ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय वायु रक्षा के लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने खुलासा किया कि इस अभियान के दौरान गोल्डन टेंपल के हेड ग्रंथी ने भारतीय सेना को पवित्र स्थल के भीतर एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दी थी और उन्हें तैनात किया गया था। लेकिन गोल्डन टेंपल के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह व सहायक हेड ग्रंथी अमरजीत सिंह ने इसे खारिज कर दिया है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने जानकारी दी कि लड़ाई शुरू होने से पहले वे विदेश दौरे पर जा चुके थे और खत्म होने के बाद लौटे हैं। उनसे इसलिए कोई संपर्क नहीं किया गया। भारतीय फौज ऐसे दावे कर रही है, इसकी जांच होनी चाहिए। पहले पाकिस्तान के ड्रोन से गोल्डन टेंपल व अमृतसर को निशाना बनाने का दावा किया। एसजीपीसी व सिख संगत ने इसका विरोध किया। एसजीपीसी ने सहयोग किया और उन्हें करना भी चाहिए था। लेकिन पहले दावा करना और बाद में कह देना, पूछ कर किया है, ये गलत है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस दावे की जांच करने की मांग भी की है। वहीं, एसजीपीसी व एडीशनल हेड ग्रंथी अमरजीत सिंह ने सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डि’कुन्हा के बयान को “चकित करने वाला और असत्य” बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन द्वारा ब्लैकआउट के निर्देशों के तहत सिर्फ बाहरी लाइटें बंद की गईं, पर जहां मर्यादा चल रही थी वहां लाइटें चालू रहीं। कोई एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई और न ही इसकी अनुमति दी गई। SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी कहा कि ऐसी कोई अनुमति न दी गई, न ही कोई सेना अधिकारी संपर्क में आया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस झूठे बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की है। हेड ग्रंथी से परमिशन का किया गया था दावा दरअसल, मीडिया एजेंसी को दिए इंटरव्यू में महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने कहा- गोल्डन टेंपल प्रबंधन को जब यह बताया गया कि संभावित खतरा हो सकता है, तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त इस धार्मिक स्थल की सुरक्षा के लिए हथियार तैनात करने की अनुमति दी, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसलिए हथियार तैनात किए गए। मंदिर की लाइट्स बंद की गईं, जिससे आसमान में ड्रोन को स्पष्ट रूप से देखा जा सका। जैसे ही कोई रोशनी दिखती, हमें पता चल जाता कि किसे निशाना बनाना है। इसके अलावा उन्होंने कहा- सौभाग्य से, हमने पहले ही कल्पना कर ली थी कि वे (पाकिस्तान) क्या करने में सक्षम हैं। हमें समझ में आ गया था कि वे इसे निशाना बनाएंगे क्योंकि सीमा पार उनके पास कोई वैध लक्ष्य नहीं था। उनका मकसद आंतरिक रूप से भ्रम और अराजकता फैलाना था, इसलिए हमने यह अनुमान लगाया कि वे हमारे नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाएंगे। गोल्डन टेंपल में ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करना इस बात का प्रमाण है कि भारत उभरते खतरों से निपटने और संवेदनशील स्थानों की रक्षा करने में अब और अधिक सक्षम हो रहा है। महानिदेशक ने बताया कि गोल्डन टेंपल प्रशासन से यह अभूतपूर्व सहयोग तब मिला जब उन्हें खतरे की गंभीरता के बारे में पूरी तरह से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा, “गोल्डन टेंपल प्रबंधन को जब यह बताया गया कि संभावित खतरा हो सकता है, तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस धार्मिक स्थल की सुरक्षा के लिए हथियार तैनात करने की अनुमति दी, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसलिए हथियार तैनात किए गए और मंदिर की लाइट्स बंद की गईं, जिससे आसमान में ड्रोन को स्पष्ट रूप से देखा जा सका। जैसे ही कोई रोशनी दिखती, हमें पता चल जाता कि किसे निशाना बनाना है।” बीते दिन गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की हुई थी बात ऑपरेशन सिंदूर के तहत एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना ने पंजाब में अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की कोशिश की थी। ऑपरेशन सिंदूर के 3 दिन तक जब पाकिस्तान आर्मी कैंट और एयरबेस को टारगेट नहीं कर पाई तो गोल्डन टेंपल की तरफ मिसाइलें दागीं। हालांकि, सेना के आकाश मिसाइल सिस्टम, L-70 एयर डिफेंस गन सहित एयर डिफेंस सिस्टम ने उनकी मिसाइलों को आसमान में ही न्यूट्रलाइज कर दिया। इसका खुलासा पंजाब में तैनात सेना के एयर डिफेंडर्स ने किया है। मेजर कार्तिक सी ने कहा है कि नाकाम होने के बाद पाकिस्तान आर्मी सिविलियंस को टारगेट करने लगी थी। हालांकि, 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान में सीजफायर हो चुका है। इसके बाद दोनों तरफ से हमले बंद हैं। गोल्डन टेंपल पर हमले को लेकर सैन्य अधिकारी की अहम बातें… 1. हमने आतंकी ठिकाने टारगेट किए सेना की 15 इन्फैंट्री डिवीजन के GOC मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने कहा- 7 मई 2025 को हमने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चयनित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद साफ था कि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा। वह मिलिट्री ठिकानों को टारगेट करेगा। हम उसके लिए तैयार थे। हमारे पास कई तरह के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम तैयार था। 2. 3 दिन तक पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका सैन्य अधिकारी ने कहा- एयरस्ट्राइक के बाद 3 दिन तक PAK आर्मी ने हमारे मिलिट्री कैंट और एयरफोर्स स्टेशन को टारगेट करने की कोशिश की। हम उनके हर हमले को विफल करते गए। जब PAK आर्मी को सफलता नहीं मिली तो उन्होंने ड्रोन और रॉकेट से सिविलियन एरिया पर हमला शुरू कर दिया। 3. गोल्डन टेंपल को टारगेट बनाने से हैरान हुए अधिकारी ने कहा- सिविलियन एरिया को निशाना बनाने के साथ हम यह देखकर हैरान रह गए कि PAK आर्मी अमृतसर में गोल्डन टेंपल को टारगेट कर रही है। उसने गोल्डन टेंपल की तरफ एयर टू सरफेस और सरफेस टू सरफेस वाली 2 तरह की मिसाइलें दागीं। इसके अलावा ड्रोन अटैक की भी कोशिश की। हालांकि, सभी जानते हैं कि गोल्डन टेंपल सिर्फ अमृतसर नहीं, बल्कि पूरे देश की श्रद्धा का केंद्र है। इसलिए, हम पहले से इसकी प्रोटेक्शन के लिए रेडी थे। हमने उनके सारे हमले नाकाम कर दिए। 4. हमने सिर्फ 10% आर्म्स खर्च किए सैन्य अधिकारी ने कहा- हमने पाकिस्तान की सभी एयर रेड्स को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों से भी बहुत मदद मिली। हमारी तैयारी का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि हमारे एयरबेस वेपन और आर्मी के सिर्फ 10% आर्म्स ही खर्च हुए। हमने जो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन्स गिराए हैं, वे सभी तुर्किये के बने हैं। 