भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ गांव कोथल में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कैप्टन महावीर सिंह मुख्यातिथि रहे। जबकि अलग-अलग स्थानों से पहुंचे पूर्व सेना अधिकारी व कर्मचारी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ कैप्टन महावीर सिंह व उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों ने पौधारोपण कर किया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को धन-दौलत नहीं अपितु स्वच्छ पर्यावरण का तोहफा दो ताकि वे स्वस्थ रहकर अपना भविष्य बनाते हुए देश के नवनिर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि जन्मदिन व अन्य खुशी के मौके पर इस प्रकार से पौधरोपण कर हम पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकते हैं। कार्यक्रम में कैप्टन ओमप्रकाश, कैप्टन महावीर, भूपसेड़ा, कैप्टन विरेन्द्र, बिकानेर, नायक सूबेदार धर्मवीर रेवाड़ी, कैप्टन मुकेश पिंयनवास, मास्टर भारतभूषण सुरजनवास, नायक सूबेदार रामोतार कोथल कलां, कैप्टन वेदप्रकाश रेवाड़ी, हवलदार जगमाल सिंह कैंटीन, कैप्टन रोहताश बिगोपुर, सूबेदार रामकिशन मानपुरा, देशराज बुढ़वाल, मा. रोशनलाल, हैफेड मैनेजर जगराम यादव, नित्यानन्द्र, राहुल, मा. मनोज कुमार, राजेन्द्र बाबुजी, सुधानंद, विकास यादव, सारांश, अर्जुन, रोहित, अर्नब, विहान यादव आदि उपस्थित रहे। भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ गांव कोथल में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कैप्टन महावीर सिंह मुख्यातिथि रहे। जबकि अलग-अलग स्थानों से पहुंचे पूर्व सेना अधिकारी व कर्मचारी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ कैप्टन महावीर सिंह व उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों ने पौधारोपण कर किया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को धन-दौलत नहीं अपितु स्वच्छ पर्यावरण का तोहफा दो ताकि वे स्वस्थ रहकर अपना भविष्य बनाते हुए देश के नवनिर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि जन्मदिन व अन्य खुशी के मौके पर इस प्रकार से पौधरोपण कर हम पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकते हैं। कार्यक्रम में कैप्टन ओमप्रकाश, कैप्टन महावीर, भूपसेड़ा, कैप्टन विरेन्द्र, बिकानेर, नायक सूबेदार धर्मवीर रेवाड़ी, कैप्टन मुकेश पिंयनवास, मास्टर भारतभूषण सुरजनवास, नायक सूबेदार रामोतार कोथल कलां, कैप्टन वेदप्रकाश रेवाड़ी, हवलदार जगमाल सिंह कैंटीन, कैप्टन रोहताश बिगोपुर, सूबेदार रामकिशन मानपुरा, देशराज बुढ़वाल, मा. रोशनलाल, हैफेड मैनेजर जगराम यादव, नित्यानन्द्र, राहुल, मा. मनोज कुमार, राजेन्द्र बाबुजी, सुधानंद, विकास यादव, सारांश, अर्जुन, रोहित, अर्नब, विहान यादव आदि उपस्थित रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद:जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़, राजपूताना राइफल में था भर्ती
भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद:जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़, राजपूताना राइफल में था भर्ती जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में वीरवार रात आतंकियों से हुई भीषण मुठभेड़ में भारतीय सेना में भर्ती सिरसा का जीवन सिंह शहीद हो गया। शहीद 28 वर्षीय जीवन सिंह सिरसा जिला के गांव रोहण का रहने वाला है। भारतीय सेना की ओर से जीवन सिंह के शहीद होने की सूचना शुक्रवार सुबह परिजनों को दी गई। गांव रोहण में लाया जाएगा पार्थिव शरीर शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर शाम को गांव रोहण लाया जाएगा। घरवालों को सुबह जैसे ही जीवन सिंह शहीद होने की सूचना मिली तो पत्नी कोमल व मां गोलो कौर का रो रोकर बुरा हाल हो गया। पिता सुखदेव सिंह का कहना है कि मुझे गर्व है कि मेरा जीवन सिंह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। चार पहले हुई थी शादी जानकारी अनुसार गांव रोहण निवासी जीवन सिंह वर्ष 2016 में राजपूताना राइफल में भर्ती हुआ था। जीवन सिंह का परिवार बहुत गरीब है। जीवन सिंह की शादी चार साल पहले कोमल से हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी चार साल व छोटी दो साल की है। इस समय जीवन की तैनाती जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में थी। सेना की ओर से बताया गया है कि वीरवार रात को इलाके में आतंकवादी होने की सूचना मिली थी। आतंकियों से डटकर किया मुकाबला जवान जीवन सिंह ने आतंकियों से डटकर मुकाबला किया। इसी दौरान जीवन सिंह को कई गोलियां लगी, लेकिन जीवन सिंह आखिरी तक लड़ता रहा। इस मुकाबले में जीवन सिंह आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। घायल जीवन सिंह को सेना के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी रात को मौत हो गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे सेना के अधिकारी ने जीवन सिंह के घरवालों को उसके शहीद होने की सूचना दी। शहीद जीवन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांव रोहण में शाम को किया जाएगा।
रोहतक में ‘सुनो नहर की पुकार’ मुहिम:प्रदूषित पानी देख आया ख्याल; थैले, खंडित मूर्तियां, पूजन सामग्री की बनाई व्यवस्था; 50-60 सदस्य सक्रिय
रोहतक में ‘सुनो नहर की पुकार’ मुहिम:प्रदूषित पानी देख आया ख्याल; थैले, खंडित मूर्तियां, पूजन सामग्री की बनाई व्यवस्था; 50-60 सदस्य सक्रिय रोहतक में ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन पिछले 3 साल 2 महीने से पानी को दूषित होने से बचाने में लगा हुआ है। जिसकी शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी। एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई मुहिम से अब लोग जुड़ रहे हैं। फिलहाल 100 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो नहरों को साफ रखने की इस मुहिम में सक्रिय हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के तहत नहरों में फेंके जाने वाले सामान, प्लास्टिक की थैलियां, टूटी मूर्तियां, पूजा सामग्री व अन्य सामान से पानी बचाने का काम किया जाता है। खासकर त्योहारी सीजन में ज्यादा सक्रिय रहना पड़ता है। मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि 2021 में वह दिल्ली बाईपास के पास स्थित जेएलएल व बीएसपी नहर पुल के ऊपर से गुजर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि हर कोई नहर में प्लास्टिक की थैलियां फेंक रहा है। जिसे देखकर लगता है कि हम अपनी नहरों को गंदा कर रहे हैं। इसके बाद निर्णय लिया कि नहरों की सफाई के लिए काम किया जाए। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य इसलिए उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने कहा कि यह उनकी आस्था है। इसके बाद उन्होंने रोजाना सुबह-शाम डेढ़-दो घंटे नहर पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। शुरुआत में वे ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। लेकिन अब उनके साथ कई लोग जुड़ गए हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें से 50-60 सदस्य सक्रिय हैं। जो अब रोजाना नहरों पर जाकर लोगों को जागरूक करते हैं कि वे नहरों में कोई भी सामग्री न डालें। अब लोग भी उनकी बात से सहमत हो रहे हैं। नहर के पानी को शुद्ध रखने के लिए तैयार किया विकल्प ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के महासचिव मुकेश नैनकवाल ने बताया कि लोगों की आस्था को देखते हुए वे नहरों के पास गड्ढा खोदते हैं। वे लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी आस्था की वस्तुएं इस गड्ढे में डालें। इसके बाद गड्ढे में गंगाजल डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती है। जो खंडित मूर्तियां आती हैं, उन्हें एकत्र करके जींद जिले के दातौली धाम ले जाया जाता है। वहां पूर्णिमा के दिन हवन यज्ञ के बाद मूर्तियों को कुचलकर उनसे ईंटें बनाई जाती हैं। इन ईंटों का इस्तेमाल देश में कहीं भी बनने वाले मंदिरों में किया जाता है। इससे न तो लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है और न ही नहर का पानी प्रदूषित होता है। लोग पेड़-पौधों की जड़ों में भी डाल रहे सामग्री डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि इस अभियान के बाद लोगों में काफी बदलाव आया है। लोग अब पूजा सामग्री जलाकर उसकी राख को अपने घर में लगे पेड़ों की जड़ों में या पार्क में लगे पेड़-पौधों में डाल देते हैं। साथ ही मुट्ठी भर सामग्री लेकर नहरों में जाकर विसर्जित कर देते हैं। पहले लोग पूरी सामग्री नहरों में प्रवाहित करने आते थे। अब नहरों पर खड़े होकर ही नहीं बल्कि स्कूलों आदि में जाकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य
करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य हरियाणा के करनाल में दल बदलने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। घरौंडा में भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद जुनेजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। जुनेजा वर्ष 2022 में नगरपालिका का इलेक्शन लड़ चुके है और चौथे स्थान पर रहे थे। उनके पास भारतीय मोदी आर्मी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी पद है और प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार-प्रसार के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी है। जुनेजा, भाजपा में हुई अनदेखी से खफा हैं। जुनेजा की मानें तो बीजेपी सरकार के होते हुए भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि किसी को भी आगे बढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि 1989 से वह भाजपा से जुड़े हुए है और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे। नगरपालिका चेयरमैन का चुनाव था और उसके लिए मैने और मेरे समाज ने टिकट मांगी, लेकिन उसने बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया। जिसके चलते मुझे पार्टी के खिलाफ जाकर आजाद चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहा। टिकट नहीं मिला, इसका दर्द मुझे ही नहीं बल्कि मेरे समाज को भी है। यह आज से नहीं बल्कि दो साल से है। उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पंजाबी समाज से आते है जुनेजा आपको बता दें कि विनोद जुनेजा पंजाबी समाज से आते है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जुनेजा को मनाने का प्रयास नहीं किया, लेकिन जुनेजा ने पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है। वे 20 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पंजाबी समाज या फिर एससी/ओबीसी के वोटरों में जुनेजा की अच्छी पकड़ है। इनके बड़े भाई सुदर्शन जुनेजा भी बीजेपी में घरौंडा मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में जुनेजा के बीजेपी छोड़ने से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। ऐसे में कितना असर भाजपा पर पड़ता है उसका परिणाम 8 अक्टूबर को इलेक्शन रिजल्ट बताएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि वरिष्ठ नेता का बीजेपी छोड़ना, भाजपा के किसी बड़े झटके से कम नहीं है।