तारीख- 21 मार्च 2024
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में होली खेल रहे छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। दूसरे समुदाय के कुछ छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तारीख- 25 फरवरी 2025
यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के नाम लेटर लिखकर छात्रों ने मांग रखी कि AMU के नॉन रेजिडेंशियल स्टूडेंट्स सेंटर क्लब में होली खेलना चाहते हैं। उम्मीद है कि इसकी अनुमति दी जाएगी। हालांकि, बाद में मैनेजमेंट ने होली खेलने की परमिशन देने से इनकार कर दिया। हवाला दिया कि कोई नई परंपरा शुरू करने की इजाजत नहीं देंगे। इन दो तारीखों पर हुए घटनाक्रम ने AMU में होली के त्योहार पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, हिंदू संगठन ज्ञापन दे रहे हैं। इस विवाद के बीच दैनिक भास्कर एप की टीम यूनिवर्सिटी पहुंची। छात्रों ने क्या मांग की है? मैनेजमेंट क्या कह रहा है? अब आगे क्या होगा? पढ़िए सिलसिलेवार रिपोर्ट… सबसे पहले लेटर की बात… छात्रों ने लिखा- हम होली मनाना चाहते हैं
25 फरवरी को अखिल कुमार कौशल सहित कई छात्रों ने AMU की कुलपति नईमा खातून को लेटर लिखा। होली समारोह मनाने की मांग की। लेटर में छात्रों ने लिखा- 9 मार्च को AMU के NRSC क्लब में होली मनाना चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि आप इसकी अनुमति देंगी। समारोह में धर्म को लेकर छात्रों के बीच कोई टकराव न हो, इसलिए NRSC क्लब, जो बंद परिसर है, उसे चुना है। यह क्लब विश्वविद्यालय परिसर से काफी दूर है। इससे पहले इस क्लब में विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राएं ओणम सहित कई त्योहार मना चुके हैं। सभी को भारत के संविधान के अनुसार मिले अधिकार के तहत शांतिपूर्वक त्योहार मनाने का अधिकार है। आपकी अनुमति मिलने के बाद हम जिला प्रशासन के साथ समन्वय, सुरक्षा, समय आदि के संबंध में बात करेंगे। उम्मीद है कि 28 फरवरी तक आपकी ओर से अनुमति मिल जाएगी। अब जानिए मैनेजमेंट का फैसला… यूनिवर्सिटी ने कहा- हॉस्टल में होली होती है, वहीं होगी
यूनिवर्सिटी के छात्र अखिल कुमार कौशल ने कहा- 3 मार्च को हमें बताया गया कि अनुमति नहीं मिलेगी। इस पर प्रॉक्टर वसीम अली ने कहा- ये फैसला अनुशासन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है। छात्रों ने NRSC क्लब में एक हफ्ते के विशेष कार्यक्रम के लिए जगह मांगी थी। लेकिन, यूनिवर्सिटी का मानना है कि पहले से चले आ रहे नियमों के तहत ऐसा कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। नई परंपरा नहीं शुरू की जाएगी। होली छात्र अपने-अपने हॉस्टल में मनाते आए हैं और आगे भी वैसे ही मनाएंगे। प्रोफेसर बोलीं- कैंपस में छात्र होली हमेशा खेलते हैं
यूनिवर्सिटी की जनसंपर्क विभाग की MIC प्रोफेसर विभा शर्मा ने कहा- विशेष कार्यक्रम के लिए विशेष स्थान की अनुमति मांगी गई थी। यूनिवर्सिटी इस तरह की कोई नई परंपरा शुरू करने के पक्ष में नहीं है। रही बात होली मनाने की, तो होली की परंपरा हमेशा से हमारे कैंपस में रही है। होली की ही नहीं, हमारे देश के सारे त्योहारों को मनाने की परंपरा रही है। कैंपस में छात्र होली खेलते हैं, लेकिन बात परमिशन की रही तो हॉल बुक कर ऐसा कोई समारोह मनाने की परंपरा नहीं रही। अब छात्रों की बात AMU में रोजा इफ्तार तो होली समारोह क्यों नहीं?
