अवनीश दीक्षित पर एक और FIR दर्ज:अनवरगंज निवासी पीड़ित परिवार ने दर्ज कराया मुकदमा; जमीन कब्जाने का पुलिस को मिला वीडियो

अवनीश दीक्षित पर एक और FIR दर्ज:अनवरगंज निवासी पीड़ित परिवार ने दर्ज कराया मुकदमा; जमीन कब्जाने का पुलिस को मिला वीडियो

बुधवार को अनवरगंज थाने में पत्रकार अवनीश दीक्षित पर एक और एफआईआर दर्ज की गई है। अनवरगंज के गुरबत्तुल्ला पार्क निवासी मुफीद खान ने पुलिस को बताया कि उनका मकान उनकी पत्नी सबा के नाम से रजिस्ट्री, वसीयत और दाखिल खारिज है। वहीं बुधवार देर शाम अवनीश के साथी मनोज यादव और अजीत यादव के घर भी पुलिस ने छापेमारी की और परिवार वालों से पूछताछ की। परिवार बहुत डरा हुआ है
बताया कि कुछ भूमाफिया पत्रकार वसीम खान, एखलाक खान और अवनीश दीक्षित ने उनके घर पर साजिश के तहत बच्चों की कनपटी पर पिस्तौल लगाकर नोटरी एग्रीमेंट पर गवाह बना फर्जी हस्ताक्षर कराए। आरोप लगाया कि पत्नी सबा को डरा धमका कर हस्ताक्षर करा लिए और मकान पर कब्जा कर लिया। पीडि़त ने बताया कि इसके बाद से वह और उनका परिवार बहुत डरा सहमा हुआ था। जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज हुआ
पीड़ित की दर्ज एफआईआर के अनुसार उन्हें ये विश्वास नहीं था कि अवनीश दीक्षित के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। उसने बताया कि ये गैंग गरीबों की जमीन व मकान पर कब्जा करता है। ये घटना 2017-2018 की है। पीड़ित के अनुसार डर की वजह से उन्होंने मुकदमा नहीं लिखाया था। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा जबरन वसूली, जान से मारने की धमकी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तारी को लगाई 10 टीमें
आरोपियों की तलाश में पुलिस की 10 टीमें और 100 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। पुलिस टीम ने मंगलवार को जहां कोयला नगर निवासी विवेक पांडेय उर्फ सोनू, उनके बहनोई परेड निवासी रज्जन तिवारी और चालीस दुकान बाबूपुरवा निवासी राहुल बाजपेई के घर पर छापेमारी की। एक महीने से फरार है हरेंद्र
जमीन कब्जाने के मामले में नामजद आरोपी जीतेश झा की तलाश में ग्वालटोली और हरबंश मोहाल में भारी पुलिस बल के साथ छापेमारी की गई। इसके अलावा हरेंद्र मसीह के आवास पर भी छापेमारी की गई। यहां पुलिस को पता चला कि हरेंद्र एक महीने से फरार है। लगातार दबिश दे रही है पुलिस
एफआईआर में नामजद अन्य आरोपियों की तलाश में कानपुर के अलग-अलग ठिकानों और शुक्लागंज व उन्नाव में भी पुलिस की टीमों ने देर रात छापेमारी की है। हालांकि, छापेमारी के दौरान पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी कर सकी न ही कोई साक्ष्य बरामद हो सका। छापेमारी के दौरान एसीपी अनवरगंज आईपी सिंह, एसीपी चकेरी दिलीप सिंह और एसीपी बाबूपुरवा अमरनाथ यादव समेत 12 थानों का फोर्स मौजूद रहा। वारदात के समय अवनीश का वीडियो मिला
एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने बताया कि वारदात के दौरान पुलिस को कई वीडियो मिले हैं। इसमें अवनीश दीक्षित का भी वीडियो मिल गया है। इससे एक बात तो साफ है, कि वारदात के दौरान अवनीश दीक्षित मौके पर थे। अवनीश के घरवालों ने जिस सीसीटीवी का हवाला देकर उन्हें बचाने का प्रयास किया गया है, उस सीसीटीवी फुटेज को भी जांच में शामिल किया गया है। शहर छोड़कर फरार हुए वीडियो में दिखने वाले
पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित की गिरफ्तारी के बाद जो लोग कोतवाली में हंगामा कर रहे थे, उनके वीडियो सामने आ गए हैं। साथ ही जो लोग कब्जे के दौरान मौके पर थे, उनके वीडियो और फोटो पुलिस के पास आ गए हैं। अलग-अलग टीमें दे रही हैं दबिश
