प्रयागराज के झलवा में स्थित IIIT (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान) हॉस्टल में मूकबधिर बीटेक छात्र राहुल मडला ने सुसाइड कर लिया। हॉस्टल के पांचवें मंजिल से कूदकर सुसाइड करने वाला छात्रा पढ़ने में तेज था लेकिन उसने सुसाइड के पहले अपनी मां को वाट्सएप कर बताया कि यहां एकेडेमिक बहुत प्रेशर है। अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर उसे किस तरह का प्रेशर था, या उसे प्रेशर कौन दे रहा था। तेलंगाना का रहने वाला राहुल पढ़ने में तेज था तभी तो जेईई में ऑल इंडिया 52वीं हासिल किया था। लेकिन कुछ दिनों से वह तनाव में था। वहीं, संस्थान के जिम्मेदार कहते हैं कि वह कई महीनों से क्लास में नहीं जाता था। परिजनों ने कहा, यदि वह 6 महीने से क्लास में नहीं जाता था तो इसकी सूचना उन्हें क्यों नहीं दी गई? सभी पेपर में बैक आने पर डिप्रेशन में था बताया जा रहा है कि राहुल का पहले सेमेस्टर के सभी विषयाें में बैक लग था यानी वह फेल हो गया था। इसको लेकर भी वह डिप्रेशन में था लेकिन किसी ने इस बात का ध्यान नहीं दिया। वह क्लॉस में जाना छोड़ दिया था लेकिन किसी शिक्षक ने इसकी सूचना उसके परिवार वालों को क्यों नहीं दी। दरअसल, वह बोलने और सुनने में पूरी तरह से असमर्थ था, इसलिए वह अपनी बात हर किसी से बता भी नहीं पाता था। कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर पढ़ाई को लेकर प्रेशर ज्यादा दिया जाता है। यहां छात्र अपनी जवाबदेही पर रहते हैं। यदि पहले से कॉलेज प्रशासन के जिम्मेदार लोग उसके बारे में जानने का प्रयास करते तो शायद उसे बचाया जा सकता था। मां बोली, रोज करता था वीडियाे कॉल मृतक छात्र राहुल की मां स्वर्णलता पति के साथ प्रयागराज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। बेटे का शव देखकर वह चीखने लगीं। कहती हैं कि “उनका बेटा बहुत तेज था वह रोज मुझे वीडियो कॉल करता था, चैटिंग पर बातें करता था। उसने 2 दिन पहले हमसे 500 रुपये ऑनलाइन थे उसे कुछ बाहर का खाना था। मुझे लगा कि वह यहां रहकर अच्छे से पढ़ाई कर रहा है। यदि पता होता कि वह किसी बात को लेकर तनाव में है तो हम लोग संभाल लेते।” मामले की जांच करेंगे संस्थान के प्रोफेसर इस घटना की जांच के लिए संस्थान के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर जीसी नंदी द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस कमेटी में प्रोफेसर यूएस तिवारी, प्रोफेसर ओपी व्यास, प्रोफेसर पवन चक्रवर्ती शामिल हैं। समिति जांच करने के बाद एक सप्ताह के भीतर संस्थान के निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, सदस्यों ने बैठक भी की। सर्वसम्मति से बैठक के तुरंत बाद छात्रावासों का दौरा करने का निर्णय लिया, ताकि छात्रों को आश्वस्त किया जा सके कि संस्थान उनके साथ खड़ा है तथा उनके मुद्दों को शीघ्र हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक छात्रों का समर्थन करने तथा सुरक्षित और सहानुभूतिपूर्ण परिसर वातावरण बनाने की दिशा में काम करने के सामूहिक संकल्प के साथ समाप्त हुई। प्रयागराज के झलवा में स्थित IIIT (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान) हॉस्टल में मूकबधिर बीटेक छात्र राहुल मडला ने सुसाइड कर लिया। हॉस्टल के पांचवें मंजिल से कूदकर सुसाइड करने वाला छात्रा पढ़ने में तेज था लेकिन उसने सुसाइड के पहले अपनी मां को वाट्सएप कर बताया कि यहां एकेडेमिक बहुत प्रेशर है। अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर उसे किस तरह का प्रेशर था, या उसे प्रेशर कौन दे रहा था। तेलंगाना का रहने वाला राहुल पढ़ने में तेज था तभी तो जेईई में ऑल इंडिया 52वीं हासिल किया था। लेकिन कुछ दिनों से वह तनाव में था। वहीं, संस्थान के जिम्मेदार कहते हैं कि वह कई महीनों से क्लास में नहीं जाता था। परिजनों ने कहा, यदि वह 6 महीने से क्लास में नहीं जाता था तो इसकी सूचना उन्हें क्यों नहीं दी गई? सभी पेपर में बैक आने पर डिप्रेशन में था बताया जा रहा है कि राहुल का पहले सेमेस्टर के सभी विषयाें में बैक लग था यानी वह फेल हो गया था। इसको लेकर भी वह डिप्रेशन में था लेकिन किसी ने इस बात का ध्यान नहीं दिया। वह क्लॉस में जाना छोड़ दिया था लेकिन किसी शिक्षक ने इसकी सूचना उसके परिवार वालों को क्यों नहीं दी। दरअसल, वह बोलने और सुनने में पूरी तरह से असमर्थ था, इसलिए वह अपनी बात हर किसी से बता भी नहीं पाता था। कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर पढ़ाई को लेकर प्रेशर ज्यादा दिया जाता है। यहां छात्र अपनी जवाबदेही पर रहते हैं। यदि पहले से कॉलेज प्रशासन के जिम्मेदार लोग उसके बारे में जानने का प्रयास करते तो शायद उसे बचाया जा सकता था। मां बोली, रोज करता था वीडियाे कॉल मृतक छात्र राहुल की मां स्वर्णलता पति के साथ प्रयागराज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। बेटे का शव देखकर वह चीखने लगीं। कहती हैं कि “उनका बेटा बहुत तेज था वह रोज मुझे वीडियो कॉल करता था, चैटिंग पर बातें करता था। उसने 2 दिन पहले हमसे 500 रुपये ऑनलाइन थे उसे कुछ बाहर का खाना था। मुझे लगा कि वह यहां रहकर अच्छे से पढ़ाई कर रहा है। यदि पता होता कि वह किसी बात को लेकर तनाव में है तो हम लोग संभाल लेते।” मामले की जांच करेंगे संस्थान के प्रोफेसर इस घटना की जांच के लिए संस्थान के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर जीसी नंदी द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस कमेटी में प्रोफेसर यूएस तिवारी, प्रोफेसर ओपी व्यास, प्रोफेसर पवन चक्रवर्ती शामिल हैं। समिति जांच करने के बाद एक सप्ताह के भीतर संस्थान के निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, सदस्यों ने बैठक भी की। सर्वसम्मति से बैठक के तुरंत बाद छात्रावासों का दौरा करने का निर्णय लिया, ताकि छात्रों को आश्वस्त किया जा सके कि संस्थान उनके साथ खड़ा है तथा उनके मुद्दों को शीघ्र हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक छात्रों का समर्थन करने तथा सुरक्षित और सहानुभूतिपूर्ण परिसर वातावरण बनाने की दिशा में काम करने के सामूहिक संकल्प के साथ समाप्त हुई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
आखिर कौन दे रहा था बीटेक छात्र काे प्रेशर:प्रयागराज में सुसाइड से पहले मां से कहा था- यहां एकेडेमिक प्रेशर बहुत ज्यादा है