होली मनाने की मांग करने वाले छात्रों का कहना है कि AMU परिसर में रोजा इफ्तार, मोहर्रम के जुलूस और चहल्लुम जैसे धार्मिक आयोजन होते हैं। लेकिन, होली मिलन समारोह की अनुमति नहीं दी गई। हम सभी धर्मों के आयोजनों का सम्मान करते हैं, तो फिर हमारे त्योहार को क्यों रोका जा रहा है? अब PM मोदी को लिखेंगे, उनसे गुहार लगाएंगे कि वह हिंदू छात्रों को कैंपस में होली खेलने की अनुमति दिलाएं, जिससे वह त्योहार मना सकें। अखिल कुमार कौशल ने कहा- अब हम लोग बिना अनुमति के वहां होली खेलेंगे। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी AMU प्रबंधन और अलीगढ़ पुलिस की है। अगर होली खेलने में कोई अड़चन खड़ी करता है तो पुलिस को उन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जामिया में होती है होली, तो AMU में क्यों नहीं
छात्रों का कहना है कि नई दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में 13 मार्च को होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह यूनिवर्सिटी भी अल्पसंख्यक है और यहां हिंदू छात्र होली खेलते हैं। फिर AMU में भी छात्रों को होली खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए। पिछले साल होली मनाने पर हुई थी मारपीट AMU में 21 मार्च 2024 को कुछ छात्र कैंपस में होली खेल रहे थे। इसके बाद डॉ. जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के पास जमकर मारपीट हुई थी। दूसरे समुदाय के कुछ छात्रों ने होली खेल रहे छात्रों के साथ जमकर मारपीट की थी। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था, इसके वीडियो भी सामने आए थे। इसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ऊपर कई आरोप भी लगाए थे। इसके बाद सिविल लाइंस थाने में दूसरे समुदाय के 10 छात्रों के खिलाफ होली खेल रहे छात्रों के साथ मारपीट करने के मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। AMU के फैसले पर सियासत शुरू करणी सेना का ऐलान- 10 मार्च को AMU में खेलेंगे होली
करणी सेना ने 6 मार्च को AMU के फैसले के विरोध में रैली निकाली। कलेक्ट्रेट घेरकर जमकर नारेबाजी की। ADM सिटी अमित कुमार भट्ट के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा और छात्रों को होली खेलने की अनुमति देने की मांग की। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र चौहान का कहना था कि AMU में मुस्लिम त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं तो यहां पर होली मनाने की अनुमति न देना गलत है। होली खेलने की अनुमति नहीं मिली तो रंग भरनी एकादशी के मौके पर 10 मार्च को AMU में होली खेलेंगे। भाजपा नेत्री बोलीं- तो वहां ईद भी नहीं मनाने देंगे
पूर्व मेयर और भाजपा नेता शकुंतला भारती ने कहा- होली खेलने के लिए जिसने भी इस तरह का अल्टीमेटम दिया है, पहले तो मैं उसे चेतावनी देती हूं कि यह हिंदुस्तान है, पाकिस्तान नहीं है। किसी की व्यक्तिगत यह जागीर नहीं है। यूनिवर्सिटी सबकी है, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई… कोई भी हो, उन्हें कोई भी अधिकार नहीं है। दूसरी बात, जिस तरीके से ये लोग यह हरकतें कर रहे हैं कि होली नहीं खेली जाएगी, तो मैं कह रही हूं कि वहां ईद भी नहीं मनाई जाएगी। यह खुली चेतावनी है। यह हिंदुस्तान है, हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। राजस्थान के मंत्री बोले- जिसने अनुमति नहीं दी, उसकी हमारे देश में श्रद्धा नहीं राजस्थान सरकार में मंत्री मदन दिलावर ने AMU में छात्रों को होली खेलने की अनुमति न दिए जाने पर कहा- यह हमारा दुर्भाग्य है। विश्वविद्यालय के छात्रों को होली मनाने की अनुमति न देना और वह भी यूनिवर्सिटी के भवन में नहीं, बल्कि कैंपस में बने एक क्लब में… मैं समझता हूं कि जिस व्यक्ति ने छात्रों को यह अनुमति देने से मना किया होगा, उसकी हमारे देश में कोई श्रद्धा नहीं है। वह भारत के प्रति वफादार नहीं है। ऐसे लोगों की जितनी निंदा की जाए वह कम है। ———————- ये खबर भी पढ़िए- चलो कॉलगर्ल से मिलवाते हैं, फिर हाथ-पैर बांध कुकर्म किया; कानपुर में गला कसकर मार डाला ‘हमने प्रॉपर्टी डीलर के नाबालिग बेटे से कहा था- एक कॉलगर्ल को बुलाया है। हम लोग कॉलगर्ल को खंडहर में लेकर जाएंगे, जहां बांधकर फिल्मी स्टाइल में उससे संबंध बनाएंगे। वह हम लोगों के साथ चल दिया। खंडहर में हमने उसके रस्सी से हाथ-पैर बांधे फिर कुकर्म किया। वह किसी को बता न दे, इसलिए गला कसकर उसकी हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया।’ यह कबूलनामा किशोर की हत्या करने वाले नजर अली उर्फ हुसैनी का है। पढ़िए पूरा कबूलनामा… तारीख- 21 मार्च 2024
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में होली खेल रहे छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। दूसरे समुदाय के कुछ छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तारीख- 25 फरवरी 2025
यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के नाम लेटर लिखकर छात्रों ने मांग रखी कि AMU के नॉन रेजिडेंशियल स्टूडेंट्स सेंटर क्लब में होली खेलना चाहते हैं। उम्मीद है कि इसकी अनुमति दी जाएगी। हालांकि, बाद में मैनेजमेंट ने होली खेलने की परमिशन देने से इनकार कर दिया। हवाला दिया कि कोई नई परंपरा शुरू करने की इजाजत नहीं देंगे। इन दो तारीखों पर हुए घटनाक्रम ने AMU में होली के त्योहार पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, हिंदू संगठन ज्ञापन दे रहे हैं। इस विवाद के बीच दैनिक भास्कर एप की टीम यूनिवर्सिटी पहुंची। छात्रों ने क्या मांग की है? मैनेजमेंट क्या कह रहा है? अब आगे क्या होगा? पढ़िए सिलसिलेवार रिपोर्ट… सबसे पहले लेटर की बात… छात्रों ने लिखा- हम होली मनाना चाहते हैं
25 फरवरी को अखिल कुमार कौशल सहित कई छात्रों ने AMU की कुलपति नईमा खातून को लेटर लिखा। होली समारोह मनाने की मांग की। लेटर में छात्रों ने लिखा- 9 मार्च को AMU के NRSC क्लब में होली मनाना चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि आप इसकी अनुमति देंगी। समारोह में धर्म को लेकर छात्रों के बीच कोई टकराव न हो, इसलिए NRSC क्लब, जो बंद परिसर है, उसे चुना है। यह क्लब विश्वविद्यालय परिसर से काफी दूर है। इससे पहले इस क्लब में विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राएं ओणम सहित कई त्योहार मना चुके हैं। सभी को भारत के संविधान के अनुसार मिले अधिकार के तहत शांतिपूर्वक त्योहार मनाने का अधिकार है। आपकी अनुमति मिलने के बाद हम जिला प्रशासन के साथ समन्वय, सुरक्षा, समय आदि के संबंध में बात करेंगे। उम्मीद है कि 28 फरवरी तक आपकी ओर से अनुमति मिल जाएगी। अब जानिए मैनेजमेंट का फैसला… यूनिवर्सिटी ने कहा- हॉस्टल में होली होती है, वहीं होगी
यूनिवर्सिटी के छात्र अखिल कुमार कौशल ने कहा- 3 मार्च को हमें बताया गया कि अनुमति नहीं मिलेगी। इस पर प्रॉक्टर वसीम अली ने कहा- ये फैसला अनुशासन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है। छात्रों ने NRSC क्लब में एक हफ्ते के विशेष कार्यक्रम के लिए जगह मांगी थी। लेकिन, यूनिवर्सिटी का मानना है कि पहले से चले आ रहे नियमों के तहत ऐसा कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। नई परंपरा नहीं शुरू की जाएगी। होली छात्र अपने-अपने हॉस्टल में मनाते आए हैं और आगे भी वैसे ही मनाएंगे। प्रोफेसर बोलीं- कैंपस में छात्र होली हमेशा खेलते हैं
यूनिवर्सिटी की जनसंपर्क विभाग की MIC प्रोफेसर विभा शर्मा ने कहा- विशेष कार्यक्रम के लिए विशेष स्थान की अनुमति मांगी गई थी। यूनिवर्सिटी इस तरह की कोई नई परंपरा शुरू करने के पक्ष में नहीं है। रही बात होली मनाने की, तो होली की परंपरा हमेशा से हमारे कैंपस में रही है। होली की ही नहीं, हमारे देश के सारे त्योहारों को मनाने की परंपरा रही है। कैंपस में छात्र होली खेलते हैं, लेकिन बात परमिशन की रही तो हॉल बुक कर ऐसा कोई समारोह मनाने की परंपरा नहीं रही। अब छात्रों की बात AMU में रोजा इफ्तार तो होली समारोह क्यों नहीं?