5. पाकिस्तान हमारा सुरक्षा कवर नहीं भेद सकता सैन्य अधिकारी ने कहा- PAK आर्मी का रिस्पांस या हमले जैसे भी हों, वे हमारे सुरक्षा कवच को नहीं भेद सकते। हम इस सुरक्षा दीवार को और मजबूत कर रहे हैं। हमने बहुत सटीकता से तैयारी की है। हमारा एयर डिफेंस सिस्टम ऐसा है कि चाहे कोई भी मिसाइल दागी जाए, किसी न किसी तरह से हम उसे इंटरसेप्ट कर मार गिराने में सक्षम हैं। याद रहे कि ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ। उसका विकराल रूप अभी बाकी है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय वायु रक्षा के लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने खुलासा किया कि इस अभियान के दौरान गोल्डन टेंपल के हेड ग्रंथी ने भारतीय सेना को पवित्र स्थल के भीतर एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दी थी और उन्हें तैनात किया गया था। लेकिन गोल्डन टेंपल के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह व सहायक हेड ग्रंथी अमरजीत सिंह ने इसे खारिज कर दिया है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने जानकारी दी कि लड़ाई शुरू होने से पहले वे विदेश दौरे पर जा चुके थे और खत्म होने के बाद लौटे हैं। उनसे इसलिए कोई संपर्क नहीं किया गया। भारतीय फौज ऐसे दावे कर रही है, इसकी जांच होनी चाहिए। पहले पाकिस्तान के ड्रोन से गोल्डन टेंपल व अमृतसर को निशाना बनाने का दावा किया। एसजीपीसी व सिख संगत ने इसका विरोध किया। एसजीपीसी ने सहयोग किया और उन्हें करना भी चाहिए था। लेकिन पहले दावा करना और बाद में कह देना, पूछ कर किया है, ये गलत है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस दावे की जांच करने की मांग भी की है। वहीं, एसजीपीसी व एडीशनल हेड ग्रंथी अमरजीत सिंह ने सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डि’कुन्हा के बयान को “चकित करने वाला और असत्य” बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन द्वारा ब्लैकआउट के निर्देशों के तहत सिर्फ बाहरी लाइटें बंद की गईं, पर जहां मर्यादा चल रही थी वहां लाइटें चालू रहीं। कोई एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई और न ही इसकी अनुमति दी गई। SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी कहा कि ऐसी कोई अनुमति न दी गई, न ही कोई सेना अधिकारी संपर्क में आया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस झूठे बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की है। हेड ग्रंथी से परमिशन का किया गया था दावा दरअसल, मीडिया एजेंसी को दिए इंटरव्यू में महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने कहा- गोल्डन टेंपल प्रबंधन को जब यह बताया गया कि संभावित खतरा हो सकता है, तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त इस धार्मिक स्थल की सुरक्षा के लिए हथियार तैनात करने की अनुमति दी, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसलिए हथियार तैनात किए गए। मंदिर की लाइट्स बंद की गईं, जिससे आसमान में ड्रोन को स्पष्ट रूप से देखा जा सका। जैसे ही कोई रोशनी दिखती, हमें पता चल जाता कि किसे निशाना बनाना है। इसके अलावा उन्होंने कहा- सौभाग्य से, हमने पहले ही कल्पना कर ली थी कि वे (पाकिस्तान) क्या करने में सक्षम हैं। हमें समझ में आ गया था कि वे इसे निशाना बनाएंगे क्योंकि सीमा पार उनके पास कोई वैध लक्ष्य नहीं था। उनका मकसद आंतरिक रूप से भ्रम और अराजकता फैलाना था, इसलिए हमने यह अनुमान लगाया कि वे हमारे नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाएंगे। गोल्डन टेंपल में ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करना इस बात का प्रमाण है कि भारत उभरते खतरों से निपटने और संवेदनशील स्थानों की रक्षा करने में अब और अधिक सक्षम हो रहा है। महानिदेशक ने बताया कि गोल्डन टेंपल प्रशासन से यह अभूतपूर्व सहयोग तब मिला जब उन्हें खतरे की गंभीरता के बारे में पूरी तरह से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा, “गोल्डन टेंपल प्रबंधन को जब यह बताया गया कि संभावित खतरा हो सकता है, तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस धार्मिक स्थल की सुरक्षा के लिए हथियार तैनात करने की अनुमति दी, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसलिए हथियार तैनात किए गए और मंदिर की लाइट्स बंद की गईं, जिससे आसमान में ड्रोन को स्पष्ट रूप से देखा जा सका। जैसे ही कोई रोशनी दिखती, हमें पता चल जाता कि किसे निशाना बनाना है।” बीते दिन गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की हुई थी बात ऑपरेशन सिंदूर के तहत एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना ने पंजाब में अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की कोशिश की थी। ऑपरेशन सिंदूर के 3 दिन तक जब पाकिस्तान आर्मी कैंट और एयरबेस को टारगेट नहीं कर पाई तो गोल्डन टेंपल की तरफ मिसाइलें दागीं। हालांकि, सेना के आकाश मिसाइल सिस्टम, L-70 एयर डिफेंस गन सहित एयर डिफेंस सिस्टम ने उनकी मिसाइलों को आसमान में ही न्यूट्रलाइज कर दिया। इसका खुलासा पंजाब में तैनात सेना के एयर डिफेंडर्स ने किया है। मेजर कार्तिक सी ने कहा है कि नाकाम होने के बाद पाकिस्तान आर्मी सिविलियंस को टारगेट करने लगी थी। हालांकि, 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान में सीजफायर हो चुका है। इसके बाद दोनों तरफ से हमले बंद हैं। गोल्डन टेंपल पर हमले को लेकर सैन्य अधिकारी की अहम बातें… 1. हमने आतंकी ठिकाने टारगेट किए सेना की 15 इन्फैंट्री डिवीजन के GOC मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने कहा- 7 मई 2025 को हमने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चयनित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद साफ था कि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा। वह मिलिट्री ठिकानों को टारगेट करेगा। हम उसके लिए तैयार थे। हमारे पास कई तरह के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम तैयार था। 2. 3 दिन तक पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका सैन्य अधिकारी ने कहा- एयरस्ट्राइक के बाद 3 दिन तक PAK आर्मी ने हमारे मिलिट्री कैंट और एयरफोर्स स्टेशन को टारगेट करने की कोशिश की। हम उनके हर हमले को विफल करते गए। जब PAK आर्मी को सफलता नहीं मिली तो उन्होंने ड्रोन और रॉकेट से सिविलियन एरिया पर हमला शुरू कर दिया। 3. गोल्डन टेंपल को टारगेट बनाने से हैरान हुए अधिकारी ने कहा- सिविलियन एरिया को निशाना बनाने के साथ हम यह देखकर हैरान रह गए कि PAK आर्मी अमृतसर में गोल्डन टेंपल को टारगेट कर रही है। उसने गोल्डन टेंपल की तरफ एयर टू सरफेस और सरफेस टू सरफेस वाली 2 तरह की मिसाइलें दागीं। इसके अलावा ड्रोन अटैक की भी कोशिश की। हालांकि, सभी जानते हैं कि गोल्डन टेंपल सिर्फ अमृतसर नहीं, बल्कि पूरे देश की श्रद्धा का केंद्र है। इसलिए, हम पहले से इसकी प्रोटेक्शन के लिए रेडी थे। हमने उनके सारे हमले नाकाम कर दिए। 4. हमने सिर्फ 10% आर्म्स खर्च किए सैन्य अधिकारी ने कहा- हमने पाकिस्तान की सभी एयर रेड्स को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों से भी बहुत मदद मिली। हमारी तैयारी का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि हमारे एयरबेस वेपन और आर्मी के सिर्फ 10% आर्म्स ही खर्च हुए। हमने जो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन्स गिराए हैं, वे सभी तुर्किये के बने हैं। 5. पाकिस्तान हमारा सुरक्षा कवर नहीं भेद सकता सैन्य अधिकारी ने कहा- PAK आर्मी का रिस्पांस या हमले जैसे भी हों, वे हमारे सुरक्षा कवच को नहीं भेद सकते। हम इस सुरक्षा दीवार को और मजबूत कर रहे हैं। हमने बहुत सटीकता से तैयारी की है। हमारा एयर डिफेंस सिस्टम ऐसा है कि चाहे कोई भी मिसाइल दागी जाए, किसी न किसी तरह से हम उसे इंटरसेप्ट कर मार गिराने में सक्षम हैं। याद रहे कि ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ। उसका विकराल रूप अभी बाकी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
