शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी पहुंचे। इस दौरान बांग्लादेश के 12 हिंदू परिवार उनसे मिलने पहुंचे। जिन्हें बांग्लादेश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में शंकराचार्य ने कहा- मोहन भागवत आम हिंदू की पीड़ा नहीं समझते हैं।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हमारा मुद्दा गो हत्या को रोकना है। यह तभी संभव है, जब गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। मंदिरों पर अवैध कब्जों को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- यहां वाराणसी में कई मंदिर ऐसे हैं, जिन पर कूड़ा पड़ता है। ऐसे मंदिरों को ठीक करवाकर पूजा-पाठ शुरू करनी चाहिए। पढ़िए पूरी बातचीत… सवाल : चारधाम यात्रा के बाद आप काशी आए हैं, क्या कहेंगे? जवाब : यहां बांग्लादेश के 12 हिंदू परिवार पहुंचे हैं। उन्होंने हमें अपना दुख सुनाया। वहां पर उन लोगों को इसलिए सताया जा रहा है, क्योंकि वह हिंदू हैं। इन सभी बांग्लादेश के परिवारों ने हमसे सहयोग मांगा है। अब हम इन सबकी बातों को भारत सरकार तक पहुंचाएंगे। ये सभी 12 परिवार बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों के हैं। सवाल : हर जगह मंदिर खोजने पर शंकराचार्य होने के नाते आपका क्या मत है?
जवाब : जहां भी अत्याचार हुआ, उसका निराकरण कर लेना जरूरी है। अगर कोई झूठ ऐसा है, जो फैलाया जा रहा है, उसका भी निराकरण होना चाहिए। सवाल : मोहन भागवत के बयान पर आपका क्या कहना है?
जवाब : वह राजनीतिक दृष्टिकोण से अपना बयान जारी कर रहे हैं। जब वह और उनके साथ के लोग सत्ता में नहीं थे, उस समय भी राम मंदिर के लिए परेशान थे। वह लोग कहते थे कि इसके बिना हमको नींद नहीं आती। अब सत्ता में आ गए हैं, इसलिए ऐसे बयानों की जरूरत नहीं है। वह अपने बयान में यह भी कह रहे है कि कुछ लोग सिर्फ नेता बनने के लिए यह सब बातें उठा रहे हैं। हम उन्हें बता दें कि आम हिंदू नेता नहीं बनना चाहता। आम हिंदू की पीड़ा वह नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा- हम हिंदू हैं, हमारे मंदिरों के साथ जो अत्याचार हुआ है, उसकी पीड़ा है। इसको दूर करने के लिए सच्चाई जानना जरूरी है। सवाल : महाकुंभ में क्या मुद्दा रहने वाला है ?
जवाब : महाकुंभ में हिंदुओं को लेकर तमाम मुद्दे उठाए जाएंगे। लेकिन हमारी तरफ से गौ माता की हत्या बंद हो, इसे ही उठाया जाएगा। वहां आने वाले सभी सनातनियों को यह संकल्प दिलाया जाएगा। सवाल : महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार का आपने समर्थन किया, क्या केंद्र सरकार का भी करेंगे?
जवाब : गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाया जाना चाहिए। हम सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार से भी मांग करते हैं जो भी हमारा समर्थन करेगा, हम उसका खुलकर समर्थन करेंगे। हमारी एक मांग यह भी है कि गौ हत्या को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा जाए। सवाल : वाराणसी में भी पुराने मंदिर खोले जाने की बात हो रही है, आपने भी इसे लेकर आवाज उठाई है?