पुलिस ने जब इन लोगों की तलाश शुरू की तो ये आरोपी मोबाइल बंद करके शहर छोड़कर फरार हो गए। पुलिस की अलग-अलग टीमें आरोपियों की तलाश में कानपुर के आसपास के जिलों में निकल चुकी हैं। बुधवार को अनवरगंज थाने में पत्रकार अवनीश दीक्षित पर एक और एफआईआर दर्ज की गई है। अनवरगंज के गुरबत्तुल्ला पार्क निवासी मुफीद खान ने पुलिस को बताया कि उनका मकान उनकी पत्नी सबा के नाम से रजिस्ट्री, वसीयत और दाखिल खारिज है। वहीं बुधवार देर शाम अवनीश के साथी मनोज यादव और अजीत यादव के घर भी पुलिस ने छापेमारी की और परिवार वालों से पूछताछ की। परिवार बहुत डरा हुआ है
बताया कि कुछ भूमाफिया पत्रकार वसीम खान, एखलाक खान और अवनीश दीक्षित ने उनके घर पर साजिश के तहत बच्चों की कनपटी पर पिस्तौल लगाकर नोटरी एग्रीमेंट पर गवाह बना फर्जी हस्ताक्षर कराए। आरोप लगाया कि पत्नी सबा को डरा धमका कर हस्ताक्षर करा लिए और मकान पर कब्जा कर लिया। पीडि़त ने बताया कि इसके बाद से वह और उनका परिवार बहुत डरा सहमा हुआ था। जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज हुआ
पीड़ित की दर्ज एफआईआर के अनुसार उन्हें ये विश्वास नहीं था कि अवनीश दीक्षित के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। उसने बताया कि ये गैंग गरीबों की जमीन व मकान पर कब्जा करता है। ये घटना 2017-2018 की है। पीड़ित के अनुसार डर की वजह से उन्होंने मुकदमा नहीं लिखाया था। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा जबरन वसूली, जान से मारने की धमकी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तारी को लगाई 10 टीमें
आरोपियों की तलाश में पुलिस की 10 टीमें और 100 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। पुलिस टीम ने मंगलवार को जहां कोयला नगर निवासी विवेक पांडेय उर्फ सोनू, उनके बहनोई परेड निवासी रज्जन तिवारी और चालीस दुकान बाबूपुरवा निवासी राहुल बाजपेई के घर पर छापेमारी की। एक महीने से फरार है हरेंद्र
जमीन कब्जाने के मामले में नामजद आरोपी जीतेश झा की तलाश में ग्वालटोली और हरबंश मोहाल में भारी पुलिस बल के साथ छापेमारी की गई। इसके अलावा हरेंद्र मसीह के आवास पर भी छापेमारी की गई। यहां पुलिस को पता चला कि हरेंद्र एक महीने से फरार है। लगातार दबिश दे रही है पुलिस
एफआईआर में नामजद अन्य आरोपियों की तलाश में कानपुर के अलग-अलग ठिकानों और शुक्लागंज व उन्नाव में भी पुलिस की टीमों ने देर रात छापेमारी की है। हालांकि, छापेमारी के दौरान पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी कर सकी न ही कोई साक्ष्य बरामद हो सका। छापेमारी के दौरान एसीपी अनवरगंज आईपी सिंह, एसीपी चकेरी दिलीप सिंह और एसीपी बाबूपुरवा अमरनाथ यादव समेत 12 थानों का फोर्स मौजूद रहा। वारदात के समय अवनीश का वीडियो मिला
एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने बताया कि वारदात के दौरान पुलिस को कई वीडियो मिले हैं। इसमें अवनीश दीक्षित का भी वीडियो मिल गया है। इससे एक बात तो साफ है, कि वारदात के दौरान अवनीश दीक्षित मौके पर थे। अवनीश के घरवालों ने जिस सीसीटीवी का हवाला देकर उन्हें बचाने का प्रयास किया गया है, उस सीसीटीवी फुटेज को भी जांच में शामिल किया गया है। शहर छोड़कर फरार हुए वीडियो में दिखने वाले
पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित की गिरफ्तारी के बाद जो लोग कोतवाली में हंगामा कर रहे थे, उनके वीडियो सामने आ गए हैं। साथ ही जो लोग कब्जे के दौरान मौके पर थे, उनके वीडियो और फोटो पुलिस के पास आ गए हैं। अलग-अलग टीमें दे रही हैं दबिश
पुलिस ने जब इन लोगों की तलाश शुरू की तो ये आरोपी मोबाइल बंद करके शहर छोड़कर फरार हो गए। पुलिस की अलग-अलग टीमें आरोपियों की तलाश में कानपुर के आसपास के जिलों में निकल चुकी हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर