शहर में खाकी भी सुरक्षित नहीं है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि विगत दिनों पुलिस कर्मियों पर हुए हमले के मामले गवाही दे रहे हैं। पिछले 7 दिनों में 4 पुलिस कर्मियों पर हमले हो गए हैं। पहले तो सिर्फ कुख्यात अपराधी ही पुलिस पर हमला करने की हिम्मत दिखाते थे। लेकिन अब कई मामले ऐसे सामने आ रहे हैं जिसमें शहरवासियों से कहा-सुनी से शुरू हुई घटना मारपीट तक पहुंच गई। ताजा मामला थाना दुगरी से सामने आया है। जिसमें नाके के दौरान 3 लोगों ने एएसआई की पिटाई कर दी। हमले में एएसआई गौरव चंदेल घायल हुए हैं। चंदेल ने बताया कि वे अन्य पुलिस कर्मियों के साथ कंधारी चौक के पास नाका लगा कर खड़े थे। तभी बाइक पर 3 लड़के आए। उन्हें रोक कर वाहन के कागजात मांगे तो युवक उनके साथ बहसबाजी करने लगे। इसके बाद युवकों ने पुलिस कर्मी का कॉलर पकड़ कर उनके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। इसके बाद अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें बचाया। फिर सभी युवकों को पकड़ कर थाने लेकर जाया गया। आरोपियों की पहचान गुरविंदर सिंह पुत्र तरलोचन सिंह, तरनदीप सिंह पुत्र कर्मजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह पुत्र करमजीत सिंह के रूप में हुई है। आरोपी युवकों का अपना बिजनस है। इनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। आरोपियों पर सरकारी कर्मचारी की काम में अड़चन डालने की धाराओं के तहत पर्चा दर्ज किया है। पूछताछ के दौरान एसएचओ पर हमला किया केस 1: 16 अक्टूबर को थाना सराभा नगर के एसएचओ नीरज चौधरी को उनके ही हवालात में पूछताछ के दौरान लोहे के कड़े से सिर पर वार कर दिया था। जिस वजह से उनके सिर पर सूजन आ गई थी। केस 2: 16 अक्टूबर की शाम को डिवीजन-5 के एक एएसआई पर पर सिविल अस्पताल में हमला हो गया। उस समय पुलिस कर्मी नशे के केस में पकड़े 2 आरोपियों को मेडिकल करवाने के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे। केस 3: 19 अक्टूबर को साउथ सिटी में एक ट्रैफिक कर्मी सुरजीत सिंह को 2 लोगों ने कार से कुचलने की कोशिश की। जिस वजह से पुलिस कर्मी काफी जख्मी हो गया। उनके हाथ में काफी चोटें आई हैं। पुलिस की पिटाई के एक मामले में 3 आरोपी बिजनेसमैन, इनका िक्रमिनल रिकॉर्ड नहीं शहर में खाकी भी सुरक्षित नहीं है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि विगत दिनों पुलिस कर्मियों पर हुए हमले के मामले गवाही दे रहे हैं। पिछले 7 दिनों में 4 पुलिस कर्मियों पर हमले हो गए हैं। पहले तो सिर्फ कुख्यात अपराधी ही पुलिस पर हमला करने की हिम्मत दिखाते थे। लेकिन अब कई मामले ऐसे सामने आ रहे हैं जिसमें शहरवासियों से कहा-सुनी से शुरू हुई घटना मारपीट तक पहुंच गई। ताजा मामला थाना दुगरी से सामने आया है। जिसमें नाके के दौरान 3 लोगों ने एएसआई की पिटाई कर दी। हमले में एएसआई गौरव चंदेल घायल हुए हैं। चंदेल ने बताया कि वे अन्य पुलिस कर्मियों के साथ कंधारी चौक के पास नाका लगा कर खड़े थे। तभी बाइक पर 3 लड़के आए। उन्हें रोक कर वाहन के कागजात मांगे तो युवक उनके साथ बहसबाजी करने लगे। इसके बाद युवकों ने पुलिस कर्मी का कॉलर पकड़ कर उनके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। इसके बाद अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें बचाया। फिर सभी युवकों को पकड़ कर थाने लेकर जाया गया। आरोपियों की पहचान गुरविंदर सिंह पुत्र तरलोचन सिंह, तरनदीप सिंह पुत्र कर्मजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह पुत्र करमजीत सिंह के रूप में हुई है। आरोपी युवकों का अपना बिजनस है। इनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। आरोपियों पर सरकारी कर्मचारी की काम में अड़चन डालने की धाराओं के तहत पर्चा दर्ज किया है। पूछताछ के दौरान एसएचओ पर हमला किया केस 1: 16 अक्टूबर को थाना सराभा नगर के एसएचओ नीरज चौधरी को उनके ही हवालात में पूछताछ के दौरान लोहे के कड़े से सिर पर वार कर दिया था। जिस वजह से उनके सिर पर सूजन आ गई थी। केस 2: 16 अक्टूबर की शाम को डिवीजन-5 के एक एएसआई पर पर सिविल अस्पताल में हमला हो गया। उस समय पुलिस कर्मी नशे के केस में पकड़े 2 आरोपियों को मेडिकल करवाने के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे। केस 3: 19 अक्टूबर को साउथ सिटी में एक ट्रैफिक कर्मी सुरजीत सिंह को 2 लोगों ने कार से कुचलने की कोशिश की। जिस वजह से पुलिस कर्मी काफी जख्मी हो गया। उनके हाथ में काफी चोटें आई हैं। पुलिस की पिटाई के एक मामले में 3 आरोपी बिजनेसमैन, इनका िक्रमिनल रिकॉर्ड नहीं पंजाब | दैनिक भास्कर
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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के तीन गुर्गे काबू:ATGF के हाथ लगी सफलता, हथियार भी हुए बरामद, कई अपराधों में शामिल
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के तीन गुर्गे काबू:ATGF के हाथ लगी सफलता, हथियार भी हुए बरामद, कई अपराधों में शामिल पंजाब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने राजस्थान पुलिस व बठिंडा पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के तीन गुर्गों को हथियारों समेत काबू किया है। आरोपियों से दो पिस्तौल व छह कारतूस बरामद हुए हैं। आरोपियों पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। DGP पंजाब गौरव यादव ने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी है। प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य थे निशाने पर पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है कि पकड़े गए सारे आरोपियों का आपराधिक इतिहास रहा है। उन्हें विदेश में बैठे उनके हैंडलर से आदेश मिलते थे, इसके बाद वह वारदातों को अंजाम देते थे। हालांकि इस बार उन्हें प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था। इसके लिए वह हथियार आदि जुटाने में लगे हुए थे। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ कई बड़े खुलासे होंगे। जालंधर पुलिस ने लांडा गिरोह के गुर्गे दबोचे थे गत कुछ दिन पहले ही डीजीपी गौरव यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के एसएसपी व बॉर्डर रेंज के अधिकारियों से मीटिंग की थी। साथ ही उन्हें साफ कहा था संगठित अपराधों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करनी होगी। इसके बाद जालंधर पुलिस ने आतंकी लखबीर सिंह लांडा गिरोह के साथियों को काबू किया था। इसके बाद पटियाला पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो गैंगस्टरों को दबोचा था। इसके अलावा अमृतससर पुलिस ने हथियार और गिरोह के खुलासा किया था।
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पंजाब के सबसे महंगे टोल को बंद करेंगे किसान:केबिनों को करेंगे लॉक, 15 दिन से फ्री, सरकार को 15 करोड़ का नुकसान
पंजाब के सबसे महंगे टोल को बंद करेंगे किसान:केबिनों को करेंगे लॉक, 15 दिन से फ्री, सरकार को 15 करोड़ का नुकसान पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा कल 30 जून को पूरी तरह बंद होने जा रहा है। किसान टोल एजेंसी के केबिनों पर ताला लगाएंगे। पिछले 15 दिनों से भारतीय किसान मजदूर यूनियन, भारतीय किसान दोआबा यूनियन और टैक्सी यूनियन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हर वाहन चालक बिना टोल टैक्स दिए वाहन निकाल रहा है। अब तक 6 लाख से ज्यादा वाहनों से बिना पर्ची के इस टोल टैक्स का भुगतान किया जा चुका है। इससे लोगों को करीब 15 करोड़ रुपये की बचत हुई है। किसानों की मांग है कि टोल टैक्स की पुरानी दर 150 रुपए प्रति चार पहिया वाहन ही रखी जाए। 30 जून को लगेगा टोल एजेंसी दफ्तर में ताला किसान नेता इंद्रबीर कादियां ने कहा कि लोगों से हो रही लूट बंद हो गई है। पिछले 14 दिनों से किसान लगातार टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं। वहीं भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने कहा कि कल बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन और किसान जत्थेबंदियां लाडोवाल टोल प्लाजा पर पहुंच रही हैं। कल टोल कर्मचारियों के दफ्तर पर ताला जरूर जड़ दिया जाएगा। ताला जड़ने का कारण यह है कि वह कई बार टोल अधिकारियों और एनएचएआई से इस टोल की समय सीमा के कागजात दिखाने को कह चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी कागजात नहीं दिखा पाया है। इसका मतलब यह है कि यह टोल अवैध रूप से चल रहा है। केंद्र सरकार लोगों से अवैध वसूली करवा रही है। लोगों का समर्थन किसानों के साथ है, कल टोल पर ताला जड़ दिया जाएगा और लोगों को राहत दी जाएगी। 