अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की लेटेस्ट तस्वीरें शनिवार सुबह जारी की गई हैं। मंदिर के सेकेंड फ्लोर का काम चल रहा है। परकोटे की दीवार के पत्थरों पर रामायण के प्रसंगों की मूर्तियां उकेरी गई हैं। रामायण के संस्कृत श्लोक भी लिखे गए हैं और उनका हिंदी, अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया है। परकोटे में 5.40 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जा चुके हैं। अभी 3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जाने हैं। जून 2025 तक 1 किमी का परकोटा तैयार हो जाएगा। इसमें 6 मंदिर हैं, जो लगभग पूरा हो चुके हैं। इन मंदिरों में लगनी वाली मूर्तियों का निरीक्षण जनवरी के अंतिम सप्ताह में जयपुर में किया जाएगा। जैसे-जैसे अलग-अलग मंदिर बनकर तैयार हो जाएंगे, मूर्तियां जयपुर से अयोध्या लाई जाएंगी। पहले निर्माण काम की 7 तस्वीरें सभी निर्माण कामों की डेट आज तय होगी
राम जन्मभूमि में चल रहे निर्माण कामों की समीक्षा महीने में दो बार होती है। भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हुई। आज बैठक का दूसरा दिन है। पहले दिन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंचे। सबसे पहले हनुमानगढ़ी में जाकर शीश नवाया और फिर रामलला का आशीर्वाद लिया। मीडिया से बात करते हुए नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- आज की समीक्षा के बाद हम सभी निर्माण कामों की एक डेट तय करेंगे। निर्माण में बहुत सारी कठिनाइयां होती हैं, मौसम कैसा है और एक महीने में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कैसी है, इससे भी निर्माण में परेशानी आएगी। सप्तऋषियों के मंदिर के बीच जलाशय बनाए जा रहे
नृपेंद्र मिश्र ने कहा- जो 7 मंदिर ऋषियों-मुनियों के होंगे, उसके बीच में पुष्कर्णी यानी जलाशय बनाए जा रहे हैं। इसकी खुदाई चल रही है। जलाशय की डिजाइन, लंबाई और गहराई कितनी होगी? पानी किस तरह से आएगा और किस तरह से पानी बदला जाएगा, आज इस पर मंथन होगा। नृपेंद्र मिश्र ने कहा- जनवरी में महाकुंभ के कारण श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। हमारी पूरी कोशिश है कि राम मंदिर परिसर के बाहर जो काम चल रहे हैं, वो जल्द पूरे कर लिए जाएं। मंदिर के बाहरी गेट अयोध्या के साधु-संतों के नाम होंगे, जो राम मंदिर के पुरोधा रहे हैं। उन्हीं के नाम से गेट होंगे। चतुर्भुज रूप धारिणी भारत माता के चित्र का अनावरण
नृपेंद्र मिश्रा ने परकोटे में लगाए गए ब्रांज मेटल के चित्र जिसमें चतुर्भुज रूप धारिणी भारत माता के चित्र का शुक्रवार को अनावरण किया। चित्र में देवी सिंह वाहन पर सवार हैं और उनके एक हाथ खड्ग और कमल पुष्प, एक में भगवान ध्वज है। परकोटे में ब्रांज मेटल प्लेट की लंबाई छह फीट 5 इंच, ऊंचाई 5 फीट और मोटाई 2 फीट 6 इंच है। इस तरह के 80 से अधिक प्लेट पूरे परकोटे में लगाए जाएंगे। इनमें अधिकांश चित्र रामायण के उन प्रसंगों से हैं, जो भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की यात्रा का वृत्तांत दिखाते हैं। दर्शन-पूजन से जुड़ी 5 तस्वीरें शेषावतार मंदिर के कॉलम बनकर तैयार
समीक्षा बैठक को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया- पहले दिन की बैठक में अलग-अलग परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इस समीक्षा में पाया गया कि सप्त मंडप के सातों मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि के मंदिर का 90% निर्माण काम पूरा हो गया है। अन्य मंदिरों में भी 70-80% निर्माण हो गया है। इसी तरह से शेषावतार मंदिर के कॉलम भी खड़े हो रहे हैं। अधिकांश कॉलम बन चुके हैं। परकोटे के सभी 6 मंदिरों का भी निर्माण काम संतोषजनक है। ——————————- ये खबर भी पढ़िए- गंगा में बन रहा 4500 टन लोहे-स्टील का ब्रिज: महाकुंभ के लिए तेजी से रखी गई नींव, मेला खत्म होते ही तोड़ दिया जाएगा प्रयागराज के मलाका में 26 नवंबर 2020 से 10 किमी लंबा, देश का दूसरा सबसे बड़ा 6 लेन ब्रिज बनाने का काम शुरू हुआ। इसमें करीब 4 किमी का पुल गंगा नदी पर बनना था। महाकुंभ-2025 के लिए यह पुल बहुत जरूरी था। वजह- गंगा नदी पर बने 50 साल पुराने पुल का जर्जर होना। दूसरा यह कि एक रास्ते से करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना भी आसान नहीं है। स्टील के ब्रिज निर्माण का काम चल रहा है। इसके भी निर्माण की तीन तारीखें निकल चुकी हैं। स्टील पुल निर्माण की मौजूदा स्थिति क्या है? इस पुल की खासियत क्या है? यह सब कुछ जानने दैनिक भास्कर कुंभ मेला क्षेत्र पहुंचा। पढ़ें पूरी