होली मनाने की मांग करने वाले छात्रों का कहना है कि AMU परिसर में रोजा इफ्तार, मोहर्रम के जुलूस और चहल्लुम जैसे धार्मिक आयोजन होते हैं। लेकिन, होली मिलन समारोह की अनुमति नहीं दी गई। हम सभी धर्मों के आयोजनों का सम्मान करते हैं, तो फिर हमारे त्योहार को क्यों रोका जा रहा है? अब PM मोदी को लिखेंगे, उनसे गुहार लगाएंगे कि वह हिंदू छात्रों को कैंपस में होली खेलने की अनुमति दिलाएं, जिससे वह त्योहार मना सकें। अखिल कुमार कौशल ने कहा- अब हम लोग बिना अनुमति के वहां होली खेलेंगे। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी AMU प्रबंधन और अलीगढ़ पुलिस की है। अगर होली खेलने में कोई अड़चन खड़ी करता है तो पुलिस को उन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जामिया में होती है होली, तो AMU में क्यों नहीं
छात्रों का कहना है कि नई दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में 13 मार्च को होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह यूनिवर्सिटी भी अल्पसंख्यक है और यहां हिंदू छात्र होली खेलते हैं। फिर AMU में भी छात्रों को होली खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए। पिछले साल होली मनाने पर हुई थी मारपीट AMU में 21 मार्च 2024 को कुछ छात्र कैंपस में होली खेल रहे थे। इसके बाद डॉ. जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के पास जमकर मारपीट हुई थी। दूसरे समुदाय के कुछ छात्रों ने होली खेल रहे छात्रों के साथ जमकर मारपीट की थी। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था, इसके वीडियो भी सामने आए थे। इसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ऊपर कई आरोप भी लगाए थे। इसके बाद सिविल लाइंस थाने में दूसरे समुदाय के 10 छात्रों के खिलाफ होली खेल रहे छात्रों के साथ मारपीट करने के मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। AMU के फैसले पर सियासत शुरू करणी सेना का ऐलान- 10 मार्च को AMU में खेलेंगे होली
करणी सेना ने 6 मार्च को AMU के फैसले के विरोध में रैली निकाली। कलेक्ट्रेट घेरकर जमकर नारेबाजी की। ADM सिटी अमित कुमार भट्ट के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा और छात्रों को होली खेलने की अनुमति देने की मांग की। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र चौहान का कहना था कि AMU में मुस्लिम त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं तो यहां पर होली मनाने की अनुमति न देना गलत है। होली खेलने की अनुमति नहीं मिली तो रंग भरनी एकादशी के मौके पर 10 मार्च को AMU में होली खेलेंगे। भाजपा नेत्री बोलीं- तो वहां ईद भी नहीं मनाने देंगे
पूर्व मेयर और भाजपा नेता शकुंतला भारती ने कहा- होली खेलने के लिए जिसने भी इस तरह का अल्टीमेटम दिया है, पहले तो मैं उसे चेतावनी देती हूं कि यह हिंदुस्तान है, पाकिस्तान नहीं है। किसी की व्यक्तिगत यह जागीर नहीं है। यूनिवर्सिटी सबकी है, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई… कोई भी हो, उन्हें कोई भी अधिकार नहीं है। दूसरी बात, जिस तरीके से ये लोग यह हरकतें कर रहे हैं कि होली नहीं खेली जाएगी, तो मैं कह रही हूं कि वहां ईद भी नहीं मनाई जाएगी। यह खुली चेतावनी है। यह हिंदुस्तान है, हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। राजस्थान के मंत्री बोले- जिसने अनुमति नहीं दी, उसकी हमारे देश में श्रद्धा नहीं राजस्थान सरकार में मंत्री मदन दिलावर ने AMU में छात्रों को होली खेलने की अनुमति न दिए जाने पर कहा- यह हमारा दुर्भाग्य है। विश्वविद्यालय के छात्रों को होली मनाने की अनुमति न देना और वह भी यूनिवर्सिटी के भवन में नहीं, बल्कि कैंपस में बने एक क्लब में… मैं समझता हूं कि जिस व्यक्ति ने छात्रों को यह अनुमति देने से मना किया होगा, उसकी हमारे देश में कोई श्रद्धा नहीं है। वह भारत के प्रति वफादार नहीं है। ऐसे लोगों की जितनी निंदा की जाए वह कम है। ———————- ये खबर भी पढ़िए- चलो कॉलगर्ल से मिलवाते हैं, फिर हाथ-पैर बांध कुकर्म किया; कानपुर में गला कसकर मार डाला ‘हमने प्रॉपर्टी डीलर के नाबालिग बेटे से कहा था- एक कॉलगर्ल को बुलाया है। हम लोग कॉलगर्ल को खंडहर में लेकर जाएंगे, जहां बांधकर फिल्मी स्टाइल में उससे संबंध बनाएंगे। वह हम लोगों के साथ चल दिया। खंडहर में हमने उसके रस्सी से हाथ-पैर बांधे फिर कुकर्म किया। वह किसी को बता न दे, इसलिए गला कसकर उसकी हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया।’ यह कबूलनामा किशोर की हत्या करने वाले नजर अली उर्फ हुसैनी का है। पढ़िए पूरा कबूलनामा… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली मनाने पर विवाद क्यों?:मैनेजमेंट बोला- नई परंपरा नहीं शुरू करने देंगे; छात्र बोले- जामिया में तो सब खेल रहे