2 जून से लागू हुए बढ़े हुए रेट… लाडोवाल टोल पर कार का पुराना टैक्स एक तरफ का 215 और राउंड ट्रिप का 325 था और मासिक पास 7175 था। नई दर में एक तरफ का किराया एक तरफ का 220 और राउंड ट्रिप का 330 है और मासिक पास 7360 होगा। इसी प्रकार हल्के वाहन का पुराना किराया एक तरफ का 350 और राउंड ट्रिप का 520 था और मासिक पास 11590 था। नई दर में एक तरफ का किराया एक तरफ का 355 और राउंड ट्रिप का 535 है और मासिक पास 11885 होगा। 2 एक्सल वाली बस या ट्रक का पुराना रेट एक तरफ का 730 और राउंड ट्रिप का 1095 था और मासिक पास 24285 था। नई दर में एक तरफ का 745, पीछे का 1120 और मासिक पास 24905 का होगा। तीन एक्सल वाले वाहनों का पुराना रेट एक तरफ का 795 और पीछे का 1190 था और मासिक पास 26490 था। नई दर में एक तरफ का 815 और पीछे का 1225 और मासिक पास 27170 का होगा। भारी निर्माण मशीनरी चार एक्सल वाहनों का पुराना रेट एक तरफ का 1140 और राउंड ट्रिप का 1715 था और मासिक पास 38,085 था। नई दर में एक तरफ का 1170 और पीछे का 1755 होगा और मासिक पास 39055 का होगा। सात और उससे अधिक एक्सल के लिए पुराना रेट एक तरफ का 1390, राउंड ट्रिप 2085 था। नई दर में एक तरफ का किराया 1425, वापस का 2140 और मासिक पास 47 हजार 545 होगा। इसके साथ ही टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों के लिए पास का रेट भी 2 जून से 330 से बढ़ाकर 340 कर दिया गया है।
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पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे
पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे पंजाब के रहने वाले पर्ल ग्रुप के मालिक व 45 हजार करोड़ घोटाले के मास्टरमाइंड निर्मल सिंह भंगू का आज चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार किया जाएगा। रविवार रात दिल्ली में उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले परिवार ने पब्लिक नोटिस कर निवेषकों के पैसे लौटाने की बात कही है। ये पब्लिक नोट उनकी बेटी बरिंदर कौर भंगू की तरफ से जारी किया गया। जनवरी 2016 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने भंगू को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के DDU अस्पताल में लाया गया। शाम 7.50 बजे उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भंगू पर आरोप था कि उसने पोंजी स्कीम्स से करोड़ों का साम्राज्य इकट्ठा किया। भंगू ने 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को ऐसी स्कीम्स में फंसा कर हजारों करोड़ रुपए इकट्ठा किए और उसे विदेश में इन्वेस्ट कर दिया। जांच शुरू हुई तो जनवरी 2016 को CBI ने निर्मल सिंह को पकड़ लिया। इसके बाद जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी की। जानें क्या लिखा है पब्लिक नोटिस में अत्यंत दुःख के साथ निर्मल सिंह भंगू के 25 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में चिकित्सा उपचार के दौरान निधन के बारे में सूचित करते हैं। उनकी आत्मा सभी को दर्द और दुख की खाई में छोड़कर दुनिया से चली गई। मैं, बरिंदर कौर भंगू, स्वर्गीय सरदार निर्मल सिंह भंगू की बेटी, अत्यंत शोक संतप्त और शोकाकुल पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से संवाद करती हूं और अपने मूल्यवान निवेशकों के साथ इस अकल्पनीय नुकसान की खबर साझा करती हूं। निर्मल सिंह भंगू का जीवन पर्ल्स ग्रुप के प्रत्येक निवेशक को पैसे चुकाने के एक एकल, अटूट सपने के लिए समर्पित था। दिवंगत निर्मल सिंह भंगू पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी से संबंधित मुद्दों पर भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जा रहा है, जिन्होंने 02 समितियां (लोढ़ा समिति और स्पेशल कमेटी) भी बनाई हैं। पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी इन्हीं कमेटियों की निगरानी में की जाएगी। पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से और अपने पिता के सम्मान में, मैं आपको अपना अटूट समर्थन देने और प्रत्येक निवेशक को पैसे के पुनर्भुगतान के संबंध में न्यायिक या अर्ध-न्यायिक अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देती हूं। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगी जब तक कि मैं अपने पिता के सपने को, जिसके लिए वह जीए और मर गए, को सच होते नहीं देख लेती। पीएसीएल लिमिटेड के साथ-साथ पीजीएफ लिमिटेड के प्रत्येक निवेशक को यह मेरा आश्वासन है कि मैं आपके अधिकारों की रक्षा करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ूंगी और जब तक आप सभी को भुगतान नहीं मिल जाता, मैं हमेशा आपके हित को बरकरार रखूंगी। 