<p style=”text-align: justify;”><strong>NIA Raids In Arrah:</strong> बिहार के आरा में बुधवार को दो जगहों पर अचानक एनआईए की रेड पड़ी. जाली नोट के अवैध कारोबार मामले में आतंकी कनेक्शन खंगालने के लिए एनआईए की टीम अहले सुबह भोजपुर पहुंची थी. डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों के नेतृत्व में आई टीम ने जिले के चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा गांव और सहार थाना के कोरनडिहरी गांव स्थित दो घरों में दबिश देकर सुबह 6 बजे से छानबीन शुरू की जो घंटो चली. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एनआईए की टीम ने आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जिन संदिग्धों के घरों में छापामारी हो रही है, वे दोनों रिश्तेदार बताए जाते हैं. एक के पिता उर्दू विद्यालय में शिक्षक और दूसरे संदिग्ध के पिता टोला सेवक के रूप में कार्यरत बताए जा रहे हैं. भोजपुर में छापेमारी के दौरान टीम ने टोला सेवक अख्तर हुसैन (मोहम्मद वारिस के पिता) और उर्दू टीचर जमाल अंसारी (मोहम्मद नेहाल के पिता) से घंटों पूछताछ की. पूछताछ के बाद एनआईए की टीम ने जमाल अंसारी और उनके बेटे नेहाल को पूछताछ के लिए पटना बुलाया है. साथ ही अख्तर हुसैन और जमाल अंसारी के घर से डॉक्यूमेंट्स भी जब्त किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीम दोनों के बेटों को लेकर जांच कर रही है. पहला संदिग्ध मो. नेहाल दिल्ली में रहता है, जबकि दूसरा मो. वारिस पहले से जाली नोट मामले में जेल में बंद हैं. इस छापेमारी को जाली नोट के रैकेट और आतंकी कनेक्शन दोनों से जोड़कर देखा जा रहा है. इस छापेमारी को जाली नोट के रैकेट और आतंकी कनेक्शन दोनों से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, छापामारी में आए अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि 5 सितंबर 2024 को करीब दो लाख के जाली नोट के साथ तीन धंधेबाज पकड़े गए थे. इसी दौरान पाकिस्तान में नोट छपने की बात सामने आई थी. गिरफ्तार धंधेबाज नजरे सद्दाम भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र का रहनेवाला था. उसके साथ भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी निवासी मो. वारिस व पटना जिले के सिगोडी थाना क्षेत्र निवासी मो. जाकिर हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया था. जाली नोटों के रैकेट के सरगना मोहम्मद शमशाद ने पूछताछ में पाकिस्तान में छपे भारतीय जाली नोट नेपाल के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए जाने की बात कही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान में छपे जाली नोट नेपाल के रास्ते भारत पहुंचे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार शमशाद और मोहम्मद वारिस से एनआईए समेत कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने पूछताछ की थी. उस समय गिरफ्तार धंधेबाज शमशाद ने पुलिस को बताया था कि पाकिस्तान में छपे नोट नेपाल के रास्ते उसे मिले थे. इसे लेकर पटना से जम्मूतवी एक्सप्रेस से वो जम्मू-कश्मीर जाने वाला था. इससे पहले भी वो जाली नोटों की तीन खेप जम्मू-कश्मीर पहुंचा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-old-man-murder-in-nalanda-eyes-crushed-and-private-parts-cut-ann-2887946″>Bihar Crime: सिर कुचला, आंखें फोड़ी और प्राइवेट पार्ट भी काटा, नालंदा में बुजुर्ग की निर्मम हत्या</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>NIA Raids In Arrah:</strong> बिहार के आरा में बुधवार को दो जगहों पर अचानक एनआईए की रेड पड़ी. जाली नोट के अवैध कारोबार मामले में आतंकी कनेक्शन खंगालने के लिए एनआईए की टीम अहले सुबह भोजपुर पहुंची थी. डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों के नेतृत्व में आई टीम ने जिले के चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा गांव और सहार थाना के कोरनडिहरी गांव स्थित दो घरों में दबिश देकर सुबह 6 बजे से छानबीन शुरू की जो घंटो चली. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एनआईए की टीम ने आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जिन संदिग्धों के घरों में छापामारी हो रही है, वे दोनों रिश्तेदार बताए जाते हैं. एक के पिता उर्दू विद्यालय में शिक्षक और दूसरे संदिग्ध के पिता टोला सेवक के रूप में कार्यरत बताए जा रहे हैं. भोजपुर में छापेमारी के दौरान टीम ने टोला सेवक अख्तर हुसैन (मोहम्मद वारिस के पिता) और उर्दू टीचर जमाल अंसारी (मोहम्मद नेहाल के पिता) से घंटों पूछताछ की. पूछताछ के बाद एनआईए की टीम ने जमाल अंसारी और उनके बेटे नेहाल को पूछताछ के लिए पटना बुलाया है. साथ ही अख्तर हुसैन और जमाल अंसारी के घर से डॉक्यूमेंट्स भी जब्त किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीम दोनों के बेटों को लेकर जांच कर रही है. पहला संदिग्ध मो. नेहाल दिल्ली में रहता है, जबकि दूसरा मो. वारिस पहले से जाली नोट मामले में जेल में बंद हैं. इस छापेमारी को जाली नोट के रैकेट और आतंकी कनेक्शन दोनों से जोड़कर देखा जा रहा है. इस छापेमारी को जाली नोट के रैकेट और आतंकी कनेक्शन दोनों से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, छापामारी में आए अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि 5 सितंबर 2024 को करीब दो लाख के जाली नोट के साथ तीन धंधेबाज पकड़े गए थे. इसी दौरान पाकिस्तान में नोट छपने की बात सामने आई थी. गिरफ्तार धंधेबाज नजरे सद्दाम भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र का रहनेवाला था. उसके साथ भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी निवासी मो. वारिस व पटना जिले के सिगोडी थाना क्षेत्र निवासी मो. जाकिर हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया था. जाली नोटों के रैकेट के सरगना मोहम्मद शमशाद ने पूछताछ में पाकिस्तान में छपे भारतीय जाली नोट नेपाल के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए जाने की बात कही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान में छपे जाली नोट नेपाल के रास्ते भारत पहुंचे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार शमशाद और मोहम्मद वारिस से एनआईए समेत कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने पूछताछ की थी. उस समय गिरफ्तार धंधेबाज शमशाद ने पुलिस को बताया था कि पाकिस्तान में छपे नोट नेपाल के रास्ते उसे मिले थे. इसे लेकर पटना से जम्मूतवी एक्सप्रेस से वो जम्मू-कश्मीर जाने वाला था. इससे पहले भी वो जाली नोटों की तीन खेप जम्मू-कश्मीर पहुंचा चुका है.</p>
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