<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News</strong><strong>: </strong>उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ पुलिस ने एक अंतरजनपदीय साइबर ठग गैंग का खुलासा कर चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग पहले मोबाइल चोरी करता था और फिर चुराए गए फोन के यूपीआई का इस्तेमाल कर पीड़ितों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेता था. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दिल्ली में साइबर ठगी की ट्रेनिंग ली थी, जिसके बाद उन्होंने इस हाईटेक अपराध को अंजाम देना शुरू किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>थाना रोरावर और जनपदीय साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में चारों आरोपियों को धर दबोचा गया और उनके पास से चार मोबाइल फोन और 1090 रुपये बरामद किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नोएडा से सीखी तकनीक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना का मुकदमा थाना रोरावर में मुकदमा संख्या 131/2025, धारा 305(a) बीएनएस और 66(सी) आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. पीड़ित की शिकायत के अनुसार, उनकी दुकान से मोबाइल चोरी कर यूपीआई के जरिए 17,000 रुपये निकाले गए थे. मुख्य आरोपी रिजवान ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह और उसके साथी मोबाइल चोरी कर यूपीआई से पैसे निकालते थे और फिर फोन को दूसरे जिलों में बेच देते थे. रिजवान ने बताया कि नोएडा में कुछ लोगों से उसने यह तकनीक सीखी और पहले भी वह कई बार जेल जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पासवर्ड को लेकर अलर्ट रहें </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एसपी क्राइम ममता कुरील ने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए यूपीआई उपयोगकर्ताओं को जागरूक रहना होगा. उन्होंने सलाह दी कि डेट ऑफ बर्थ जैसे साधारण पासवर्ड का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ठग आसानी से इन्हें क्रैक कर लेते हैं. इस मामले में भी साधारण पासवर्ड के कारण 17,000 रुपये की ठगी हुई, लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों के खातों को फ्रीज कर दिया. पीड़ित को जल्द रकम वापस की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार आरोपियों में रिजवान (28), इमरान (23), फैसल (22), और समीर (22) शामिल हैं. पुलिस ने इन्हें जेल भेज दिया है और आगे की जांच जारी है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News</strong><strong>: </strong>उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ पुलिस ने एक अंतरजनपदीय साइबर ठग गैंग का खुलासा कर चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग पहले मोबाइल चोरी करता था और फिर चुराए गए फोन के यूपीआई का इस्तेमाल कर पीड़ितों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेता था. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दिल्ली में साइबर ठगी की ट्रेनिंग ली थी, जिसके बाद उन्होंने इस हाईटेक अपराध को अंजाम देना शुरू किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>थाना रोरावर और जनपदीय साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में चारों आरोपियों को धर दबोचा गया और उनके पास से चार मोबाइल फोन और 1090 रुपये बरामद किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नोएडा से सीखी तकनीक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना का मुकदमा थाना रोरावर में मुकदमा संख्या 131/2025, धारा 305(a) बीएनएस और 66(सी) आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. पीड़ित की शिकायत के अनुसार, उनकी दुकान से मोबाइल चोरी कर यूपीआई के जरिए 17,000 रुपये निकाले गए थे. मुख्य आरोपी रिजवान ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह और उसके साथी मोबाइल चोरी कर यूपीआई से पैसे निकालते थे और फिर फोन को दूसरे जिलों में बेच देते थे. रिजवान ने बताया कि नोएडा में कुछ लोगों से उसने यह तकनीक सीखी और पहले भी वह कई बार जेल जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पासवर्ड को लेकर अलर्ट रहें </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एसपी क्राइम ममता कुरील ने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए यूपीआई उपयोगकर्ताओं को जागरूक रहना होगा. उन्होंने सलाह दी कि डेट ऑफ बर्थ जैसे साधारण पासवर्ड का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ठग आसानी से इन्हें क्रैक कर लेते हैं. इस मामले में भी साधारण पासवर्ड के कारण 17,000 रुपये की ठगी हुई, लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों के खातों को फ्रीज कर दिया. पीड़ित को जल्द रकम वापस की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार आरोपियों में रिजवान (28), इमरान (23), फैसल (22), और समीर (22) शामिल हैं. पुलिस ने इन्हें जेल भेज दिया है और आगे की जांच जारी है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Gujarat News: बुलाया और खेत में ले गया, 35 साल के रिश्तेदार ने 5 साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार
अलीगढ़ में साइबर ठग गैंग का भंडाफोड़, नोएडा से ली थी हाईटेक ठगी की ट्रेनिंग, चार गिरफ्तार