1980 में खोली खुद की कंपनी 70 के दशक में भंगू नौकरी की तलाश में कोलकाता चला गया। जहां उसने एक फेमस इन्वेस्टमेंट कंपनी पियरलेस में कुछ साल काम किया। उसके बाद इन्वेस्टर्स से करोड़ों की ठगी करने वाली हरियाणा की कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करने लगा। इस कंपनी के बंद होने के बाद वह बेरोजगार हो गया। इसी कंपनी के काम करने के आइडिया के तहत उसने 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी भी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड की तर्ज पर लोगों से सागौन जैसे पेड़ों के प्लांटेशन पर इन्वेस्टमेंट करा कुछ वक्त बाद अच्छा मुनाफा लौटाने का वादा करती थी। 1996 तक कंपनी ने करोड़ों रुपए जुटा लिए। इनकम टैक्स और दूसरी जांच के चलते कंपनी को बंद कर दिया गया। विदेश में बनाया अपना साम्राज्य इसके बाद उसने पंजाब के बरनाला से एक नई कंपनी पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) की शुरुआत की। ये एक चेन सिस्टम स्कीम्स थी। कंपनी के दिए बड़े मुनाफे के दावों और वादों के लालच में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसमें पैसा लगा दिया। इसके तहत लोगों से हर महीने मामूली रकम जमा करवाई जाती थी। लोगों से जुटाई गई छोटी-छोटी रकम से उसने देश ही नहीं विदेश में पर्ल्स ग्रुप का एम्पायर खड़ा कर लिया। करोड़ों रुपए को भंगू ने अलग-अलग तरह के कई कारोबार में इन्वेस्ट किया। जब वादे के मुताबिक इन्वेस्टर्स को उनका लगाया पैसा नहीं लौटाया गया तो कंपनी के खिलाफ लोगों शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी। इसके बाद मामला CBI के पास पहुंचा। CBI की जांच में क्या ? CBI की जांच के अनुसार लोगों से ठगी करने वाली कंपनियों की पहचान पर्ल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एआरएसएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और जैन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के रूप में की गई।
उच्च रिटर्न के झूठे वादे पर लोगों को निवेश करने के लिए मनाने के लिए निर्मल भंगू की कंपनियों द्वारा योजनाएं शुरू की गईं थी। विभिन्न राज्यों के 5.50 करोड़ निवेशकों से जुटाई गई धनराशि का दुरुपयोग किया गया। निवेशकों को झूठे भूमि आवंटन पत्र दिए गए। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में और उसके आसपास के अधिकांश लैंड या तो अस्तित्व में नहीं थी, वह सरकारी प्रॉपर्टी थी या उनके असल मालिकों की तरफ से बेची ही नहीं गई थी। 23 लाख से अधिक कमीशन एजेंटों को शामिल किया था और उनमें से 1700 से अधिक सीनियर लैवल के फील्ड ऑफिसर थे। इन्हें निवेशकों को लाने के लिए लाखों रुपए का मासिक कमीशन का भुगतान किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर आरोपियों ने बाद में एक योजना बंद कर दी, लेकिन पिछले निवेशकों को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि इकट्ठा करने के लिए एक अलग कंपनी के नाम पर एक और योजना शुरू की। सेल संस्थाओं का उपयोग करके एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी डायवर्ट किया गया और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों में लगभग 132.99 मिलियन आस्ट्रेलियन डॉलर का निवेश किया गया। सीएम मान ने प्रॉपर्टी सीज करवानी शुरू की मई 2023 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल ग्रुप की प्रॉपर्टी को सीज कर इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने का वादा किया था। जिसके बाद पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी को सीज करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। पिछले साल पत्नी हुई थी गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने सितंबर 2023 में निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर को भी गिरफ्तार किया था। प्रेम कौर को इस मामले में पर्ल ग्रुप की संपत्तियों को अलग करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन का आरोप था। प्रेम कौर ने संपत्तियों को बेचने के लिए एक करीबी रिश्तेदार को ट्रांसफर करने के लिए नामांकित किया गया था।