खबर… अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की लेटेस्ट तस्वीरें शनिवार सुबह जारी की गई हैं। मंदिर के सेकेंड फ्लोर का काम चल रहा है। परकोटे की दीवार के पत्थरों पर रामायण के प्रसंगों की मूर्तियां उकेरी गई हैं। रामायण के संस्कृत श्लोक भी लिखे गए हैं और उनका हिंदी, अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया है। परकोटे में 5.40 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जा चुके हैं। अभी 3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जाने हैं। जून 2025 तक 1 किमी का परकोटा तैयार हो जाएगा। इसमें 6 मंदिर हैं, जो लगभग पूरा हो चुके हैं। इन मंदिरों में लगनी वाली मूर्तियों का निरीक्षण जनवरी के अंतिम सप्ताह में जयपुर में किया जाएगा। जैसे-जैसे अलग-अलग मंदिर बनकर तैयार हो जाएंगे, मूर्तियां जयपुर से अयोध्या लाई जाएंगी। पहले निर्माण काम की 7 तस्वीरें सभी निर्माण कामों की डेट आज तय होगी
राम जन्मभूमि में चल रहे निर्माण कामों की समीक्षा महीने में दो बार होती है। भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हुई। आज बैठक का दूसरा दिन है। पहले दिन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंचे। सबसे पहले हनुमानगढ़ी में जाकर शीश नवाया और फिर रामलला का आशीर्वाद लिया। मीडिया से बात करते हुए नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- आज की समीक्षा के बाद हम सभी निर्माण कामों की एक डेट तय करेंगे। निर्माण में बहुत सारी कठिनाइयां होती हैं, मौसम कैसा है और एक महीने में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कैसी है, इससे भी निर्माण में परेशानी आएगी। सप्तऋषियों के मंदिर के बीच जलाशय बनाए जा रहे
नृपेंद्र मिश्र ने कहा- जो 7 मंदिर ऋषियों-मुनियों के होंगे, उसके बीच में पुष्कर्णी यानी जलाशय बनाए जा रहे हैं। इसकी खुदाई चल रही है। जलाशय की डिजाइन, लंबाई और गहराई कितनी होगी? पानी किस तरह से आएगा और किस तरह से पानी बदला जाएगा, आज इस पर मंथन होगा। नृपेंद्र मिश्र ने कहा- जनवरी में महाकुंभ के कारण श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। हमारी पूरी कोशिश है कि राम मंदिर परिसर के बाहर जो काम चल रहे हैं, वो जल्द पूरे कर लिए जाएं। मंदिर के बाहरी गेट अयोध्या के साधु-संतों के नाम होंगे, जो राम मंदिर के पुरोधा रहे हैं। उन्हीं के नाम से गेट होंगे। चतुर्भुज रूप धारिणी भारत माता के चित्र का अनावरण
नृपेंद्र मिश्रा ने परकोटे में लगाए गए ब्रांज मेटल के चित्र जिसमें चतुर्भुज रूप धारिणी भारत माता के चित्र का शुक्रवार को अनावरण किया। चित्र में देवी सिंह वाहन पर सवार हैं और उनके एक हाथ खड्ग और कमल पुष्प, एक में भगवान ध्वज है। परकोटे में ब्रांज मेटल प्लेट की लंबाई छह फीट 5 इंच, ऊंचाई 5 फीट और मोटाई 2 फीट 6 इंच है। इस तरह के 80 से अधिक प्लेट पूरे परकोटे में लगाए जाएंगे। इनमें अधिकांश चित्र रामायण के उन प्रसंगों से हैं, जो भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की यात्रा का वृत्तांत दिखाते हैं। दर्शन-पूजन से जुड़ी 5 तस्वीरें शेषावतार मंदिर के कॉलम बनकर तैयार
समीक्षा बैठक को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया- पहले दिन की बैठक में अलग-अलग परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इस समीक्षा में पाया गया कि सप्त मंडप के सातों मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि के मंदिर का 90% निर्माण काम पूरा हो गया है। अन्य मंदिरों में भी 70-80% निर्माण हो गया है। इसी तरह से शेषावतार मंदिर के कॉलम भी खड़े हो रहे हैं। अधिकांश कॉलम बन चुके हैं। परकोटे के सभी 6 मंदिरों का भी निर्माण काम संतोषजनक है। ——————————- ये खबर भी पढ़िए- गंगा में बन रहा 4500 टन लोहे-स्टील का ब्रिज: महाकुंभ के लिए तेजी से रखी गई नींव, मेला खत्म होते ही तोड़ दिया जाएगा प्रयागराज के मलाका में 26 नवंबर 2020 से 10 किमी लंबा, देश का दूसरा सबसे बड़ा 6 लेन ब्रिज बनाने का काम शुरू हुआ। इसमें करीब 4 किमी का पुल गंगा नदी पर बनना था। महाकुंभ-2025 के लिए यह पुल बहुत जरूरी था। वजह- गंगा नदी पर बने 50 साल पुराने पुल का जर्जर होना। दूसरा यह कि एक रास्ते से करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना भी आसान नहीं है। स्टील के ब्रिज निर्माण का काम चल रहा है। इसके भी निर्माण की तीन तारीखें निकल चुकी हैं। स्टील पुल निर्माण की मौजूदा स्थिति क्या है? इस पुल की खासियत क्या है? यह सब कुछ जानने दैनिक भास्कर कुंभ मेला क्षेत्र पहुंचा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर