आवारा गायों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका, की गई ये अपील

आवारा गायों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका, की गई ये अपील

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court News:</strong> दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के ज़रिए राजधानी में बढ़ती आवारा गायों की समस्या और उनके शोषण को लेकर तुरंत कदम उठाने की गुहार लगाई गई है. याचिका में इन बेजुबानों की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रभावी समाधान की मांग की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस याचिका में कहा गया है कि 1 जनवरी 2023 से 19 फरवरी 2025 के बीच दिल्ली पुलिस को सड़कों पर गायों द्वारा उत्पन्न खतरे से संबंधित लगभग 25,593 पुलिस को पीसीआर कॉल्स प्राप्त हुईं. यह आंकड़ा केवल समस्या की गम्भीरता को दिखाता है, जबकि कई मामलों में आवारा मवेशियों के कारण लोगों को गंभीर चोटें भी पहुंची हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सेव इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट ने दाखिल की याचिका&nbsp;<br /></strong>दिल्ली हाई कोर्ट में सेव इंडिया फाउंडेशन नाम के एक रजिस्टर्ड ट्रस्ट द्वारा दायर की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट के दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकारी एजेंसियों उन संगठित गिरोहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जो पंजाब और उत्तर प्रदेश की डेयरियों से गायों को खरीदकर उन्हें दिल्ली की सड़कों पर छोड़ देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिका में कहा गया है कि कुछ MCD के अधिकारियों की सांठगांठ &nbsp;से इन गायों को जानबूझकर छोड़ दिया जाता है जिससे सार्वजनिक जगहों और सड़कों पर भारी समस्याएं पैदा हो रही हैं. याचिकाकर्ता संगठन ने स्वयंसेवी सहायता देने की पेशकश भी की थी. लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अर्जी में उठाया गया अहम मुद्दा&nbsp;<br /></strong>दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया सिविक एजेंसी ने इस मुद्दे से निपटने के लिए मौजूद बुनियादी ढांचे की पारदर्शिता नहीं दिखाई है. दिल्ली में गौशालाओं की संख्या, पानी की सुविधाएं, घायल या बीमार मवेशियों के इलाज के लिए मौजूद पशु चिकित्सकों और इस समस्या से जुड़ी शिकायतों के निवारण की व्यवस्था आदि का कोई स्पष्ट ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया है .&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिका में यह भी किया गया है कि ये गायें प्रायः दूध न देने वाली (नॉन-मिल्च) होती हैं, इसलिए उनके मालिकों के लिए अनुपयोगी मानी जाती हैं. लेकिन जैसे ही ये गायें बछड़ों को जन्म देती हैं, मालिक वापस आकर उनके बछड़ों को ले जाते हैं और उन्हें डेयरियों में बेचकर मुनाफा कमाते हैं. इससे एक दुष्चक्र उत्पन्न होता है, जिसमें गायों को सड़कों पर छोड़ दिया जाता है और केवल प्रजनन के उद्देश्य से उनका शोषण किया जाता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/ijihp5qZBM0?si=izN6rtzcwfgYP6o8&amp;start=2″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टास्क फोर्स के गठन की मांग की&nbsp;<br /></strong>दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में कोर्ट से मांग की गई है कि इस मामले में उत्तरदायी अधिकारियों को संयुक्त या व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए. इसमें स्वयंसेवकों और एंबुलेंस सहित एक विशेष टास्क फोर्स के गठन की मांग की गई है, ताकि दिल्ली की सड़कों पर आवारा गायों की समस्या का समाधान हो सके.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अतिरिक्त, दिल्ली में और अधिक गौशालाओं और अन्य सुविधाओं के निर्माण का भी अनुरोध किया गया है. साथ ही, यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि संगठित गिरोहों द्वारा किसी भी गाय को सड़कों पर न छोड़ा जाए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-police-arrested-wanted-criminal-absconding-for-7-years-under-ndps-act-ann-2906769″>दिल्ली पुलिस ने 7 साल से फरार वॉन्टेड बदमाश को किया गिरफ्तार, NDPS एक्ट के तहत दर्ज है केस</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court News:</strong> दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के ज़रिए राजधानी में बढ़ती आवारा गायों की समस्या और उनके शोषण को लेकर तुरंत कदम उठाने की गुहार लगाई गई है. याचिका में इन बेजुबानों की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रभावी समाधान की मांग की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस याचिका में कहा गया है कि 1 जनवरी 2023 से 19 फरवरी 2025 के बीच दिल्ली पुलिस को सड़कों पर गायों द्वारा उत्पन्न खतरे से संबंधित लगभग 25,593 पुलिस को पीसीआर कॉल्स प्राप्त हुईं. यह आंकड़ा केवल समस्या की गम्भीरता को दिखाता है, जबकि कई मामलों में आवारा मवेशियों के कारण लोगों को गंभीर चोटें भी पहुंची हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सेव इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट ने दाखिल की याचिका&nbsp;<br /></strong>दिल्ली हाई कोर्ट में सेव इंडिया फाउंडेशन नाम के एक रजिस्टर्ड ट्रस्ट द्वारा दायर की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट के दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकारी एजेंसियों उन संगठित गिरोहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जो पंजाब और उत्तर प्रदेश की डेयरियों से गायों को खरीदकर उन्हें दिल्ली की सड़कों पर छोड़ देते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिका में कहा गया है कि कुछ MCD के अधिकारियों की सांठगांठ &nbsp;से इन गायों को जानबूझकर छोड़ दिया जाता है जिससे सार्वजनिक जगहों और सड़कों पर भारी समस्याएं पैदा हो रही हैं. याचिकाकर्ता संगठन ने स्वयंसेवी सहायता देने की पेशकश भी की थी. लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अर्जी में उठाया गया अहम मुद्दा&nbsp;<br /></strong>दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया सिविक एजेंसी ने इस मुद्दे से निपटने के लिए मौजूद बुनियादी ढांचे की पारदर्शिता नहीं दिखाई है. दिल्ली में गौशालाओं की संख्या, पानी की सुविधाएं, घायल या बीमार मवेशियों के इलाज के लिए मौजूद पशु चिकित्सकों और इस समस्या से जुड़ी शिकायतों के निवारण की व्यवस्था आदि का कोई स्पष्ट ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया है .&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिका में यह भी किया गया है कि ये गायें प्रायः दूध न देने वाली (नॉन-मिल्च) होती हैं, इसलिए उनके मालिकों के लिए अनुपयोगी मानी जाती हैं. लेकिन जैसे ही ये गायें बछड़ों को जन्म देती हैं, मालिक वापस आकर उनके बछड़ों को ले जाते हैं और उन्हें डेयरियों में बेचकर मुनाफा कमाते हैं. इससे एक दुष्चक्र उत्पन्न होता है, जिसमें गायों को सड़कों पर छोड़ दिया जाता है और केवल प्रजनन के उद्देश्य से उनका शोषण किया जाता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/ijihp5qZBM0?si=izN6rtzcwfgYP6o8&amp;start=2″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टास्क फोर्स के गठन की मांग की&nbsp;<br /></strong>दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में कोर्ट से मांग की गई है कि इस मामले में उत्तरदायी अधिकारियों को संयुक्त या व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए. इसमें स्वयंसेवकों और एंबुलेंस सहित एक विशेष टास्क फोर्स के गठन की मांग की गई है, ताकि दिल्ली की सड़कों पर आवारा गायों की समस्या का समाधान हो सके.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अतिरिक्त, दिल्ली में और अधिक गौशालाओं और अन्य सुविधाओं के निर्माण का भी अनुरोध किया गया है. साथ ही, यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि संगठित गिरोहों द्वारा किसी भी गाय को सड़कों पर न छोड़ा जाए.&nbsp;</p>
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