अलीगढ़: 150 साल पुरानी नुमाइश बनेगी आस्था और आकर्षण का केंद्र, होंगे चार धाम के दर्शन

अलीगढ़: 150 साल पुरानी नुमाइश बनेगी आस्था और आकर्षण का केंद्र, होंगे चार धाम के दर्शन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ की 150 वर्षीय राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी (नुमाइश) इस बार विशेष रूप से धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगी. पहली बार, यहां श्रद्धालुओं के लिए चार धाम दर्शन का अनोखा अनुभव उपलब्ध कराया जाएगा. नुमाइश का आयोजन 28 जनवरी से 28 फरवरी तक होगा और इसमें विशेष रूप से चार धाम का अस्थायी मंदिर तैयार किया जा रहा है, जिसकी तैयारियां भी अंतिम पड़ाव पर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नुमाइश मैदान परिसर में 80 फीट चौड़ा और 70 फीट ऊंचा यह अस्थायी मंदिर तैयार हो रहे है. इन 4 मंदिरों को लकड़ी से बनाया गया है, जो इसे न केवल खूबसूरत बल्कि मजबूत भी बनाता है. दो दर्जन से अधिक मजदूर लगातार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और यह मंदिर 25 जनवरी तक तैयार हो जाएगा. इस मंदिर में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ जैसे पवित्र धामों की झलक श्रद्धालुओं को मिलेगी. 200 से 300 लोग एक साथ दर्शन कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं</strong><br />चार धाम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को केवल 50 रुपये का टिकट लेना होगा. यह कीमत इतनी रखी गई है कि अधिक से अधिक लोग इस अवसर का लाभ उठा सकें. दर्शन को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं. इस अस्थायी मंदिर की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह लकड़ी से बनाया गया है. आमतौर पर ऐसे ढांचे प्लास्टिक, लोहे या पत्थर से बनाए जाते हैं, लेकिन लकड़ी का उपयोग इसे एक अलग ही सौंदर्य प्रदान करता है. मंदिर के निर्माण के बाद इसमें देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलीगढ़ की नुमाइश का इतिहास लगभग 150 वर्षों पुराना है. समय के साथ इस नुमाइश ने आधुनिकता को अपनाते हुए अपने स्वरूप में कई बदलाव किए हैं. हर साल यहां नए कार्यक्रम और आकर्षण शामिल किए जाते हैं. पिछले साल वैष्णो देवी और केदारनाथ धाम के मॉडल प्रस्तुत किए गए थे. इस साल चार धाम दर्शन का समावेश श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा. वहीं चार धाम के पीछे की कहानी ग्वालियर के सुनील कुमार के द्वारा रची गई है जो इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं, उन्होंने बताया कि यह उनका 126वां प्रोजेक्ट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-fight-cctv-video-viral-on-social-media-during-eating-biryani-watch-ann-2867127″><strong>Watch: वाराणसी में बिरयानी खाने के दौरान जमकर हुई मारपीट, CCTV फुटेज भी हो रहा वायरल</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इससे पहले वे कई स्थानों पर चार धाम मॉडल का निर्माण कर चुके हैं. उनके अनुसार, इस नुमाइश में चार धाम को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. अलीगढ़ की यह नुमाइश केवल एक औद्योगिक और कृषि प्रदर्शनी नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष बन गई है. चार धाम दर्शन का यह अनूठा अवसर न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को बल देगा, बल्कि नुमाइश की लोकप्रियता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. आने वाले श्रद्धालु यहां चार धाम की पवित्रता का अनुभव कर सकेंगे और आस्था के इस केंद्र का हिस्सा बनकर अपने जीवन को और भी सकारात्मक बना सकेंगे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ की 150 वर्षीय राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी (नुमाइश) इस बार विशेष रूप से धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगी. पहली बार, यहां श्रद्धालुओं के लिए चार धाम दर्शन का अनोखा अनुभव उपलब्ध कराया जाएगा. नुमाइश का आयोजन 28 जनवरी से 28 फरवरी तक होगा और इसमें विशेष रूप से चार धाम का अस्थायी मंदिर तैयार किया जा रहा है, जिसकी तैयारियां भी अंतिम पड़ाव पर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नुमाइश मैदान परिसर में 80 फीट चौड़ा और 70 फीट ऊंचा यह अस्थायी मंदिर तैयार हो रहे है. इन 4 मंदिरों को लकड़ी से बनाया गया है, जो इसे न केवल खूबसूरत बल्कि मजबूत भी बनाता है. दो दर्जन से अधिक मजदूर लगातार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और यह मंदिर 25 जनवरी तक तैयार हो जाएगा. इस मंदिर में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ जैसे पवित्र धामों की झलक श्रद्धालुओं को मिलेगी. 200 से 300 लोग एक साथ दर्शन कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं</strong><br />चार धाम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को केवल 50 रुपये का टिकट लेना होगा. यह कीमत इतनी रखी गई है कि अधिक से अधिक लोग इस अवसर का लाभ उठा सकें. दर्शन को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं. इस अस्थायी मंदिर की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह लकड़ी से बनाया गया है. आमतौर पर ऐसे ढांचे प्लास्टिक, लोहे या पत्थर से बनाए जाते हैं, लेकिन लकड़ी का उपयोग इसे एक अलग ही सौंदर्य प्रदान करता है. मंदिर के निर्माण के बाद इसमें देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलीगढ़ की नुमाइश का इतिहास लगभग 150 वर्षों पुराना है. समय के साथ इस नुमाइश ने आधुनिकता को अपनाते हुए अपने स्वरूप में कई बदलाव किए हैं. हर साल यहां नए कार्यक्रम और आकर्षण शामिल किए जाते हैं. पिछले साल वैष्णो देवी और केदारनाथ धाम के मॉडल प्रस्तुत किए गए थे. इस साल चार धाम दर्शन का समावेश श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा. वहीं चार धाम के पीछे की कहानी ग्वालियर के सुनील कुमार के द्वारा रची गई है जो इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं, उन्होंने बताया कि यह उनका 126वां प्रोजेक्ट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-fight-cctv-video-viral-on-social-media-during-eating-biryani-watch-ann-2867127″><strong>Watch: वाराणसी में बिरयानी खाने के दौरान जमकर हुई मारपीट, CCTV फुटेज भी हो रहा वायरल</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इससे पहले वे कई स्थानों पर चार धाम मॉडल का निर्माण कर चुके हैं. उनके अनुसार, इस नुमाइश में चार धाम को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. अलीगढ़ की यह नुमाइश केवल एक औद्योगिक और कृषि प्रदर्शनी नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष बन गई है. चार धाम दर्शन का यह अनूठा अवसर न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को बल देगा, बल्कि नुमाइश की लोकप्रियता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. आने वाले श्रद्धालु यहां चार धाम की पवित्रता का अनुभव कर सकेंगे और आस्था के इस केंद्र का हिस्सा बनकर अपने जीवन को और भी सकारात्मक बना सकेंगे.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Watch: वाराणसी में बिरयानी खाने के दौरान जमकर हुई मारपीट, CCTV फुटेज भी हो रहा वायरल