जवाब : हम भी वाराणसी में रहे हैं, हमने ऐसे बहुत से मंदिर देखे हैं, जहां कूड़ा डाला जाता है। हम पूजा करने जाते हैं, तो हमें वहां पूजा नहीं करने दी जाती। अगर हम दर्शन के लिए निकलते हैं तो वहां पुलिस वाले हमें रोक देते हैं। उन्होंने कहा कि काशी में हजारों मंदिर ऐसे हैं, जो पूजा से वंचित हो रहे हैं। हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि उन्हें दोबारा खोलकर वहां पूजा पाठ शुरू कराई जाए। ————- ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग
संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी पहुंचे। इस दौरान बांग्लादेश के 12 हिंदू परिवार उनसे मिलने पहुंचे। जिन्हें बांग्लादेश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में शंकराचार्य ने कहा- मोहन भागवत आम हिंदू की पीड़ा नहीं समझते हैं।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हमारा मुद्दा गो हत्या को रोकना है। यह तभी संभव है, जब गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। मंदिरों पर अवैध कब्जों को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- यहां वाराणसी में कई मंदिर ऐसे हैं, जिन पर कूड़ा पड़ता है। ऐसे मंदिरों को ठीक करवाकर पूजा-पाठ शुरू करनी चाहिए। पढ़िए पूरी बातचीत… सवाल : चारधाम यात्रा के बाद आप काशी आए हैं, क्या कहेंगे? जवाब : यहां बांग्लादेश के 12 हिंदू परिवार पहुंचे हैं। उन्होंने हमें अपना दुख सुनाया। वहां पर उन लोगों को इसलिए सताया जा रहा है, क्योंकि वह हिंदू हैं। इन सभी बांग्लादेश के परिवारों ने हमसे सहयोग मांगा है। अब हम इन सबकी बातों को भारत सरकार तक पहुंचाएंगे। ये सभी 12 परिवार बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों के हैं। सवाल : हर जगह मंदिर खोजने पर शंकराचार्य होने के नाते आपका क्या मत है?
जवाब : जहां भी अत्याचार हुआ, उसका निराकरण कर लेना जरूरी है। अगर कोई झूठ ऐसा है, जो फैलाया जा रहा है, उसका भी निराकरण होना चाहिए। सवाल : मोहन भागवत के बयान पर आपका क्या कहना है?
जवाब : वह राजनीतिक दृष्टिकोण से अपना बयान जारी कर रहे हैं। जब वह और उनके साथ के लोग सत्ता में नहीं थे, उस समय भी राम मंदिर के लिए परेशान थे। वह लोग कहते थे कि इसके बिना हमको नींद नहीं आती। अब सत्ता में आ गए हैं, इसलिए ऐसे बयानों की जरूरत नहीं है। वह अपने बयान में यह भी कह रहे है कि कुछ लोग सिर्फ नेता बनने के लिए यह सब बातें उठा रहे हैं। हम उन्हें बता दें कि आम हिंदू नेता नहीं बनना चाहता। आम हिंदू की पीड़ा वह नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा- हम हिंदू हैं, हमारे मंदिरों के साथ जो अत्याचार हुआ है, उसकी पीड़ा है। इसको दूर करने के लिए सच्चाई जानना जरूरी है। सवाल : महाकुंभ में क्या मुद्दा रहने वाला है ?
जवाब : महाकुंभ में हिंदुओं को लेकर तमाम मुद्दे उठाए जाएंगे। लेकिन हमारी तरफ से गौ माता की हत्या बंद हो, इसे ही उठाया जाएगा। वहां आने वाले सभी सनातनियों को यह संकल्प दिलाया जाएगा। सवाल : महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार का आपने समर्थन किया, क्या केंद्र सरकार का भी करेंगे?
जवाब : गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाया जाना चाहिए। हम सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार से भी मांग करते हैं जो भी हमारा समर्थन करेगा, हम उसका खुलकर समर्थन करेंगे। हमारी एक मांग यह भी है कि गौ हत्या को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा जाए। सवाल : वाराणसी में भी पुराने मंदिर खोले जाने की बात हो रही है, आपने भी इसे लेकर आवाज उठाई है?
जवाब : हम भी वाराणसी में रहे हैं, हमने ऐसे बहुत से मंदिर देखे हैं, जहां कूड़ा डाला जाता है। हम पूजा करने जाते हैं, तो हमें वहां पूजा नहीं करने दी जाती। अगर हम दर्शन के लिए निकलते हैं तो वहां पुलिस वाले हमें रोक देते हैं। उन्होंने कहा कि काशी में हजारों मंदिर ऐसे हैं, जो पूजा से वंचित हो रहे हैं। हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि उन्हें दोबारा खोलकर वहां पूजा पाठ शुरू कराई जाए। ————- ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग
संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर