, थाने और पंचायत, हर जगह गुहार लगाई, मगर कोई हल नहीं निकला। भाई ने कहा- हम जब चाचा के घर गए, वह लोग भागे हुए थे
दिनेश के बड़े भाई विनोद वर्मा ने बताया- अशोक ने पूरी तैयारी के साथ इस वारदात को अंजाम दिया। अपने भाई को मरा हुआ देखकर हम लोग चाचा के घर गए। क्योंकि वहां से कोई आया नहीं था। मगर वहां के हालात देखकर हम समझ गए कि ये चाचा का काम है। बहन सोनी वर्मा ने बताया- रात 2 बजे मेरी नींद खुली, तो देखा कि चाचा अशोक वर्मा के घर के बाहर चार लोग बात कर रहे थे, उनमें एक महिला भी थी। सब हंस रहे थे, मुझे शक हुआ, तो पिताजी को जगाया। वह जब छप्पर की ओर गए तो भाई की लाश देखी। घटना के बाद से ही अशोक वर्मा फरार हैं। उसके घर में ताला लटका हुआ है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है। बीकापुर कोतवाली से महज़ 500 मीटर की दूरी पर हुई इस हत्या ने स्थानीय पुलिस की चौकसी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। छह महीने में कई बार थाने पहुंचा दोनों भाइयों का विवाद
पटेलनगर के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले छह महीनों में भाइयों के बीच कई बार विवाद हुआ। पुलिस ने अप्रैल, 2025 में दोनों पक्षों पर 151 की कार्रवाई भी की थी। नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर मोहल्ले के समझदार लोगों ने भी मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन अशोक वर्मा अपनी जिद से टस से मस नहीं हुआ। एक पड़ोसी ने नाम न छापने की शर्त पर बताता है- अशोक अक्सर कहता था कि 2 लाख रुपए लगेंगे, लेकिन देखना कोई बचाने नहीं आएगा। तब किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। सीसीटीवी लगवाए, मगर कातिल रेंज में नहीं आए
राजकुमार बताते हैं कि विवाद की गंभीरता को देखते हुए मैंने घर में CCTV लगवा दिया था, लेकिन हत्या को अंजाम देने वाले शातिर निकले। कैमरे की रेंज से बचते हुए रात के अंधेरे में वारदात कर दी। अगर कैमरे में चेहरा आ गया होता तो शायद आज गिरफ्तारी हो चुकी होती। विनोद कहते हैं- आरोपियों को कैमरे की दिशा और डेड एंगल्स के बारे में मालूम था। उसका फायदा उठाया। दिनेश बीए की पढ़ाई पूरी कर चुका था और BSF में भर्ती की तैयारी कर रहा था। राजकुमार के अन्य दो बेटे- विनय वर्मा, जो पशु चिकित्सक हैं, और विनोद खेती-किसानी में हाथ बंटाते हैं। सीओ ने कहा- 2 को पकड़ा है, जल्द खुलासा करेंगे
बीकापुर कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। बॉडी पर 8 वॉर किए गए थे। सीओ पीयूष कुमार ने बताया- दिनेश कुमार के चेहरे पर ज्यादा वॉर किए गए। हाथ और पैर पर भी गहरे चोट के निशान हैं। 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही आरोपी को पकड़ा जाएगा। …………………… यह भी पढ़ें : अयोध्या में युवक की हत्या, 6 टुकड़ों में काटा:सेना की तैयारी कर रहा था; कोतवाली से 500 मीटर दूर वारदात अयोध्या में सेना की तैयारी कर रहे 22 साल के युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसका शव छह टुकड़ों में मिला। हाथ-पैर, गर्दन और धड़ अलग-अलग थे। युवक घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। पिता रात में जनरेटर में पानी डालने के लिए उठे। उनकी नजर चारपाई के नीचे बह रहे खून पर पड़ी। पूरी खबर पढ़िए… यमुना में रील बना रहीं 6 बहनें डूबीं, मौत:आगरा में एक-दूसरे को बचाने में गई जान, बड़ी बहन की 7 दिन पहले हुई थी एंगेजमेंट आगरा में यमुना नदी में नहाने गई 6 बहनों की डूबने से मौत हो गई। जिस जगह ये हादसा हुआ, उससे उनका घर सिर्फ 800 मीटर दूर है। डूबने से पहले 6 बहनें मोबाइल पर रील बना रही थीं। ये वीडियो भी पुलिस को मिले हैं। 6 बहनों से पहले उन्हीं के परिवार के 4 चचेरे भाई यमुना नदी पर नहाने गए थे। भाइयों ने डूब रही बहनों को बचाने का प्रयास किया, मगर वह भी डूबने लगे, तो बहनों का हाथ छोड़ दिया। पढ़िए पूरी खबर… अयोध्या में सेना की तैयारी कर रहे 22 साल के दिनेश की हत्या कर दी गई। बॉडी पर 8 बार वॉर किए। हाथ-पैर, गर्दन और धड़ 6 टुकड़ों में मिले। कत्ल की रात दिनेश घर से 15 मीटर दूर खपरैल के नीचे अकेला सो रहा था। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि सवा करोड़ कीमत की जमीन और पुराने मकान के लिए यह हत्या की गई। साजिश राजकुमार वर्मा के पूरे परिवार के 6 सदस्यों को मारने की थी, मगर उनके बेटे दिनेश की हत्या होने के बाद उसकी बहन जाग गई। उसने अपने पिता को जगाया। कहा- घर के बाहर 3 पुरुष और 1 महिला खड़े हैं। जब घर के अंदर चीख-पुकार मची, तब वह लोग कार और 1 बाइक पर बैठकर भाग निकले। पिता राजकुमार ने कहा- आरोप भले ही मेरे सगे भाई पर लगे हैं, मगर वह ऐसा नहीं कर सकता है। यह हो सकता है कि उसने कॉन्ट्रैक्ट किलिंग करवाई हो। पूरे मामले की हकीकत को समझने के लिए दैनिक भास्कर ने अयोध्या से 26 Km दूर परिवार से मुलाकात की। पढ़िए रिपोर्ट… घटनास्थल का माहौल
जहां पर मझले भाई को सोना था, वहां दिनेश सोने चला गया दिनेश की हत्या के बाद बीकापुर से सटे पटेलनगर में पुलिस तैनात की गई है। लोगों ने हमें एक सफेद मकान तक पहुंचाया। यहां बाहर कुछ रिश्तेदार बैठे थे। यहां से करीब 15 मिनट दूर एक खपरैल के नीचे चारपाई और जमीन पर खून पड़ा था। वही पर एक जबड़ा और कुछ दांत भी बिखरे हुए थे। बताया गया कि यही पर दिनेश सोया हुआ था, उसके ऊपर एक के बाद एक 8 वॉर किए गए। यह हत्या करने वाले घर तक गए। मगर रात में 2 बजे दिनेश की छोटी बहन सोनी जाग गई। उसने बाहर हलचल देखकर अपने पिता को जगा दिया। खिड़की से बाहर देखा तो वाकई में कुछ लोग थे। यह लोग आशंकित होकर चीखने चिल्लाने लगे। बाकी परिवार के लोग भी जाग गए। 2 जून की रात इस घर में राजकुमार दरवाजे के पास चारपाई लगाकर सोए थे। मां बाहर बरामदे में थीं। दो बहनें पुराने मकान के अंदर सो रही थीं। बड़ा भाई विनय कमरे में अंदर सो रहा था। मझला भाई विनोद खेत पर चला गया था। रोज विनोद घर से 15 मीटर दूर खपरैल के नीचे सोता था। वहां पर सोमवार की रात को दिनेश सोने चला गया था। हत्यारों ने कत्ल करने की शुरुआत खपरैल से की, मगर फिर परिवार के लोग जागे, तो उन्हें भागना पड़ा। चाचा का घर सटा हुआ, हत्या से पहले पत्नी को मायके भेजा
पुलिस को तफ्तीश में पता चला कि आरोपी चाचा अशोक वर्मा का घर अपने भाई राजकुमार से बिल्कुल सटा हुआ था। इस हत्या से पहले उन्होंने अपनी पत्नी को मायके भेज दिया था। घर के बाहर जो ट्रैक्टर खड़ा रहता था, उसको साढ़ू के घर पर खड़ा कर आए थे। घर के बाहर खड़ी ट्राली को अंदर जाने वाले रास्ते पर लगाकर रोड ब्लॉक कर दी। अब पुलिस उनके मोबाइल की डिटेल खंगाल रही है। हत्या के पीछे का मूल विवाद 1 एकड़ जमीन और पुराना मकान, इनकी वैल्यू सवा करोड़
पिता राजकुमार वर्मा कहते हैं- इस विवाद का बीज हमारे पिता की मौत के बाद पड़ा। जब पुश्तैनी जमीन का बंटवारा हुआ था। मैंने पक्का मकान लिया और मिट्टी का खपड़ैल घर छोटे भाई अशोक वर्मा को देना चाहा। लेकिन अशोक ने पक्का मकान ले लिया और कहा कि पुराने घर भी तुम हमको दे दो। राजकुमार कहते हैं- जब उन्हें और उनके दोनों बेटों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसे मिले, तो उन्होंने नया मकान बनवा लिया। यहीं से विवाद और गहराता गया। हम लोग नए मकान में शिफ्ट हो गए, अब छोटा भाई पुराने घर को भी हथियाने पर अड़ गया। इसके बाद हमने कोर्ट, थाने और पंचायत, हर जगह गुहार लगाई, मगर कोई हल नहीं निकला। भाई ने कहा- हम जब चाचा के घर गए, वह लोग भागे हुए थे
दिनेश के बड़े भाई विनोद वर्मा ने बताया- अशोक ने पूरी तैयारी के साथ इस वारदात को अंजाम दिया। अपने भाई को मरा हुआ देखकर हम लोग चाचा के घर गए। क्योंकि वहां से कोई आया नहीं था। मगर वहां के हालात देखकर हम समझ गए कि ये चाचा का काम है। बहन सोनी वर्मा ने बताया- रात 2 बजे मेरी नींद खुली, तो देखा कि चाचा अशोक वर्मा के घर के बाहर चार लोग बात कर रहे थे, उनमें एक महिला भी थी। सब हंस रहे थे, मुझे शक हुआ, तो पिताजी को जगाया। वह जब छप्पर की ओर गए तो भाई की लाश देखी। घटना के बाद से ही अशोक वर्मा फरार हैं। उसके घर में ताला लटका हुआ है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है। बीकापुर कोतवाली से महज़ 500 मीटर की दूरी पर हुई इस हत्या ने स्थानीय पुलिस की चौकसी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। छह महीने में कई बार थाने पहुंचा दोनों भाइयों का विवाद
पटेलनगर के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले छह महीनों में भाइयों के बीच कई बार विवाद हुआ। पुलिस ने अप्रैल, 2025 में दोनों पक्षों पर 151 की कार्रवाई भी की थी। नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर मोहल्ले के समझदार लोगों ने भी मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन अशोक वर्मा अपनी जिद से टस से मस नहीं हुआ। एक पड़ोसी ने नाम न छापने की शर्त पर बताता है- अशोक अक्सर कहता था कि 2 लाख रुपए लगेंगे, लेकिन देखना कोई बचाने नहीं आएगा। तब किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। सीसीटीवी लगवाए, मगर कातिल रेंज में नहीं आए
राजकुमार बताते हैं कि विवाद की गंभीरता को देखते हुए मैंने घर में CCTV लगवा दिया था, लेकिन हत्या को अंजाम देने वाले शातिर निकले। कैमरे की रेंज से बचते हुए रात के अंधेरे में वारदात कर दी। अगर कैमरे में चेहरा आ गया होता तो शायद आज गिरफ्तारी हो चुकी होती। विनोद कहते हैं- आरोपियों को कैमरे की दिशा और डेड एंगल्स के बारे में मालूम था। उसका फायदा उठाया। दिनेश बीए की पढ़ाई पूरी कर चुका था और BSF में भर्ती की तैयारी कर रहा था। राजकुमार के अन्य दो बेटे- विनय वर्मा, जो पशु चिकित्सक हैं, और विनोद खेती-किसानी में हाथ बंटाते हैं। सीओ ने कहा- 2 को पकड़ा है, जल्द खुलासा करेंगे
बीकापुर कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। बॉडी पर 8 वॉर किए गए थे। सीओ पीयूष कुमार ने बताया- दिनेश कुमार के चेहरे पर ज्यादा वॉर किए गए। हाथ और पैर पर भी गहरे चोट के निशान हैं। 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही आरोपी को पकड़ा जाएगा। …………………… यह भी पढ़ें : अयोध्या में युवक की हत्या, 6 टुकड़ों में काटा:सेना की तैयारी कर रहा था; कोतवाली से 500 मीटर दूर वारदात अयोध्या में सेना की तैयारी कर रहे 22 साल के युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसका शव छह टुकड़ों में मिला। हाथ-पैर, गर्दन और धड़ अलग-अलग थे। युवक घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। पिता रात में जनरेटर में पानी डालने के लिए उठे। उनकी नजर चारपाई के नीचे बह रहे खून पर पड़ी। पूरी खबर पढ़िए… यमुना में रील बना रहीं 6 बहनें डूबीं, मौत:आगरा में एक-दूसरे को बचाने में गई जान, बड़ी बहन की 7 दिन पहले हुई थी एंगेजमेंट आगरा में यमुना नदी में नहाने गई 6 बहनों की डूबने से मौत हो गई। जिस जगह ये हादसा हुआ, उससे उनका घर सिर्फ 800 मीटर दूर है। डूबने से पहले 6 बहनें मोबाइल पर रील बना रही थीं। ये वीडियो भी पुलिस को मिले हैं। 6 बहनों से पहले उन्हीं के परिवार के 4 चचेरे भाई यमुना नदी पर नहाने गए थे। भाइयों ने डूब रही बहनों को बचाने का प्रयास किया, मगर वह भी डूबने लगे, तो बहनों का हाथ छोड़ दिया। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अयोध्या में परिवार के 6 लोगों को मारने की साजिश:भाई की हत्या के बाद बहन जगी, तब हत्यारे भागे, पिता बोले-सगे भाई ने मरवाया
